इलेक्ट्रानिक्स एवं आईटी मंत्रालय
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की स्वेदशी माइक्रोप्रोसेसर चुनौती भारत की ड्रोन प्रौद्योगिकी में नवाचार लाई है, यह दिव्यांगों और कई अन्य लोगों के लिए एक्सोसूट है
भारत के घरेलू माइक्रोप्रोसेसर- आईआईटी मद्रास का शक्ति प्रोसेसर और सी-डैक द्वारा तैयार वेगा प्रोसेसर पूरी दुनिया में तकनीकी विशेषज्ञों के लिए खुले स्रोत के रूप में उपलब्ध है ताकि वे अपने आसपास अपने अनुप्रयोगों को डिजाइन कर सकें
स्टार्ट-अप और छात्रों की 6170 टीमों ने स्वदेशी माइक्रोप्रोसेसर चुनौती में बड़ी संख्या में भागीदरी की और शक्ति तथा वेगा माइक्रोप्रोसेसरों के बारे में विभिन्न प्रकार के हार्डवेयर समाधानों को विकसित करने का पता लगाया
सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री श्री राजीव चंद्रशेखर ने इस आयोजन के दौरान प्रत्येक चिप बोर्ड को लेने और उसे सिलिकॉन में परिवर्तित करने के लिए शक्ति और वेगा प्रोसेसरों के लिए 24 महीने का लक्ष्य निर्धारित किया है
Posted On:
07 DEC 2021 12:53PM by PIB Delhi
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के विजन का अनुपालन करते हुए, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय में सचिव, श्री अजय साहनी ने पिछले सप्ताह आजादी के डिजिटल महोत्सव समारोह के दौरान ‘स्वदेशी माइक्रोप्रोसेसर चुनौती - #आत्मनिर्भर भारत के लिए नवाचार समाधान’ के विजेताओं को सम्मानित किया। चुनौती के विजेताओं के नाम इस प्रकार हैं:-
- स्वदेशी माइक्रोप्रोसेसर चुनौती की प्रथम पुरस्कार विजेता टीम- वेगा-एफसीएस-एफटी जिसने ड्रोन के लिए फॉल्ट टॉलरेंट रिलाइवल इंटीग्रेटेड एवियोनिक्स सिस्टम का प्रदर्शन करने के लिए वेगा प्रोसेसर का उपयोग किया।
- स्वदेशी माइक्रोप्रोसेसर चुनौती की दूसरी पुरस्कार विजेता टीम- एचडब्ल्यू डिजाइन लैब्स हैं, जिसने एफ एम आरडीएस यूटिलिटीज का प्रदर्शन करने के लिए शक्ति प्रोसेसर का उपयोग किया है।
- स्वदेशी माइक्रोप्रोसेसर चुनौती की तीसरी पुरस्कार विजेता टीम - साइटोएक्स है जिसने ब्लड सेल काउंटिंग के प्रदर्शन के लिए शक्ति प्रोसेसर का उपयोग किया है।
- स्वदेशी माइक्रोप्रोसेसर चुनौती के तहत शक्ति प्रोसेसर का उपयोग करते हुए बायोमेडिकल अनुप्रयोगों के लिए स्पेक्ट्रोप्रोसेसर का डिजाइन और विकास प्रदर्शित करने के लिए स्वदेशी माइक्रोप्रोसेसर चुनौती के तहत चौथा पुरस्कार संयुक्त रूप से प्राप्त करने वाली टीम - स्पेक्ट्रोप्रोसेसर है।
5 स्वदेशी माइक्रोप्रोसेसर चुनौती के तहत शक्ति प्रोसेसर का उपयोग करते हुए ब्लड सेल काउंटिंग हेतु घरेलू समाधान का प्रदर्शन करने के लिए चौथा पुरस्कार संयुक्त रूप से प्राप्त करने वाली टीम - क्विनप्रोक है।
