खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय

खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय की वर्षांत समीक्षा


कुल 110 खाद्य प्रसंस्करण परियोजनाएं पूर्ण हुई हैं / काम करना शुरू कर दिया है जिसमें मेगाफूड पार्क-1, कोल्ड चेन -37, इकाइयां -68, फूड टेस्टिंग लैब -4 शामिल हैं

खाद्य प्रसंस्करण से जुड़ी कुल 94 परियोजनाओं को मंजूरी मिली, इसमें प्रसंस्करण क्लस्टर 19, कोल्ड चेन 39, इकाई 18, ऑपरेशन ग्रीन 1, फूड टेस्टिंग लैबोरेटरी 15, और मेगाफूड पार्क 2, शामिल हैं

संसद द्वारा 2021 में राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी उद्यमिता और प्रबंधन संस्थान (एन आई एफटी ई एम) अधिनियम 2021 पारित किया गया जिससे एन आई एफटी ई एमऔर आई आईएफ पी टीको राष्ट्रीय महत्व के संस्थान (आई एन आई) के रूप में घोषित किया गया; एन आई एफटी ई एमअधिनियम 2021 को 01.10.2021 को लागू किया गया

माननीय प्रधानमंत्री के आत्मानिर्भर भारत अभियान की घोषणा के भाग के रूप में, सरकार ने 31 मार्च, 2021 को, 10,900 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ एक केंद्रीय योजना "खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के लिए उत्पादन लिंक्ड प्रोत्साहन योजना" को मंजूरी दी जिसका क्रियान्वयन 2021-2022 से 2026-27 के दौरान तक सात वर्षों की अवधि में किया जाएगा

क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण के तहत, 760 प्रशिक्षण मॉड्यूल (ओडीओपी) विकसित किए गए हैं जिनमें प्रस्तुतियां, वीडियो, डीपीआर और पाठ्यक्रम सामग्री/हैंडबुक शामिल हैं और ये पीएमएफएमई वेबसाइट - https://www.mofpi.gov.in/pmfme/ पर उपलब्ध हैं

34 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के 437 मास्टर ट्रेनर, 26 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के 603 जिला स्तरीय प्रशिक्षकों को उत्पाद विशिष्ट और ईडीपी पर प्रशिक्षित किया गया, 13 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में 913 लाभार्थियों को प्रशिक्षित किया गया, 33 राज्यों के 528 जिलों में 931 जिला रिसोर्सपर्सन(डीआरपी) को नियुक्त किया गया

व्यक्तिगत इकाइयों के उन्नयन के लिए क्रेडिटलिंक्ड सब्सिडी का लाभ लेने के लिए व्यक्तिगत आवेदकों द्वारा ऑनलाइन आवेदन हेतु 25 जनवरी, 2021 को पीएमएफएमई वेबसाइट की शुरूआत की गई

वीडियो कॉन्फ्रेंस के मध्यम से माननीय प्रधानमंत्री के नेतृत्व में आयोजित "आत्मनिर्भर नारी-शक्ति से संवाद" कार्यक्रम के दौरान 40 करोड़ रुपये की राशि 12 अगस्त, 2021 को जारी की गई

योजना के अंतर्गत ब्रांडिंग और मार्केटिंग घटक के अंतर्गत विभिन्न ओडीओपी को बढ़ावा देने के लिए 8 ब्रांड लॉन्च किए गए जिनमें- दिल्ली बेक्स (बेकरी), मखाना किंग (फॉक्सनट्स), कश्मीरी मंत्र (मसाले), अमृत फल (आंवला), मधु मंत्र (हनी), सोमदाना (बाजरा), कोरी गोल्ड (धनिया) और आसन (मुरब्बा, गुड़) शामिल हैं

वर्ष 2021 में भारतीय रेलवे ने किसान रेल योजना के माध्यम से देश भर में लगभग 5.50 लाख मीट्रिक टन फलों और सब्जियों की ढुलाई के लिए लगभग 110 करोड़ रुपये की सब्सिडी वितरित की

खाद्य प्रसंस्करण उद्योग पर दो दिवसीय पूर्वोत्तर शिखर सम्मेलन का आयोजित आईआईएम, शिलांग में 24 सितंबर 2021 को किया गया। इस सम्मेलन का उद्देश्य क्षेत्र में खाद्य प्रसंस्करण की दिशा में समावेशी विकास के लिए साझेदारी को बढ़ावा देना था

‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के आयोजन के क्रम में 6 सितंबर 2021 से 12 सितंबर 2021 के बीच “खाद्य प्रसंस्करण सप्ताह” का आयोजन किया गया

Posted On: 31 DEC 2021 8:15PM by PIB Delhi

 

