विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय
azadi ka amrit mahotsav

हाइड्रोजन के किफायती उत्पादन के लिए सूर्य के प्रकाश और पानी का उपयोग करके बड़े पैमाने का रिएक्टर विकसित किया गया

Posted On: 29 SEP 2021 6:51PM by PIB Delhi

वैज्ञानिकों की एक टीम ने पहली बार एक बड़े पैमाने का रिएक्टर विकसित किया है जो सूर्य के प्रकाश और पानी जैसे स्थायी स्रोतों का उपयोग करके पर्याप्त मात्रा में हाइड्रोजन का उत्पादन करता है, जो एक किफायती और लंबे समय तक कायम रह सकने वाली प्रक्रिया है।

भारत ने 2030 तक 450 गीगावाट अक्षय ऊर्जा का लक्ष्य रखा है। इस उपलब्धि को हासिल करने के लिए, वर्तमान परिदृश्य में, दुनिया भर के शोधकर्ता ऐसे अक्षय ऊर्जा समाधानों की दिशा में काम कर रहे हैं जो सीमित कार्बन उत्सर्जन के साथ लंबे समय तक जारी रखे जा सकें। इसे प्राप्त करने के सबसे किफायती तरीकों में से एक प्रकाश उत्प्रेरक जल विखंडन के माध्यम से बड़े पैमाने पर हाइड्रोजन का उत्पादन करना है। यह कम लागत वाली प्रक्रिया होने के साथ बढ़ती हुई अक्षय ऊर्जा जरूरतों के लिए दीर्घकालिक स्थायी समाधान है जो लंबे समय तक समाज को लाभान्वित करेगा। इसलिये इस लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में वैज्ञानिकों के बड़े प्रयास अत्यंत आवश्यक और इस समय की सबसे बड़ी आवश्यकता हैं।

इस दिशा में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार के एक स्वायत्त संस्थान नैनो विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी संस्थान (आईएनएसटी) मोहाली के डॉ. कमलकन्नन कालीसम और उनकी टीम जिसमें प्रोफेसर अशोक के गांगुली, डॉ. विवेक बागची, डॉ सन्यासिनायडु बोड्डू, डॉ प्रकाश पी एन, और डॉ मेनका झा शामिल थे, ने प्राकृतिक रुप से प्राप्त सूर्य के प्रकाश के द्वारा चलित एक प्रोटोटाइप रिएक्टर विकसित किया है जो बड़े पैमाने पर (8 घंटे में करीब 6.1 लीटर) हाइड्रोजन का उत्पादन करता है। उन्होंने इसके लिए पृथ्वी पर प्रचुर मात्रा में उपलब्ध कार्बन नाइट्राइड नामक रसायन का उपयोग उत्प्रेरक के रूप में किया है।

कई शोधकर्ताओं द्वारा जटिल धातु ऑक्साइड/नाइट्राइड/सल्फाइड आधारित हेट्रोजीनियस सिस्टम का उपयोग करके कई बार इस प्रक्रिया के लिये प्रयास किये गये थे, लेकिन इसका बड़ी मात्रा में फिर से उत्पादन किया जाना बहुत मुश्किल था। आईएनएसटी टीम ने कार्बन नाइट्राइड्स में कम लागत वाले ऑर्गेनिक सेमीकंडक्टर का इस्तेमाल किया, जिसे इसके सस्ते पूर्ववर्ती जैसे यूरिया और मेलामाइन का उपयोग करके बड़े पैमाने पर आसानी से तैयार किया जा सकता है। जब इस अर्धचालक पर सूर्य का प्रकाश पड़ता है, तो इलेक्ट्रॉन और छिद्र उत्पन्न होते हैं। इलेक्ट्रॉन प्रोटॉन को कम कर हाइड्रोजन का उत्पादन करते हैं, वहीं रासायनिक एजेंटों जिन्हें सेक्रेफिशल एजेंट कहते हैं, के द्वारा छिद्रों को भरा जाता है। अगर छिद्रों को भरा नहीं जाये तो, वे इलेक्ट्रॉनों के साथ पुनर्संयोजन करेंगे। यह काम डीएसटी नैनो मिशन एनएटीडीपी परियोजना द्वारा समर्थित है, और संबंधित लेख हाल ही में 'जर्नल ऑफ क्लीनर प्रोडक्शन' में प्रकाशित हुआ है, और टीम प्रौद्योगिकी के लिए पेटेंट प्राप्त करने की प्रक्रिया में है।