- स्वदेशी माइक्रोप्रोसेसर चुनौती के तहत वेगा प्रोसेसर का उपयोग करते हुए अगली पीढ़ी के एआई एनर्जी मीटर को एज एंड डीप लर्निंग में प्रदर्शन करने के लिए चौथा पुरस्कार प्राप्त करने वाली टीम - एवरियो एनर्जी है।
7. टीम अंशशोधक ने स्वदेशी माइक्रोप्रोसेसर चुनौती के तहत शक्ति प्रोसेसर का उपयोग करते हुए न्यूक्लियर स्पेक्ट्रोस्कोपी अनुप्रयोगों के लिए कैलिब्रेशन प्रणाली का प्रदर्शन करने के लिए संयुक्त रूप से चौथा पुरस्कार प्राप्त किया है।
8. टीम- 6ई रिसोर्सेज ने स्वदेशी माइक्रोप्रोसेसर चुनौती के तहत वेगा प्रोसेसर का उपयोग करते हुए सीवेज उपचार संयंत्र के रिमोट मॉनिटरिंग और ऑप्टिमाइजेशन का प्रदर्शन करने के लिए संयुक्त रूप से चौथा पुरस्कार प्राप्त किया।
9. टीम- जयहॉक्स ने स्वदेशी माइक्रोप्रोसेसर चुनौती के तहत शक्ति प्रोसेसर का उपयोग करते हुए एंटी-थेफ्ट जियोफेंसिंग आधारित लॉकिंग सिस्टम (एटीजीएलएस) का प्रदर्शन करने के लिए संयुक्त रूप से चौथा पुरस्कार प्राप्त किया।
10. टीम-एस्ट्रेक इनोवेशन ने स्वदेशी माइक्रोप्रोसेसर चुनौती के तहत वेगा प्रोसेसर का उपयोग करते हुए दिव्यांगजनों के लिए लोअर लिम्ब एक्सोसूट के प्रदर्शन के लिए संयुक्त रूप से चौथा पुरस्कार प्राप्त किया।
ड्रोन के लिए एक विश्वसनीय एकीकृत एवियोनिक्स सिस्टम, ब्लड सेल काउंटिंग के लिए घरेलू समाधान और एफएम आरडीएस यूटिलिटीज भारतीय स्टार्ट-अप और छात्रों द्वारा इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की ‘‘स्वदेशी माइक्रोप्रोसेसर चुनौती’’ जीतने के लिए विनिर्मित कुछ सबसे अधिक नवाचारी प्रौद्योगिकियां हैं।
18 अगस्त, 2020 को इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने देश में प्रौद्योगिकी के नेतृत्व वाले नवाचारी इको-सिस्टम को बढ़ावा देने के लिए किए गए सक्रिय प्री-एम्प्टिव और वर्गीकृत उपायों की अपनी श्रृंखला के एक भाग के रूप में देश में नवाचार इको-सिस्टम के नेतृत्व में डिजिटल अंगीकरण में सबसे आगे रहने के लिए ‘‘स्वदेशी माइक्रोप्रोसेसर चुनौती’’ की शुरुआत की।
सभी स्तरों और स्टार्ट-अप के छात्रों के लिए खुली यह चुनौती प्रतिभागियों से स्वदेशी प्रोसेसर आईपी (सी-डैक द्वारा वेगा प्रोसेसर और आईआईटी मद्रास द्वारा शक्ति प्रोसेसर) के साथ जोड़-तोड़ करने की मांग करती है और उन्हें सामाजिक जरूरतों के लिए मितव्ययी समाधानों का नवाचार करने में मदद करती है।
हार्डवेयर प्रोटोटाइप को विकसित करने और भाग लेने वाली टीमों के लिए एक स्टार्ट-अप को इनक्यूबेट करने के लिए इस चुनौती के विभिन्न चरणों में 4.40 करोड़ रुपये की राशि प्रदान की गई थी।
