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'सामाजिक सशक्तिकरण एवं दिव्यांगजनों की देखभाल' पर डीडी न्यूज कॉन्क्लेव का आयोजन


केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेन्‍द्र कुमार ने मुख्य भाषण दिया

दिव्यांगजनों और वंचित वर्गों का सशक्तिकरण 'आत्मनिर्भर भारत' और 'अंत्योदय' के उद्देश्‍यों के अनुरूप: डॉ. वीरेन्‍द्र कुमार

आजादी का अमृत महोत्सव के सिलसिले में न्यू इंडिया की पहलुओं पर डीडी न्यूज कॉन्क्लेव श्रृंखला जारी

Posted On: 05 OCT 2021 10:30PM by PIB Delhi

डीडी न्यूज कॉन्क्लेव श्रृंखला के तहत पांचवां कॉन्क्लेव 'सामाजिक सशक्तिकरण एवं दिव्यांगजनों की देखभाल' विषय पर आयोजित किया गया जिसमें केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेन्‍द्र कुमार मुख्य वक्‍ता थे। विशेषज्ञों के पैनल में सोसायटी फॉर प्रोमोशन ऑफ यूथ एंड मासेस के कार्यकारी निदेशक डॉ. राजेश कुमार, आईआईपीए की पूर्व प्रोफेसर एवं यूजीसी की सदस्‍य प्रो. सुषमा यादव, सार्थक एजुकेशनल ट्रस्ट के संस्‍थापक एवं सीईओ डॉ. जितेन्‍द्र अग्रवाल और नेशनल फेडरेशन ऑफ ब्लाइंड के महासचिव श्री एस. के. रूंगटा शामिल थे। सत्र के दौरान सामाजिक कार्यकर्ताओं, स्कूल शिक्षकों और युवा छात्रों के एक स्टूडियो दर्शकों ने पैनलिस्टों के साथ बातचीत की।

डॉ. वीरेंद्र कुमार ने अपने मुख्य वक्‍तव्‍य में कहा कि माननीय प्रधानमंत्री के 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास' के आह्वान के तहत समान और समावेशी विकास की दिशा में आगे बढ़ने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है। आयुष्मान भारत जैसी पहल, दिव्यांगजनों के लिए सहायक उपकरणों एवं प्रोस्थेटिक्स का प्रावधान, मुफ्त कॉक्‍लीयर प्रत्यारोपण जैसे शुरुआती हस्तक्षेप, दिव्यांग बच्चों के बीच व्यावसायिक कौशल को बढ़ावा देने वाले स्कूलों के लिए अनुदान का प्रावधान आदि जीवन में बदलाव ला रहे हैं। इन योजनाओं की जमीनी स्तर पर निगरानी सुनिश्चित करने के लिए मंत्रालय में एक परियोजना निगरानी इकाई की स्थापना की गई है। उन्होंने कहा कि मंत्रालय डीबीटी के माध्यम से वंचित समुदाय के बच्चों को छात्रवृत्ति प्रदान कर रहा है जिससे वैश्विक महामारी वर्ष के दौरान परिवारों को शिक्षा जारी रखने में मदद मिली है।

मंत्री ने कहा कि इसके अलावा मंत्रालय कई जागरूकता कार्यक्रमों और पुनर्वास गतिविधियों के साथ-साथ 'नशा मुक्त भारत अभियान' पर राज्यों और गैर सरकारी संगठनों के साथ मिलकर काम कर रहा है। उन्होंने वरिष्ठ नागरिकों के लिए राष्ट्रीय हेल्पलाइन नंबर '14567' और एसएसीआरईडी रोजगार जैसी पहलों का भी उल्‍लेख किया जिन्हें 1 अक्टूबर को अंतर्राष्ट्रीय बुजुर्ग दिवस के अवसर पर शुरू किया गया था।

चर्चा के दौरान विशेषज्ञ इस बात पर सहमत हुए कि दिव्यांगजनों और वंचित वर्गों को दान देने की मानसिकता को बदलकर उन्‍हें सशक्‍त बनाने की मानसिकता अपनाई जा रह है। डॉ. जितेन्‍द्र अग्रवाल ने कहा कि हाल के दिनों में कॉरपोरेट क्षेत्र कुशल दिव्यांगजनों की भर्ती कर रहा है और उनके विकास को सुगम बनाने के लिए खास तौर पर डिजाइन किए गए कार्यस्थल बनाए जा रहे हैं। श्री रूंगटा ने कहा कि दिव्‍यांग जन अधिकार अधिनियम ने समानता के मौलिक अधिकार को सुनिश्चित करने में मदद की है। उन्होंने कहा कि दिव्यांगजनों के लिए ऐक्‍सेसिबिलिटी एक अधिकार है और इसे ध्यान में रखते हुए सभी सरकारी पहलों और पोर्टलों का ऑडिट किया जाना है।

डॉ. राजेश कुमार ने कहा कि मादक द्रव्यों के सेवन के खिलाफ लड़ाई में पूरे समाज को एक साथ आना होगा। उन्‍होंने आगाह किया कि नशीले पदार्थों की बिक्री विनाशकारी तत्वों को ताकत दे रही है। प्रो. सुषमा यादव ने बताया कि बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ, सुकन्या समृद्धि, उज्ज्वला योजना और जैम ट्रिनिटी, तीन तलाक का निषेध आदि जैसी योजनाएं किस प्रकार देश भर में महिलाओं को सशक्त बना रही हैं।

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