ए. बुनियादी ढांचा का निर्माण

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  • कुल 110 खाद्य प्रसंस्करण परियोजनाएं पूर्ण हुई हैं / काम करना शुरू कर दिया है जिसमें मेगाफूड पार्क-1, कोल्ड चेन -37, इकाइयां -68, फूड टेस्टिंग लैब -4 शामिल हैं।
  • पूर्ण हो चुकी 110 परियोजनाओं की मदद से प्रति वर्ष 14.84 लाख मीट्रिक टन अतिरिक्त कृषि उपज की प्रसंस्करण और संरक्षण क्षमता का निर्माण किया है। 37 कोल्ड चेन इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं के पूरा होने के चलते 16.58 लाख लीटर अतिरिक्त दूध का प्रसंस्करण और भंडारण प्रति दिन होने लगा और फलों तथा सब्जियों के लिए प्रति घंटा 40.10 मीट्रिक टनआईक्यूएफ (इन्स्टेन्टक्विक फ्रीजिंग) की सुविधा उपलब्ध हुई।
  • पूर्ण हुई 110 परियोजनाओं से 1441.32 करोड़ रुपये का निजी निवेश हुआ है और 17398 लोगों के लिए प्रत्यक्ष/अप्रत्यक्ष रोजगार का सृजन हुआ है।

 

.नई बुनियादी सुविधाओं को मंजूरी

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  • खाद्य प्रसंस्करण से जुड़ी कुल 94 परियोजनाओं को मंजूरी जिसमें प्रसंस्करण क्लस्टर 19, कोल्ड चेन 39, इकाई 18, ऑपरेशन ग्रीन 1, फूड टेस्टिंग लैबोरेटरी 15, और मेगाफूड पार्क 2, शामिल हैं
  • स्वीकृत 94 नई खाद्य प्रसंस्करण परियोजनाओं से 8.70 लाख मीट्रिक टन प्रतिवर्ष की कृषि उपज की अतिरिक्त प्रसंस्करण और संरक्षण क्षमता का सृजन होगा। 39 कोल्ड चेन इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स से 6.90 लाख लीटर प्रतिदिन की अतिरिक्त दूध प्रसंस्करण और भंडारण क्षमता और फलों और सब्जियों के आईक्यूएफ के 40.05 मीट्रिक टन/घंटा का सृजन होगा।
  • नई मंजूर की गई परियोजनाओं से 1286.42 करोड़ रुपये के निजी निवेश का रास्ता साफ होगा और इससे प्रत्यक्ष/अप्रत्यक्ष रूप से 30766 लोगों के लिए रोजगार सृजन होने की संभावना है।

 

सी. एनआईएफटीईएम अधिनियम 2021 अधिसूचना

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संसद द्वारा 2021 में राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी उद्यमिता और प्रबंधन संस्थान (एनआईएफटीईएम) अधिनियम 2021 पारित किया गया जिससे एनआईएफटीईएम और आईआईएफपीटी को राष्ट्रीय महत्व के संस्थान (आईएनआई) के रूप में घोषित किया गया; एनआईएफटीईएम अधिनियम 2021 को 01.10.2021 को लागू किया गया। आईएनआई का दर्जा संस्थानों को कार्यात्मक स्वायत्तता, संस्थान की प्रीमियमब्रांडिंग, नवीन पाठ्यक्रम शुरू करने, सर्वश्रेष्ठ संकायों / छात्रों को आकर्षित करने, शिक्षाविदों और अनुसंधान एवं विकास में वैश्विक मानकों को अपनाने, के साथ-साथ विदेशी सहयोग को बढ़ावा देने तथा नए केंद्र खोलने में लचीलापन प्रदान करेगा।

 

डी. आत्मनिर्भर भारत अभियान

खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के लिए उत्पाद आधारित प्रोत्साहन योजना

 

माननीय प्रधानमंत्री के ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ की घोषणा के क्रम में सरकार ने 31 मार्च, 2021 को, 10,900 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ केंद्रीय क्षेत्र की योजना "खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के लिए उत्पादन लिंक्ड प्रोत्साहन योजना" को मंजूरी दी। इस योजना के अंतर्गत 2021-2022 से 2026-27 तक सात वर्षों की अवधि के लिए निर्धारित राशि का व्यय किया जाएगा।

इस योजना का प्राथमिक उद्देश्य विश्व स्तरीय खाद्य निर्माण चैंपियन तैयार करना, अंतरराष्ट्रीय बाजारों में खाद्य उत्पादों के भारतीय ब्रांडों को प्रोत्साहित करना, गैर-कृषि क्षत्र में रोजगार के अवसरों में वृद्धि करना, और कृषि उपज के लाभकारी मूल्य और किसानों के लिए उच्च आय सुनिश्चित करना है।

इस योजना के अंतर्गत सहायता प्रदान करने के लिए ऐसे विशिष्ट खाद्य उत्पादों की पहचान की गई है जिनमें विकास की उच्च क्षमता है। इनमें बाजरे पर आधारित उत्पाद, प्रसंस्कृत फल और सब्जियां, समुद्री उत्पाद और मोज़ेरेला चीज़ सहित रेडी टू कुक/रेडी टू ईट (आरटीसी/आरटीई) खाद्य पदार्थ शामिल हैं। इन खाद्य उत्पादों के लिए एसएमई के अभिनव और जैविक उत्पादों के लिए सहयोग और वैश्विक बाज़ार में इनकी बिक्री और ब्रांडिंग भी इस योजना में शामिल की गई है।

इसके संबंध में दिशानिर्देश 2 मई, 2021 को जारी किए गए थे और उद्योग जगत से इस बारे में अच्छी प्रतिक्रिया प्राप्त हुई थी। इसके लिए कुल 274 आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें से 129 आवेदकों का चयन किया गया है। इसमें से 60 आवेदकों का चयन श्रेणी-I के तहत, 12 आवेदकों को श्रेणी-II के अंतर्गत और 57 आवेदकों को श्रेणी-III के अंतर्गत किया गया था। श्रेणी-I के अंतर्गत चयनित 60 आवेदकों में से 14 आवेदकों को भी श्रेणी-III के अंतर्गत प्रोत्साहन की स्वीकृति दी गई थी।

