खान मंत्रालय
azadi ka amrit mahotsav

वर्षांत समीक्षा-2021-खान मंत्रालय


कारो बार करने को सुगम बनाने के लिए खनन क्षेत्र के अधिनियमों और नियमों में संशोधन किया गया

खनिज खोज के मान दंडों में और ढील दी गई

जिला खनिज फाउंडेशन फंड गवर्निंग काउंसिल में सांसद, विधायक और एमएलसी को भी शामिल किया गया

भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण ने राज्य सरकारों को 152 खनिज ब्लॉक की जानकारी (जी4) सौंपी

खनन निगरानी गति विधि उन्नत उपग्रह आधारित शुरू की गई

संयुक्त उद्यम कंपनी खनिज बिदेश इंडिया लिमिटेड की स्थापना की गई

वित्त वर्ष 2020-2021 के दौरान नाल्को का शुद्ध लाभ 840% बढ़कर 1299.53 करोड़ रुपये हो गया

Posted On: 28 DEC 2021 2:43PM by PIB Delhi

नीतिगत पहल
अधिनियम और नियमों में किए गए संशोधन

खान और खनिज (विकास और विनियमन) अधिनियम, 1957 (एमएमडीआर अधिनियम) को खान और खनिज (विकास और विनियमन) संशोधन अधिनियम, 2021 के माध्यम से संशोधित किया गया है, जिसे 28 मार्च 2021 को अधिसूचित किया गया।इस संशोधन के जरियेखनिज उत्पादन को बढ़ावा देना, देश में कारोबार करने को और सुगमबनाना और सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में खनिज उत्पादन का योगदान बढ़ाना है।

-संशोधन अधिनियम, 2021 में किए गए कुछ प्रमुख सुधार इस प्रकार हैं:

प्रतिबंधित (कैप्टिव) और व्यापारी खानों के बीच के अंतर को खत्म कर दिया गया है। यह सभी प्रतिबंधित खानों को एमएमडीआर अधिनियम की छठी अनुसूची के तहत निर्धारित अतिरिक्त राशि के भुगतान और संयंत्र की जरूरत को पूरा करने के बाद वर्ष के दौरान उत्पादित खनिजों का 50% तक बेचने की अनुमति देता है। इसके अलावा, भविष्य की सभी नीलामियां बिना किसी अंतिम उपयोग प्रतिबंध के होंगी।

अधिनियम की धारा 10 (2) (बी) के तहत सभी लंबित मामलों का निपटारा किया गया।

खनन पट्टे की समाप्ति या अंत के बाद भी कानूनी मंजूरी वैध होगी और नीलामी में सफल बोली लगाने वाले को हस्तांतरित की जाएगी।

कारोबार करने को सुगम बनाने के लिए खनिज रियायतों के हस्तांतरण पर प्रतिबंध हटा दिया गया है। अब खनिज रियायत को बिना किसी हस्तांतरण शुल्क के स्थानांतरित किया जा सकता है।

नए पट्टे या पट्टे के विस्तार के अनुदान पर सरकारी कंपनियों द्वारा अतिरिक्त राशि का भुगतान किया जाएगा जो राज्य सरकार को अतिरिक्त राजस्व प्राप्ति को सुनिश्चित करेगा।

केंद्र सरकार को उन मामलों में नीलामी कराने का अधिकार होगा, जिस मामलों में राज्यों को नीलामी के संचालन करने में परेशानी का सामना करना पड़ता है या राज्य सरकार के परामर्श से निर्धारित समय के भीतर नीलामी प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाती है। नीलामियों से प्राप्त राजस्व राज्य सरकार को मिलेगा।

जिला खनिज फाउंडेशन (डीएमएफ) के तहत निधियों के संयोजन और उपयोग के संबंध में निर्देश जारी करने के लिए केंद्र सरकार को अधिकार दिया है। गवर्निंग काउंसिल में सांसदों, विधायकों और एमएलसी को शामिल करने का निर्देश अप्रैल, 2021 में जारी किया गया था।

खनिज खोज की प्रक्रिया का सरलीकरण किया गया-(I) राष्ट्रीय खनिज अन्वेषण ट्रस्ट (एनएमईटी) एक स्वायत्त निकाय होगा, (ii) खनिज खोज का संचालन के लिए निजी संस्थाओं को एमएमडीआर अधिनियम की धारा 4(1) के तहत अधिसूचित किया जा सकता है, (iii) एनएमईटी से पात्र निजी अन्वेषण एजेंसियों के वित्तपोषण को सक्षम बनाएगा, (iv) निर्बाध पीएल-सह-एमएल (समग्र लाइसेंस) का प्रावधान किया जाएगा।

-एमएमडीआर संशोधन अधिनियम, 2021 में किए गए संशोधनों को लागू करने के लिएखान मंत्रालय ने निम्नलिखित नियमों को अधिसूचित किया है:

खनिज (खनिज सामग्री के साक्ष्य) नियम, 2015 को खनिज (खनिज सामग्री के साक्ष्य) संशोधन नियम, 2021 के माध्यम से संशोधित किया गया है ताकि कुछ श्रेणी के खनिज भंडार के लिए नियमों में निर्धारित अन्वेषण मानदंडों को सरल बनाया जा सके और विश्व स्तर पर स्वीकृत वर्गीकरण मानकों के साथ एमईएमसी को खड़ा कियाजा सके।

अन्वेषण मानदंडों में ढील-

खोज के जी3 स्तर पर चूना पत्थर, लौह अयस्क और सतह पर जमा बॉक्साइट के लिए मॉडल निविदा (एमएल) दिया जा सकता है।

नीलामी से पहले खोज की उपलब्ध रिपोर्टों के आधार पर समाप्त, निलम्बित, छोड़े हुए या कालातीत खानों के संबंध में संसाधनों का पुनर्मूल्यांकन किया जाएगा।

सभी खनिजों के लिए जी4 स्तर पर समग्र लाइसेंस (पीएल-सह-एमएल) की नीलामी होगी।

खोज के विभिन्न चरणों की परिभाषाआदि, विभिन्न प्रकार की जमाराशियों के लिए अन्वेषण मानदंड और रिपोर्टिंग टेम्प्लेट की व्याख्या की जाएगी।

-खनिज (नीलामी) नियम, 2015 खनिज (नीलामी) तृतीय संशोधन नियम, 2021 के माध्यम से संशोधित किया गया है। नियमों में किए गए संशोधन की मुख्य अंश इस प्रकार हैं:

किसी भी खनिज का औसत बिक्री मूल्य किसी भी महीने प्रकाशित नहीं होने की स्थिति में इसकी गणना को कुशलबनाने के लिए अनुमानित संसाधनों के मूल्य की परिभाषा (वीईआर) को स्पष्ट किया गया है।

