कोयला मंत्रालय

कोयला सचिव ने व्यवसाय में सुगमता और पर्यावरण अनुकूलन की समीक्षा के लिए कोयला नियंत्रक संगठन के अधिकारियों के साथ बैठक की

Posted On: 07 OCT 2021 5:40PM by PIB Delhi

कोयला नियंत्रक संगठनों के कामकाज की समीक्षा के लिए हाल ही में कोयला सचिव डॉ. अनिल कुमार जैन की अध्यक्षता में एक बैठक का आयोजन किया गया जिसमें कोयला मंत्रालय और कोयला नियंत्रक संगठन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित हुए। कोयला मंत्रालय में सचिव ने व्यवसाय में सुगमता और पर्यावरण में स्थिरता संबंधी पहलुओं की समीक्षा की और खनन योजना तथा खदान बंद करने की योजना की अनुमोदन प्रक्रिया के विकेंद्रीकरण की सराहना की। उन्होंने 2200 किलो kcal/किग्रा से कम जीसीवी वाले कोयले के मूल्य निर्धारण के संबंध में इसी तरह की कार्रवाई के निर्देश दिए। बंद हो चुकी खदानों में पर्यावरण अनुकूल और स्थायी प्रबंधन का भी निर्देश किया।

कोयला मंत्रालय ने खनन योजना के अनुमोदन की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए, खनन योजना की तैयारी और अनुमोदन की प्रक्रिया को सरल बनाया और मई 2020 में संशोधित दिशा निर्देशों को लागू किया। संशोधित दिशा निर्देश में आवश्यक दस्तावेजों की संख्या को कम करने की दिशा में महत्वपूर्ण बदलाव किए गए और आवेदन की प्रक्रिया को ऑनलाइन करने के लिए आवश्यक और आसान उपाय शुरू किए गए। खनन योजनाओं को मंजूरी देने के अधिकारों को भी विकेन्द्रीकृत किया गया और कोयला नियंत्रक संगठनों को यह अधिकार प्रदान किए गए। विवाद निवारण तंत्र के हिस्से के रूप में, कोयला ब्लॉकों के आवंटन में अधिक से अधिक पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए अपीलीय प्रणाली भी शुरू की गई। ब्लॉक आवंटन से संबंधी खनन योजना की मंजूरी नहीं मिलने पर पुनर्विचार के लिए कोयला सचिव से अपील किए जाने का विकल्प दिया गया।

व्यवसाय करने में सुगमता और आवंटित कोयला ब्लॉकों के शीघ्र संचालन के लिए, इस साल जनवरी में सिंगल विंडो क्लीयरेंस पोर्टल लॉन्च किया गया। इससे पहले एक एकीकृत मंच न होने के कारण आवंटित कोयला खदान शुरू करने के लिए परियोजना प्रस्तावक को आवश्यक मंजूरी/अनुमोदन के लिए विभिन्न प्रशासनिक मंत्रालयों और सरकारी विभागों से अलग-अलग संपर्क करने की आवश्यकता होती है और मंजूरी लेना अनिवार्य होता था, जिससे कोयला खदानों के संचालन में देरी होती थी। कोयला नियंत्रक संगठन ने पोर्टल के माध्यम से आवंटन के लिए प्रसंस्करण और संचार साझा करने की प्रक्रिया शुरू की और पोर्टल को पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (एमओईएफ और सीसी) के परिवेश (PARIVESH) पोर्टल से जोड़ा।

कोयले की कीमत के संबंध में वर्तमान तंत्र के अंतर्गत 2200 kcal/किलोग्राम से अधिक के सकल कैलोरी मान (जीसीवी) के आधार पर कोयले की कीमत का निर्धारण किया जाता है। 2200 kcal/किलोग्राम (2200-2500 kcal/किलोग्राम की सीमा में आने वाले कोयले को जी-17 ग्रेड के अंतर्गत माना जाता है) से कम जीसीवी का कोयला अवर्गीकृत या अस्वीकार माना जाता है। ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियम 2016 के नियम 27 में 1500 kcal /किलोग्राम से अधिक कैलोरी मान वाले ठोस अपशिष्ट से ऊर्जा निकालने का प्रावधान है। नियम के अनुरूप कोयला सचिव ने निर्देश दिया कि ऐसे कम जीसीवी कोयले से भी पर्यावरण के अनुकूल तरीके से ऊर्जा निकाली जाए और जब तक 2200 kcal /किलोग्राम से कम ग्रेड वाले कोयले की कीमत का निर्धारण न कर लिया जाए तब तक खरीददारों से जी-17 ग्रेड वाले कोयले की कीमत से 10% कम कीमत ली जाए।

कोयला सचिव ने सभी संस्थागत तंत्रों से बंद हो चुके कोयला खदानों में कोयला कंपनियों की कार्यप्रणाली की निगरानी करने का निर्देश दिया ताकि उन खदानों को पर्यावरण अनुकूल प्रणाली के अनुरूप बंद किया जा सके।

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