सूचना और प्रसारण मंत्रालय

आईएफएफआई ने प्रसिद्ध गीतकार प्रसून जोशी को 'फिल्म पर्सनैलिटी ऑफ द ईयर' पुरस्कार से सम्मानित किया


"युवा कलाकारों को भी अपने मन में भ्रम को ध्यान में रखना चाहिए, क्योंकि अक्सर इसी भ्रम से महान विचारों का जन्म होता है

आज मुझे पूरा विश्वास है कि '75 क्रिएटिव माइंड्स ऑफ टुमारो' निश्चित रूप से देश के लिए कुछ आशाजनक काम करेगा

प्रसून जोशी ने फिल्मकारों से देश के संघर्ष के लिए प्रतिबद्ध रहने की अपील करते हुए कहा कि खुली हवा में उगने वाले बरगद के पेड़ से प्राप्त ज्ञान गमले में पेड़ों से प्राप्त दर्शन से अधिक महत्वपूर्ण

Posted On: 28 NOV 2021 7:48PM by PIB Delhi

 

एक आसमान कम पड़ता है, और आसमान मंगवा दो।

है बसब्र उड़ानें मेरी, पंखे नीले रंगवा दो।

स्वप्न करोड़ों सत्य हो रहे हैं, अब उनका सत्कार करो,

निकला पड़ा है भारत मेरा, अब तुम जय जयकार करो।

 

"एक आसमान कम होता है, और आसमान मंगवा दो....." प्रसिद्ध गीतकार और रचनात्मक लेखक श्री प्रसून जोशी ने गोवा में 52वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) के समापन समारोह में 'इंडियन फिल्म पर्सनैलिटी ऑफ द ईयर' पुरस्कार से सम्मानित किए जाने पर, यह बात कही। उन्हें यह पुरस्कार सिनेमा, लोकप्रिय संस्कृति और सामाजिक रूप से महत्वपूर्ण कलात्मक कार्यों में उनके योगदान के लिए दिया गया।

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उन्होंने कहा कि फिल्म निर्माण में सफलता डिजाइन से हासिल होनी चाहिए, न कि संयोग से। श्री जोशी ने कहा, “'मुझे लगता है कि फिल्में जादू की तरह होनी चाहिए लेकिन फिल्म निर्माण को जादू नहीं होना चाहिए। मुझे लगता है कि सफलता डिजाइन से हासिल होनी चाहिए, न कि संयोग से। हमें फिल्म निर्माण से जुड़े संयोगों को कम करना चाहिए क्योंकि हमारे पास इस देश में इतने सारे शानदार मस्तिष्क हैं जो आगे बढ़ने और शानदार फिल्में बनाने के लिए उतावले हैं।”

फिल्मों में अपने भावपूर्ण और प्रेरक गीतों, शानदार टीवी विज्ञापनों और सामाजिक रूप से प्रासंगिक कहानियों के लिए व्यापक रूप से जाने जाने वाले, श्री जोशी, पद्मश्री से सम्मानित किए जा चुके हैं और कई अन्य राष्ट्रीय पुरस्कारों के विजेता हैं। उन्होंने युवा और नवोदित फिल्म निर्माताओं को भ्रम की स्थिति को संजोने और उसका जश्न मनाने के लिए प्रोत्साहित किया। गीतकार ने कहा, “युवा मस्तिष्कों को भ्रम की स्थिति का जश्न मनाना शुरू कर देना चाहिए। भ्रम सबसे उर्वर अवस्था है और सबसे अधिक असुविधाजनक है, लेकिन सबसे अच्छे विचारों की उत्पत्ति भ्रम की स्थिति में ही होती है।"

उन्होंने उभरते फिल्मकारों को इस बात को लेकर आगाह किया कि अच्छे सिनेमा का कोई शॉर्टकट नहीं होता है, इसलिए फिल्मकारों को यह कभी नहीं सोचना चाहिए कि वे शॉर्टकट से कुछ हासिल कर लेंगे।

श्री जोशी ने कहा कि आईएफएफआई के इस संस्करण के बारे में एक सबसे अच्छी बात "75 क्रिएटिव माइंड्स ऑफ टुमारो" पहल है। इस पहल के लिए बनी ग्रैंड ज्यूरी के अध्यक्ष श्री जोशी ने कहा, "इस साल आईएफएफआई के बारे में मुझे जो बहुत अच्छा लग रहा है, वह है ‘75 क्रिएटिव माइंड्स ऑफ टुमॉरो’ प्रतियोगिता, जो एक एक बेहतरीन पहल है। आईएफएफआई एक पुरस्कार समारोह से बढ़कर रहा है, यह एक महोत्सव रहा है। ये 75 मस्तिष्क देश के लिए जो शानदार काम कर सकते हैं, वही मुझे उम्मीद देता है।”

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समापन समारोह को संबोधित करते हुए, केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री श्री अनुराग सिंह ठाकुर ने "75 क्रिएटिव माइंड्स ऑफ टुमॉरो" के विचार पर उनके साथ विस्तार से चर्चा करने और विचार को वास्तविकता का रूप देने की खातिर उनके साथ काम करने के लिए प्रसून जोशी का व्यक्तिगत रूप से आभार व्यक्त किया।