खनिजों के लिए सीएल की नीलामी की सुविधा शुरू की गई है (भूभाग जमा के अलावा) जिनके वीईआर का आकलन नहीं किया जा सकता है, लेकिन उनमें खनन क्षमता है।

नीलामी की गई प्रतिबंधित (कैप्टिव) खानों से 50% खनिज की बिक्री की व्यवस्था करना।

एमएल के लिए नेट वर्थ आवश्यकता 200 करोड़ रुपये और सीएल के लिए 100 करोड़रुपये किया गया है।

अग्रिम भुगतान किश्तें मौजूदा 10%, 10% और 80% से बदलकर 20%, 20% और 60% किया गया है।

राज्य सरकार द्वारा अग्रिम भुगतान की पहली किस्त जमा करने और एलओआई जारी करने केलिए एमएल के लिए समय-सीमा जोड़ी गई है।

निष्पादन सुरक्षा प्रस्तुत करने के लिए सीएल के लिए समय-सीमा जोड़ी गई है। राज्य सरकार द्वारा एलओआई जारी करने के लिए 15 दिन (15 दिनों तक बढ़ाई जा सकती है), 15 दिन और सीएल के पीएल डीड के निष्पादन के लिए और आशय पत्र जारी करने के लिए 1 वर्ष (आगे 6 महीने तक बढ़ाया जा सकता है) किया गया है।

-एमसीआर, 2016 को 2 नवंबर, 2021 को खनिज (परमाणु और हाइड्रो कार्बन ऊर्जा खनिज के अलावा) अनुदान (चौथा संशोधन) नियम, 2021 के माध्यम से संशोधित किया गया है। नियमों में संशोधन की मुख्य अंश इस प्रकार हैं:

प्रतिबंधित (कैप्टिव) पट्टों से उत्पादित 50% खनिज की बिक्री का तौर-तरीका प्रदान करने के लिए नए नियम जोड़े गए हैं। इस संशोधन के साथ, सरकार ने कैप्टिव खानों की खनन क्षमता का अधिक से अधिक उपयोग करके अतिरिक्त खनिजों को बाजार में लाने का रास्ता खोल दिया है। निर्धारित मात्रा में खनिज की बिक्री के लिए भत्ता भी पट्टेदारों को कैप्टिव खानों से उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रेरित करेंगे। इसके अलावा, बेची गई मात्रा के संबंध में अतिरिक्त प्रीमियम राशि, रॉयल्टी और अन्य वैधानिक भुगतान राज्य सरकारों के राजस्व को बढ़ावा देंगे।

खनन या खनिज को लाभदायक बनाने के लिए उत्पन्न होने वाले थ्रेशोल्ड मूल्य से नीचे के ओवरबर्डन/अपशिष्ट रॉक/खनिज के निपटान की अनुमति देने के लिए प्रावधान जोड़ा गया है। इससे खनिकों को कारोबार करने में आसानी होगी।

खनन पट्टा स्वीकृत करने के लिए न्यूनतम क्षेत्र 5 हेक्टेयर से संशोधित कर 4 हेक्टेयर किया गया है। कुछ विशिष्ट जमाओं के लिए, न्यूनतम क्षेत्र को 2 हेक्टेयर किया गया है।

सभी मामलों में खनन पट्टा क्षेत्र के आंशिक समर्पण की अनुमति होगी। वर्तमान में, आंशिक समर्पण की अनुमति केवल फॉरेस्ट क्लियरेंस नहीं मिलने की स्थिति में दी गई थी।

सभी प्रकार की खदानों के समग्र लाइसेंस या खनन पट्टे के हस्तांतरण की अनुमति देने के लिए नियमों में संशोधन किया गया है।

पट्टेदार या लाइसेंस लेने वाले की मृत्यु पर कानूनी उत्तराधिकारियों के पक्ष में एमएल/ सीएल के लिए नए नियम जोड़े गए हैं।

देरी से भुगतान पर ब्याज मौजूदा 24% से घटाकर 12% किया गया है।

सरकारी कंपनियों को दिए गए खनन पट्टे की अवधि और उनके भुगतान के संबंध के नियम एमसीआर, 2016 में शामिल किया गया है।

नियमों में दंड प्रावधानों को तर्कसंगत बनाया गया है। पहले, नियमों में उल्लंघन की गंभीरता के बावजूद प्रत्येक नियम के उल्लंघन के लिए 2 साल तक की कैद या 5 लाख रुपये तक का जुर्माना या दोनों का प्रावधान था। नियमों में संशोधन ने नियमों के उल्लंघन को निम्नलिखित प्रमुख शीर्षों के तहत वर्गीकृत किया: () प्रमुख उल्लंघन: कारावास की सजा, जुर्माना या दोनों। (बी) मामूली उल्लंघन: दंड कम किया गया। ऐसे उल्लंघनों के लिए केवल जुर्माने का दंड निर्धारित है। (सी) अन्य नियमों के उल्लंघन को अपराध से मुक्त कर दिया गया है। इन नियमों ने अनुदान धारक या किसी अन्य व्यक्ति पर कोई महत्वपूर्ण दायित्व नहीं डाला है। इस प्रकार, 49 नियमों के उल्लंघन को अपराध से मुक्त कर दिया गया है।

खान मंत्रालय ने खनिज संरक्षण और विकास (संशोधन) नियम, 2021 को 3 नवंबर, 2021 को खनिज संरक्षण और विकास नियम, 2017 [एमसीडीआर] में संशोधन करने के लिए अधिसूचित किया। इसके उद्देश्य खनिजों के संरक्षण, व्यवस्थित करना और वैज्ञानिक खनन के जरिये देश में खनिज के विकास और पर्यावरण की सुरक्षा के संबंध में नियम प्रदान करना है। नियमों में संशोधन की मुख्य अंश निम्नानुसार हैं:

(i) नियम बनाया गया है कि खान से संबंधित सभी योजनाएं और अनुभाग डिजिटल ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (डीजीपीएस) या टोटल स्टेशन या इंडियन ब्यूरो ऑफ माइन्स (आईबीएम) द्वारा निर्दिष्ट या सभी पट्टों के संबंध में ड्रोन सर्वेक्षण के संयोजन से तैयार किए जाएंगे।

(ii) पट्टेदारों और आशय पत्र धारकों द्वारा खनन क्षेत्र की डिजिटल छवियों को प्रस्तुत करने का प्रावधान करने के लिए नया नियम जोड़ा गया है।1 मिलियन टन या उससे अधिक की वार्षिक उत्खनन योजना वाले या 50 हेक्टेयर या उससे अधिक के पट्टे वाले क्षेत्र वाले पट्टेदारों को हर साल लीज सीमा के बाहर और 100 मीटर तक लीज क्षेत्र की ड्रोन सर्वेक्षण छवियां प्रस्तुत करने की जरूरत होगी। अन्य पट्टेदारों को हाई रेज्युलेशन सेटेलाइट चित्र प्रस्तुत करने होंगे। इस कदम से केवल खान के लिए योजना, खानों में सुरक्षा और सेफ्टी में सुधार होगा बल्कि खनन कार्यों का बेहतर सर्वेक्षण करने में भी मदद मिलेगी।