पीएलआई योजना के कार्यान्वयन से खाद्य प्रसंस्करण क्षमता के वर्ष 2026-27 तक लगभग 30,000 करोड़ रुपये तक विस्तारित होने और इस क्षेत्र में लगभग 2.5 लाख लोगों के लिए अतिरिक्त प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा होने की संभावना है। वित्त वर्ष 2019-20 (आधार वर्ष) में खाद्य उत्पादों की बिक्री 62,621 करोड़ रुपये रही जिसके लगभग 9,000 करोड़ रुपये के प्रस्तावित निवेश से बढ़कर वित्त वर्ष 2026-27 में 1,80,276 करोड़ रुपये होने की संभावना है। घरेलू उद्योग के लिए एक सकारात्मक प्रोत्साहन की उम्मीद है क्योंकि यह योजना निर्धारित करती है कि प्रोत्साहन प्राप्त करने के लिए, खाद्य उत्पादों की प्राथमिक प्रसंस्करण सहित विनिर्माण प्रक्रियाओं की पूरी श्रृंखला भारत में होगी। निर्यात बिक्री पर भी सकारात्मक प्रभाव देखा जाएगा, 2019-20 (आधार वर्ष) में लगभग 13,500 करोड़ रुपये की तुलना में वित्त वर्ष 2026-27 तक बढ़कर लगभग 57,000 करोड़ रुपये होने की संभावना है।

 

पीएम सूक्ष्‍म खाद्य उद्योग उन्‍नयन योजना (पीएमएफएमई)

 

प्रधानमंत्री- सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यम (पीएम-एफएमई) उन्नयन योजना के क्रियान्वयन का उद्देश्य क्षेत्र में वोकल फॉर लोकल' को बढ़ावा देना है। इसे आत्मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत, जून 2020 में शुरू किया गया जिसका लक्ष्य 2 लाख सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को ऋण सहायता के साथ मदद उपलब्ध कराया जाना है। इसके लिए 2020-2025 की अवधि में 10,000 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय के साथ लिंक्ड सब्सिडी उपलब्ध कराया जाना है।

इस योजना को एक जिला एक उत्पाद की परिकल्पना के साथ अपनाया गया, जिसका उद्देश्य कच्चे माल की खरीद, सामान्य सेवाओं को उपलब्ध कराना, उत्पादों का विपणन आदि था। ओडीओपी को 35 राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों के 710 जिलों के लिए 137 विशिष्ट उत्पादों के साथ स्वीकृत किया गया है।

 

क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण

  • प्रस्तुतीकरण, वीडियो, डीपीआर और पाठ्यक्रम सामग्री/हैंडबुक सहित कुल 760 प्रशिक्षण मॉड्यूल (ओडीओपी) विकसित किए गए हैं और ये पीएमएफएमई की वेबसाइट - https://www.mofpi.gov.in/pmfme/ पर उपलब्ध हैं।
  • 34 राज्यों/केंद्र शासित क्षेत्रों के 437 मॉस्टर प्रशिक्षकों को प्रशिक्षित किया गया।
  • उत्पाद विशिष्ट और ईडीपी पर 26 राज्यों/संघ शासित क्षेत्रों के 603 जिला स्तरीय प्रशिक्षकों को प्रशिक्षित किया गया।
  • 13 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में 913 लाभार्थियों को प्रशिक्षित किया गया।
  • 33 राज्यों/संघ शासित क्षेत्रों के 528 जिलों में नियुक्त 931 डिस्ट्रिक्ट रिसोर्स पर्सन्स(डीआरपी) को प्रशिक्षित किया गया।

 

प्रबंधन सूचना प्रणाली (एमआईएस)

पीएमएफएमई वेबसाइट 25 जनवरी, 2021 को शुरू की गई थी। इसके साथ ही इसी दिन व्यक्तिगत इकाइयों के उन्नयन के लिए क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी के लिए व्यक्तिगत आवेदकों द्वारा दाखिल करने के लिए ऑनलाइन आवेदन की सुविधा भी शुरू की गई थी। इसके साथ ही ऋण स्वीकृत करने के लिए समूह आवेदन पंजीकरण, जमा करने और अनुमोदन को भी शुरू किया गया था।

 

प्रारम्भिक पूंजी

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  • खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में कार्य कर रहे स्वयं सहायता समूहों की ग्रामीण विकास मंत्रालय की डीएवाई-एनआरएलएम योजना और आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय की योजना डीएवाई-एनयूएलएम की मदद से पहचान की जा रही है। प्रारम्भिक पूंजी के रूप में 118.48 करोड़ रुपये 35,968 स्वयं सहायता समूहों के लिए एसआरएलएम को जारी किए गए।
  • वीडियो कॉन्फ्रेंस के मध्यम से माननीय प्रधानमंत्री के नेतृत्व में आयोजित "आत्मनिर्भर नारी-शक्ति से संवाद" कार्यक्रम के दौरान 40 करोड़ रुपये की राशि 12 अगस्त, 2021 को जारी की गई।
  • राज्य शहरी आजीविका मिशन (एसयूएलएम) द्वारा अनुशंसित 2206 प्रारम्भिक पूंजी आवेदनों और एसएनए द्वारा अनुमोदित 778 आवेदनों को मंजूरी। 153 सदस्यों के लिए एसयूएलएम को 4 लाख जारी किए गए।

