पर्यटन मंत्रालय

पर्यटन मंत्रालय ने आजादी का अमृत महोत्सव अभियान के अंतर्गत "इनक्रेडिबल इंडिया एडवेंचर : एक्सपीरियंसिंग द एवरेस्ट" विषय पर वेबिनार का आयोजन किया


पर्यटन मंत्रालय ने भारतीय विश्वविद्यालय संघ के सहयोग से आजादी का अमृत महोत्सव- भारत@75 मनाया

Posted On: 26 SEP 2021 2:46PM by PIB Delhi

प्रमुख आकर्षण:

भारत के 75वें स्वतंत्रता दिवस समारोह की पूर्व संध्या पर 12 धारावाहिकों की श्रृंखला शुरू की गई थी।

श्रृंखला में प्रत्येक धारावाहिक भारत की सांस्कृतिक विरासत के बारे में विविध विषयों पर केंद्रित है और "अतुल्य भारत" के बारे में जागरूकता पैदा करता है।

पर्यटन मंत्रालय ने भारतीय विश्वविद्यालय संघ (एआईयू) के सहयोग से भारत के 75 वें स्वतंत्रता दिवस समारोह की पूर्व संध्या पर, 14 अगस्त 2021 को, एक वेबिनार का आयोजन किया। इस वेबिनार के दौरान, 12 धारावाहिकों की एक श्रृंखला शुरू की गई, जो प्रतिभागियों को अतुल्य भारत की एक वर्चुअल यात्रा पर ले जाएगी। शुक्रवार, 24 सितंबर 2021 को, "इनक्रेडिबल इंडिया एडवेंचर : एक्सपीरियंसिंग द एवरेस्ट - आज़ादी का अमृत महोत्सव" शीर्षक श्रृंखला का दूसरा धारावाहिक आयोजित किया गया था।

12 धारावाहिकों की यह श्रृंखला प्रतिभागियों को भारत की वर्चुअल यात्रा पर ले जाएगी। दूसरे धारावाहिक में, जीवन के विभिन्न क्षेत्रों की प्रतिष्ठित हस्तियों ने माउंट एवरेस्ट और हिमालय के विभिन्न महत्वपूर्ण क्षेत्रों में अभियान पर अपनी अविश्वसनीय कहानियों और अनुभवों को साझा किया और साहसिक खेल गतिविधियों जैसे स्कूबा डाइविंग, पैराग्लाइडिंग, पैरासेलिंग, बंजी जंपिंग आदि के अनुभवों को भी साझा किया। पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित सुश्री संतोष यादव, आईपीएस श्री अतुल करवाल और आईएएस श्री रवींद्र कुमार ने 24 सितंबर 2021 को वेबिनार में अपने अनुभव और चुनौतियों को साझा किया।

पर्यटन मंत्रालय आज़ादी का अमृत महोत्सव की यात्रा में, भारत के गौरवशाली अतीत और भव्य भविष्य से परिचित कराने के लिए बच्चों और युवाओं पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। बच्चे और युवा हमारे अविश्वसनीय देश की ऊर्जा और ताकत हैं। मजबूत सांस्कृतिक मूल्यों के साथ और भारत को वैश्विक नेतृत्व के पथ पर आगे ले जाने के लिए, यह महत्वपूर्ण है कि उन्हें हमारे राष्ट्र की विविधता की शक्ति से अवगत कराया जाए। श्रृंखला का प्रत्येक धारावाहिक भारत की सांस्कृतिक विरासत के बारे में विविध विषयों और "अतुल्य भारत" के बारे में जागरूकता पैदा करने पर केंद्रित है।

 

