विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय

सरकारी योजनाएं बच्चों को विज्ञान और प्रौद्योगिकी के साथ सपने देखने को प्रेरित करती हैं।

Posted On: 15 NOV 2021 5:22PM by PIB Delhi

बच्चों को नवाचारी चिंतन के लिए प्रेरित करने, अनेक समस्याओं के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी में अलग तरह के समाधान तलाशने और बाधाओं पर विजय प्राप्त करने व विज्ञान के क्षेत्र में अद्भुत कार्य करने का साहस पैदा करने में कई सारी सरकारी योजनाएं मददगार साबित हो रही हैं।

 प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने हाल ही में एक सम्मेलन में कहा, 'नवाचार नए भारत के सपने को साकार करने की कुंजी है और दूरस्थ क्षेत्रों के स्कूली बच्चे दिन-प्रतिदिन की समस्याओं का अभिनव समाधान तलाशने के लिए सरकार की अनेक योजनाओं का लाभ उठा रहे हैं।'

मध्यप्रदेश स्थित होशंगाबाद की एक छात्रा नवश्री ठाकुर ने एक बहु-उपयोगी किचन मशीन विकसित की है, जिसे उन्होंने विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के कार्यक्रम, ’इंस्पायर मानक पुरस्कार’ में प्रस्तुत किया और इसके लिए उनको प्रथम पुरस्कार मिला। इसी प्रतियोगिता में कर्नाटक के ओवैस अहमद को उनके द्वारा बनाए गए ’शॉक एब्जॉर्बर यानी आघात को क्षीण करने वाला यंत्र युक्त स्ट्रेचर के लिए द्वितीय पुरस्कार मिला।

मानक (मिलियन माइंड्स ऑगमेंटिंग नेशनल एस्पिरेशंस एंड नॉलेज) अवार्ड प्रोग्राम इनोवेशन इन साइंस परस्यूट फॉर इंस्पायर्ड रिसर्च (इंस्पायर) योजना के तहत विज्ञान और प्रौद्येगिकी विभाग (डीएसटी) का एक प्रमुख कार्यक्रम है जिसका लक्ष्य विज्ञान और सामाजिक अनुप्रयोगों में निहित दस लाख मौलिक विचार/नवाचार का सृजन करना है ताकि विशेष रूप से कक्षा 6 से कक्षा 10 के बीच के स्कूली बच्चों में सृजनात्मक व नवोन्मेषी सोच की संस्कृति को प्रोत्साहन मिले।

स्कूलों से हर साल इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए कहा जाता है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग की स्वायत्त निकाय नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन - इंडिया (एनआईएफ) के साथ डीएसटी की ओर से पुरस्कार प्रदान किये जाते हैं।

 

वर्ष 2020-2021 में इसने देशभर के 2 लाख से अधिक मिडिल और हाई स्कूलों से 6.53 लाख विचार मंगवाए। उनमें से सर्वश्रेष्ठ का चयन जिला, राज्य और फिर राष्ट्रीय स्तर की प्रदर्शनी और परियोजना प्रतियोगिता में प्रदर्शन के लिए किया गया है।

ग्रामीण पृष्ठभूमि से ताल्लुक रखने वाली उत्तर प्रदेश की रश्मि कुमारी, जिनमें पहले आत्मविश्वास की कमी थी और अपने भविष्य के बारे में निर्णय नहीं ले पा रही थी वह डीएसटी के विज्ञान ज्योति कार्यक्रम की बदौलत अब एसटीईएम (साइंस, टेक्नोलोजी, इंजीनियरिंग व मैथमेटिक्स) में अपना करियर बनाना चाहती हैं।

यह कार्यक्रम देश के 100 जिलों में नौवीं-बारहवीं कक्षा की लगभग 10,000 बालिकाओं को उत्कृष्टता के उच्च शिक्षण संस्थानों में एसटीईएम के कम प्रतिनिधित्व वाले क्षेत्रों में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है। इसके तहत छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है, साथ ही, पास के वैज्ञानिक संस्थानों का भ्रमण, विज्ञान शिविरों का आयोजन, प्रख्यात महिला वैज्ञानिकों के व्याख्यान और करियर काउंसलिंग की सुविधान प्रदान की जाती है।

बच्चों को विज्ञान-अध्ययन के लिए प्रेरित करने वाले अन्य कार्यक्रम में किशोर वैज्ञानिक प्रोत्साहन योजना (केवीपीवाई), विज्ञान ओलंपियाड कार्यक्रम और भारत नवाचार विकास कार्यक्रम (आईआईजीपी) शामिल हैं।

किशोर वैज्ञानिक प्रोत्साहन योजना (केवीपीवाई) के तहत मौलिक विज्ञान में अध्ययन जारी रखने के लिए मेंटरशिप और स्कॉलरशिप प्रदान की जाती है।

भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी) बेंगलुरु द्वारा संचालित व कार्यान्वित इस कार्यक्रम के तहत अनुसंधान के लिए प्रतिभा और अभिरुचित वाले छात्रों की पहचान की जाती है। यह कार्यक्रम विज्ञान का अध्ययन करने और अनुसंधान में करियर बनाने के लिए विशेष रूप से छात्रों को प्रेरित करने और उन्‍हें उनकी क्षमता का अहसास कराने में मदद करता है।

राष्ट्रीय विज्ञान ओलंपियाड कार्यक्रम का उद्देश्य विश्वविद्यालय के पहले छात्रों में विज्ञान और गणित में उत्कृष्टता को प्रोत्साहन देना है। मुंबई स्थित होमीभाभा सेंटर फॉर साइंस एजुकेशन (एचबीसीएसई) विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय ओलंपियाड सम्मेलन में छात्रों की भागीदारी के लिए इंडियन एसोसिएशन ऑफ फिजिक्स टीचर्स (आईएपीटी) के माध्यम से छात्रों के चयन और प्रशिक्षण के लिए एक नोडल संगठन है।

इंडिया इनोवेशन ग्रोथ प्रोग्राम (आईआईजीपी) डीएसटी, लॉकहीड मार्टिन और टाटा ट्रस्ट्स की एक त्रिपक्षीय पहल है और इसका उद्देश्य बड़े पैमाने पर सामाजिक प्रभाव बनाने तथा भारत में औद्योगिक क्षेत्र में बदलाव लाने के लिए नवाचारों का चयन करना है। इसका उद्देश्य भारत सरकार की ’स्टार्ट-अप इंडिया’ और ’मेक इन इंडिया’ की पहलों का समर्थन करना है।

विजेताओं को जो अनुदान मिलता है उससे वे प्रस्तावित प्रौद्योगिकी समाधानों के प्रतिमान बनाने में सक्षम होते हैं और इससे सामाजिक, वाणिज्यिक और औद्योगिक लाभ के लिए इन प्रौद्योगिकियों और समाधानों के मूल्यांकन तथा अनुप्रयोग की प्रक्रिया शुरू होती है।

इन सबने विज्ञान और प्रौद्योगिकी के माध्यम से रचनात्मक समाधान तलाशने और नए भारत के सपने को साकार करने में युवा मस्तिष्क को प्रेरित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

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