(iii) नियम 34 के तहत कैडस्ट्रल मानचित्र के पैमाने पर कार्टोसैट-2 सैटेलाइट एलआईएसएस-4 सेंसर से प्राप्त उपग्रह छवियों को जमा करने की आवश्यकता भू-संदर्भित ऑर्थो-रेक्टिफाइड मल्टीस्पेक्ट्रल उपग्रह और ड्रोन सर्वेक्षण का उपयोग के संदर्भ में हटा दी गई है।

(iv) अनुपालन बोझ को कम करने के लिए दैनिक रिटर्न के प्रावधान को खत्म कर दिया गया है। राज्य सरकार के अलावा आईबीएम को दिए गए मासिक या वार्षिक रिटर्न में अपूर्ण या गलत जानकारी के खिलाफ कार्रवाई करने का अधिकार है।

(v) एक पार्ट-टाइम खनन अभियंता या अंशकालिक भूविज्ञानी को '' खानों (25 हेक्टेयर के नीचे लीज्ड क्षेत्र) में रखने की अनुमति दी गई है। यह छोटे खनिकों के लिए अनुपालन बोझ को कम करेगा।

(vi) रोजगार के अवसर को बढ़ाने के लिए, खान सुरक्षा महानिदेशक द्वारा जारी योग्यता के द्वितीय श्रेणी प्रमाण पत्र के साथ विधिवत मान्यता प्राप्त संस्थान द्वारा प्रदान किए गए खनन और खान सर्वेक्षण में डिप्लोमा पूर्णकालिक खनन अभियंता के योग्यता में जोड़ा गया है। इसके अलावा, पार्ट-टाइम खनन अभियंता के लिए योग्यता को जोड़ा गया है।

(vii) निर्दिष्ट अवधि के भीतर अंतिम खदान बंद करने की योजना प्रस्तुत करने की स्थिति में जोड़े गए पट्टा धारक के वित्तीय जमा या प्रदर्शन सुरक्षा को जब्त करने का प्रावधान है।

(viii) श्रेणी '' की खदानों के लिए वित्तीय आश्वासन की राशि को बढ़ाकर पांच लाख रुपये कर दिया गया है। वहीं, श्रेणी 'बी' की खदानों के लिए मौजूदा तीन और दो लाख रुपये से बढ़ाकर क्रमश: तीन लाख रुपये कर दिया गया है।

-उपरोक्त संशोधनों के अलावा, मंत्रालय ने दो नियमों, अर्थात् खनिज (कैप्टिव उद्देश्य के लिए नीलामी के माध्यम से अन्यथा दी गई खनन पट्टों का हस्तांतरण) नियम, 2016 और खनिज (सरकारी कंपनी द्वारा खनन), नियम, 2015 को रद्द करने को अधिसूचित किया है। ये नियम एमएमडीआर अधिनियम और एमसीआर, 2016 में उपरोक्त संशोधन को देखते हुए अप्रचलित हो गए थे।

1. अन्वेषण पहल

2. भारत का भूगर्भीय सर्वेक्षण (जीएसआई)

3. जीएसआई ने 8,577 वर्ग किमी विशेष क्षेत्र संबंधितकी मैपिंग (1: 25,000 पैमाने पर), वार्षिक कार्यक्रम 2021-22 के दौरान 23000 वर्ग किमी के लक्ष्य में से नवंबर 2021 के अंत तक पूरा किया।

4. जीएसआई ने 77,395.1 वर्ग किमी राष्ट्रीय भू-रसायन मैपिंग (1: 50,000 पैमाने पर), वार्षिक कार्यक्रम 2021-22 के दौरान 240,000 वर्ग किमी के लक्ष्य में से नवंबर 2021 के अंत तक पूरा किया।

5. जीएसआई ने 35,220 वर्ग किमी नेशनल जियोफिजिकल मैपिंग (1: 50,000 पैमाने पर), वार्षिक कार्यक्रम 2021-22 के दौरान1,00,000 वर्ग किमी के लक्ष्य में से नवंबर 2021 के अंत तक पूरा किया।

6. जीएसआई ने नवंबर 2021 के अंत तक वार्षिक कार्यक्रम 2021-22 के दौरान 4,000 वर्ग किलोमीटर के पूर्व लक्ष्य में से विशेष आर्थिक क्षेत्र (ईईजेड) में 3485 वर्ग किलोमीटर समुद्री खनिज जांच पूरा किया।

7. जीएसआई 2021-22 के दौरान राष्ट्रीय भूस्खलन संवेदनशीलता मानचित्रण (1: 50,000 पैमाने पर एनएलएसएम) के 6 कार्यक्रमों पर काम कर रहा है। जीएसआई ने नवंबर 2021 के अंत तक वार्षिक कार्यक्रम 2021-22 के दौरान 35,147 वर्ग किमी लक्ष्य में से 18,640 वर्ग किमी को भूस्खलन संवेदनशीलता मैपिंग को कवर किया है।

8. जीएसआई के विस्तार नीति 2019 के अनुसार, खनिज अन्वेषण, बेसलाइन डेटा पीढ़ी और मौलिक भूगर्भ विज्ञान से संबंधित सभी रिपोर्ट जीएसआई पोर्टल के माध्यम से सभी हितधारकों को उपलब्ध कराई जाती है।

9. जीएसआई ने 2021-22 के दौरान लगभग 250 खनिज अन्वेषण परियोजनाएं पूरी की हैं।

10. जीएसआई ने 2021 में राज्य सरकार को 43 (जी3/ जी2) ब्लॉक सौंपी है। इनमें से 14 ब्लॉक चूना पत्थर के हैं, 4 ब्लॉक बेस मेटल के हैं, बॉक्साइट के 4 ब्लॉक, ग्लूकोनेट के 3 ब्लॉक, मैंगनीज के 6 ब्लॉक, 6 लौह अयस्क के ब्लॉक और हीरा, फ्लोट आयरन अयस्क, फ्लक्स ग्रेड डनोनाइट (एमजीओ), मैग्नेटाइट, पीजीई और ग्रेफाइट और वैनेडियम के क्रमश: एक-एक ब्लॉक हैं।