आईएनएसटी टीम पिछले कुछ समय से हाइड्रोजन उत्पन्न करने के लिए प्रकाश उत्प्रेरक जल विखंडन के इस क्षेत्र में काम कर रही है। "ऊर्जा संकट और जलवायु संकट के निरंतर जारी खतरों ने हमें प्रकाश उत्प्रेरक जल विखंडन के माध्यम से हाइड्रोजन उत्पादन के इस आशाजनक तरीके पर काम करने के लिये प्रेरित किया। स्थिरता और कार्बन नाइट्राइड में विभिन्न कार्बनिक समूहों की मौजूदगी से प्राप्त कैमिकल फ्लैक्सीबिलिटी ने हमें लंबी अवधि तक जारी रहने योग्य हाइड्रोजन उत्पादन के लिए इन लागत प्रभावी ऑर्गेनिक सेमीकंडक्टर पदार्थों पर काम करने के लिए प्रेरित किया, ”डॉ कमलकन्नन ने कहा।

आईएनएसटीटीम ने बड़ी मात्रा में प्रकाश उत्प्रेरक विकसित करने और बड़े प्रोटोटाइप रिएक्टर के माध्यम से  हाइड्रोजन उत्पादन के विकास के लिए प्रयोगशाला-स्तर की प्रक्रिया से शुरुआत की। रिएक्टर लगभग 1 वर्ग मीटर का है, और जहां पर जल प्रवाह बनाये रखा जाता है, प्रकाश उत्प्रेरक का पैनलों के रूप में लेप किया गया। प्राकृतिक रुप से प्राप्त सूर्य के प्रकाश के विकिरण पर, हाइड्रोजन का उत्पादन होता है और गैस क्रोमैटोग्राफी के माध्यम से इसकी मात्रा निर्धारित की जाती है। टीम सूर्य के प्रकाश के समय का प्रभावी इस्तेमाल, और फ्यूल सेल के साथ हाइफनेट के लिये हाइड्रोजन, माइस्चर ट्रैप और गैस सेपरेशन मैम्ब्रेन की शुद्धता बढ़ा कर हाइड्रोजन के उत्पादन को अधिकतम स्तर तक ले जाने की प्रक्रिया में है।  

इस तरह से उत्पन्न हाइड्रोजन का उपयोग कई रूपों में किया जा सकता है जिसमें से कुछ उदाहरणों में दूरदराज के आदिवासी क्षेत्रों में फ्यूल सेल के माध्यम से बिजली उत्पादन, हाइड्रोजन स्टोव और छोटे गैजेट्स को बिजली देना आदि शामिल हैं। आने वाले समय में, वे ट्रांसफॉर्मर और ई-वाहनों को शक्ति प्रदान कर सकते हैं, जो कि जारी अनुसंधान के लंबी अवधि का लक्ष्य है।

प्रकाशन लिंक: https://doi.org/10.1016/j.jclepro.2021.127162

पेटेंट: फोटोकैटलिस्ट (सस्पैंडेड पाउडर) के साथ बड़े पैमाने पर प्रोटोटाइप रिएक्टर के निर्माण और बड़े पैमाने पर हाइड्रोजन उत्पादन में उनके सफल उपयोग के लिये विकास- प्रक्रिया जारी  

 

 

 

चित्र 1.  आईएनएसटी मोहाली में तैयार किये गये बड़े पैमाने के प्रोटोटाइप रियेक्टर के इस्तेमाल से प्राकृतिक रुप से मिलने वाले सूर्य के प्रकाश द्वारा हाइड्रोजन उत्पादन  

 

और अधिक जानकारी के लिये, कृपया डॉ कमलकन्नन कालीसम से संपर्क करें (email:kamal@inst.ac.in

 

*****

एमजी/एएम/एसएस 


(Release ID: 1759560) Visitor Counter : 475


Read this release in: English , Urdu