वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय
नागरिकों तथा कंपनियों के अनुपालन बोझ को कम करने के लिए केन्द्र चिंतन बैठक करेगा
‘अनुपालन बोझ कम करने के लिए सुधारों के अगले चरण’ पर एक राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा
डीपीआईआईटी के सचिव ने कई हितधारकों के साथ परस्पर बातचीत की
इसके परिणामों से ‘जीवन की सुगमता’ तथा ‘व्यवसाय करने की सरलता’ में उल्लेखनीय रूप से सुधार आने की उम्मीद
Posted On:
12 DEC 2021 1:37PM by PIB Delhi
ऐसे वर्ष में जब राष्ट्र ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ मना रहा है, केन्द्र ‘जीवन की सुगमता’ तथा ‘व्यवसाय करने की सरलता’ में सुधार लाने के राष्ट्रीय लक्ष्य को हासिल करने तथा सुशासन अर्जित करने के उद्देश्य को आगे बढ़ाने के लिए व्यापक प्रयास कर रहा है। केन्द्र ने नागरिकों तथा कंपनियों के अनुपालन बोझ को और कम करने के लिए सुधारों के अगले चरण में प्रवेश करने के लिए और प्रयास करने का निर्णय किया है।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने सितंबर में विभिन्न विभागों के सचिवों के साथ परस्पर बातचीत की थी और अनुपालन बोझ को कम करने के तरीकों तथा माध्यमों पर चर्चा की थी। डीपीआईआईटी के सचिव श्री अनुराग जैन की अध्यक्षता में भविष्य की कार्य योजना पर चर्चा करने के लिए कई हितधारकों के साथ भी एक बैठक आयोजित की गई थी।
इस मिशन को आगे बढ़ाने के लिए 22 दिसम्बर, 2021 को ‘अनुपालन बोझ कम करने के लिए सुधारों का अगला चरण’ पर एक राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। कार्यशाला के ब्रेकआउट सत्रों के परिणाम कैबिनेट सचिव को प्रस्तुत किए जाएंगे।
कार्यशाला में तीन ब्रेकआउट सत्र होंगे, जिनमें विभिन्न मंत्रालयों के सचिव, विभिन्न राज्य सरकारों के प्रतिनिधि तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी भाग लेंगे।
पहले सत्र की विषयवस्तु ‘संवादहीनता खत्म करना तथा सरकारी विभागों के बीच समन्वय बढ़ाना’ होगी। इस सत्र में केन्द्रीय मंत्रालयों/विभागों तथा राज्य सिंगल विंडो प्रणालियों तथा विभागों के बीच समेकन, सिन, पैन, टैन, जीएसटी, लिन, इंपोर्ट-एक्सपोर्ट कोड (आईईसी) आदि के लिए संयुक्त प्रमाण पत्र जारी करना, विविध पहचान पत्रों को एकल व्यवसाय आईडी में सम्मिलित करना तथा सभी मंत्रालयों/राज्यों/केन्द्रशासित प्रदेशों के बीच सूचना के मानकीकरण तथा विवेकीकरण पर फोकस किया जाएगा।
दूसरे ब्रेकआउट सत्र की विषयवस्तु ‘नागरिक सेवाओं की कुशल प्रदायगी के लिए राष्ट्रीय सिंगल साइन-ऑन’ होगी। इस सत्र में केन्द्रीय तथा राज्य सरकार द्वारा सभी नागरिक सेवाओं को एक ही स्थान ‘नेशनल सिटीजन सेंट्रिक पोर्टल’ के तहत लाने तथा सभी नागरिकों के लिए एक ‘नेशनल डिजिटल प्रोफाइल’ जिसका उपयोग सरकारी फॉर्मों के प्री-फिल के लिए किया जाएगा, के सृजन पर विचार-विमर्श किया जाएगा। नागरिक लाभ खोज तथा प्रदायगी नेशनल सिटीजन सेंट्रिक पोर्टल के माध्यम से की जाएगी। डिजिटल तरीके से स्वप्रमाणित दस्तावेजों के त्वरित हस्तांतरण के लिए डिजीलॉकर फैसिलिटी की पारस्परिकता में सक्षम बनाने पर भी विचार किया जाएगा।
इन पहलों से एक नागरिक केन्द्रित दृष्टिकोण पैदा होगा तथा एक ही छत के नीचे उपलब्ध केन्द्रीय तथा राज्य सरकारों की सभी नागरिक सेवाओं के साथ एक नेशनल सिटीजन सेंट्रिक पोर्टल के निर्माण में सहायता मिलेगी। अंततोगत्वा, सभी सरकारी एजेंसियां डिजिटल रूप से अनुमोदित दस्तावेजों को स्वीकार करना आरंभ कर देंगी और सभी के लिए नागरिक कल्याण लाभों की उपयुक्तता को लेकर स्पष्टता होगी।
तीसरे ब्रेकआउट सेशन की थीम ‘प्रभावी शिकायत निवारण’ होगी। इस सत्र में केन्द्रीकृत लोक-शिकायत निवारण तथा निगरानी प्रणाली (सीपीजीआरएएमएस) तथा शिकायत निवारण के अन्य माध्यमों की प्रभावशीलता पर विचार-विमर्श किया जाएगा। इसमें निवारण गुणवत्ता की बढ़ी हुई प्रभावशीलता तथा प्रभावी शिकायत निवारण में अगली पीढ़ी की प्रोद्योगिकीयों के उपयोग के लिए एक उत्तरादायित्व आधारित तंत्र पर भी चर्चा की जाएगी। प्रभावी शिकायत निवारण तंत्र के निर्माण में राज्यों द्वारा उठाए गए अभिनव कदमों की भी समीक्षा की जाएगी।
विचार-विमर्शों के परिणाम केन्द्रीय तथा राज्य सरकारों के शिकायत निवारण की गुणवत्ता में सुधार लाने तथा मानव स्वभाव पर कम निर्भरता के साथ एक शिकायत निवारण प्रणाली के सृजन के लिए पहल होगी।
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एमजी/एएम/एसकेजे/एमबी
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