रक्षा मंत्रालय

विंग कमांडर चिन्मय पात्रो (29679) फ्लाइंग (पायलट) को वायु सेना मेडल (शौर्य)

Posted On: 25 JAN 2022 8:31PM by PIB Delhi

विंग कमांडर चिन्मय पात्रो (29679) एमआई-17-वी5 हेलीकॉप्टर की एक यूनिट में तैनात हैं।

विंग कमांडर पात्रो को 03 अप्रैल 21 को ऑपरेशन त्रिवेणी के तहत नक्सलियों द्वारा एक घातक हमले के बाद तीन विमान कैजुअल्टी इवैक्यूएशन मिशन का नेतृत्व करने के लिए तैनात किया गया था। उच्च जोखिम वाले इस मिशन (कैस इवैक) के तहत शत्रुओं के बीच एक अपरिचित क्षेत्र में उतरना था। उन्होंने प्रारंभिक योजना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और निकटतम नोडल हेलीपैड के लिए दो विमानों के गठन का नेतृत्व किया। हवाई रेकी के बाद हेलीपैड पर उतरने के तुरंत बाद उन्होंने जमीन पर मौजूद बलों से स्थिति का पुनर्मूल्यांकन किया और 'ऑन-साइट कैस इवैक' के लिए बहुमूल्य जानकारी प्रदान की। उन्होंने शत्रुओं के बीच उस क्षेत्र में हवाई सहायता प्रदान करने के लिए तीसरे हेलीकॉप्टर को उड़ाने की योजना बनाई।

हालांकि मिशन के दौरान हताहतों की तादाद वाली ऐसी जगह देखी गई जो पहले बताई गई जगह से कुछ दूरी पर स्थित थी। विंग कमांडर पात्रो ने दृश्य संकेतों, मित्र सैनिकों की उपस्थिति और आस-पास के क्षेत्र के स्कैन के आधार पर हताहतों की निकासी जारी रखने के लिए एक सुविचारित निर्णय लिया। उसके बाद उन्‍होंने खतरे वाले क्षेत्रों से बचने के लिए चतुराई से एक चाल चली और मुठभेड़ स्थल से सटी एक छोटी सी जगह पर बिना तैयारी के उतर गए। वह सात हताहतों को एयरलिफ्ट कर रायपुर ले गए और उसके बाद उन्‍होंने दूसरे हेलीकॉप्टर को लैंडिंग साइट की ओर निर्देशित किया।

असाधारण प्रतिबद्धता और दिमागी चतुराई का प्रदर्शन करते हुए उनकी त्वरित कार्रवाई ने उनकी टीम को 18 हताहतों और 22 शवों को घात स्थल से निकालने में मदद की। उन्होंने घात स्थल के आसपास के क्षेत्र में लगभग 120 सैनिकों के सुदृढीकरण की भी व्यवस्था की। काफी जोखिम वाले इस मिशन को स्वेच्छा से स्वीकार करने और उसे अंजाम तक पहुंचाने के कारण अनमोल जीवन की रक्षा हुई। इस दौरान विंग कमांडर पात्रो ने असाधारण साहस का प्रदर्शन किया जिससे जमीन पर बलों का मनोबल बढ़ाने में मदद मिली।

ऑपरेशन त्रिवेणी के दौरान एक अत्यंत शत्रुतापूर्ण क्षेत्र में व्यक्तिगत सुरक्षा परवाह किए बिना असाधारण साहस का प्रदर्शन करने वाले कार्य के लिए विंग कमांडर चिन्मय पात्रो को वायु सेना पदक (शौर्य) से सम्मानित किया गया है।

 

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