11. ओडिशा राज्य का 11 ब्लॉक के साथ सबसे बड़ा योगदान है। उसके बाद राजस्थान (6 ब्लॉक) और झारखंड (6 ब्लॉक) का योगदान है। अन्य योगदान देने वाले राज्य मध्य प्रदेश- 4 ब्लॉक, मेघालय- 3 ब्लॉक, छत्तीसगढ़- 3 ब्लॉक, बिहार- 3 ब्लॉक, गुजरात- 2 ब्लॉक, तमिलनाडु 2 ब्लॉक हैं। आंध्र प्रदेश, असम और कर्नाटक ने एक-एक ब्लॉक का योगदान दिया है।

12. जीएसआई ने सितंबर, 2021 के महीने में राज्य सरकारों को नीलामी के लिए चरण-I में 100 संभावित जी4 चरण ब्लॉक सौंपे हैं। वहीं, नवंबर, 2021 में चरण-II में 52 संभावित जी4 ब्लॉक सौंपे हैं।

-(बी) खनिज अन्वेषण निगम लिमिटेड (एमईसीएल)

 

वर्ष 2021 (नवंबर-21 तक) के दौरान, एमईसीएल ने विभिन्न खनिज जिंसों की 39 भूगर्भीय रिपोर्टों जमा किए हैं जिसमें कोयला, लिग्नाइट, तांबा, चूना पत्थर, लौह अयस्क, मैंगनीज, मैग्नेसाइट इत्यादि शामिल हैं। वहीं, राष्ट्रीय खनिज सूची में 10,414.36 मिलियन टन संसाधन जोड़े गए जिनमें से 17 भूगर्भीय रिपोर्ट एनएमईटी को जमा कर दी गई है।

ओडिशा राज्य में विस्तृत खोज और संबद्ध कार्यों को पूरा करने के लिए ओडिशा खनिज अन्वेषण निगम लिमिटेड (ओएमईसीएल), भुवनेश्वर के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।

राजस्थान में पोटाश और पायलट संयंत्र निर्माण के लिए व्यवहार्यता अध्ययन करने के लिए एमओयू ने खानों और भूविज्ञान विभाग (डीएमजी), राजस्थान और राजस्थान राज्य खानों और खनिज लिमिटेड (आरएसएमएमएल) के साथ एमओयू साइनकिए हैं।

एमईसीएल ने सीएमपीडीआईएल ब्लॉक में विस्तृत ऊर्जा और गैर-कोयला अन्वेषण के लिए केंद्रीय खान योजना और डिजाइन संस्थान (सीएमपीडीआईएल), रांची के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।

एमईसीएल ने खनिज संसाधनों के मूल्यांकन में तेजी लाने के लिए खान और भूविज्ञान (डीजीएम), गोवा निदेशालय के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। साथ ही नीलामी के लिए खनिज ब्लॉक की खोज की है।

भूविज्ञान और खनन निदेशालय (डीजीएम), मध्य प्रदेश और मध्य प्रदेश राज्य खनन निगम लिमिटेड (एमपीएसएमसीएल) के साथ मध्य प्रदेश राज्य में खनिज क्षेत्रों के लिए अन्वेषण और संबद्ध कार्य करने के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।

आधुनिकीकरण कार्यक्रम के तहत, एमईसीएल ने तकनीकी नवाचारों के लाने और उन्नत सॉफ्टवेयर और उपकरण आदि के लिए कदम उठाए हैं, जैसे कि डेटामाइन स्टूडियो-आरएम, जियोविया माइन्स और जियो सर्पैक (डैसॉल्ट सिस्टम, फ्रांस), आर्क जीआईएस, एर्डस कल्पना, स्लिमहोल भूगर्भीय लॉगिंग सिस्टम, कोर स्कैनर, एक्सआरएफ, आईसीपी एमएस, आईसीपी ओईएस आदि।

रणनीतिक विविधीकरण कार्यक्रम के तहत, स्थायित्व और लाभप्रदता बढ़ाने के लिए एमईसीएल ने व्यापार और कॉर्पोरेट स्तर दोनों क्षेत्रों में अपनी गतिविधियों को विविधता प्रदान कर रहा है। एमईसीएल बीजीएमएल में विभिन्न गतिविधियों को पूरा करने के लिए प्रोग्राम मैनेजर के रूप में लगे हुए हैं, जिसमें टेक्नो-वाणिज्यिक व्यवहार्यता अध्ययन और बीजीएमएल की भविष्य की कार्य योजना के लिए परामर्शदाता की नियुक्ति शामिल है।

इसके अलावा, एमईसीएल को राजस्थान सरकार द्वारा पोटाश के खनन के लिए व्यवहार्यता अध्ययन करने के लिए एक कार्यक्रम प्रबंधक के रूप में नियुक्त किया गया है। इसके अलावा एमईसीएल अपने नीलामी उद्देश्य के लिए खनिज ब्लॉक की व्यवहार्यता का अध्ययन करने के लिए तकनीकी सहायता के लिए राज्य सरकार को परामर्श भी प्रदान कर रहा है। एमईसीएल ने विभिन्न राज्यों के लिए नोडल अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की है और मध्य प्रदेश, झारखंड, राजस्थान, कर्नाटक और गोवा राज्यों में अपने भूवैज्ञानिक अधिकारियों को तैनात किया है।

एमईसीएल विभिन्न राज्य सरकारों, सीपीएसई और अन्य एजेंसियों के लिए रेफरी एजेंसी के रूप में भू-रासायनिक विश्लेषण सेवाएं भी प्रदान कर रहा है।

-कोयला, खानों और संसदीय मामलों के केंद्रीय मंत्री श्री प्रल्हाद जोशी ने नवंबर में खानों और खनिजों-2021 पर 5वें राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया और प्रदर्शन वर्ष 2017-18 से 2019-20 के लिए खानों की स्टार रेटिंग के तहत पाइव स्टॉर रेटिंग प्राप्त करने वाले 149 खानों को सम्मानित किया। मंत्री ने राज्य सरकारों को जी4 चरण खनिज जांच से निकले 52 संभावित खनिज ब्लॉक भी सौंपे। यह इस साल सितंबर में विभिन्न राज्य सरकारों को सौंपी गई सौ खनिज ब्लॉक के अलावे थे।

-खनिज ब्लॉक और खनिज अन्वेषण की नीलामी की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए खनन कानूनों में हालिया संशोधन के बारे में जानकारी देने के लिए पैनल चर्चाओं का एक तकनीकी सत्र आयोजित किया गया। खनिज क्षेत्र में अन्वेषण एजेंसियों के लिए क्यूसीआई-नाबेट के माध्यम से खान मंत्रालय द्वारा विकसित प्रमाणीकरण योजना का एक ऑनलाइन पोर्टल भी सम्मेलन के दौरान लॉन्च किया गया है।

-इंडियन ब्यूरो ऑफ माइन्स (आईबीएम)

