रक्षा मंत्रालय
सेवामुक्त हो चुके जहाज 'खुकरी' को 26 जनवरी को दीव प्रशासन को सौंपा जाएगा
Posted On:
25 JAN 2022 5:23PM by PIB Delhi
भारतीय नौसेना की खुकरी क्लास के प्रमुख जहाज एवं सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल से लैस आईएनएस खुखरी, जिसे पश्चिमी और पूर्वी दोनों बेड़े का हिस्सा होने का गौरव प्राप्त है, को दीव प्रशासन को दिनांक 26 जनवरी 2022 को सौंपा जाना है।
मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स द्वारा निर्मित इस जहाज को दिनांक 23 अगस्त 1989 को मुंबई में तत्कालीन माननीय रक्षा मंत्री श्री कृष्ण चंद्र पंत और दिवंगत कैप्टन महेंद्र नाथ मुल्ला, एमवीसी की पत्नी श्रीमती सुधा मुल्ला द्वारा कमीशन किया गया था।
राष्ट्र की सेवा के 32 से अधिक गौरवशाली वर्षों के बाद और नौसैनिक अभियानों के सभी स्वरूपों में भाग लेने के बाद दिनांक 23 दिसंबर, 2021 को एक सरकारी समारोह में जहाज को सेवामुक्त कर दिया गया था, और परिपाटी के अनुसार राष्ट्रीय ध्वज, नौसेना पताका और डीकमीशनिंग पताका सूर्यास्त के समय वाइस एडमिरल बिस्वजीत दासगुप्ता, एवीएसएम, वाईएसएम, वीएसएम, फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ, पूर्वी नौसेना कमान की उपस्थिति में उतारी गई थी।
ऐसा कहा जाता है कि जहाज कभी नहीं मरता। वह एक नए अवतार में फिर से जन्म लेता है। वास्तव में यह सेवामुक्त पोत आईएनएस खुकरी नाम रखने वाला नौसेना का दूसरा पोत है, पहला वाला 1971 के भारत-पाक युद्ध के दौरान दीव के तट पर खो गया था। दिवंगत कैप्टन महेंद्र नाथ मुल्ला (एमवीसी) के नेतृत्व में उस जहाज के बहादुर चालक दल को दीव के खुकरी स्मारक में सदैव अमर कर दिया गया है, जहां उनके पुराने जहाज का एक छोटा मॉडल भी भव्यता के साथ प्रदर्शित किया गया है।
खुकरी मेमोरियल को विकसित और पुनर्जीवित करने के अंतर्गत, दीव प्रशासन ने 2019 में रक्षा मंत्रालय से सार्वजनिक प्रदर्शन के लिए भेंट स्वरूप एक सेवामुक्त नौसैनिक पोत उपहार में देने के लिए संपर्क किया था। इसी के परिणामस्वरूप, दूसरा खुकरी पोत प्रदान करने का समय आ गया। यह वह पोत है जिसे आधिकारिक तौर पर दीव प्रशासन को सौंपा जाएगा। इस जहाज ने विशाखापत्तनम से भारतीय नौसेना के जहाजों द्वारा अपनी अंतिम यात्रा शुरू की और 14 जनवरी 2022 को दीव पहुंचा।
जैसा हम जानते हैं कि देश अपना 73वां गणतंत्र दिवस मना रहा है, इसी अवसर पर इस पोत को खुखरी मेमोरियल में आयोजित होने वाले एक औपचारिक कार्यक्रम में दीव प्रशासन को सौंप दिया जाएगा। जहाज को एक पूर्ण संग्रहालय के रूप में विकसित करने की योजना है। इस भूमिका में भी यह जहाज़ देश के लोगों को अपने आदर्श वाक्य और युद्ध के नारे 'बल, सहस, जोश और दम, खुखरी नहीं किसी से कम' के लिए प्रेरित करेगा।
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एमजी/एएम/एबी/सीएस
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