रक्षा मंत्रालय

रक्षा सचिव डॉ अजय कुमार ने सतर्कता जागरूकता सप्ताह पर बीआरओ मैनुअल का अनावरण किया

Posted On: 01 NOV 2021 7:40PM by PIB Delhi

प्रमुख बातें:

·  मैनुअल 'सीमांत रेखा-द बॉर्डरलाइन' में सरकार के प्रमुख नीति दिशानिर्देश, सीवीसी दिशानिर्देश, सीसीएस (सीसीए) नियम और सेना अधिनियम/नियम शामिल हैं

·  मैनुअल पेशेवर दक्षता बढ़ाने और उच्च लोकाचार का पालन करने के लिए: रक्षा सचिव

·  बीआरओ मैनुअल सीवीसी के अनुरूप है जो 'स्वतंत्र भारत @ 75: निष्ठा के साथ आत्मनिर्भरता' मना रहा है

 रक्षा सचिव डॉ अजय कुमार ने 01 नवंबर, 2021 को नई दिल्ली में 'सतर्कता जागरूकता सप्ताह' (वीएडब्ल्यू) के अवसर पर सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) अनुशासन और सतर्कता मैनुअल 'सीमांत रेखा- द बॉर्डरलाइन' का अनावरण किया। 'आजादी का अमृत महोत्सव' समारोह के अंतर्गत इस मैनुअल के प्रमुख नीतिगत दिशानिर्देशों में केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) दिशानिर्देश, केंद्रीय सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण और अपील) नियम- सीसीएस (सीसीए) नियम और बीआरओ से संबंधित सेना अधिनियम/नियम शामिल हैं।

इस अवसर पर अपनी बात रखते हुए रक्षा सचिव ने मैनुअल को प्रकाशित करने के लिए बीआरओ को उसके सावधानीपूर्वक और पेशेवर प्रयास के लिए बधाई दी, जो एक पारदर्शी और भ्रष्टाचार मुक्त संगठन की आवश्यकता पर प्रकाश डालता है और कहा कि यह बीआरओ को समझने और 'भ्रष्टाचार मुक्त प्रणाली' सुनिश्चित करने के लिए अनुशासन और सतर्कता की बारीकियां बताने में उसका मार्गदर्शन करने में एक लंबा रास्ता तय करेगा। उन्होंने बीआरओ की सराहना की और कहा, इसने सरकारी ई-मार्केटप्लेस (जीईएम) को बड़े पैमाने पर अपनाया है और इस साल इसे जीईएम को अपनाने के लिए रक्षा मंत्रालय में सर्वश्रेष्ठ संगठनों में से सम्मानित किया गया।

पारदर्शिता के प्रयासों के बारे में बोलते हुए, डॉ अजय कुमार ने कहा, "बीआरओ ने अपने विक्रेताओं के लिए ऑनलाइन भुगतान भी शुरू कर दिया है और यह रक्षा मंत्रालय के भीतर पहले संगठनों में से एक है जिसने यह प्रक्रिया की है। लेकिन इन सबसे ऊपर मैं इस बात पर जोर देना चाहता हूं कि ये प्रयास नेतृत्व और अधिकारियों की मानसिकता में बदलाव को दर्शाते हैं जो यह सुनिश्चित करने में एक लंबा रास्ता तय करेंगे कि बीआरओ अधिक पारदर्शी, अधिक कुशल, अधिक भ्रष्टाचार मुक्त है और अन्य संगठनों के लिए रक्षा मंत्रालय और सरकार में समग्र रूप से एक मॉडल होगा।"

सीवीसी ने 'स्वतंत्र भारत @75: निष्ठा के साथ आत्मनिर्भरता' विषय पर सतर्कता जागरूकता सप्ताह मनाने का निर्णय लिया है। भारत में सबसे बड़ी सड़क निर्माण एजेंसी, बीआरओ, सीवीसी की नवीन दृष्टि के लिए बाध्य है और भ्रष्टाचार मुक्त संरचनाओं के माध्यम से लोगों को जोड़ने के लिए प्रतिबद्ध है। इस प्रक्रिया में बीआरओ ने अनुशासन और सतर्कता को सशक्त बनाने के माध्यम से विश्वास निर्माण की दिशा में अनेक कड़ी लेकिन स्थायी निवारक और दंडात्मक प्रणालियां तैयार की हैं।

एक हाइब्रिड निर्माण बल होने के नाते बीआरओ के अनुशासन और सतर्कता मामले अन्य निर्माण एजेंसियों से अद्वितीय और अलग हैं। यह मैनुअल, जनरल रिजर्व इंजीनियर फोर्स (जीआरईएफ) और सैन्य कर्मियों पर लागू अलग-अलग नियमों के व्यवहार में अच्छी तरह से परिभाषित सीमा रेखाओं का सीमांकन करने और न्याय के तेजी से निपटान के लिए महानिदेशक सीमा सड़क (डीजी बीआर) की एक पहल है।

मैनुअल किसी भी लागू वैधानिक प्रावधानों से समझौता किए बिना समग्र मामलों के संचालन में हर स्तर पर 'सामान्य कार्यवाही' को पोषित करने और हासिल करने के कारणों के लिए बना है। संक्षेप में यह एक रेडी रेकनर है और इसमें बीआरओ और इन मामलों से निपटने वाले सीवीओ की सभी कार्यात्मक जरूरतों को पूरा करने की क्षमता है।

सीवीसी द्वारा प्रदान किए गए सतर्कता जागरूकता सप्ताह मंच में बीआरओ द्वारा कई पहल की गई हैं। पांच दिनों तक चलने वाले इस कार्यक्रम में सभी कर्मयोगियों द्वारा सत्यनिष्ठा समझौते पर मंथन, सभी स्तरों पर 'इंडिया@75: सेल्फ रिलायंस विद इंटेग्रिटी' पर बहस, 'भ्रष्टाचार मुक्त बीआरओ' पर सेमिनार और परियोजना सतर्कता अधिकारी के साथ समन्वय में वेबिनार सुनिश्चित की गई है।

मैनुअल के विमोचन के दौरान सीमा सड़क संगठन के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल राजीव चौधरी और रक्षा मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ नागरिक और सैन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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