 

मार्केटिंग और ब्रांडिंग:

 

  • योजना के अंतर्गत ब्रांडिंग और मार्केटिंग घटक के अंतर्गत विभिन्न ओडीओपी को बढ़ावा देने के लिए 8 ब्रांड लॉन्च किए गए जिनमें- दिल्ली बेक्स (बेकरी), मखाना किंग (फॉक्सनट्स), कश्मीरी मंत्र (मसाले), अमृत फल (आंवला), मधु मंत्र (हनी), सोमदाना (बाजरा), कोरी गोल्ड (धनिया) और आसन (मुरब्बा, गुड़)शामिल हैं।

 

पीएमएफएमई योजना के अंतर्गत पहला ब्रांड होल व्हीट रस्क 'दिल्ली बेक्स' माननीय केंद्रीय मंत्री, एफपीआई और माननीय राज्य मंत्री, एफपीआई द्वारा 29 अक्टूबर, 2021 को लॉन्च किया गया।

 

इनक्यूबेशन सेंटर

 

169.12 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ 64 प्रस्ताव स्वीकृत किए गए हैं जो मुख्य रूप से राज्य कृषि विश्वविद्यालय, आईसीएआर-केवीके आदि से संबंधित हैं।

 

क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी:

34 राज्यों/संघ शासित क्षेत्रों से अब तक 13039 व्यक्तिगत आवेदन प्राप्त हुए हैं। जिसमें से 1256 ऋण बैंकों द्वारा स्वीकृत किए जा चुके हैं। 294 व्यक्तिगत लाभार्थियों को केन्द्रीय अनुदान के हिस्से के रूप में 9.41 करोड़ रुपये की पूंजी जारी की गई है।

 

राज्य स्तरीय उन्नयन योजना (एसएलयूपी)

  • 31 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों ने राज्य स्तरीय उन्नयन योजना (एसएलयूपी) के अध्ययन के लिए एजेंसियों की नियुक्ति की है।
  • बिहार, दादरा नगर हवेली और दमन और दीव, हिमाचल प्रदेश, तेलंगाना और त्रिपुरा के एसएलयूपी को अंतिम रूप दिया जा चुका है।

 

प्रोत्साहन गतिविधियां

 

  • मासिक ई-न्यूजलेटर 7 लाख से अधिक लोगों को भेजा जा रहा है।
  • राज्यों/संघ शासित क्षेत्रों और एन आई एफटी ई एम/आईआईएफपीटी द्वारा ओडीओपी वेबिनार/ऑफलाइन कार्यशालाएं संचालित की जा रही हैं।
  • पीएमएफएम ई योजना के लाभार्थियों की सफलता की कहानियों की जुलाई 2021 से मासिक शुरुआत की गई।
  • व्यक्तिगत आवेदन आमंत्रित करने के लिए राष्ट्रीय समाचार पत्रों और रेडियो विज्ञापन की शुरुआत की गई।

 

कन्वरजेंस

 

  • पीएमएफएमई योजना के अंतर्गत लाभार्थियों के प्रशिक्षण के लिए 25 मई, 2021 को ग्रामीण विकास मंत्रालय के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया गया ताकि आरएसईटीआई /आरएसईटीआई प्रायोजक बैंकों और एनएआर/एनएसीई आरके साथ समन्वय कर ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थानों (आरएसईटीआई -एमओआरडी) के मध्यम से लाभार्थियों को प्रशिक्षण दिया जा सके और आरएसईटीआई प्रशिक्षण बुनियादी ढांचे की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके।
  • स्वयं सहायता समूहों / खाद्य प्रसंस्करण में लगे संघों की पहचान करने, प्रारम्भिक पूंजी और पूंजीगत सब्सिडी जारी करने, प्रशिक्षण एवं क्षमता निर्माण करने, हैंडहोल्डिंग, विपणन और सामान्य बुनियादी ढांचा मदद के लिए आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय के साथ एक संयुक्त पत्र पर हस्ताक्षर किया गया। 18 जून 2021 को पीएमएफएमई के विभिन्न घटकों के क्रियान्वयन के लिए संयुक्त दिशा निर्देशों को जारी किया गया।
  • एसएचजी और एफपीओ के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रमों की सुविधा, प्रशिक्षण कार्यक्रमों की निगरानी, कार्यक्रम आउटपुटडेटाबेस तैयार करने और नीति और कार्यान्वयन में योगदान के लिए 22 जून, 2021 को राष्ट्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज संस्थान (एनआईआरडीपीआर) के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।
  • 1 सितंबर, 2021 को पात्र एसटी लाभार्थियों की पहचान, पुनर्वित्तीयसहायता, प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण, एनएसटीएफडीसी की क्षमता का लाभ उठाने, एसटीउद्यमियों को हैंडहोल्डिंग और मार्केटिंग और ब्रांडिंग समर्थन के लिए राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति वित्त और विकास निगम (एनएसटीएफडीसी) के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।

