सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय

आने वाले 5 वर्षों में पूरे देश में 50-70 वाहन स्क्रैपिंग सुविधाएं और 75 स्वचालित परीक्षण स्टेशन स्थापित किए जाएंगे


वाहन स्क्रैपिंग नीति के चलते प्रदूषण कम होगा, कर राजस्व में सुधार होगा, ऑटोमोबिल क्षेत्र का विकास होगा, निर्यात को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार के अवसर पैदा होंगे: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी

1 अप्रैल, 2023 से भारी वाणिज्यिक वाहनों और 1 जून, 2024 से चरणबद्ध तरीके से अन्य श्रेणियों के वाहनों के लिए स्वचालित वाहन परीक्षण शुरू किया जाएगा

वाहन स्क्रैपिंग सुविधाएं और स्वचालित परीक्षण स्टेशन एक साथ मिलकर महाराष्ट्र को 230-280 करोड़ रुपये के निवेश का अवसर पैदा करते हैं

Posted On: 17 DEC 2021 5:48PM by PIB Delhi

"राजमार्ग, परिवहन और लॉजिस्टिक्स में निवेश के अवसर" विषयवस्तु पर एक राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन आज यानी 17 दिसंबर, 2021 को मुंबई में किया गया। इसकी अध्यक्षता केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने की। इस सम्मेलन में तीन केंद्रीय विषयों यानी भारतमाला परियोजना, संपत्ति मुद्रीकरण और वाहन स्क्रैपिंग नीति पर ध्यान केंद्रित करने के साथ राजमार्ग, परिवहन और लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में निवेश के अवसरों को रेखांकित किया गया।

आने वाले 5 वर्षों में 50-70 वाहन स्क्रैपिंग सुविधा और 75 स्वचालित परीक्षण स्टेशनों को स्थापित किया जाएगा

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इस सम्मेलन में निवेशकों को सरकार की वाहन स्क्रैपिंग नीति आने के बाद उत्पन्न आकर्षक निवेश के अवसरों के बारे में जानकारी दी गई। स्वैच्छिक वाहन-बेड़ा आधुनिकीकरण नीति का उद्देश्य अनुपयुक्त और प्रदूषणकारी वाहनों को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने के लिए एक इकोसिस्टम का निर्माण करना है। इस नीति का उद्देश्य 1 करोड़ से अधिक अनुपयुक्त वाहनों को स्क्रैप करके प्रदूषण को कम करना, सड़क व यात्री सुरक्षा में सुधार करना, ऑटो बिक्री को बढ़ावा देना, ईंधन दक्षता में सुधार करना, स्क्रैप उद्योग को औपचारिक बनाना और उद्योग के लिए कम लागत वाली सामग्री की उपलब्धता को बढ़ावा देना है। देश में जिन 1 करोड़ से अधिक वाहनों को स्क्रैप किया जाना है, उनमें से लगभग 5.8 लाख वाहन महाराष्ट्र में पंजीकृत हैं।

 

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इस नीति के तहत अगले 5 वर्षों के दौरान पूरे देश में लगभग 50-70 पंजीकृत वाहन स्क्रैपिंग सुविधाएं (आरवीएसएफ) स्थापित की जाएंगी, जिससे सुरक्षित तरीके से अनुपयुक्त वाहनों को स्क्रैप करने की अपेक्षित मांग को पूरा किया जा सके। वहीं स्थापित किए जा रहे व्यापक बुनियादी ढांचे का मूल्य भी बढ़कर 90-95 फीसदी हो जाएगा, जो अभी लगभग 70 फीसदी है।

 

 

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इस नीति की वजह से होने वाले बदलावों पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वाहन स्क्रैपिंग नीति से प्रदूषण कम होगा, कर राजस्व में सुधार होगा, ऑटोमोबिल क्षेत्र का विकास होगा, निर्यात को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे। उन्होंने आगे कहा कि यह एक लाभ की स्थिति है, जिसमें बड़े पैमाने पर निवेश आ सकता है।

वहीं, केंद्रीय सचिव ने राष्ट्र के लिए ऑटोमोबिल स्क्रैपेज नीति के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा, "ऑटो स्क्रैपेज हमारी अर्थव्यवस्था, विशेष रूप से भारत के लिए बहुत महत्व रखता है, जिसे कुछ वैसे धातुओं की जरूरत होती है जो घरेलू बाजार में उपलब्ध नहीं हैं। हमारा उद्देश्य अनुपयुक्त वाहनों को समाप्त करने की अनिवार्यता लागू कर स्क्रैपेज केंद्रों को व्यावहारिक बनाना है। यह नीति राज्य सरकारों की सहायता से स्थापित ऑटो स्क्रैपेज सुविधाओं को राजस्व प्राप्त करने और व्यावहारिक होने में भी मदद करेगी।”

