राष्ट्रीय वित्तीय रिपोर्टिंग प्राधिकरण

सूक्ष्म, लघु और मध्यम कंपनियों (एमएसएमसी) के लिए सांविधिक लेखा परीक्षा और लेखा परीक्षा मानकों पर परामर्श पत्र

Posted On: 29 SEP 2021 9:46PM by PIB Delhi

भारत दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में अद्वितीय है और यहां सभी कंपनियों के लिए उनके आकार और विशेषताओं के बावजूद अनिवार्य रूप से लेखा परीक्षा आवश्यक है। भारत में कंपनियों द्वारा राष्ट्र के आर्थिक विकास और प्रगति में निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका को देखते हुए, यह आवश्यक है कि नियामक वातावरण इन संस्थाओं के व्यापार और आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि में समर्थन करने के अनुकूल हो ना कि उनके लिए बोझ बने।

राष्ट्रीय वित्तीय रिपोर्टिंग प्राधिकरण (एनएफआरए) द्वारा भारत में पंजीकृत कंपनियों के प्रमुख वित्तीय मानकों के आधार पर उनकी एमसीए-21 फाइलिंग से एक प्रारंभिक विश्लेषण किया गया और यह देखा गया है कि सूक्ष्म, लघु और मध्यम कंपनियों (एमएसएमसी) के ऑडिट के मानकों के अनुपालन के मामले में इनके ऑडिट की तुलना काफी कम हैं, जिसकी आवश्यकता होगी।

विश्व की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं को छोटी कंपनियों के लिए वैधानिक लेखा परीक्षा की आवश्यकता केवल तभी होती है, जब सार्वजनिक हित के कुछ न्यूनतम मानदंड संतोषजनक होते हैं। यहां तक ​​कि भारत में भी, जहां कुल कारोबार 10 करोड़ रुपए या उससे कम है बशर्ते कि 5% से अधिक लेन-देन नकद में न हो, उनका आयकर ऑडिट अब अनिवार्य नहीं है। इनके जीएसटी ऑडिट को भी पूरी तरह से समाप्त कर दिया गया है।

इसलिए, सभी कंपनियों के लिए उनके आकार और/या सार्वजनिक हित के बावजूद अनिवार्य वैधानिक लेखा परीक्षा की आवश्यकता पर फिर से विचार करना उचित है। एनएफआरए ने एक परामर्श पत्र तैयार किया है जिसमें शामिल मुद्दों की व्याख्या की गई है और उठाए गए प्रश्नों पर व्यापक हितधारक समूह और जनता की टिप्पणियों/सुझावों को प्राप्त करने के उद्देश्य से एक उचित रूप में उठाए गए प्रश्नों का उत्तर देने के लिए आवश्यक डेटा और जानकारी प्रदान की गई है।टिप्पणियाँ/सुझाव प्राप्त करने की अंतिम तिथि 10 नवंबर, 2021 है। इन टिप्पणियों/सुझावों को निम्नलिखित ईमेल पर भेजा जा सकता है: comments-tac.paper@nfra.gov.in 

सूक्ष्म, लघु और मध्यम कंपनियों (एमएसएमसी) के लिए सांविधिक लेखा परीक्षा और लेखा परीक्षा मानकों पर एनएफआरए के परामर्श पत्र को एनएफआरए की वेबसाइट पर भी देखा जा सकता है:

https://nfra.gov.in/sites/default/files/NFRAConsultationPaperMSMCs.pdf

 

राष्ट्रीय वित्तीय रिपोर्टिंग प्राधिकरण (एनएफआरए) के बारे में

राष्ट्रीय वित्तीय रिपोर्टिंग प्राधिकरण (एनएफआरए) की स्थापना अक्टूबर 2018 में कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 132 (1) के तहत केंद्र सरकार द्वारा की गई थी। कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 132 (2) (ए) के तहत एनएफआरए का एक महत्वपूर्ण कार्य कंपनियों या कंपनियों के वर्ग या उनके लेखा परीक्षकों द्वारा लेखांकन और लेखा परीक्षा नीतियों और मानकों के निर्माण और निर्धारण के लिए अपनाए जाने वाले मानकों पर केंद्र सरकार को सिफारिश करनानहै।

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