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  • खाद्य सुरक्षा और स्वच्छता से संबंधित प्रशिक्षण सहायता प्रदान करने और पंजीकरण तथा लाइसेंसिंग की प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने के लिए 1 अक्टूबर, 2021 को भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।
  • पीएमएफएमई योजना के अंतर्गत डेयरी और मांस ओडीओपी जिलों में मॉडल की डिजाइनिंग,प्रशिक्षुओं/लाभार्थियों को प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए प्रशिक्षण प्रदाताओं का नेटवर्क तैयार करने, क्षमता निर्माण और सहयोग के प्रयासों के उपयोग के लिए 17 नवंबर, 2021 को पशुपालन और डेयरी विभाग (डीएएचडी) के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। इस साझेदारी का उद्देश्य खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय और डीएएचडी की विभिन्न योजनाओं के लिए साझेदारी और क्षमता निर्माण भी था।
  • लाभार्थियों को सब्सिडी के समय पर वितरण के लिए ऋण देने वाले बैंकों के साथ सब्सिडी राशि के हस्तांतरण के लिए 15 बैंकों के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर ताकि आवेदनों के लक्ष्य संचालित किए जा सके और अनुमोदन, निगरानी और संपर्क के कार्य निष्पादित किए जा सकें।

 

III. ऑपरेशन ग्रीन योजना

 

जल्दी खराब होने वाले फलों और सब्जियों केसंकट से किसानों को उबारने के लिए आत्मनिर्भर अभियान के अंतर्गत ऑपरेशन ग्रीन्स (ओजी) योजना से अल्पकालिक उपायों का दायरा 11.06.2020 को टॉप टू टोटल तक बढ़ा दिया गया। मंत्रालय अतिरिक्त उत्पादन वाले क्षेत्रों से अधिक खपत वाले क्षेत्रों तक फलों और सब्जियों की ढुलाई और भंडारण के लिए 50% सब्सिडी प्रदान करता है। यह किसान रेल के माध्यम से अधिसूचित फलों और सब्जियों की आवाजाही के लिए 50% माल ढुलाई सब्सिडी और एनईआर और हिमालयी राज्यों से अधिसूचित फलों और सब्जियों की आवाजाही के लिए 50% हवाई माल भाड़ा सब्सिडी भी प्रदान करता है। TOP (टमाटर, प्याज, आलू) से TOTAL (41 जल्दी खराब होने वाले फलों और सब्जियों) तक इसके दायरे के विस्तार के परिणामस्वरूप योजना के अंतर्गत आने वाले उत्पादन समूहों और लाभार्थियों के संदर्भ में योजना का प्रभाव व्यापक हो गया है।

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भारतीय रेलवे ने 2021 में किसान रेल के माध्यम से, योजना के अंतर्गत देश भर में लगभग 5.50 लाख मीट्रिक टन फलों और सब्जियों की ढुलाई के लिए लगभग 110 करोड़ रुपये की सब्सिडी का वितरण किया है। खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय ने इस संबंध में भारतीय रेलवे को कुल 69 करोड़ रुपये की सब्सिडी की प्रतिपूर्ति की है।

प्रत्यक्ष दावों के अंतर्गत 12,867 मीट्रिक टन प्याज के परिवहन और 280.51 मीट्रिक टन गाजर के परिवहन/भंडारण के 24 दावों के विरुद्ध कुल 1.48 करोड़ रुपये की सब्सिडी जारी की गई।

 

ओजी का टीओपी से 22 जल्द खराब होने वाली सब्जियों और फलों तक विस्तार:

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फरवरी 2021 में की गई बजटीय घोषणा के अनुपालन के क्रम में, ऑपरेशन ग्रीन्स योजना के अंतर्गत दीर्घकालिक रणनीति यानी मूल्य श्रृंखला विकास परियोजनाओं का दायरा टमाटर, प्याज और आलू (TOP) फसलों से बढ़ाकर जल्द खराब होने वाले 22 फलों और सब्जियों तक बढ़ावा देने के लिए विस्तारित किया गया ताकि कृषि और इससे जुड़े उत्पादों और उनके निर्यात में मूल्यवर्धन के प्रयासों को सफल बनाया जा सके।

इस प्रयास के क्रम में पहचान की गई 22 खराब होने वाली फसलों में 10 फल, 11 सब्जियां और एक समुद्री उत्पाद यानी झींगा मछली शामिल है। 10 फलों और झींगा के लिए आकलन अध्ययन पूरा कर लिया गया है और इन 11 वस्तुओं के लिए योजना दिशानिर्देश और ईओआई इन इंफ्रास्ट्रक्चरगैप आकलन के निष्कर्षों/सिफारिशों के आधार पर तैयार किए जा रहे हैं।

 

