पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय

श्री भूपेंद्र यादव ने एलएमडीसी मंत्रिस्तरीय बैठक में कहा- शेष वैश्विक कार्बन को समाप्त करने के लिए दुनिया को त्वरित और परिवर्तनकारी कार्रवाइयों की आवश्यकता है


सभी देशों से 2050 तक शून्य लक्ष्य निर्धारण को अपनाने का आह्वान किया, असमान उत्सर्जन पेरिस समझौते और जलवायु न्याय

के विरूद्ध है: एलएमडीसी मंत्रिस्तरीय बैठक में बयान

Posted On: 18 OCT 2021 8:49PM by PIB Delhi

केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री भूपेंद्र यादव ने समान विचारधारा वाले विकासशील देशों (एलएमडीसी) की "जलवायु परिवर्तन पर सीओपी 26 के लिए तैयारी- आशाऐं और चुनौतियां" शीर्षक पर आयोजित मंत्रिस्तरीय बैठक में वर्चुअल रूप से भागीदारी करते हुए इस दशक में विकसित देशों द्वारा कार्बन उत्सर्जन में तेजी से कमी लाने का आह्वान किया।

इस अवसर पर, श्री यादव ने अपने संबोधन में कहा कि इस तथ्य पर ग़ौर करते हुए कि शेष वैश्विक कार्बन मात्रा अल्प है और वैश्विक उत्सर्जन की वर्तमान दर को देखते हुए यह दशक के भीतर समाप्त हो जाएगा, दुनिया को त्वरित और परिवर्तनकारी कार्रवाइयों की जरूरत है। उन्होंने इस तथ्य का भी उल्लेख किया कि कार्बन तटस्थता की प्रतिबद्धताओं और राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान में महत्वाकांक्षाओं को बढ़ाने के लिए जलवायु न्याय और समानता के सिद्धांतों को एक रूप में अपनाने के साथ-साथ इन्हें अलग-अलग जिम्मेदारियों और संबंधित क्षमताओं (सीबीडीआर-आरसी) के अनुरूप होना चाहिए।

पर्यावरण मंत्री ने अक्षय ऊर्जा, ऊर्जा पहुंच और दक्षता, ई-मोबिलिटी सहित सतत परिवहन, कृषि, हरित आवरण बढ़ाने आदि जैसे क्षेत्रों में जलवायु में महत्वपूर्ण रूप से सुधार के लिए भारत द्वारा उठाए गए महत्वाकांक्षी कदमों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि भारत ने 2020 से पहले ही स्वैच्छिक लक्ष्य को हासिल करते हुए 2005 और 2016 के बीच अपने सकल घरेलू उत्पाद की उत्सर्जन तीव्रता में 24 प्रतिशत की कमी की है।

मंत्री महोदय ने कहा कि भारत जैसे विकासशील देशों द्वारा त्वरित जलवायु कार्रवाई के लिए जलवायु वित्त, प्रौद्योगिकी और कार्यान्वयन समर्थन के अन्य साधनों के लिए आकस्मिक प्रावधान की आवश्यकता है। उन्होंने वैश्विक भागीदारी और सहयोग के महत्व पर भी प्रकाश डाला और एलएमडीसी देशों से भारत द्वारा शुभारंभ किए गए अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) और आपदा प्रतिरोधी बुनियादी ढांचे के गठबंधन (सीडीआरआई) की पहल में शामिल होने का अनुरोध किया।

31 अक्टूबर से 12 नवंबर, 2021 तक ग्लासगो, यूके में होने वाले आयोजित होने वाले महत्वपूर्ण आगामी 26वें जलवायु परिवर्तन सम्मेलन से पहले समान विचारधारा वाले विकासशील देशों के समूह की मंत्रिस्तरीय बैठक की मेजबानी बोलिविया द्वारा की गई है। एलएमडीसी में एशिया और अन्य क्षेत्रों से लगभग 25 विकासशील देश शामिल हैं।

बैठक के दौरान एलएमडीसी मंत्रियों द्वारा इस मंत्रिस्तरीय बयान का समर्थन करते हुए सीओपी 26 प्रेसीडेंसी के लिए अपना पूर्ण समर्थन व्यक्त किया गया और एक मुक्त और पारदर्शी, समावेशी, समूह-संचालित और आम सहमति पर आधारित रूप से आयोजित बहुपक्षीय प्रक्रिया के माध्यम से एक सफल सीओपी26 की दिशा में अन्य सभी पक्षों और हितधारकों के साथ मिलकर और रचनात्मक रूप से काम करने की इच्छा व्यक्त की गई।

एलएमडीसी मंत्रिस्तरीय वक्तव्य

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