आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय

लक्ष्य जीरो डंपसाइट: भारत सरकार ने आंध्र प्रदेश के 235 करोड़ रुपये के विरासती अपशिष्ट उपचार प्रस्ताव को मंजूरी दी


पुराने डंपसाइट के उपचार के लिए सबसे बड़ी एकमुश्त रकम को मंजूरी

Posted On: 18 FEB 2022 8:46PM by PIB Delhi

"...स्वच्छ भारत मिशन- शहरी 2.0 का लक्ष्य गारबेज फ्री शहर यानी ऐसा शहर बनाना है जो कचरे के ढेर से पूरी तरह मुक्त हो" - नरेन्‍द्र मोदी, प्रधानमंत्री

माननीय प्रधानमंत्री ने 2026 तक कचरा मुक्त शहर बनाने के दृष्टिकोण के साथ 1 अक्टूबर, 2021 को स्वच्छ भारत मिशन- शहरी 2.0 (एसबीएम-यू 2.0) को लॉन्च किया था। इस दिशा में, मिशन का एक प्रमुख उद्देश्य लगभग 15,000 एकड़ शहरी भूमि पर मौजूद 16 करोड़ मीट्रिक टन (एमटी) कचरे के पुराने डंपसाइट के उपचार के लिए 'लक्ष्य जीरो' डंपसाइट है। विरासती डंपसाइट पर्यावरण के लिए एक बड़ा खतरा पैदा करते हैं और वे वायु प्रदूषण एवं जल प्रदूषण को बढाते हैं। वर्षों पुराने कचरे के इन पहाड़ों को साफ करना न केवल देश के शहरी परिदृश्य को बदलने के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि सार्वजनिक स्वास्थ्य एवं पर्यावरण संबंधी चिंताओं के मुद्दे को भी निपटाना आवश्‍यक है।

इस राष्ट्रीय मिशन के तहत पुराने अपशिष्ट उपचार पर कार्यशालाओं की एक श्रृंखला का आयोजन किया गया जिसमें तकनीकी विशेषज्ञों, निजी क्षेत्र की कंपनियों और राज्यों एवं शहरों के वरिष्ठ अधिकारियों सहित विभिन्‍न हितधारकों को साथ लाया गया ताकि उनकी चुनौतियों की पहचान करते हुए एक कार्य योजना तैयार की जा सके और विरासती अपशिष्ट उपचार के लिए व्यवहार्य एवं कार्यान्वयन योग्य समाधान तैयार किया जा सके। वडोदरा, नोएडा, भोपाल और दिल्ली के प्रतिनिधियों के साथ आयोजित सत्रों में राज्यों और शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) के बीच बेहतर ज्ञान एवं अनुभव के आदान-प्रदान के लिए डंपसाइट सुधार कार्य करने के अपने-अपने अनुभवों को साझा किया गया।

आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय ने 'स्मार्ट सिटीज, स्मार्ट अर्बनाइजेशन' थीम के साथ 17 जनवरी से 31 जनवरी 2022 तक 'आजादी का अमृत महोत्सव' पखवाड़ा मनाया। डंपसाइट उपचार के मुद्दे को प्राथमिकता देते हुए 5 राज्यों/ केंद्रशासित प्रदेशों के 260 से अधिक शहरों ने मंत्रालय को विरासती अपशिष्ट उपचार के लिए अपनी कार्य योजना प्रस्तुत की है जो कचरा मुक्त शहर के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाती है। इस संबंध में आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय ने 28 यूएलबी में 42 लाख मीट्रिक टन से अधिक कचरे के उपचार के लिए आंध्र प्रदेश द्वारा प्रस्तुत 77.66 करोड़ रुपये के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। फिलहाल पूरे राज्‍य में 118 लाख मीट्रिक टन बिना उपचार वाले विरासती कचरे 463 एकड़ से अधिक कीमती भूमि पर मौजूद है। आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय की यह मंजूरी आंध्र प्रदेश के लिए विरासत डंपसाइट उपचार के लिए एकमुश्त रकम की सबसे बड़ी स्वीकृति है।

चित्तूर में आंध्र प्रदेश का सबसे पुराना डंपसाइट है जिसे 1985 में चालू किया गया था। इसके अलावा राज्‍य के नेल्‍लोर में काफी मात्रा में कचरा मौजूद है। ये दोनों डंपसाइट मंजूर परियोजना के तहत 'लक्ष्य जीरो' हासिल करने के लिए तैयार हैं। जहां नेल्लोर नगर निगम ने 6.8 लाख मीट्रिक टन पुराने कचरे के उपचार का प्रस्ताव दिया है, वहीं चित्तूर 1.3 लाख मीट्रिक टन कचरे का उपचार करने और 16 एकड़ भूमि को पुनः प्राप्त करने के लिए तैयार है। साथ ही मदनपल्ले नगर निगम 42.35 एकड़ जमीन को पुन: प्राप्‍त करने की तैयारी कर रहा है। यह स्वच्छ भारत मिशन- शहरी 2.0 के 'लक्ष्य जीरो डंपसाइट्स' के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाकर अमृत काल के दौरान राज्य को स्थायी शहरीकरण की दिशा में आगे बढ़ने में सहायता करेगा।

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