.कोविड -19 से जुड़ी पहल और शिकायत समाधान

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  • कोविड महामारी के कारण देश को इस वायरस की पहली और दूसरी लहर के दौरान पैदा हुई गंभीर चुनौतियों का सामान्य करना पड़ा। खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय द्वारा 2020 के दौरान स्थापित किए गए शिकायत समाधान केंद्र ने सीधे या उद्योग संघों के माध्यम से प्राप्त कृषि-खाद्य क्षेत्र से संबंधित मुद्दों से जुड़े समाधान उपलब्ध कराने का प्रयास जारी रखा। शिकायत समाधान विभाग ने 64 ऐसे मुद्दों का समाधान किया जो वायरस के प्रसार को रोकने के लिए लगाए गए प्रतिबंधों के कारण सामने आए थे।
  • कोविड 19 महामारी के कारण लगाए गए प्रतिबंधों के उद्योग पर पड़ने वाले संभावित प्रभाव को समझने के लिए प्रमुख उद्योग सदस्यों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से विचार-विमर्श किया गया। कोविड से संबंधित प्रतिबंधों के कारण आने वाले मुद्दों को समझने के लिए खाद्य एवं प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय से सहायता प्राप्त परियोजनाओं के प्रमोटरों के साथ भी चर्चा की गई।

 

एफ. प्रोत्साहन गतिविधियां

 

खाद्य प्रसंस्करण सम्मेलन:

i.केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्य मंत्री श्री प्रहलाद सिंह पटेल ने खाद्य प्रसंस्करण उद्योग पर दो दिवसीय पूर्वोत्तर शिखर सम्मेलन के आईआईएम, शिलांग में 24 सितंबर 2021 को आयोजन का उद्घाटन किया। इस सम्मेलन का उद्देश्य क्षेत्र में खाद्य प्रसंस्करण की दिशा में समावेशी विकास के लिए साझेदारी को बढ़ावा देना था।

ii. खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय ने कृषि-खाद्य क्षेत्रों की भारत सरकार की विभिन्न पहलों के बारे में जागरूकता पैदा करने, मंत्रालय की योजनाओं, निवेश के अवसरों आदि के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए फरवरी और मार्च 2021 के दौरान गुवाहाटी, असम, ग्वालियर और मध्य प्रदेश में खाद्य प्रसंस्करण शिखर सम्मेलन आयोजित किए। इन शिखर सम्मेलनों में किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ), उद्यमियों, कॉरपोरेट्स, बैंकरों, राज्य विभागों आदि सहित 100 से अधिक हितधारकों की भागीदारी देखी गई।

 

  • सोशल मीडिया से जुड़ी गतिविधियां:

 

मंत्रालय द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं और वर्तमान में जारी कोविड महामारी के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए विभिन्न मासिक सोशल मीडिया अभियान चलाए जा रहे हैं। मंत्रालय द्वारा आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है और इससे संबंधित एक पोस्ट नियमित रूप से सोशल मीडिया हैंडल पर पोस्ट की जाती है। महिला दिवस मनाने के लिए 'मैं हूं आत्मानिर्भर नारी' नाम से 15 दिनों का सोशल मीडिया अभियान शुरू किया गया था। मेरी कहानी मेरी जुबानी प्रतियोगिता MyGov के सहयोग से 'मैं हूं आत्मानिर्भर नारी' अभियान के तहत आयोजित की गई थी। प्रतियोगिता का आयोजन MyGov प्लेटफॉर्म और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय के सोशल मीडिया हैंडल पर किया गया था। 6 सितंबर 2021 से 12 सितंबर 2021 तक "खाद्य प्रसंस्करण सप्ताह" आजादी का अमृत महोत्सव के एक भाग के रूप में मनाया गया, जिसे खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय के सोशल मीडिया हैंडल पर व्यापक रूप से प्रचारित किया गया।

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अक्टूबर, 2021 में विश्व खाद्य दिवस मनाने के लिए एक सप्ताह का अभियान भी शुरू किया गया था। स्वच्छता के संबंध में जागरूकता फैलाने के लिए भी स्वच्छ कार्यालय पर एक विशेष सोशल मीडिया अभियान शुरू किया गया था।

 

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खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय द्वारा संचालित 3 दिवसीय एसआईएएल इंडिया विनएक्सपो 2021 को भी खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय के सोशल मीडिया हैंडल पर प्रसारित और प्रकाशित किया गया था।

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सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म लिंक्डइन और कू पर नए सोशल मीडिया अकाउंट बनाए गए और दोनों अकाउंट को अच्छी संख्या में लोग फॉलो कर रहे हैं। खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय के इंस्टाग्राम और कू खाते अब सत्यापित खाते हैं और एक सत्यापन बैज है।

 

  • निवेश प्रोत्साहन

खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय ने निवेश में तेजी लाने के मुख्य उद्देश्य के साथ जून 2020 में एक परियोजना विकास प्रकोष्ठ(पीडीसी) का गठन किया। इस वर्ष के दौरान पीडीसी द्वारा की गई कुछ प्रमुख गतिविधियां इस प्रकार रहीं:

  • संभावित निवेश योग्य परियोजनाओं के विकास, कंपनी विशिष्ट मुद्दों, सरकारी पहलों आदि के बारे में जागरूकता पैदा करने पर चर्चा के लिए अलग-अलग राज्य सरकारों/संघ शासित क्षेत्रों के प्रशासन के साथ बातचीत की गई।
  • निवेश हितों या ऐसी परियोजनाओं से संबंधित मुद्दों को सुविधाजनक बनाने के लिए कृषि-खाद्य कंपनियों के साथ आमने-सामने चर्चा की गई।
  • केंद्र शासित प्रदेश लद्दाखमें एग्रो-प्रोसेसिंगक्लस्टर (एपीसी) की स्थापना के लिए लद्दाख सरकार को सुविधा उपलब्ध कराई गई

 

