उप राष्ट्रपति सचिवालय

उपराष्ट्रपति ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया को उत्कृष्टता के लिये लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किया


उपराष्ट्रपति ने शास्त्री जी को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की; कहा कि सार्वजनिक जीवन में उनके द्वारा स्थापित किये गये नैतिकता के अनुकरणीय मानक अद्वितीय हैं

शास्त्री जी के साहसिक नेतृत्व ने इतिहास की दिशा बदल दी: उपराष्ट्रपति

उपराष्ट्रपति ने प्रतिष्ठित पुरस्कार प्राप्त करने पर डॉ. गुलेरिया को बधाई दी

उपराष्ट्रपति ने महामारी के बारे में जागरूकता बढ़ाने में शानदार भूमिका के लिए डॉ. गुलेरिया की प्रशंसा की

Posted On: 11 OCT 2021 6:02PM by PIB Delhi

उप राष्ट्रपति, श्री एम. वेंकैया नायडू ने आज पूर्व प्रधानमंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि उनके द्वारा सार्वजनिक जीवन में स्थापित किये गये नैतिकता के अनुकरणीय मानक अद्वितीय हैं।

उप-राष्ट्रपति निवास में प्रख्यात पल्मोनोलॉजिस्ट और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया को उत्कृष्टता के लिए 22वां लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि शास्त्री जी ने अपने कार्यों की जिम्मेदारी ली, जो हमारे सार्वजनिक जीवन में एक बहुत ही दुर्लभ गुण है। इस संदर्भ में, श्री नायडू ने सार्वजनिक जीवन में पारदर्शिता और जवाबदेही बनाये रखने की आवश्यकता पर बल दिया।

यह याद करते हुए कि शास्त्री जी ने तकनीकी विफलता के कारण हुई एक ट्रेन दुर्घटना के बाद नैतिक आधार पर इस्तीफा दे दिया था, उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री का फैसला, जिसमें उनके द्वारा इस्तीफा स्वीकार करने का आग्रह भी शामिल है, को आज भी हमारे सार्वजनिक जीवन में सत्यनिष्ठा के स्वर्ण मानक के रूप में देखा जाता है।

शास्त्री जी को एक महान नेता जिनके पास हमारे महान राष्ट्र के लिए एक असाधारण दूरदर्शिता थी, के रूप में वर्णित करते हुए, उपराष्ट्रपति ने कहा कि वो सबके बीच अपनी आडंबरहीन जीवन शैली, विनम्रता और स्वच्छ छवि के लिए जाने जाते थे।

भारत के प्रधानमंत्री के रूप में अपनी छोटी अवधि के दौरान, शास्त्री जी ने कुछ असाधारण साहसिक निर्णय लिये और अन्य देशों से खाद्य आपूर्ति आयात करने के बजाय आत्मनिर्भरता को बढ़ावा दिया। उन्होंने 1965 में युद्ध के दौरान अपने साहसी निर्णयों से अपनी राजनीति में एक नया आयाम जोड़ा। "खाद्य संकट और पाकिस्तान के साथ सशस्त्र संघर्ष के बीच  शास्त्री जी ने 'जय जवान जय किसान' का अमर नारा दिया।" उन्होंने कहा कि बाद में पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी ने 'जय विज्ञान' जोड़ा और वर्तमान प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने उस नारे में 'जय अनुसंधान' जोड़ा।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि शास्त्री जी के साहसिक नेतृत्व ने इतिहास कीदिशा बदल दी और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने आजादी के बाद पहली बार एक नये भारत की झलक देखी।

प्रतिष्ठित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय उत्कृष्टता पुरस्कार से सम्मानित होने पर डॉ. रणदीप गुलेरिया को बधाई देते हुए, श्री नायडू ने कहा, "मैं भारत के महान सपूतों में से एक के नाम पर स्थापित इस विशिष्ट पुरस्कार के लिए इससे योग्य नाम के बारे में नहीं सोच सकता"।

उन्होंने कहा, हाल के दिनों में महामारी के बारे में जागरूकता बढ़ाने में डॉ. रणदीप गुलेरिया की शानदार भूमिका ने न केवल हम सभी को आश्वस्त किया, बल्कि इससे हर उस व्यक्ति की घबराहट भी दूर हुई, जिसने उनसे मुलाकात की, या कोविड -19 से जुड़े विभिन्न विषयों पर अलग अलग मंच से उन्हें बात करते सुना या देखा है। उपराष्ट्रपति ने साथ ही कहा, "हम उनमें भारत के समर्पित योद्धाओं की समर्पित सेना के कमांडर-इन-चीफ को देखते हैं, जो निस्वार्थ भाव से कोविड -19 के खिलाफ अथक लड़ाई लड़ रहे हैं" ।

श्री नायडू ने महामारी के दौरान देश भर के डॉक्टरों और नर्सों, तकनीशियनों, सुरक्षा कर्मियों, किसानों और सफाई कर्मियों सहित अन्य अग्रिम पंक्ति के योद्धाओं की निस्वार्थ सेवा के लिये प्रशंसा की।

श्री नायडू ने कहा कि डॉ. रणदीप गुलेरिया का उनके अपने क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य के लिए सभी सम्मान करते हैं और साथ ही उन्हें एक अत्यधिक कुशल और समर्पित अस्पताल प्रशासक के रूप में भी जाना जाता है। उन्होंने डॉ. गुलेरिया की अपने काम के प्रति समर्पण और एम्स में पल्मोनरी मेडिसिन और स्लीप डिसऑर्डर विभाग को बढ़ावा देने के लिये सराहना की।

उपराष्ट्रपति ने देश के युवाओं के बीच श्री लाल बहादुर शास्त्री की विचारधारा को फैलाने के लिए श्री अनिल शास्त्री और लाल बहादुर शास्त्री प्रबंधन संस्थान की भी सराहना की।

इस अवसर पर लाल बहादुर शास्त्री प्रबंधन संस्थान के अध्यक्ष, श्री अनिल शास्त्री, एम्स के निदेशक, डॉ. रणदीप गुलेरिया, लाल बहादुर शास्त्री प्रबंधन संस्थान के निदेशकश्री प्रवीण गुप्ता एवं अन्य गणमान्य अतिथि उपस्थित थे।

उपराष्ट्रपति का पूरा भाषण पढ़ने के लिए कृपया अंग्रेजी की विज्ञप्ति देखें

एमजी/एएम/एसएस



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