विद्युत मंत्रालय

विद्युत मंत्रालय ने आजादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण सप्ताह का आयोजन किया


ऊर्जा दक्षता ब्यूरो ने सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों के समूहों के  विद्युत और संसाधन मानचित्रण के परिणामों पर कार्यशाला और विचार-विमर्श का आयोजन किया

ऊर्जा दक्षता ब्यूरो तथा सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय एक सहयोगी मंच "समीक्षा" को बढ़ावा देते हैं

Posted On: 13 DEC 2021 3:44PM by PIB Delhi

विद्युत मंत्रालय 8 से 14 दिसंबर 2021 तक आजादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत ऊर्जा संरक्षण सप्ताह का आयोजन रहा है। इस समारोह के एक हिस्से के रूप में विद्युत मंत्रालय के अंतर्गत ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (बीईई) ने विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया है।

ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (बीईई) ने 11 दिसंबर, 2021 को "राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण सप्ताह" के दौरान इडिया हैबिटैट सेंटर में 08 -14 दिसंबर 2021", "आजादी का अमृत महोत्सव" के तहत सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (एमएसएमई) समूहों के विद्युत और संसाधन मानचित्रण के परिणामों पर एक परस्पर विचार-विमर्श कार्यशाला का आयोजन किया। 08 -14 दिसंबर 2021, "आजादी का अमृत महोत्सव" के तहत इसे प्रतिष्ठित सप्ताह के रूप में आयोजित  किया गया।

ऊर्जा दक्षता ब्यूरो के एक अधिकारी द्वारा 8 क्षेत्रों और 40  संकुलों के संबंध में 'भारत में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों के समूहों की ऊर्जा और संसाधन मानचित्रण' के निष्कर्षों पर एक प्रस्तुति दी गई ।

 

सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम क्षेत्र बड़ी औद्योगिक इकाइयों की रीढ़ के जैसा है और ग्रामीण तथा शहरी क्षेत्रों में रोजगार के अवसर पैदा करता है। एमएसएमई क्षेत्र लगातार अर्थव्यवस्था के क्षेत्रों में अपने कार्यक्षेत्र का विस्तार कर रहा है क्योंकि घरेलू और वैश्विक बाजारों की मांगों को पूरा करने के लिए अब विविध प्रकार के उत्पादों और सेवाओं को तैयार  किया जा रहा है।

ऊर्जा दक्षता ब्यूरो तथा सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय ने एक साथ ऊर्जा कुशल और पर्यावरण के अनुकूल तरीके से इस क्षेत्र के विकास को सुनिश्चित करने के लिए कई पहल की हैं। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम क्षेत्र में विभिन्न प्रतिस्पर्धियों के बीच तालमेल सुनिश्चित करने के लिए, बीईई और एमएसएमई मंत्रालय ने एक सहयोगी मंच - "समीक्षा" (लघु और मध्यम उद्यम ऊर्जा दक्षता ज्ञान साझाकरण) को भी बढ़ावा दिया है। इस मंच का उद्देश्य उपलब्ध ज्ञान को एकत्र करना और स्वच्छ, ऊर्जा प्रौद्योगिकियों तथा प्रथाओं को बढ़ावा देने और अपनाने के लिए विभिन्न संगठनों के प्रयासों में आपसी सामंजस्य बैठाना है। यह स्वीकार किया गया है कि एसएमई क्षेत्र के विकास के लिए एक समन्वित दृष्टिकोण की आवश्यकता है जो सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम क्षेत्र की प्रौद्योगिक, क्षमता और वित्तीय आवश्यकताओं की एक साथ पूर्ति करे। एमएसएमई क्षेत्र की ऊर्जा दक्षता में सुधार के लिए ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (बीईई) ने ऊर्जा कुशल प्रौद्योगिकियों की प्रभावशीलता को व्यापक रूप से अपनाने के लिए कई प्रकार की पहलें की हैं।

ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (बीईई) ने उन विशेषज्ञ एजेंसियों के प्रयासों की सराहना की जिन्होंने एमएसएमई के लिए नीति विकास की सुविधा के लिए ब्यूरो के लिए क्षेत्रीय अध्ययन किया। भारत ने अपनी उत्सर्जन तीव्रता को 45 प्रतिशत कम करने का लक्ष्य रखा है, जिससे जलवायु परिवर्तन से लड़ने के लिए हमारे मानदंडों को ऊपर उठाया जा सके। ऊर्जा परिवर्तन और सभी आर्थिक क्षेत्रों में नवीनतम तकनीकों को अपनाने सहित व्यापक दृष्टि के साथ रोडमैप की योजना बनाना भी आवश्यक है।

 

कार्यशाला का उद्देश्य ऊर्जा और संसाधन मानचित्रण के संदर्भ में 9 चयनित उप-क्षेत्रों में बीईई द्वारा किए जा रहे कार्यों के निष्कर्षों पर चर्चा करना था।

ढलाईखानों एवं लौहभट्टियों, इस्पात री-रोलिंग और कागज, कांच (ग्लास, उच्च ताप सह (रेफ्रेक्ट्री) संयंत्रों एवं रसायनों, औषधि और  ईंट उद्योग, इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन फाउंड्रीमेन, एसोसिएशन ऑफ इंडियन फोर्जिंग इंडस्ट्री, इस्पात निर्माता संगठन, कागज मिल संघ, करनाल रसायन संकुल (केमिकल क्लस्टर), कांच उद्योग जैसे विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिनिधि, सिंडिकेट फिरोजाबाद, औषधि निर्माता संघ और अखिल भारतीय ईंट एवं टाइल निर्माता परिसंघ के प्रतिनिधि इस समारोह में उपस्थित थे।

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