वित्‍त मंत्रालय

वित्त वर्ष 2021-22 की दूसरी छमाही के लिए सरकार की उधारी योजना

Posted On: 27 SEP 2021 7:23PM by PIB Delhi

भारत सरकार ने भारतीय रिजर्व बैंक के परामर्श से वित्त वर्ष 2021-22 की दूसरी छमाही (एच2) के लिए अपने उधार कार्यक्रम को अंतिम रूप दिया है।

केंद्रीय बजट में वित्त वर्ष 2021-22 के लिए अनुमानित ₹12.05 लाख करोड़ रुपये के सकल बाजार उधार में से ₹7.24 लाख करोड़ रुपये (60 प्रतिशत) को पहली छमाही (एच1) में लेने की योजना थी। वित्त वर्ष 2021-22 की पहली छमाही में प्रभावी उधारी ₹7.02 लाख करोड़ रुपये थी। सरकार अब वित्त वर्ष 2021-22 की दूसरी छमाही (एच2) में शेष 5.03 लाख करोड़ रुपये उधार लेने की योजना बना रही है। वित्त वर्ष 2021-22 की दूसरी छमाही के अनुमान में वर्ष के दौरान जीएसटी मुआवजे के एवज में बैक-टु-बैक ऋण सुविधा के कारण राज्यों को शेष राशि जारी करने की आवश्यकताएं भी शामिल हैं।

पहली छमाही में उधारी 6.19 प्रतिशत के भारित औसत प्रतिफल और 16.69 वर्षों की भारित औसत परिपक्वता अवधि के साथ आसानी से पूरी हो गई। पहली छमाही के दौरान सभी प्रमुख निवेशक वर्गों से सरकारी बॉन्डों की अच्छी मांग देखी गई और प्रतिफल स्थिर बना रहा।

दूसरी छमाही में सरकार की उधारी रकम ₹5.03 लाख करोड़ रुपये ₹24,000/23,000 करोड़ रुपये के 21 साप्ताहिक किस्तों में मिलने की संभावना है। उधारी 2, 5, 10, 14, 30 और 40 साल की प्रतिभूतियों और फ्लोटिंग रेट बॉन्ड (7 से 8 और 13 साल की अवधि) के तहत जुटाने की योजना है। विभिन्न परिपक्वता अवधि के तहत उधारी की हिस्सेदारी इस प्रकार होगी: 2 वर्ष: 4 प्रतिशत, 5 साल: 11.9 प्रतिशत, 10 साल: 28.4 प्रतिशत, 14 वर्ष: 17.9 प्रतिशत, 30 वर्ष: 13.9 प्रतिशत और 40 वर्ष: 15.1 प्रतिशत। फ्लोटिंग रेट बॉन्ड के तहत उधारी 8.8 प्रतिशत होगी। सरकार 13 साल के अलावा 7 से 8 साल का एक और फ्लोटिंग रेट बॉन्ड जारी करेगी। इन दोनों को वैकल्पिक आधार पर जारी किया जाएगा।

सरकार आगामी वर्षों में इन प्रतिभूतियों को भुनाने की प्रक्रिया को सुगम बनाने के लिए प्रतिभूतियों की अदला-बदली करना जारी रखेगी।

वित्त वर्ष 2021-22 की तीसरी तिमाही के दौरान ट्रेजरी बिल के तहत साप्ताहिक उधारी (-) ₹1.04 लाख करोड़ रुपये की शुद्ध उधारी के साथ ₹20,000 करोड़ रुपये होने की उम्मीद है। तिमाही के दौरान 91 डीटीबी के तहत ₹10,000 करोड़ रुपये, 182 डीटीबी के तहत ₹3,000 करोड़ रुपये, 364 डीटीबी के तहत ₹7,000 करोड़ रुपये जारी किए जाएंगे।

सरकारी खाते में अस्थायी विसंगतियों से निपटने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक ने दूसरी छमाही के लिए वेज एंड मीन एडवांस (डब्ल्यूएमए) सीमा ₹50,000 करोड़ रुपये निर्धारित की है।

वित्त मंत्रालय और आरबीआई की वेबसाइटों पर उपलब्ध विस्तृत प्रेस विज्ञप्ति में अधिक जानकारी देखी जा सकती है।

 

अधिक जानकारी के लिए:  pib.gov.in/PressReleseDetail.aspx?PRID=1758660

 

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