 

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इस नीति को नागरिक केंद्रित बनाने के लिए, वाहन कितना पुराना है, इस पर ध्यान दिए बिना सख्ती से फिटनेस के आधार पर स्वैच्छिक स्क्रैपिंग को लक्षित किया जा रहा है। किसी वाहन के स्वचालित फिटनेस जांच में विफल रहने पर जरूरी मरम्मत/सुधार के बाद उसका एक बार फिर परीक्षण किया जाता है। अगर  अपीलीय प्राधिकारण इसके फिर से निरीक्षण का आदेश देने की स्थिति में इसे एंड-ऑफ-लाइफ व्हीकल (वाहन की आयु समाप्त, ईएलवी) घोषित किया जाएगा।

1 अप्रैल, 2023 से भारी वाणिज्यिक वाहनों के लिए स्वचालित वाहन परीक्षण को शुरू किया जाएगा। वहीं, अन्य श्रेणियों के वाहनों के लिए इसे 1 जून, 2024 से चरणबद्ध तरीके से अनिवार्य किया जाएगा। आने वाले 4-5 वर्षों में 75 स्टेशनों को स्थापित करने का प्रस्ताव है। इसके बाद पूरे भारत में इसकी संख्या को 450-500 स्टेशनों तक बढ़ाया जाना है।

सरकार 1 अक्टूबर, 2022 से प्रभावी होने वाले 15 वर्ष से अधिक पुराने सरकारी वाहनों के अनिवार्य स्क्रैपिंग की शुरुआत करके वाहन आधुनिकीकरण नीति को लागू करने की शुरुआत करेगी।

 

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वाहन स्क्रैपिंग नीति के बारे में प्राइस वाटर हाउस कूपर्स (पीडब्ल्यूसी) के आर्थिक विकास और अवसंरचना मामलों के प्रमुख मोहम्मद अतहर ने बताया कि जिन वाहनों की आयु समाप्त हो चुकी है, उनके मालिकों को अपने वाहनों को स्क्रैप करने को लेकर प्रोत्साहित करने के लिए कई उपाय किए गए हैं। उन्होंने आगे कहा कि स्क्रैपिंग सुविधा संचालकों के लिए स्क्रैपिंग प्रक्रिया को निर्बाध बनाने तो लेकर भी कई उपाय किए गए हैं। उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) के राष्ट्रीय एकल खिड़की प्रणाली (एनएसडब्ल्यूएस) पर स्क्रैपिंग सुविधाओं व परीक्षण स्टेशनों के पंजीकरण के लिए एक एकल खिड़की प्रणाली शुरू की गई है।

सम्मेलन में इस बात की जानकारी दी गई कि स्क्रैपेज सुविधाएं और परीक्षण स्टेशन एक साथ मिलकर अकेले महाराष्ट्र के लिए 230-280 करोड़ रुपये के निवेश का अवसर पैदा करते हैं।

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राज्य में इस नीति के कार्यान्वयन के बारे में महाराष्ट्र सरकार के परिवहन विभाग में प्रमुख सचिव श्री आशीष कुमार सिंह ने बताया कि राज्य की स्वैच्छिक वाहन स्क्रैपिंग नीति के प्रारूप को भी तैयार किया जा रहा है। उन्होंने कहा, “यह स्क्रैपेज के लिए प्रोत्साहन देगा। हमें उम्मीद है कि भारत सरकार की नई नीति और राज्य की नीति की घोषणा के साथ वाहन मालिक आगे आएंगे, वाहनों को स्क्रैप कर इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर जाएंगे।”

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इसके अलावा उन्होंने यह भी उम्मीद व्यक्त की कि इसमें इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता भी आगे आएंगे और वाहन स्क्रैपेज केंद्र स्थापित करेंगे, क्योंकि स्क्रैपेज और इलेक्ट्रिक वाहनों के रूपांतरण के बीच सीधा संबंध है।

 

 

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वहीं, सीआईआई के प्रतिनिधि और टाटा मोटर्स के सरकारी व सार्वजनिक मामलों के वैश्विक प्रमुख-सुशांत नाइक ने कहा कि व्हीकल स्क्रैपिंग नीति एक रामबाण है, जो रोजगार के अवसर उत्पन्न करेगी और परिवहन क्षेत्र को मजबूत करेगी। उन्होंने आगे कहा कि यह नीति इस क्षेत्र को नवाचार के लिए अनुकूल बनाएगी और इस क्षेत्र की संभावनाओं को खोलने में सहायता करेगी। श्री नाइक ने कहा कि यह एक बहुत बड़ा अवसर है, जो सभी हितधारकों के लिए संपत्ति पैदा करेगी है और हमारे ऑटो क्षेत्र को आगे बढ़ाएगी।

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एमजी/एएम/एचकेपी



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