महिला एवं बाल विकास मंत्रालय

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के साथ बच्चों में नशीली दवाओं और मादक पदार्थों के दुरुपयोग तथा तस्करी को रोकने के लिये “एक युद्ध नशे के विरुद्ध” विषय पर संयुक्त कार्य योजना शुरू करने के सम्बंध में राष्ट्रीय स्तर पर समीक्षा-सह-परामर्श किया

Posted On: 02 MAR 2022 10:33PM by PIB Delhi

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने आज यहां नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के साथ बच्चों में नशीली दवाओं और मादक पदार्थों के दुरुपयोग तथा तस्करी को रोकने के लिये एक युद्ध नशे के विरुद्धविषय पर संयुक्त कार्य योजना शुरू करने के सम्बंध में राष्ट्रीय स्तर पर समीक्षा-सह-परामर्श किया। यह संयुक्त कार्य योजना एक नीतिगत दस्तावेज है, जिसे पहले से विद्यमान विभिन्न कानूनों, नियमों, नीतियों और कार्यक्रमों के आधार पर तैयार किया गया। यह पहल इसलिये की गई है, ताकि स्कूलों, जिलों आदि के स्तर से लेकर विभिन्न स्तरों तक कार्रवाई का एक समग्र मंच तैयार हो सके तथा जिसके आधार पर विभिन्न विभागों और प्राधिकारों को कार्रवाई करने का अधिकार मिले। इस संयुक्त कार्य योजना को एनसीपीआर और एनसीबी ने तैयार किया है तथा नौ फरवरी, 2021 को इसे जारी किया गया था। पहले चरण में संयुक्त कार्य योजना को जोखिम वाले 272 जिलों में शुरू किया गया, जिन्हें एनसीबी और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने चिह्नित किया था। एनसीपीआर ने अप्रैल 2021 से कार्यान्वयन की निगरानी शुरू की और जुलाई-अगस्त 2021 में जिलावार वर्चुअल समीक्षा बैठकें कीं।

गृह मंत्रालय, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, शिक्षा मंत्रालय, एनडीडीटीसी – अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, यूनाइटेड नेशंस ऑर्गनाइजेशन फॉर ड्रग्स कंट्रोल (यूएनओडीसी) और गांधी स्मृति एवं दर्शन समिति (जीएसडीएस) के प्रतिनिधियों ने कार्यक्रम में हिस्सा लिया। राज्यों की तरफ से हिस्सा लेने वालों में एससीपीसीआर के अध्यक्ष और सदस्य, गृह मंत्रालय, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, सामाजिक न्याय, स्वास्थ्य, आबकारी, राज्य मादक पदार्थ नियंत्रक, राज्य एड्स नियंत्र सोसायटी तथा पुलिस के अधिकारी भी शामिल थे।

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एनसीबी के महानिदेशक श्री सत्य नारायण प्रधान ने अपने उद्घाटन सम्बोधन में एनसीबी द्वारा शुरू की गई कुछ विशेष पहलों के बारे में बताया, जैसे मायगव डॉट इन के जरिये ऑनलाइन ई-शपथ, ताकि नशीली दवाओं के बारे में, खासतौर से देश के युवाओं के बीच जागरूकता पैदा की जाये। अब तक 14 लाख लोगों ने नशीली दवाओं के विरुद्ध ई-शपथ ली है। श्री प्रधान ने आशा व्यक्त की कि 15 अगस्त, 2022 तक, यानी भारत की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के समय तक कम से कम 75 लाख लोग ई-शपथ ले लेंगे। उन्होंने सभी प्रतिभागियों से आग्रह किया कि वे ई-शपथ लें और दूसरों को भी इसके लिये प्रेरित करें। एनसीबी ने एनसीपीआर के साथ मिलकर सोशल मीडिया प्लेटफार्म के जरिये एक युद्ध नशे के विरुद्ध का वीडियो संदेश प्रसारित करना तय किया है, जिसमें जाने-माने लोग अपना संदेश देंगे। श्री प्रधान ने सुझाव दिया कि आठ हजार नशा मुक्त भारत स्वयंसेवियों के बीच समन्वय प्रणाली तैयार की जानी चाहिये। ये स्वयंसेवी जोखिम वाले 272 जिलों में काम कर रहे हैं तथा एनसीबी और राज्य पुलिस को अभियान के उद्देश्य को पूरा करने में सहयोग कर रहे हैं।

एनसीपीसीआर के अध्यक्ष श्री प्रियांक कानूनगो ने अपने सम्बोधन में संयुक्त कार्य योजना तैयार करने की पृष्ठभूमि के बारे में बताया। उन्होंने उल्लेख किया कि प्रधानमंत्री बच्चों से सम्बंधित विषयों में बहुत रुचि लेते हैं और बच्चों से जुड़े कार्यक्रमों तथा गतिविधियों का खुद निरीक्षण करते हैं। श्री कानूनगो ने बच्चों के बीच नशीली दवाओं और मादक पदार्थों के इस्तेमाल पर चिंता व्यक्त की तथा एनसीबी और एनसीपीसीआर को निर्देश दिया कि वे सभी प्राधिकारों तथा हितधारकों के साथ संयुक्त पहल करें। उन्होंने नशीली दवाओं को रोकने के लिये लोगों को जागरूक करने पर भी जोर दिया।

बीस सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले जिलों, यानी नमसाई, उदालगिरि, चंडीगढ़, दमन, दक्षिण गोवा, सिरसा, उडुपी, तिरुवनन्तपुरम, शिलांग, जबलपुर, नरसिंहपुर, चम्पई, मेहसाणा, गजपति, पटियाला, बूंदी, तिरुवेनेलवेली, इटावा, उत्तरकाशी के जिलाधिकारियों का सम्मान किया। इन जिलों में जुलाई से दिसम्बर, 2021 के बीच संयुक्त कार्य योजना शुरू की गई थी।

एक युद्ध नशे के विरुद्ध पर बॉलिवुड अभिनेताओं/अभिनेत्रियों के वीडियो संदेश को भी कार्यक्रम में जारी किया गया।

इस समीक्षा बैठक में राज्यों ने संयुक्त कार्य योजना के तहत की गई प्रगति के विषय में प्रस्तुतिकरण दिया। समीक्षा के दौरान, अनुसूची एक्स एवं अनुसूची एच की दवा बेचने वाली दुकानों, स्कूली के पास शून्य तम्बाकू क्षेत्रों में सीसीटीवी कैमरे लगाने के प्रावधान का कड़ाई से पालन करने पर जोर दिया गया। साथ ही सभी हितधारकों की भूमिका पर भी जोर दिया गया। प्रतिभागियों ने देश के सभी जिलों में संयुक्त कार्य योजना लागू करने पर सहमति व्यक्त की।

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