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जी. एनआईएफटीईएम की उपलब्धियां

आई. एनआईएफटीईएम, कुंडली, हरियाणा

1.एनआईएफटीईएम ने आंतरिक रूप से वित्त पोषित उद्यमिता/नवाचारप्रकोष्ठ के तहत उद्यमिता विकास केंद्र (सीईडी) की स्थापना की है। यह संस्थान उद्यम करने के इच्छुक छात्रों के लिए अनेकों गतिविधियों में मदद करता है और इसका प्रबंधन संस्थान के विभिन्न विभागों के चुनिंदा प्राध्यापकों के एक समूह द्वारा किया जाता है।

2.एनआईएफटीईएम ने केरल के महिला बाल विकास विभाग के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं और माँ बनने की उम्र में बच्चों और महिलाओं में कुपोषण के प्रबंधन के लिए चिकित्सीय खाद्य पदार्थों के उपयोग के लिए तैयार न्यूट्रास्यूटिकल्स विकसित करने के लिए तिरुवनंतपुरम में केरल पोषण अनुसंधान केंद्र की स्थापना की है।

3.एनआईएफटीईएम ने उद्योगों के साथ सहयोगात्मक अनुसंधान, रासायनिक और जैविक विषयों के लिए एनएबीएल प्रत्यायन के लिए खाद्य और कृषि अनुसंधान और विश्लेषण केंद्र (सीएफआरए) को मजबूत करने के लिए के लिए अनुबंध अनुसंधान संगठन (सीआरओ) की स्थापना की है, और उद्यमित विकास के लिए अपना स्वयं का प्रौद्योगिकी नवाचार और बिजनेस इनक्यूबेशन सेंटर (एनटीआईबीआईएफ) लॉन्च किया है।

4.एनआईएफटीईएम ने डैनफॉस इंडिया के सहयोग से कोल्ड चेन टेक्नोलॉजीके मैनेजमेंट पर सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (सीओई) की स्थापना की है। एनआईएफटीई एमजीआईजेड के सहयोग से सीआईआई-कोल्ड चेन एंड लॉजिस्टिक्सरि सोर्स सेंटर (सीसीएलआरसी) स्थापित कर रहा है।

5.एनआईएफटीईएम ने अंतरराष्ट्रीय विकास क्षेत्र में भागीदार जीएआईएन (गेन) और एक प्रमुख खाद्य और न्यूट्रास्युटिकल कंपनी हेक्सागन न्यूट्रिशन के साथ हाथ मिलाया है, ताकि देश से कुपोषण को समाप्त करने के उद्देश्य से एक सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर फूड फोर्टिफिकेशन की स्थापना की जा सके।

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6.प्रो. आशुतोष उपाध्याय द्वारा आविष्कार किए गए "गन्ने के रस के संरक्षण के लिए नई विधि" शीर्षक से आईपीआर संख्या 201711039096 के साथ एक पेटेंट भारत सरकार द्वारा वर्ष 2021 में प्रदान किया गया। इस दौरान कुल मिलाकर, पेटेंट के लिए कुल 9 आवेदन प्राप्त हुए।

7.नारियल से पानी निकालने के लिए डॉ विनकेल अरोड़ा ने एक मशीन विकसित की है जिसका नाम कोकोश्रेष्ठ रखा गया है। इसके लिए ट्रेडमार्क (ट्रेडमार्क संख्या 4432797) आवंटित की जा चुकी है।

8.एनआईएफटीईएम के छात्रों देबब्रत दास और प्रांजुली गर्ग ने डॉ प्रारब्ध के संरक्षण में प्लांट मीट आधारित श्रेणी में “द इंडिया स्मार्ट प्रोटीन इनोवेशनचैलेंज” जीता।

9. खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में देश भर में अपनाई जाने वाली प्रौद्योगिकी को एक ही मंच पर उपलब्ध और प्रदर्शित कराने के लिए अनुसंधान और विकास पोर्टल शुरू किया गया।

10.एनआईएफटीईएम के 135 से अधिक महत्वपूर्ण लेख थॉमसन रायटर्स के इम्पैक्ट फैक्टर जर्नल श्रेणी में प्रकाशित हुए।

 

II. एन आई एफटी ई एम, तंजावुर, तमिलनाडु

पुरस्कार एवं मान्यता

 

  • भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय द्वारा अटल रैंकिंग ऑफ इंस्टीट्यूशन ऑन इनोवेशन अचीव्मन्ट (ए आर आई आई ए) 2021 में उत्कृष्ट संस्थान का दर्जा दिया गया।
  • एनआईएफटीईएम, तंजावुर के निदेशन डॉ सी आनंद धर्म कृष्णन को स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी और एलसेवीयर द्वारा खाद्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में कार्य करने वाले शीर्ष 2% वैज्ञानिकों में शुमार किया गया।
  • डॉ जेयन आर्थर मोसेस को भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी द्वारा एनएएसआई-प्लेटिनम जुबली यंग साइन्टिस्ट अवॉर्ड 2021 से सम्मानित किया गया।

 

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शोध

  1. शोध प्रकाशन

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संकाय सदस्यों, शोधकर्ताओं और छात्रों के 116 शोध लेख प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय समीक्षा पत्रिकाओं में प्रकाशित हुए, जिनमें से 78 शोध लेख स्कोपस अनुक्रमित प्रभाव कारक पत्रिकाओं में 12.563 और 23 अंतर्राष्ट्रीय पुस्तक अध्यायों के उच्चतम प्रभाव कारक के साथ प्रकाशित हुए हैं।