-आईबीएम के कार्यों के मुख्य चार्टर के अलावा, यानी विभिन्न फील्ड निरीक्षण, अयस्क ड्रेसिंग जांच, कुछ प्रमुख उपलब्धियां हैं:

कोयला, खान और संसदीय मामलों के केंद्रीय मंत्री ने 23.11.2021 को खानों और खनिजों-2021 पर 5वें राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया और प्रदर्शन वर्ष 2017-18 से 2019-20 के लिए खानों की स्टार रेटिंग के तहत पाइव स्टार रेटिंग प्राप्त करने वाले 149 खानों को सम्मानित किया।

खनन निगरानी प्रणाली (एमएसएस) एक उपग्रह आधारित निगरानी प्रणाली है जिसका उद्देश्य स्वचालित रिमोट सेंसिंग डिटेक्शन प्रौद्योगिकी के माध्यम से उत्तरदायी खनिज प्रशासन स्थापित करना और अवैध खनन गतिविधि को रोकना है। खनन निगरानी प्रणाली का उपयोग करके, दूसरे चरण में देश भर में 52 प्रमुख खनिज ट्रिगर्स का पता लगाया गया है, जिनमें से 45 राज्य सरकारों द्वारा सत्यापित किए गए हैं और 5 मामलों में अनधिकृत खनन गतिविधियों की पहचान की गई है। इसी प्रकार, मामूली खनिजों के संबंध में, 130 ट्रिगर्स उत्पन्न किए गए हैं, जिनमें से 104 सत्यापित किए गए हैं और 9 मामलों में अनधिकृत खनन गतिविधियों की पहचान की गई है। राज्य सरकार के अधिकारियों को लघु खनिजों के लिए एमएसएस अपनाने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम भी किए गए हैं। 2020-21 में तीसरे चरण में, राज्यों में प्रमुख खनिजों के लिए उत्पन्न 119 ट्रिगर्स में से, राज्य सरकारों द्वारा 62 ट्रिगर्स अब तक सत्यापित किए गए हैं और 9 मामलों को संबंधित राज्य सरकारों द्वारा क्षेत्र सत्यापन के बाद अनधिकृत घोषित किया गया है।

विभिन्न राज्यों के कुल 164 अधिकारियों ने खनन निगरानी प्रणाली के प्रशिक्षण में भाग लिया।

खनन किराये प्रणाली के तहत, एमटीएस परियोजना के मॉड्यूल जैसे पीएमकेकेकेवाई, पंजीकरण और दैनिक रिटर्न पहले ही लॉन्च किए गए थे। दैनिक रिटर्न और मासिक रिटर्न देखने और जमा करने की लाइव सुविधा उपलब्ध है।

चालू वर्ष के दौरान, सितंबर, 2021 तक खनिजों के लिए औसत बिक्री मूल्य (एएसपी) और अक्टूबर, 2021 तक की धातुओं की औसत बिक्री मूल्य को आईबीएम की वेबसाइट पर प्रदर्शित किया गया है।

आईबीएम ने इंडियन मिनरल्स बुकईयर 2019 (खंड-I और III) जैसे महत्वपूर्ण किताबों को प्रकाशन किया है जिसमें अक्टूबर 19 से मार्च 20 और अप्रैल 2020 से सितंबर, 2020 की अवधि के लिए खनिज सूचना पर अर्धवार्षिक बुलेटिन, वर्ष 2018-19 के अंक के लिए खनिजों के सांख्यिकीय प्रोफाइल, भारतीय खनिज उद्योग एक नजर 2016-17 और 2017-18 इश्यू में, खनन पट्टा और प्रॉस्पेक्टिंग लाइसेंस 2019 और सभी हितधारकों के हित के लिए तकनीकी डेटा का प्रसार करने के लिए मार्च 2020 तक खनिज उत्पादन के मासिक आंकड़े (एमएसएमपी) जारी किए हैं।

मानव संसाधन के क्षमता निर्माण के हिस्से के रूप में, वीसी-एनआईसी के माध्यम से आईबीएम कर्मचारियों के लिए 8 ऑनलाइन प्रशिक्षण पाठ्यक्रम आयोजित किए गए जिसमें कुल 292 आईबीएम अधिकारियों ने भाग लिया।

2020-21 के दौरान, आईबीएम कार्यालयों ने 16-30 नवंबर 2020 के दौरान कार्यालय परिसर के साथ-साथ खनन स्थल क्षेत्रों, आसपास के गांवों और स्कूलों में स्वच्छता पखवाड़ा मनाया गया।

रणनीतिक खनिजों में आत्मनिर्भरता की दिशा में कई पहल की गई।

-खनिज बिदेश इंडिया लिमिटेड (केएबीआईएल)

खान मंत्रालय के तत्वावधान में, नाल्को, एचसीएल और एमईसीएल के सहयोग से खनिज बिदेश इंडिया लिमिटेड (केएबीआईएल) नामक एक संयुक्त उद्यम कंपनी की स्थापना की गई है। देश की खनिज सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से, केएबीआईएल को महत्वपूर्ण और रणनीतिक खनिजों की विदेशी खनिज संपत्तियों की पहचान और अधिग्रहण करने का जिम्मा है ताकि ऊर्जा खनिजों की आपूर्ति को मजबूत किया जा सके- मुख्य रूप से महत्वपूर्ण और रणनीतिक खनिज जैसे लिथियम, कोबाल्ट और अन्य। प्रमाणित किए गए अध्ययन और चयन मानदंड के आधार पर विभिन्न देशों को विदेशों में खनिज संपत्ति अधिग्रहण की खोज के लिए चुना गया है।

ऑस्ट्रेलिया, अर्जेंटीना, बोलीविया और चिली आदि जैसे देशों के साथ केएबीआईएल की भागीदारी चल रही है। इन देशों में महत्वपूर्ण और रणनीतिक खनिजों के बहुत बड़ा भंडार है। प्राथमिक इंटरफेस उन देशों में भारत के संबंधित दूतावास और मिशन हैं जो संभावित खनिज क्षेत्रों के संबंध में सूचना साझा करने के लिए प्राथमिक रूप से राज्य के स्वामित्व वाले संगठनों के साथ निवेश निर्णय लेने के लिए हैं।

यह अनुमान लगाया गया है कि लिथियम, कोबाल्ट जैसे महत्वपूर्ण और रणनीतिक खनिजों के आपूर्ति मजबूत होने से भारत सरकार की "आत्मनिर्भर भारत" पहल को प्रोत्साहन मिलेगा और -मोबिलिटी, नवीकरणीय ऊर्जा, चिकित्सा, एयरोस्पेस, विमानन आदि कई क्षेत्रों को लाभ मिलेगा।

 

-राष्ट्रीय एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (नाल्को)

वित्त वर्ष 2020-21 के वित्तीय प्रदर्शन का मुख्य अंश:

