ग्रामीण विकास मंत्रालय

ग्रामीण विकास मंत्रालय के सचिव ने आजादी का अमृत महोत्सव के एक हिस्से के रूप में स्टार्ट-अप ग्राम उद्यमिता कार्यक्रम (एसवीईपी) के तहत कम्युनिटी रिसोर्स पर्सन (सीआरपी) के साथ बातचीत की

Posted On: 03 NOV 2021 6:11PM by PIB Delhi

स्टार्ट-अप ग्राम उद्यमिता कार्यक्रम के तहत 'आजादी का अमृत महोत्सव' के एक हिस्से के रूप में, 75 कम्युनिटी रिसोर्स पर्सन - एन्‍टरप्राइज प्रमोशन(सीआरपी-ईपी) को 29 अक्टूबर - 4 नवंबर, 2021 के दौरान प्रस्तावित प्रशिक्षण में शामिल किए जाने के बाद प्रमाणित किया जाना है। इसके लिए 1 नवंबर 2021 को ग्रामीण विकास मंत्रालय के सचिव ने छह राज्यों- बिहार, गुजरात, मध्य प्रदेश, मिजोरम, राजस्थान और पश्चिम बंगाल के सीआरपी-ईपी के साथ बातचीत की। इन छह राज्यों में संचालित राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (एसआरएलएम) के अतिरिक्त सचिव (आरडी), संयुक्त सचिव (आरएल), निदेशक (आरएल) और राज्य मिशन निदेशक/मुख्य कार्यकारी अधिकारी (एसएमडी/सीईओ) भी इस संवाद में शामिल हुए।

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सीआरपी-ईपी के साथ बातचीत में, ग्रामीण विकास मंत्रालय के सचिव ने समूह उद्यमों को बढ़ावा देने, इन्हें बाजार से जोड़ने और उद्यमियों के लिए उद्यम से संबंधित अलग-अलग प्रकार के मॉडल प्राइस (कीमत) टैग के लिए एक प्रक्रिया/विधि तैयार करने की जरूरत पर जोर दिया। इसके अलावा वित्तीय साक्षरता और ग्रामीण उद्यमों को बैंक से जोड़ने की आवश्यकता पर भी चर्चा की गई। सीआरपी-ईपी को अपने राज्य के अन्य प्रखंडों में उद्यम प्रोत्साहन का समर्थन करने और इन उद्यमों को बैंकों के साथ जोड़ने के लिए और अधिक प्रयास करने के लिए प्रोत्साहित किया गया।

इस बातचीत के दौरान, सीआरपी-ईपी ने भी एसवीईपी योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में उद्यम को बढ़ावा देने के अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने विभिन्न प्रशिक्षणों, क्षमता निर्माण और व्यापार करने के तरीकों को समझने व इसे सफल बनाने तथा ग्रामीण उद्यमों के लिए बाजार के साथ मजबूत संबंध बनाने के बारे में भी चर्चा की।

स्टार्ट-अप ग्राम उद्यमिता कार्यक्रम (एसवीईपी), दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई-एनआरएलएम) कार्यक्रम के तहत एक उप-योजना है। यह स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) के सदस्यों और उनके परिवार के सदस्यों को गैर-कृषि क्षेत्र में छोटे उद्यम स्थापित करने में सहायता करती है।

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एसवीईपी ग्रामीण क्षेत्रों में उद्यम विकास के लिए एक वातावरण विकसित करता है। इसमें उद्यम के वित्त पोषण के लिए सामुदायिक उद्यम कोष (सीईएफ) और व्यावसायिक सहायता सेवाएं प्रदान करने के लिए रिसोर्स पर्सन - एन्‍टरप्राइज प्रमोशन(सीआरपी-ईपी) के कैडर (संवर्ग) शामिल हैं। इन सेवाओं में व्यवसाय योजना तैयार करना, प्रशिक्षण देना, बैंकों से ऋण प्राप्त करना आदि शामिल हैं। इसके अलावा इनमें उद्यमियों को सूचना प्रदान करने के लिए प्रखंड स्तर पर समर्पित केंद्र भी हैं।

सीआरपी-ईपी का चयन उस समुदाय से किया जाता है, जहां कार्यक्रम लागू किया जा रहा है। इसकी वजह यह है कि वे स्थानीय परिस्थितियों और एनआरएलएम वातावरण को समझते हैं। इस कार्यक्रम को लागू करने के लिए प्रखंड स्तर पर प्रखंड कार्यक्रम प्रबंधक (बीपीएम) और सलाहकार के साथ सीआरपी-ईपी प्रमुख मानव संसाधन हैं। वे उद्यम विकास, व्यवसाय योजना तैयार करने, बाजार से जुड़ाव और उद्यमियों की सहायता पर सीबीओ के अनुकूलन के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

उद्यमियों के साथ काम शुरू करने से पहले सीआरपी-ईपी को प्रशिक्षित किया जाता है। इसके तहत क्लासरूम और क्षेत्र में प्रशिक्षण शामिल हैं। इसकी कुल अवधि 56 दिनों की है। एक बार कक्षा सत्र में जब वे एक भाग का प्रशिक्षण प्राप्त कर लेते हैं तो इसके बाद वे क्षेत्र में जाकर इस शिक्षण के कुछ हिस्से को व्यवहार में लाने की कोशिश करते हैं।

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