मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय
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केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ एल मुरुगन ने अवंतीपोरा में पीएमएमएसवाई के अंतर्गत स्थापित आरएएस का उद्घाटन किया

Posted On: 09 OCT 2021 9:11PM by PIB Delhi

केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण और मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री, डॉ एल मुरुगन ने प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई) के अंतर्गत निजी क्षेत्र में इंद्रधनुषी मछली का पालन करने के लिए री-सर्कुलेटरी एक्वाकल्चर सिस्टम (आरएएस) तकनीक का उद्घाटन किया, जो कि जम्मू-कश्मीर में अपने प्रकार की पहली परियोजना है।

इस उद्घाटन समारोह में जिला विकास आयुक्त, बसीर उल हक चौधरी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित हुए।

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इस परियोजना को रोजगार के लिए लाभदायक और चिरस्थायी स्रोत के रूप में देखा जा रहा है, क्योंकि इसने देश के अन्य भागों में बड़ी संभावनाएं प्रस्तुत की है जहां पर मछली पालन किया जा रहा है और ऐसी परियोजनाएं चल रही हैं।

इस अवसर पर केंद्रीय राज्य मंत्री ने कहा कि पुनरुत्‍पादन प्रक्रिया के माध्यम से उत्पादकों को उनके समुदायों में प्रवेश करने की सुविधा प्राप्त हो जाती है क्योंकि वे आजीविका के वैकल्पिक अवसर उत्पन्न करते हैं। उन्होंने आरएएस संयंत्र का गहन निरीक्षण किया और जिला अधिकारियों के साथ बातचीत की।

50 लाख रुपये की अनुमानित लागत से आने वाले इस संयंत्र में 10 सर्कुलर टैंक लगे हुए हैं, जिनमें से प्रत्येक में 50,000 लीटर पानी धारण करने की क्षमता है।

मंत्री ने कहा कि सरकारी और निजी निवेशकों के संयुक्त और सहयोगात्मक प्रयासों के माध्यम से मत्स्यपालन क्षेत्र का आधुनिकीकरण करने की दिशा में प्रभावशाली कदम उठाए गए हैं।

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मंत्री ने कहा, "इस क्षेत्र की अपार संभावनाओं की पहचान करते हुए, प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी के मार्गदर्शन में भारत सरकार द्वारा देश में मत्स्यपालन का समग्र विकास करने हेतु पर्याप्त निवेश के लिए प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई) नामक प्रमुख योजना की शुरुआत की गई है।पीएमएमएसवाई, मत्स्यपालन क्षेत्र में अब तक के सबसे बड़े निवेश को चिह्नित करता है, जिसका उद्देश्य पारिस्थितिकीय रूप से स्वस्थ, आर्थिक रूप से व्यवहार्य और सामाजिक रूप से समावेशी विकास को आगे बढ़ाना है, जो न केवल मछुआरों और मछली पालकों को आर्थिक समृद्धि और सुख प्रदान करता है बल्कि साथ ही साथ देश की खाद्य और पोषण सुरक्षा में भी योगदान देता है।

डॉ मुरुगन ने आगे कहा कि इन महत्वाकांक्षी लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए उत्पादन और उत्पादकता में व्यवस्थित और रणनीतिक बढ़ोतरी, प्रौद्योगिकी का संचार, बीज और चारा की गुणवत्ता में सुधार, मूल्यवर्धन, प्रजातियों का विविधीकरण और एक सक्षम नियामक तंत्र की आवश्यकता है, जो इस क्षेत्र की गतिविधियों को सुगम बनाएगा।

मंत्री ने इच्छुक मत्स्य पालकों से मत्स्यपालन क्षेत्र की क्षमता का सतत, जिम्मेदार, समावेशी और न्यायसंगत दोहन करने का आह्वान किया। उन्होंने मूल्य श्रृंखला का आधुनिकीकरण और सुदृढ़ीकरण के अलावा भूमि और जल का विस्तार, गहनता, विविधीकरण और उत्पादक उपयोग के माध्यम से मछली उत्पादन और उत्पादकता को बढ़ाने के बारे में उनको समझाया, जिसमें फसल कटाई के बाद प्रबंधन और गुणवत्ता सुधार भी शामिल है।

डॉ मुरुगन ने कहा कि मछुआरों और मत्स्य पालकों की आय को दोगुना करना और सार्थक रोजगार का अवसर उत्पन्न करना, कृषि-संबंधी जीवीए और निर्यात में मत्स्यपालन क्षेत्र के योगदान को बढ़ाने के अलावा मछुआरों और मत्स्य पालकों के लिए सामाजिक, भौतिक और आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करना, इस योजना के कुछ महत्वपूर्ण उद्देश्य और लक्ष्य हैं। उन्होंने कहा कि सरकार एक मजबूत मत्स्य प्रबंधन और नियामक तंत्र विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध है, जिसमें इस योजना के उद्देश्य और लक्ष्य फलीभूत होते हैं।

मंत्री ने कहा कि इसके अलावा पीएमएमएसवाई को मछली उत्पादन, उत्पादकता, गुणवत्ता, प्रौद्योगिकी, फसल कटाई के बाद अवसंरचना और विपणन के माध्यम से मत्स्यपालन मूल्य श्रृंखला में व्याप्त महत्वपूर्ण कमियों को समाप्त करने के लिए डिजाइन किया गया है।

बाद में, मंत्री ने योजना के लाभार्थियों के बीच चेक का वितरण किया।

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(Release ID: 1762688)
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