आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय
azadi ka amrit mahotsav

आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय की सलाहकार समिति की बैठक का आयोजन

Posted On: 21 DEC 2021 8:08PM by PIB Delhi

आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय की सलाहकार समिति की बैठक आज संसदीय सौध, नई दिल्ली में आयोजित की गई। इस बैठक का विषय स्मार्ट सिटी मिशन था। आवासन और शहरी कार्य मंत्री श्री हरदीप पुरी ने बैठक की अध्यक्षता की।

स्मार्ट सिटी मिशन की जानकारी देते हुये श्री पुरी ने कहा कि मिशन का मुख्य उद्देश्य ऐसे शहरों को प्रोत्साहन देना है, जहां महत्त्वपूर्ण अवसंरचना और साफ-स्वच्छ पर्यावरण हो तथा जो स्मार्ट सॉल्यूशंस के जरिये अपने निवासियों को बेहतर जीवन दे सकें। इसकी शुरूआत 25 जून, 2021 को की गई थी। मिशन का लक्ष्य है आर्थिक उन्नति को गति देना और शहर के सामाजिक, आर्थिक, भौतिक और संस्थागत आधार में समग्रता के साथ काम करके जीवन की गुणवत्ता में सुधार करना। उल्लेखनीय है कि दो स्तरीय राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा के माध्यम से 100 शहरों को स्मार्ट सिटी में विकसित करने के लिये चुना गया है।

स्मार्ट सिटी मिशन केंद्र द्वारा प्रायोजित योजना है, जिसके तहत केंद्र सरकार पांच वर्षों के दौरान 48000 करोड़ रुपये तक की वित्तीय सहायता प्रदान करेगी, यानी हर शहर को प्रतिवर्ष के हिसाब से औसतन 100 करोड़ रुपये प्राप्त होंगे। साथ ही इसी के बराबर की धनराशि राज्य/शहरी स्थानीय निकाय देंगे। इसके लिये सार्वजनिक-निजी साझेदारियों के जरिये निजी क्षेत्र की भागीदारी पर जोर दिया जा रहा है। राष्ट्रीय स्तर के हिसाब से देखा जाये, तो इन प्रस्तावों में 5000 से अधिक परियोजनायें हैं, जिनकी लागत 2,00,000 करोड़ रुपये से अधिक है। मिशन दोहरी रणनीति पर काम कर रहा है, जिसमें पूरे शहर को विकसित करने तथा क्षेत्र आधारित विकास परियोजनायें शामिल हैं। शहरी स्तर पर कार्यान्वयन के लिये विशेष उद्देश्य की पूर्ति करने वाली सहायक संस्था (एसपीवी) का गठन किया गया है। इस तरह स्मार्ट सिटी की अवधारणा विकास के स्तर, बदलाव की इच्छा, सुधार संसाधन और शहर के निवासियों की आकांक्षा पर निर्भर करती है।

12 नवंबर, 2021 तक मिशन की कुल प्रगति से पता चलता है कि इसका क्रियान्वयन बहुत तेजी से हो रहा है। अब तक 184,998 करोड़ रुपये की 6452 से अधिक परियोजनाओं के ठेके दिये जा चुके हैं। इनमें से 156571 करोड़ रुपये की 5809 परियोजनाओं के लिये कार्यादेश दे दिये गये हैं। इनमें से 53,175 करोड़ रुपये की 3131 परियोजनायें पूरी हो चुकी हैं। मिशन की शुरूआत के बाद से भारत सरकार ने मिशन के तहत 100 शहरों के लिये 27,234 करोड़ रुपये जारी किये हैं। राज्यस्तरीय उच्चाधिकार प्राप्त संचालन समिति इन शहरों में कार्य की प्रगति का नियमित जायजा लेती रहती है।

मिशन ने कई पहलें की हैं, जो न सिर्फ शहरी विकास के विभिन्न पक्षों के मद्देनजर समेकित विकास सुनिश्चित करेंगी, बल्कि देश में बेहतर शहरीकरण के लिये दीर्घकालिक आधार तैयार करने में मदद करेंगे। कुछ पहलें इस प्रकार हैं:-

  1. जीवन सुगमता सूचकांक
  2. नगर निकाय के कामकाज का सूचकांक
  3. शहरी जीडीपी संरचना
  4. जलवायु स्मार्ट सिटी मूल्यांकन संरचना
  5. आंकड़ों के इस्तेमाल की मूल्यांकन संरचना
  6. आईसीसीसी के इस्तेमाल की मूल्यांकन संरचना
  7. डेटा सिटी रणनीति
  8. इंडिया अर्बन ऑब्जरवेटरी
  9. इंडिया अर्बन डाटा एक्सचेंज
  10. स्मार्ट सिटी ओपन डाटा इनिशियेटिव
  11. नेशनल अर्बन इनोवेशन स्टैक
  12. राष्ट्रीय शहरी डिजिटल मिशन
  13. आसीटी मानक
  14. इंडिया साइकिल्स4चेंज (आईसी4सी) चैलेंज
  15. स्ट्रीट्स4पीपुल चैलेंज
  16. नरचरिंग नेबरहुड्स चैलेंज
  17. ट्रांसपोर्ट4ऑल (टी4ऑल) चैलेंज
  18. ईट-स्मार्ट सिटी चैलेंज
  19. इनोवेट, इंटीग्रेड एंड सस्टेन (सीआईटीआईआईएस) चैलेंज के लिये शहरी निवेश
  20. शहरों के लिये जलवायु केंद्र
  21. जलवायु स्मार्ट सिटी सहयोग
  22. इंडिया स्मार्ट सिटी फेलोशिप कार्यक्रम
  23. अर्बन लर्निंग इंटर्नशिप कार्यक्रम

श्री पुरी ने यह भी बताया कि कोविड-19 के दौरान आये संकट से निपटने में स्मार्ट शहरों ने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। एकीकृत कमान और नियंत्रण केंद्रों को कोविड-19 वॉर रूम के तौर पर इस्तेमाल किया गया था, जिन्होंने सूचना, संचार, प्रबंधन तथा तैयारी के क्षेत्र में मदद की थी।

माननीय संसद सदस्यों ने बैठक के दौरान कई मूल्यवान सुझाव दिये।

 

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