स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्रालय

डॉ. भारती प्रवीण पवार ने स्वास्थ्य प्रौद्योगिकी आकलन पर अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी को संबोधित किया


"स्वास्थ्य प्रौद्योगिकी आकलन शोधकर्ताओं और वास्तविक दुनिया के बीच के अंतर को भर रहा है": डॉ. भारती प्रवीण पवार

Posted On: 10 DEC 2021 9:02PM by PIB Delhi

केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण राज्यमंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार ने स्वास्थ्य प्रौद्योगिकी आकलन पर अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी को संबोधित किया, जिसका आयोजन स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग, स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्रालय द्वारा इंटरनेशनल डिसीजन सपोर्ट इनीशिएटिव (आईडीएसआई) के सहयोग से किया गया था। इस आयोजन का विषय "सभी को स्वास्थ्य सेवा देने के लिये हेल्थकेयर सेक्टर में साक्ष्य आधारित निर्णय लेने के लिये जानकारी और सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों को नीतियों में परिवर्तित करना" था। संगोष्ठी में लगभग 500 प्रतिभागियों ने स्वयं उपस्थित होकर या वर्चुअल तरीके से भाग लिया।

डॉ. भारती प्रवीण पवार ने अपने मुख्य भाषण में टिप्पणी की कि सभी को स्वास्थ्य सेवा देने के लिये संगोष्ठी ने स्वास्थ्य प्रौद्योगिकी आकलन में विश्व भर की सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों और भारत में एचटीए को संस्थाओं में लागू करने के माध्यम से साक्ष्य-आधारित निर्णय लेने के एक स्थायी मॉडल का विकास करने पर चर्चा के लिए एक मंच प्रदान किया है। डॉ. भारती प्रवीण पवार ने कहा, "एचटीए शोधकर्ताओं और वास्तविक दुनिया के बीच के अंतर को भर रहा है।

डॉ. भारती प्रवीण पवार ने "द पावर ऑफ एचटीए" पर वीडियो और दो पुस्तकों - "पॉलिसी ब्रीफ्स" और "डेवलपमेंट ऑफ हेल्थ-रिलेटेड क्वालिटी ऑफ लाइफ वैल्यू सेट्स (ईक्यू-5डी-5एल) फॉर इंडिया" भी जारी किया। पॉलिसी ब्रीफ बुक में एचटीएआईएन द्वारा संचालित और अब तक बोर्ड द्वारा अनुमोदित एचटीए अध्ययनों के सभी नीतिगत संक्षिप्त विवरण शामिल हैं। ईक्यू 5डी 5एल अध्ययन का उद्देश्य उन सभी स्वास्थ्य स्तरों के भारतीय टैरिफ मूल्यों को तैयार करना था जिनका उपयोग एचटीए अध्ययनों में किया गया है। यह एचटीएआईएन द्वारा अपने संसाधन केंद्रों के सहयोग से आयोजित दक्षिण एशिया में अपनी तरह का पहला और सबसे बड़ा अध्ययन है।

नीति आयोग के सदस्य डॉ वी के पॉल ने कहा कि एचटीए नीति निर्माण का स्तंभ है। बाद में, डॉ बलराम भार्गव, सचिव-डीएचआर और महानिदेशक-आईसीएमआर ने देश में एचटीए को संस्थाओं में लागू किये जाने की आवश्यकता पर बल दिया। सुश्री अनु नागर संयुक्त सचिव, डीएचआर ने भारत में एचटीए की यात्रा के बारे में विस्तार से बताया।

उपस्थित विशिष्ट  वक्ताओं में हेल्थ इन्टर्वेशन एंड टेक्नोलॉजी एसेसमेंट प्रोग्राम (एचआईटीएपी) के सलाहकार और थाईलैंड के पूर्व उप मंत्री, सार्वजनिक स्वास्थ्य, डॉ. सोमसेक चुनाहरस; डॉ. जेवियर गुज़मैन, निदेशक, ग्लोबल हेल्थ पॉलिसी और सीनियर पॉलिसी फेलो, सेंटर फॉर ग्लोबल डेवलपमेंट; सर एंड्रयू डिलन प्रमुख, लाइफ साइंसेज एडवाइजरी बोर्ड और संस्थापक मुख्य कार्यकारी, एनआईसीई, यूके; प्रो. कैरोल लॉन्गसन लाइफ साइंस एडवाइजर एनआईसीई, यूके; प्रो. स्टीफन जेन सह-निदेशक, स्वास्थ्य प्रणाली विज्ञान, जॉर्ज इंस्टीट्यूट फॉर ग्लोबल हेल्थ, डॉ. टेसा-टैन-टोरेस एडजेर कोऑर्डिनेटर, कॉस्ट, प्रभावशीलता, व्यय और प्राथमिकता तय करने पर यूनिट, डब्ल्यूएचओ जिनेवा शामिल थे।

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