वस्‍त्र मंत्रालय

कपास के मूल्य निर्धारण के मुद्दे, प्रतिस्पर्धा के बजाय सहयोग की भावना के साथ हल करें। श्री पीयूष गोयल ने वस्त्र उद्योग के प्रतिनिधियों से बातचीत की;


सरकार पर हस्तक्षेप करने के लिए दबाव न डालें- श्री गोयल;

श्री गोयल ने व्यापारियों को अनुचित लाभ प्राप्त करने के लिए कीमतों में हेराफेरी या जमाखोरी करने के प्रति सावधान किया;

उद्योग के लिए कपास की गांठों और धागे के मूल्य निर्धारण के मुद्दे को प्रभावित करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए, जिससे किसानों को मिल रहे बेहतर मूल्यों पर असर पड़े - श्री गोयल;

विनिर्माण क्षेत्रों को विकास के लिए सरकारी सहायता पर निर्भर नहीं रहना चाहिए- श्री गोयल।

Posted On: 18 NOV 2021 5:08PM by PIB Delhi

केंद्रीय वस्त्र, वाणिज्य और उद्योग, उपभोक्ता कार्य और खाद्य तथा सार्वजनिक वितरण मंत्री श्री पीयूष गोयल ने आज नई दिल्ली मेन एक बैठक में कपड़ा उद्योग के प्रतिनिधियों से बातचीत करते हुए कहा, "प्रतिस्पर्धा के बजाय सहयोग की भावना से कपास के मूल्य निर्धारण के मुद्दे को हल करें।" इस दौरान उन्होंने वस्त्र उद्योग के प्रतिनिधियों से सरकार को हस्तक्षेप करने के लिए दबाव नहीं डालने के लिए कहा।

श्री गोयल ने कपास की गांठ के व्यापारियों को अनुचित लाभ प्राप्त करने के लिए कीमतों में हेराफेरी करने या जमाखोरी करने के प्रति सावधान किया। वस्त्र मंत्री ने कहा कि विनिर्माण क्षेत्रों को विकास के लिए सरकारी सहायता पर निर्भर नहीं रहना चाहिए। क्षेत्र के मजबूत विकास के लिए सरकार के समर्थन के लिए बहुत अधिक निर्भरता अच्छी बात नहीं है। मंत्री महोदय ने सूती धागे के निर्माताओं और कपड़ा उद्योग के प्रतिनिधियों के बीच सूती धागे की कीमतों के मुद्दों को हल करने के लिए हस्तक्षेप करने के दौरान यह बात कही।

श्री गोयल ने कहा कि पहली बार किसानों के हितों का ध्यान रखा जा रहा है क्योंकि उन्हें अब बहुत अच्छे न्यूनतम समर्थन मूल्य के साथ कपास की बेहतर कीमतें मिल रही हैं। उन्होंने कहा कि उद्योग के लिए कपास की गांठों और धागे के मूल्य निर्धारण के मुद्दे को प्रभावित करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए, जिससे किसानों को मिल रहे बेहतर मूल्यों पर असर पड़े|

श्री गोयल ने कहा कि वस्त्र मूल्य श्रृंखला में उद्योग जगत के प्रतिनिधियों के एक वर्ग द्वारा अल्पावधि उत्तम सामान्य लाभ का विचार टिकाऊ नहीं है। उन्होंने कहा, “किसी को भी सरकार को हस्तक्षेप करने के लिए मजबूर नहीं करना चाहिए। मुक्त और निष्पक्ष बाजार के घटकों को अपना काम करने दें। अल्पावधि लक्ष्यों के लिए उत्तम सामान्य लाभ नहीं लिया जाना चाहिए|"

