सूचना और प्रसारण मंत्रालय
आइए, आईएफएफआई-52 में 'एशिया की अन्तरात्मा' का अनुभव कीजिए
'एशिया की अन्तरात्मा' फिल्म खंड के तहत छह फिल्में दुनिया के सबसे बड़े महाद्वीप के सूक्ष्म जगत की झलक प्रस्तुत करेंगी
Posted On:
19 NOV 2021 3:43PM by PIB Delhi
52वां भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव कल, 20 नवंबर 2021 को शुरू हो रहा है। यह निश्चित रूप से सिने प्रेमियों के लिए उपहार होगा और दुनिया के सबसे बड़े महाद्वीप की जातीय विविधता के बहुरूपों की झलक परदे पर उकेरेगा। विभिन्न एशियाई देशों से चुनी गईं छह फिल्में आईएफएफआई 52 के 'सोल ऑफ एशिया' खंड के तहत दिखाई जाएंगी।
इस विशेष खंड में जगह पाने वाली फिल्में हैं- 'अहद'स नी', 'कोस्टा ब्रावा, लेबनान', 'ओनोडा: 10,000 नाइट्स इन द जंगल', 'व्हील ऑफ फॉर्चून एंड फैंटेसी', 'व्हेदर द वेदर इज फाइन' और 'यूनी'।
इनमें से दो फिल्में जापानी भाषा में और एक-एक क्रमश: हिब्रू, अरबी, वारे और इंडोनेशियाई भाषाओं में हैं।
अहद'स नी
नेदव लैपिड द्वारा निर्देशित हिब्रू फिल्म 'अहद'स नी' एक इजरायली फिल्म निर्माता और रेगिस्तान के सुदूर छोर पर दूरदराज के अपने गांव में अपनी एक फिल्म पेश करने के उसके संघर्षों की कहानी है।
कोस्टा ब्रावा, लेबनान
कोस्टा ब्रावा, लेबनान फिल्म स्वतंत्र सोच वाले बद्री परिवार की कहानी है, जिसे अपने अस्तित्व को खतरे में देख हालात के चंगुल से बचकर निकलना पड़ता है। मूनी अकल की अरबी फिल्म कोस्टा ब्रावा, लेबनान का सारांश यही है।
ओनोडा: 10,000 नाइट्स इन द जंगल
साल 1944 समाप्त होने को है और जापान युद्ध हार रहा है। लेकिन क्या वे वाकई हार मानने के लिए तैयार हैं? आर्थर हरारी द्वारा निर्देशित जापानी फिल्म ओनोडा: 10,000 नाइट्स इन द जंगल एक साहसी सैनिक हिरो ओनोडा की बहादुरी को दिखाती है। रहस्यमय मेजर तानिगुची के आदेश पर, ओनोडा हार के जबड़े से जीत हासिल करने का वीरतापूर्ण प्रयास करता है; वह एक गुप्त लड़ाई शुरू करने के लिए फिलिपींस के जंगलों में 10,000 दिन और रहता है।
व्हील ऑफ फॉर्चून एंड फैंटेसी
प्यार में महिलाएं हैं, जिनका जीवन संयोगों से भरा पड़ा है और यह उनके जटिल संबंधों को और भी मुश्किलों से भर देता है। भाग्य और कल्पना के समंदर में गोते लगाने के लिए जापानी निर्देशक रयूसुके हमागुची की फिल्म व्हील ऑफ फॉर्चून एंड फैंटेसी देखिए।
व्हेदर द वेदर इज फाइन
तूफान से तबाह लेकिन जीवित रहने के लिए दृढ़ संकल्प। यह फिल्म फिलिपिनो के तटीय शहर टैक्लोबन में एक लड़के और उसकी मां के अपने जीवन को बचाने की कहानी कहती है। नवंबर 2013 में चक्रवात हैयान के असर से, जिस शहर में वे रहते हैं, वह काफी हद तक मलबे में तब्दील हो गया है। वारे भाषा की इस फिल्म का निर्देशन कार्लो फ्रांसिस्को मनाटाड ने किया है। वारे एक ऑस्ट्रोनेशियाई भाषा है और फिलिपींस की पांचवीं सबसे ज्यादा बोली जाने वाली क्षेत्रीय भाषा है।
यूनी
कामिला एंडिनी की इंडोनेशियाई फिल्म यूनी एक स्मार्ट और महत्वाकांक्षी किशोर लड़की की कहानी सामने रखती है। यूनी विश्वविद्यालय में पढ़ने और जीवन में बड़ा बनने का सपना देखती है। हालांकि उसे सामाजिक दबाव से निपटने और अपने व सपनों के बीच आ रहे मिथकों को तोड़ने के लिए अंतहीन संघर्षों का सामना करना पड़ता है।
एक साथ, ये छह फिल्में आईएफएफआई-52 महोत्सव में आने वाले प्रतिनिधियों को एशिया की अंतरात्मा के सूक्ष्म जगत को दिखाना चाहती हैं, जो महाद्वीप के सामूहिक प्रकृति की एक विशेष झलक है।
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