500 से अधिक स्टार्ट-अप सहित लगभग 6,170 टीमों (10,000 से अधिक सदस्य) ने चुनौती के प्रारंभिक चरणों के दौरान ऑनलाइन प्रश्नोत्तरी, सार और विस्तृत प्रस्ताव प्रस्तुत किए और उस चरण में पहुंचे जहां सेमीफाइनल में भाग लेने वाले 100 स्टार्ट-अप्स को मंत्रालय द्वारा एफपीजीए बोर्ड पर वेगा और शक्ति प्रोसेसर आईपी उपलब्ध कराई गई तथा उनके आसपास अवधारणा अनुप्रयोगों के हार्डवेयर प्रूफ ऑफ कॉन्सेप्ट एप्लिकेशन विकसित करने के लिए वित्तीय और तकनीकी सहायता दी गई।
तकनीकी और वित्तीय रूप से सबसे व्यवहार्य समाधानों वाली 30 टीमों को 29 नवम्बर से 3 दिसम्बर, 2021 तक इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा मनाए गए आजादी का अमृत महोत्सव के दौरान जूरी के सामने प्रदर्शन करने के लिए उनके हार्डवेयर प्रोटोटाइप में और सुधार करने के लिए भी मदद दी गई। इन 30 टीमों में से 10 सबसे अधिक नवाचारी टीमों ने विभिन्न समस्याओं के अपने रणनीतिक समाधानों के साथ चुनौती जीती है।
वेगा एफसीएस एफटी (एआई ड्रोन) अपने ड्रोन अनुप्रयोग के लिए पहले स्थान पर आया और उसे इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव, श्री अजय साहनी द्वारा 35 लाख रुपये का चेक देकर सम्मानित किया गया। दूसरे स्थान पर, एचडब्ल्यूडीएल ने एफएम आरडीएस यूटिलिटीज के लिए 30 लाख रुपये का पुरस्कार जीता। इसी दौरान तीसरे स्थान पर साइटॉक्स ने अपने ‘सेल काउंट’ प्रोजेक्ट के लिए 25 लाख रुपये का पुरस्कार जीता।
बाकी टीमों ने संयुक्त रूप से चौथा स्थान प्राप्त किया और इन्हें 20-20 लाख रुपये के चेक दिए गए। सात टीमें और उनके नवाचार इस प्रकार हैं: टीम स्पेक्ट्रोप्रोसेसर बायोमेडिकल अनुप्रयोगों के लिए स्पेक्ट्रोप्रोसेसर ने डिजाइन और विकास का प्रदर्शन किया; टीम क्विनप्रोक ने एक वायरलेस मातृ निगरानी प्रणाली विकसित की; टीम अंशशोधक ने परमाणु स्पेक्ट्रोस्कोपी अनुप्रयोगों के लिए एक अनूठी कैलिब्रेशन प्रणाली का प्रदर्शन किया; टीम एवरियो एनर्जी ने अगली पीढ़ी के एज एंड डीप लर्निग पर इंटेलिजेंस के साथ एआई एनर्जी मीटर का प्रदर्शन किया। टीम जयहॉक्स ने लॉकिंग सिस्टम पर आधारित एंटी-थेफ्ट जियोफेंसिंग का प्रदर्शन किया। एस्ट्रेक इनोवेशन ने दिव्यांगों के लिए लोअर लिम्ब एक्सोसूट का प्रदर्शन किया और टीम 6ई रिसोर्सेज ने सीवेज उपचार संयंत्र के रिमोट मॉनिटरिंग और ऑप्टिमाइजेशन का प्रदर्शन किया।
चुनौती के विजेताओं को बधाई देते हुए, श्री राजीव चंद्रशेखर राज्य मंत्री, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी, कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय ने कहा कि मैंने कई स्टालों का दौरा किया और मैं यह बिना किसी हिचकिचाहट के यह कहता हूं कि यह बहुत उच्च गुणवत्ता का कार्य है क्योंकि मैं ऐसा व्यक्ति हूं जिसने 35 साल से अधिक का समय प्रौद्योगिकी में बिताया है और निश्चित रूप से मैं अच्छे प्रौद्योगिकी कार्य की पहचान कर सकता हूं। मेरे सामने आयोजित हुए सभी सत्रों में यह वह सत्र है जो भविष्य की ओर देखता है।