श्री जोशी ने सिनेमा की भावना को बढ़ावा देने और उसका जश्न मनाने के लिए आईएफएफआई को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा, "मैं मुझे दी गयी इस मान्यता के लिए आईएफएफआई का आभारी हूं और महामारी के बीच इस चुनौतीपूर्ण वर्ष के दौरान भी सिनेमा का पुरोधा बनने के लिए उसे बधाई देता हूं।"

अपनी शुरुआत साधारण पृष्ठभूमि से होने की बात करते हुए, श्री जोशी ने यह पुरस्कार अपने गृहनगर उत्तराखंड को समर्पित किया। उन्होंने कहास “मैं एक छोटे से कस्बे अल्मोड़ा का रहने वाला हूं। छोटे कस्बे से आने वाले किसी व्यक्ति के लिए सिनेमा की दुनिया से रूबरू होना बहुत मुश्किल है। मैं इस पुरस्कार को उत्तराखंड के पहाड़ों को समर्पित करता हूं, जहां से मुझे प्रेरणा मिली।”

प्रसिद्ध गीतकार ने सिनेमा द्वारा प्रतिबिंबित किए जाने के लिए विविधता को एक मंच दिए जाने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “मैं भारतीय सिनेमा के भविष्य को लेकर बहुत आशान्वित हूं क्योंकि इस देश में हमारे पास जो विविधता है, वह अद्भुत है। लेकिन, अगर इस विविधता को मंच नहीं मिलेगा, तो यह हमारे सिनेमा में प्रतिबिंबित नहीं होगा। यह तभी प्रतिबिंबित होगा जब हमारे देश के विभिन्न हिस्सों से ये सभी लोग अपनी कहानियां सुनाना शुरू करेंगे।”

कोई अच्छी कहानी कैसे लेकर आए, जो इस विविधता और समृद्धि को सही तरीके से पेश करती हो? श्री जोशी ने यह सवाल करते हुए श्रोताओं से आह्वान किया कि वे अपने राष्ट्र के संघर्षों से खुद को जोड़े और उन्हें लेकर सोचें। उन्होंने कहा, "यदि आप अपने ही देश के संघर्षों से खुद को नहीं जोड़ेंगे तो सच्चाई का भाव कैसे महसूस होगा? हमें गमले में लगे पौधों की सच्चाई नहीं चाहिए, हमारे आंगन में खिले बरगद के पेड़ का सच चाहिए।”

अपनी प्रेरणा के बारे में बोलते हुए, श्री जोशी ने कहा, "अगर मैं किसी को भी प्रेरित कर सकूं, तो भी मुझे लगता है कि मैं जो कर रहा हूं उसे करता रहूंगा।"

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केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री श्री अनुराग ठाकुर ने उन्हें यह पुरस्कार प्रदान किया। इस अवसर पर अन्य प्रतिष्ठित हस्तियां भी मौजूद थीं।

इससे पहले, 18 नवंबर, 2021 को पुरस्कारों के लिए ‘इंडियन फिल्म पर्सनैलिटी ऑफ द ईयर’ की घोषणा करते हुए, केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने कहा था कि हेमा मालिनी और प्रसून जोशी ने कई दशकों से अपना योगदान दिया है और उनके काम ने सभी पीढ़ियों के दर्शकों को प्रभावित किया है। श्री ठाकुर ने कहा, "वे भारतीय सिनेमाई की वे हस्तियां हैं जिनकी दुनिया भर में सराहना की जाती है और सम्मान किया जाता है।"

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसित विज्ञापन पेशेवर होने के अलावा, श्री जोशी इस समय दुनिया की सबसे बड़ी विज्ञापन कंपनियों में से एक, मैक्कैन वर्ल्डग्रुप के एशिया-प्रशांत क्षेत्र के चेयरमैन हैं। उन्होंने कान लायंस इंटरनेशनल फेस्टिवल ऑफ क्रिएटिविटी में पुरस्कार और वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के यंग ग्लोबल लीडर सहित कई प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार भी जीते हैं। वह केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) के अध्यक्ष भी हैं।

श्री जोशी ने 2001 में राजकुमार संतोषी की फिल्म ‘लज्जा’ के साथ एक गीतकार के रूप में भारतीय सिनेमा में प्रवेश किया, और तब से वह ‘तारे ज़मीन पर’, ‘रंग दे बसंती’, ‘भाग मिल्खा भाग’, ‘नीरजा’, ‘मणिकर्णिका’, ‘दिल्ली-6’ और कई अन्य फिल्मों का हिस्सा रहे हैं। उन्होंने इस विश्वास को फिर से जगाया है कि लोकप्रिय विधा में उच्च क्षमता के काम के माध्यम से समाज को रचनात्मक दिशा दी जा सकती है।

प्रसिद्ध अभिनेत्री और उत्तर प्रदेश के मथुरा की सांसद श्रीमती हेमा मालिनी को भी 20 नवंबर, 2021 को महोत्सव के उद्घाटन समारोह में 2021 के लिए ‘इंडियन फिल्म पर्सनैलिटी ऑफ द ईयर’ से सम्मानित किया गया था।

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