वस्त्र मंत्री ने उल्लेख किया कि एक वर्ग के कमजोर होने पर पूरी मूल्य श्रृंखला पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। मूल्य श्रृंखला में आत्मनिर्भर भारत सभी पर लागू होता है। सभी को लाभ मिलना चाहिए और सभी का विकास होना चाहिए। उन्होंने कहा कि कपास की गांठ और सूत की कीमतें ऐसी होनी चाहिए जिससे सभी लाभान्वित हों। उन्होंने कहा कि वस्त्र मूल्य श्रृंखला में सभी हितधारकों को दीर्घकालिक सतत विकास के लिए एक-दूसरे का समर्थन करने की आवश्यकता है।

श्री गोयल ने कपास गांठ के व्यापारियों को कीमतों में हेराफेरी करने या अनुचित लाभ कमाने के लिए किसी भी तरह की जमाखोरी करने के प्रति सावधान किया। मंत्री ने कहा कि उचित लाभ अच्छा और स्वीकार्य है लेकिन किसी एक मूल्य श्रृंखला द्वारा अनुचित लाभ लेने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि किसानों को कपास की बेहतर कीमतों के रास्ते में किसी को भी बाधा नहीं डालनी चाहिए।

उल्लेखनीय है कि कपास का उत्पादन 362.18 लाख गांठ होने का अनुमान है। कपास सीजन 2021-22 की शुरुआत 73.20 लाख गांठ (सीओसीपीसी बैठक दिनांक 12.11.2021) के अनुमानित कैरी ओवर स्टॉक के साथ हुई। देश में खुला स्टॉक लगभग ढाई महीने की मिलों की खपत को पूरा करने के लिए पर्याप्त है। कपास की कीमतें एमएसपी स्तर से लगभग 40 प्रतिशत यानी 8500 रुपये प्रति क्विंटल से ऊपर चल रही हैं, जबकि एमएसपी दर 6,025 रुपये प्रति क्विंटल है। किसानों को उनकी उपज के लिए उचित मूल्य मिल रहा है जो अन्य कृषि-वस्तुओं के अनुसार है।

विश्व कपास का रकबा पिछले साल के 31.97 मिलियन हेक्टेयर के मुकाबले 4 प्रतिशत बढ़कर 33.27 मिलियन हेक्टेयर होने की उम्मीद है। जबकि विश्व कपास उत्पादन पिछले वर्ष के 1426 लाख गांठ (24.26 एमएमटी) के मुकाबले 6 प्रतिशत बढ़कर 1512 लाख गांठ (25.72 एमएमटी) होने का अनुमान है और विश्व कपास की खपत पिछले वर्ष के 1505 लाख गांठ (25.60 एमएमटी) के मुकाबले 2 प्रतिशत बढ़कर 1530 लाख गांठ (26.01 एमएमटी) होने की उम्मीद है।

इससे पहले भी, श्री गोयल ने देश के कपास किसानों की आजीविका का समर्थन करने के लिए खरीद प्रक्रियाओं को मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा करने के लिए भारतीय कपास निगम (सीसीआई) की समीक्षा बैठक की थी।

वस्त्र और रेल राज्य मंत्री श्रीमती दर्शना जरदोश, कपड़ा सचिव, श्री यू.पी. सिंह, सीसीआई के मुख्य प्रबंध निदेशक श्री प्रदीप अग्रवाल और सीसीआई के वरिष्ठ अधिकारी, कपड़ा उद्योग के प्रतिनिधियों और निर्यातकों ने बैठक में भाग लिया।

कपास के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) संचालन करने के लिए भारतीय कपास निगम-सीसीआई को कपड़ा मंत्रालय के अंतर्गत केंद्रीय नोडल एजेंसी के रूप में नियुक्त किया गया है। यह कपास किसानों के आर्थिक हितों की रक्षा करता है, वास्तविक कपास किसानों को एमएसपी का लाभ सुनिश्चित करता है और उचित औसत गुणवत्ता (एफएक्यू) ग्रेड कपास की एमएसपी स्तर से नीचे गिरने की स्थिति में एमएसपी संचालन करता है।

*****

एमजी/एएम/एमकेएस/एके



(Release ID: 1773035) Visitor Counter : 221


Read this release in: English , Punjabi