उन्होंने सी-डैक और आईआईटी मद्रास द्वारा किए गए कार्यों की भी सराहना करते हुए कहा कि देश के लोग यह जानकर चैन से सो सकते हैं कि वे सही दिशा में जा रहे हैं। यह मंत्रालय की जिम्मेदारी है कि वह उन उद्यमियों की मदद करें जिन्होंने आज अपने उत्पादों का प्रदर्शन किया है। हम इन परियोजनाओं को इनक्यूबेट करने में आपकी मदद करने के अलावा और भी बहुत कुछ कार्य करेंगे। अगले 24 महीनों में, हम अपने देश में ही इन व्यवहार्य उत्पादों को तैयार करने में भागीदारों के रूप में काम करेंगे।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के विजन का अनुपालन करते हुए श्री अजय साहनी, सचिव इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने 3 दिसम्बर को आजादी के डिजिटल महोत्सव समारोह के दौरान #आत्मनिर्भर भारत के लिए स्वदेशी माइक्रोप्रोसेसर चुनौती - नवाचार समाधानों के विजेताओं को सम्मानित किया।
इस अवसर पर श्री अजय साहनी, ने कहा कि जिन्होंने माइक्रोप्रोसेसर को डिजाइन किया है, वे वास्तव में उस शक्ति को नहीं जानते हैं, जो वे डिजाइन कर रहे हैं। यह वही शक्ति है जो आप प्रोसेसर के साथ कर सकते हैं, जो अपने आप में प्रोसेसर से अधिक महत्वपूर्ण है। आजादी का अमृत महोत्सव समारोह के एक हिस्से के रूप में यह आश्चर्यजनक बात है कि हमारे पास अपने माइक्रोप्रोसेसर हैं और हम यह देखने में समर्थ हैं कि इनका कहां प्रयोग किया जा सकता है।
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय में अपर सचिव श्री राजेन्द्र कुमार ने भी प्रतिभागियों और चुनौती के विजेताओं को बधाई दी। उन्होंने कहा कि इस प्रदर्शनी में उत्साह और प्रयासों को देखने के बाद, मुझे लगता है और हम पूरे विश्वास के साथ कह सकते हैं कि हम डिजिटल क्षमताओं के पूरे स्पेक्ट्रम को विकसित करने के मार्ग पर आगे बढ़ रहे हैं।
श्री अरविंद कुमार, समूह समन्वयक (इलेक्ट्रॉनिक्स और साइबर सुरक्षा में अनुसंधान और विकास), इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने इस बात पर प्रकाश डाला कि स्वदेशी माइक्रोप्रोसेसर चुनौती की यात्रा और रुद्र सर्वर और बायोइन्फर्नो के लिए सीडीएसी की उपलब्धियों के कारण स्वदेशी प्रोसेसर ने जो तत्परता स्तर अर्जित किया है, उससे भारत स्वदेशी कंप्यूट डिजाइन में दिग्गज के रूप में स्वयं को स्थापित करने के लिए तैयार है। इससे ईएसडीएम क्षेत्र में बाजार की हिस्सेदारी हासिल करने का मार्ग प्रशस्त होगा। मंत्रालय के सचिव श्री अजय साहनी के दूरदर्शी नेतृत्व पर प्रकाश डालते हुए, श्री अरविंद कुमार ने इन कार्यक्रमों के विकास और इनकी कल्पना करते समय उनके द्वारा किए गए प्रयासों को भी स्मरण किया।
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