कोविड महामारी के कारण बने प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद, वित्त वर्ष 2020-21 में नाल्को का शुद्ध लाभ 840% बढ़कर 1299.53 करोड़ रुपये हो गया है। वहीं, पिछले वित्त वर्ष यानी वित्त वर्ष 2019-20 में शुद्ध लाभ 138 करोड़ रुपये था।

कंपनी ने वित्त वर्ष 2020-21 में शुरुआत के बाद से अब तक का सबसे अधिक बॉक्साइट उत्पादन (73.65 लाख टन) का रिकॉर्ड बनाया।

कंपनी ने अब तक का सबसे अधिक 1.92 लाख टन धातु के निर्यात का रिकॉर्ड बनाया है। इससे पहले 2009-10 में 1.47 लाख टन धातु निर्यात का सर्वश्रेष्ठ रिकॉर्ड बना था।

उत्कल-डी कोल ब्लॉक का माइनिंग लीज डीड मार्च, 2021 में निष्पादित किया गया।

जेम पोर्टल के माध्यम से वित्त वर्ष 2020-21 में कुल खरीद 343.19 करोड़ रुपये की गई। वहीं, 2019-20 में 8.42 करोड़ रुपये की खरीद की गई थी।

एमएसई से 25% के अनिवार्य खरीद लक्ष्य के मुकाबले नाल्को ने वित्त वर्ष 2020-21 में कुल खरीद का 30.42% एमएसई से किया।

-वित्त वर्ष 2021-22 (नवंबर-2021 तक) के प्रदर्शन का मुख्य अंश:

कंपनी ने पिछले वर्ष की इसी अवधि में हासिल किए गए 124 करोड़ रुपये के मुकाबले वित्त वर्ष 2021-22 के पहली छमाही के दौरान 1,095 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हासिल किया।

स्थापना के बाद से अब तक का सर्वाधिक 2,26,029 एमटी एल्युमीनियम कास्ट मेटल का उत्पादन किया। इससे पहले वित्त वर्ष 2010-11 में 2,21,208 एमटी का उत्पादन किया गया था।

खानों के लिए सीपीपी की लीन स्लरी राख निपटान प्रणाली को जुलाई 2021 में चालू कर दिया गया है। यह पर्यावरण के अनुकूल राख निपटान की सुविधा प्रदान करता है।

नाल्को की पंचपटमाली बॉक्साइट खानों को खान मंत्रालय द्वारा नवंबर 2021 में स्थायी खनन के लिए 5 स्टार रेटिंग से सम्मानित किया गया था।

एल्यूमिना रिफाइनरी ने सीआईआई एक्जिम बैंक बिजनेस एक्सीलेंस प्लेटिनम पुरस्कार जीता और पंचपटमाली बॉक्साइट माइंस ने सीआईआई नेशनल क्वालिटी समिट में गोल्ड प्लस श्रेणी में पुरस्कार प्राप्त किया।

दिनांक 12.04.2021 को ओडिशा सरकार के इस्पात एवं खान विभाग द्वारा नाल्को को उत्कल- कोयला ब्लॉक के 523.73 हेक्टेयर क्षेत्र में खनन पट्टा प्रदान किया गया है।

नाल्को ने नवंबर-21 में बड़े पैमाने पर विनिर्माण इकाई श्रेणी के तहत भारतीय धातु संस्थान (आईआईएम) द्वारा स्थापित अलौह सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन पुरस्कार 2020-21 प्राप्त किया है।

नाल्को की पंचपटमाली बॉक्साइट खान को प्रभावी प्रदूषण नियंत्रण उपायों और ध्वनि पर्यावरण प्रबंधन प्रथाओं के लिए राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, ओडिशा द्वारा प्रतिष्ठित प्रदूषण नियंत्रण उत्कृष्टता पुरस्कार 2021 से सम्मानित किया गया है।

-कोविड-19 महामारी से लड़ने में मदद के लिए कंपनी द्वारा शुरू की गई प्रमुख गतिविधियां:

नाल्को ने पीएम केयर फंड में 7.6 करोड़ रुपये (अपने कर्मचारियों के एक दिन का वेतन 2.6 करोड़ रुपये सहित) का योगदान दिया। कंपनी ने ओडिशा सीएम के राहत निधि में कर्मचारियों का एक दिन का वेतन 2.6 करोड़ रुपये का भी योगदानदिया। कंपनी ने कोविड-19 राहत निधि में कुल 10.2 करोड़ रुपये का कुल योगदान दिया।

नबरंगपुर में 200 बिस्तरों वाला विशेष कोविड-19 अस्पताल और कोरापुट, ओडिशा में 70 बिस्तरों वाला एसएलएनएम कॉलेज और अस्पताल के लिए फंड मुहैया कराया।

ओडिशा सरकार के साथ मिलकर नाल्को ने ओडिशा में अंगुल जिले में 150 बिस्तर वाले जिला कोविड अस्पताल को वित्त पोषित किया।

दो विशिष्ट कोविड देखभाल केंद्र (प्रत्येक में 50 बिस्तर), दामनजोड़ी और अंगुल में एक-एक और भुवनेश्वर में एक कोविड देखभाल केंद्र (20 बिस्तर) स्थापित किया।

ओडिशा सरकार को 25,70,000 क्षमता (खुराक) कोविड टीका रेफ्रिजेरेटेड ट्रक, दो वेंटिलेटर एम्बुलेंस और डिजिटल एक्स-रे मशीन उपलब्ध कराया गया।

अज़ादी का अमृत महोत्सव उत्सव में नाल्को ने योगदान दिया।

अकादमिक विकास पहल के रूप में ओडिशा में 300 स्मार्ट -श्रेणी के कमरे के निर्माण में नाल्को मदद देगी।

नाल्को, नाल्को फाउंडेशन के सहयोग से भुवनेश्वर के एक वृद्धाश्रम में रेफ्रिजरेटर और मिक्सर ग्राइंडर, मासिक राशन, मास्क और सैनिटाइज़र जैसी वस्तुओं का दान किया।

नाल्को स्कूल के बच्चों के बीच कई गतिविधियों का आयोजन करके आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है।

-हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड (एचसीएल)

वित्त वर्ष 2020-21 के लिए भौतिक प्रदर्शन के मुख्य अंश:

-कंपनी ने वित्त वर्ष 2020-21 में कुल तांबा धातु की बिक्री 32,997 टन की।

-वित्त वर्ष 2020-21 के वित्तीय प्रदर्शन का मुख्य अंश:

वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान, कंपनी का कारोबार बढ़कर 1760.84 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान कंपनी का कारोबार 803.17 करोड़ था। इस तरह 119% की वृद्धि दर्ज की गई। वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान जारी और बंद करने वाले ऑपरेशन के बाद भी कर के बाद लाभ/(हानि) 109.98 करोड़ रुपये रहा।