  1. उद्योग जगत को प्रौद्योगिकियों का हस्तांतरण

 

  • सचल खाद्य प्रसंस्करण इकाई
  • एकीकृत प्याज प्रसंस्करण इकाई
  • सौर हाइब्रिडड्रायर
  • गैर डेयरी ज्वार आइसक्रीम

 

(iii) शोध, प्रशिक्षण और परामर्श सेवाओं के लिए नई सुविधाओं का सृजन

  • 54 कमरों के नए छात्रावास परिसर का निर्माण, जिसमें 216 छात्रों को रहने की सुविधा
  • अन्न विज्ञान में उत्कृष्टता केंद्र
  • सेंसरीएनालिसिसलैब
  • खाद्य प्रसंस्करण व्यवसाय ऊष्मायन केंद्र में कन्फेक्शनरी लाइन

 

अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय संस्थानों के साथ सहयोग और साझेदारी

 

एनआईएफटीईएम, तंजावुर ने संयुक्त अनुसंधान परियोजनाओं, प्रौद्योगिकी विकास और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के संचालन के लिए राष्ट्रीय संस्थानों / विश्वविद्यालयों के साथ 4 समझौता ज्ञापनों और उद्योगों के साथ 6 समझौता ज्ञापनों / लाइसेंसिंग समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं। वैज्ञानिकों के प्रयास को अंतरराष्ट्रीय संस्थानों में काम करने वालों के साथ जोड़ने से जो परिणाम प्राप्त होंगे उन्हें सभी संबंधित पक्षों के साथ प्रभावी ढंग से उपलब्ध करने में मदद मिलेगी। ऐसे आविष्कारों की प्रौद्योगिकियों पर पुन: आविष्कार करने की बजाए से समय की कसौटी पर खरी उतरी प्रौद्योगिकियों को स्थानीय परिस्थितियों के अनुरूप बदलने का प्रयास है। अंतरराष्ट्रीय प्रयोगशालाओं में प्रशिक्षण और अनुसंधान तक देश के मानव संसाधन की पहुँच की सुविधा उपलब्ध होने से भारत के लिए विश्व स्तरीय और प्रतिस्पर्धी मानव संसाधन का सृजन करने में सहायता मिली है।

 

उद्यमिता, प्रशिक्षण और आउटरीच

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खाद्य उत्पादों के विकास में उद्यमियों के नए विचारों और नवाचार का पूर्ण लाभ लेने में सहायता करने के लिए विभिन्न खाद्य प्रसंस्करण प्रौद्योगिकियों, खाद्य प्रसंस्करण मशीनरी किराए पर लेने की सुविधाओं और अन्य इनक्यूबेशन समर्थन सेवाओं पर व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए एक पूर्ण खाद्य प्रसंस्करण व्यवसाय इनक्यूबेशन सेंटर की स्थापना की गई है। इस सेंटर में छोटे पैमाने पर फल और पेय पदार्थ प्रसंस्करण, नारियल तेल प्रसंस्करण इकाई, आइसक्रीम उत्पादन इकाई, बेकिंग इकाई, कन्फेक्शनरी उत्पादन इकाई, विभिन्न प्रकार की सुखाने वाली इकाइयां, निष्कर्षण इकाइयां और निकाली गई खाद्य प्रणाली, प्याज प्रसंस्करण इकाई आदि के लिए प्रशिक्षण उपलब्ध है।

 

(i) उद्यमिता और प्रशिक्षण

 

  • इनक्यूबेशन सेंटर के मध्यम से विभिन्न खाद्य उत्पादों के उत्पादन से संबंधित 47 उद्यमिता प्रशिक्षण कार्यक्रम स्वयं सहायता समूह / किसान उत्पादक संघों के लिए संचालित किए गए और उद्यमियों को खाद्य प्रसंस्करण व्यवसाय से जुड़ी 18 परामर्श सेवाएं उपलब्ध कराई गईं। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम से 805 प्रतिभागी लाभान्वित हुए।
  • ऑनलाइन वेबिनार के माध्यम से शोधार्थियों, छात्रों और इच्छुक उद्यमियों के लिए विभिन्न तकनीकों में 11 कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम, 8 कार्यशालाएं और 2 छात्र इंटर्नशिप आयोजित किए गए। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम से 1057 प्रतिभागी लाभान्वित हुए। संस्थान द्वारा उद्यमियों के लिए 17 परामर्श सेवाएं शुरू की गई हैं।

 

(ii) पीएम-एफएम ई के अंतर्गत क्षमता निर्माण

 

एनआईएफटीईएम, तंजावुर केंद्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना (पीएम एफएमई) के लिए क्षमता निर्माण हेतु प्रमुख राष्ट्रीय तकनीकी संस्थान के रूप में कार्य करती है, जिसने क्षमता निर्माण और इनक्यूबेशन के लिए 9 राष्ट्र स्तरीय और 4 राज्य स्तरीय जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया है और इससे 12822 लाभार्थियों को पीएमएफएमई के बारे में जागरूक किया गया है।

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एमजी /एएम/ डीटी

 



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