-अन्य उपलब्धियों की मुख्य विशेषताएं:

अप्रैल 2021 में क्यूआईपी (क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट) मार्ग के माध्यम से चल रहे पूंजीगत व्यय परियोजना के लिए बाजार से 500 करोड़ रुपये की पूंजी जुटाने वाला पहला गैर-बैंकिंग सार्वजनिक उपक्रम एचसीएल रहा।

एचसीएल ने भारत सरकार को सितंबर 2021 में ओएफएस (ऑफर फॉर सेल) मार्ग के माध्यम से भारत सरकार की शेयरधारिता को लगभग 6.62% तक विनिवेश करने की सुविधा प्रदान की।

एचसील ने वित्त वर्ष 2020-21 में एमएसएमई विक्रेताओं से 25% के अनिवार्य लक्ष्य के मुकाबले कुल खरीद का 41.12% खरीदारी किया।

एमसीपी इकाई में 4.5 मेगावाटपी सौर संयंत्र की स्थापना के लिए पार्टी के साथ बिजली खरीद समझौते (पीपीए) पर हस्ताक्षर किए गए हैं।

मलंजखंड भूमिगत खनन परियोजना ने 240 एमआरएल और 295 एमआरएल पर उत्तर और दक्षिण की खानों के परस्पर संबंध जैसे महत्वपूर्ण फैसले किए हैं। इसने अंडरग्राउंड खानों से अयस्क को बाहर निकालने की प्रक्रिया को तेज करेगा।

एचसीएल ने अपने वार्षिक कॉपर कॉन्संट्रेट उत्पादन की कुल मात्रा के लगभग 60% की बिक्री के लिए एक घरेलू प्राथमिक तांबा उत्पादक के साथ एक लंबी अवधि के बिक्री समझौते पर हस्ताक्षर किया है।

-पुरस्कार और प्रशंसा:

डीजीएमएस, श्रम और रोजगार मंत्रालय, भारत सरकार ने एचसीएल को कोलिहान खान के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा पुरस्कार (खान)-2017 (विजेता) और 2018 (एलआईएफआरएम-टाइप-6 श्रेणी के दोनों के लिए रनर) के चयन के बारे में सूचित किया।

खेत्री खान के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा पुरस्कार (खान) 2018 (विजेता-एलआईएफआरएम-टाइप -6 श्रेणी) और 2019 (रनर-एलएएफपी-टाइप -6 श्रेणी),

मलंजखंड खान के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा पुरस्कार (खान)-2020 (रनर) (एलएएफपी-टाइप-4 श्रेणी),

एचसीएल की खेतड़ी खदान को वर्ष 2017-18 के लिए फाइव स्टार रेटेड खदान के रूप में घोषित किया गया था और यह पुरस्कार दिनांक 23.11.2021 को नई दिल्ली में खान और खनिजों पर 5वें राष्ट्रीय सम्मेलन में माननीय खान मंत्री द्वारा दिया गया था।

-अनुसंधान और विकास (आरएंडडी) पहल

जवाहरलाल नेहरू एल्यूमिनियम अनुसंधान विकास और डिजाइन केंद्र (जेएनएडीडीसी)

2021 के दौरान जेएनएआरडीडीसी को नवीन अनुसंधान एवं विकास प्रक्रिया के लिए एक पेटेंट प्रदान किया गया था।

पेटेंट संख्या-340231 दिनांक 02.07.2020 (आविष्कारक-डॉ. एमडी नजर पीए) को "भू-विश्लेषणात्मक अनुप्रयोग के लिए कमरे के तापमान पर बॉक्साइट में एल्यूमिना और सिलिका असर खनिज चरणों के चयनात्मक इन-सीटू विघटन के लिए प्रक्रिया का विकास करता है" एल्यूमिना (एएल23) और सिलिका (एसआईओ2) के बॉक्साइट में खनिज चरणों जैसे कि कमरे के तापमान पर गिबसाइट और काओलाइट का चयनात्मक और आत्मनिर्भर विघटन, तुलनात्मक सटीकता के साथ अन्वेषण स्थल के साथ-साथ प्रयोगशाला दोनों में खनिज घटकों का तेजी से निर्धारण करने में सक्षम बनाता है।इस प्रक्रिया का विशिष्ट लाभ बॉक्साइट और लेटराइट नमूनों के त्वरित मूल्यांकन और न्यूनतम ढांचागत समर्थन की आवश्यकता के लिए दूरस्थ खनन स्थलों के लिए इसका आसान लचीलापन और सुवाह्यता है।

जेएनएआरडीडीसी ने अपनी एनएबीएल मान्यता को आईएसओ/आईईसी 17025:2005 से आईएसओ/आईईसी 17025:2017 में सफलतापूर्वक अपग्रेड किया है, जिसमें क्रोमाइट अयस्क के रासायनिक परीक्षण के सभी मापदंडों को शामिल करते हुए नए दायरे को शामिल किया गया है, जिससे व्यापार के अवसरों में वृद्धि होने की उम्मीद है।

रिकॉर्ड समय में कोयला और अनुसंधान प्रयोगशाला (सीसीआरएल) की स्थापना (निकटतम विश्लेषण के माध्यम से विभिन्न मापदंडों के लिए कोक/कोयला के नमूनों का परीक्षण करने के लिए-निर्धारित कार्बन, नमी, वाष्पशील पदार्थ और राख और सकल कैलोरीफ मूल्य निर्धारित आईएस/एएसटीएम विधियों द्वारा), प्राप्त करना सीसीआरएल (आईएसओ/आईईसी 17025:2017) के लिए एनएबीएल मान्यता और विश्लेषण के लिए कोयला रेफरी के नमूनों की पर्याप्त आमद जो आने वाले समय में केंद्र की कमाई को बड़ा बढ़ावा देगी।

क्रिटिकल एक्सट्रूज़न प्रोफाइल के निर्माण के लिए छोटे और मध्यम उद्यमों के लिए एंडटूएंड टेक्नोलॉजी सॉल्यूशंस (ऑप्टिमाइज्ड डाई डिजाइन, प्रोसेस इंटीग्रेशन द्वारा प्रोसेस पैरामीटर के साथ फेब्रिकेटेड डाई) प्रदान करने के लिए विशेषज्ञता विकसित करना है। वर्तमान में, हिट एंड रन परीक्षणों के आधार पर प्राप्त शॉप फ्लोर कर्मियों के निहित ज्ञान के आधार पर महत्वपूर्ण एक्सट्रूजन प्रोफाइल विकसित किए जाते हैं जो केवल महंगे हैं बल्कि अधिक समय लेने वाले भी हैं। एक्सट्रूजन सुविधाओं का प्रभावी ढंग से उपयोग करने के लिए, केंद्र नए अंतिम उपयोगकर्ता अनुप्रयोगों जैसे ऑटोमोबाइल, भवन और निर्माण, एयरोस्पेस में उपयोग किए जाने वाले प्रोफाइल पर ध्यान केंद्रित कर रहा है ताकि उपभोग को बढ़ावा देने के लिए उपयोगकर्ता उद्योगों को समाप्त करने के लिए प्रोटोटाइप बनाया और प्रदर्शित किया जा सके।

ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (बीईई), विद्युत मंत्रालय ने जलवायु परिवर्तन परियोजना के तहत राष्ट्रीय संवर्धित ऊर्जा दक्षता मिशन (एनएमईईई) में पीएटी (प्रदर्शन, उपलब्धि और व्यापार) योजना के तहत एल्यूमीनियम क्षेत्र के लिए एक क्षेत्र विशेषज्ञ के रूप में जेएनएआरडीडीसी के नामांकन का नवीनीकरण किया।

एक नियमित प्राधिकारी तक "राष्ट्रीय अलौह धातु स्क्रैप रीसाइक्लिंग फ्रेमवर्क 2020" (सांविधिक कार्यों को छोड़कर) में निर्धारित धातु रीसाइक्लिंग प्राधिकरण के लिए निर्धारित कार्यों को पूरा करने के लिए खान मंत्रालय (एमओएम), भारत सरकार द्वारा जेएनएआरडीडीसी का नामांकन और प्राधिकरण अधिसूचित किया जाता है। जेएनएआरडीडीसी खान मंत्रालय की देखरेख में काम करेगा और एमओईएफ और सीसी, सीपीसीबी/एसपीसीबी, उपभोक्ता मामलों के विभाग, भारतीय मानक ब्यूरो और अन्य हितधारकों से संबंधित विभिन्न गतिविधियों को करने के लिए निकटता से समन्वय करेगा जो गैर-लौह धातु (अर्थात् एआई, सीयू, जेडएन और पीबी) पुनर्चक्रण के लिए जो स्क्रैप हैंडलिंग, प्रसंस्करण, गुणवत्ता, प्रमाणन और पर्यावरण मानदंडों आदि के लिए उचित दिशानिर्देश सुनिश्चित करता है। एक प्लेटफॉर्म के नीचे संगठित तरीके से रिपोर्टिंग या पंजीकरण के लिए रिसाइकलर, ओईएम, स्क्रैप ट्रेडर्स, जनरेटर आदि सहित सभी हितधारकों को लाने के लिए एक मंच तैयार किया जाएगा। केंद्र ने यह सुनिश्चित करने के लिए गतिविधियां शुरू की हैं ताकि वांछित ढांचा तैयार हो और उसे लागू किया जाए।

-राष्ट्रीय रॉक मैकेनिक्स संस्थान (निर्म)

1. निर्म को खनन क्षेत्र में अनुसंधान एवं विकास सहायता और विशेषज्ञता के रूप में स्थापित किया गया है। निर्म खनन और सिविल इंजीनियरिंग गतिविधियों से संबंधित रॉक मैकेनिक्स और रॉक इंजीनियरिंग के पूरे स्पेक्ट्रम में क्षेत्र और प्रयोगशाला जांच, बुनियादी और अनुप्रयुक्त अनुसंधान और जटिल समस्याओं को हल करने से संबंधित है।

2. कोविड -19 के कारण महामारी से प्रभावित अवधि के दौरान निर्म ने अपनी वैज्ञानिक जांच को पूरा करने के लिए सभी प्रयास किए थे और वैज्ञानिक पहल प्रमुख खानों (कोयला और धातु) में शामिल थे। निर्म ने उन्नत भूवैज्ञानिक, इन-सीटू तनाव मापन, संख्यात्मक मॉडलिंग, उत्खनन डिजाइन, इंजीनियरिंग भूभौतिकीय जांच, भूमिगत संरचनाओं की उन्नत निगरानी और उत्खनन की स्थिरता के माध्यम से वैज्ञानिक सेवाएं प्रदान की हैं जिसके परिणामस्वरूप नागरिक और खनन उद्योगों में समय, धन, सुरक्षा और उत्पादकता बढ़ाने में मदद मिलेगी।

3. मध्य प्रदेश राज्य में पुराने, परित्यक्त खान क्षेत्रों (8 स्थानों) में इंजीनियरिंग भूभौतिकीय जांच ने पुराने अवशेष विशाल गुहा जेबों की मैपिंग की है जो आवासीय कॉलोनियों सहित इमारतों के लिए खतरनाक थे। इससे ऐसी परित्यक्त खानों से जुड़ी अप्रिय घटनाओं और पर्यावरणीय खतरों को रोका जा सकेगा।

4. विशाखापत्तनम में रक्षा क्षेत्र के भूमिगत गुफाओं के डिजाइन और उत्खनन के लिए एनआईआरएम के इन-सीटू तनाव माप महत्वपूर्ण हैं। एनआईआरएम विशाखापत्तनम के निकट बंदरगाहों और नौसैनिक अड्डे के लिए उपयुक्त चट्टान के वर्गीकरण और पहचान के लिए अपनी विशेषज्ञता प्रदान करना जारी रखे हुए है।

5. अरुण 3 एचईपी, नेपाल और भूटान में पुनात्सांगचु एचईपी में भूमिगत उत्खनन के 3डी संख्यात्मक मॉडल ने भूमिगत संरचनाओं की कुशल डिजाइन के लिए महत्वपूर्ण विस्थापन और व्यवहार प्रवृत्ति के लिए रॉकमास क्षेत्रों की पहचान की।

6. कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र (केकेएनपीपी), तमिलनाडु (2 x 1000 मेगावाट) की नई और आगामी इकाइयों के लिए परिचालन इकाइयों 1 और 2 के पास, एनआईआरएम तकनीकी के जरिये सुरक्षित रूप से चट्टान की खुदाई पूरी हुई और लगभग 0.14 लाख क्यूबिक मीटर कठोर चट्टान की खुदाई की गई।

7. नागरिक, खनन और बुनियादी ढांचा क्षेत्रों के लिए वैज्ञानिक योगदान को जारी रखने के लिए देश और विदेश में विभिन्न आने वाली जलविद्युत और खनन परियोजनाओं के लिए प्रमुख वैज्ञानिक पहल की गई है।

8. निर्म ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं में विभिन्न वैज्ञानिक प्रकाशन किए हैं। निर्म वैज्ञानिकों की एक बड़ी भागीदारी मलेशिया में अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन है जो खनन, सुरंग और भूमिगत संरचनाओं में भू-तकनीकी चुनौतियों पर फोकस है।

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