वेबिनार के दौरान, एसवीपी एनपीए, हैदराबाद के निदेशक और 1988 बैच के एक आईपीएस अधिकारी, श्री अतुल करवाल ने मई 2008 में एवरेस्ट चोटी की चढ़ाई के दौरान अपने अनुभवों और चुनौतियों को साझा किया। उन्होंने अंडमान और लक्षद्वीप द्वीप समूह में स्कूबा डाइविंग, मनाली-लेह-खरदुंगला रोड पर साइकिल चलाना, कैलाश मानसरोवर के लिए साइकिल चलाना और कैलाश पर्वत की परिक्रमा और लद्दाख, अरुणाचल प्रदेश की यात्रा जैसी अन्य साहसिक गतिविधियों का अनुभव भी साझा किया। श्री करवाल ने कहा कि अपने लक्ष्यों को प्राथमिकता दें और सख्त अनुशासन का पालन करें तो आपको अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने से कोई नहीं रोक सकता है। श्री करवाल ने गुजरात में विभिन्न स्थानों पर पुलिस अधीक्षक और पुलिस उपायुक्त के रूप में कार्य किया। उन्हें सराहनीय सेवा के लिए पुलिस पदक, विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक और उनके प्रतिष्ठित कार्यों के लिए कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। श्री करवाल एक बहुत अच्छे मैराथन धावक हैं। उन्हें मार्शल आर्ट्स में ब्लैक बेल्ट का खिताब प्राप्त है और स्कूबा डाइविंग और स्काई डाइविंग में वे प्रशिक्षित हैं।

 

अगली सम्मानित अतिथि सुश्री संतोष यादव ने प्रतिभागियों को पर्वतारोहण और उपलब्धियों की एक बहुत ही प्रेरणादायक यात्रा पर लेकर गईं। सुश्री यादव की पर्वतारोहण की यात्रा हिमालय के बारे में एक जिज्ञासा और जुनून के साथ शुरू हुई। इस जुनून और जिज्ञासा के कारण उन्होंने उत्तराखंड में उत्तरकाशी के नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (एनआईएम) में प्रशिक्षण प्राप्त किया और पर्वतारोहण के लिए सर्वश्रेष्ठ उम्मीदवार के रूप में उन्हें चुना गया। सुश्री संतोष यादव एवरेस्ट चोटी को दो बार फतह करने वाली दुनिया की पहली महिला हैं और उन्हें न केवल भारत में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक अग्रणी महिला पर्वतारोही और नायक के रूप में माना जाता है। सुश्री यादव को पर्वतारोहण के क्षेत्र में उनके उत्कृष्ट कार्यों के लिए सर्वोच्च नागरिक पुरस्कारों में से एक "पद्मश्री" से सम्मानित किया गया है। सुश्री संतोष यादव भारत-ताइवान सेसर कांगड़ी-I, भारत-जापानी कंचनजंगा अभियान आदि जैसे कई महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय अभियानों की सदस्य रही हैं।

 

उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले के जिला मजिस्ट्रेट, श्री रवींद्र कुमार, एक पूर्व मर्चेंट नेवल ऑफिसर, एक आईएएस अधिकारी, एक पर्वतारोही, लेखक, प्रेरक वक्ता और एक समाज सेवा प्रेमी हैं। श्री कुमार पहले आईएएस अधिकारी हैं जिन्होंने 2013 में और फिर 2015 और 2019 में एवरेस्ट चोटी को फतह किया है। माउंट एवरेस्ट पर उनके अभियान ज्यादातर एक उद्देश्य के साथ थे जैसे स्वच्छ भारत अभियान, जल संरक्षण आदि के बारे में भारत के लोगों से अपील करना और एक वृत्तचित्र "शिखर से पुकार'' में इसे आश्चर्यजनक ढंग से प्रदर्शित किया गया है। उन्होंने भारत में अन्य आकर्षक ट्रेक, भारत में साहसिक खेलों के अनुभव जैसे स्कूबा डाइविंग, पैराग्लाइडिंग, रिवर राफ्टिंग, बंजी जंपिंग के अनुभवों को भी साझा किया। श्री कुमार के नाम कई पुरस्कार हैं जिनमें सिक्किम खेल रत्न पुरस्कार, विशेष खेल सम्मान, काशी रत्न पुरस्कार और कई अन्य सम्मान शामिल हैं। उन्होंने राज्य सरकार और केंद्रीय मंत्रालयों में विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर काम किया है।

पर्यटन मंत्रालय में अपर महानिदेशक, सुश्री रूपिंदर बराड़, और भारतीय विश्वविद्यालय संघ की महासचिव, सुश्री (डॉ.) पंकज मित्तल ने वेबिनार की अध्यक्षता की। वेबिनार में 6,814 लोगों ने एनईजीडी प्लेटफॉर्म और यू ट्यूब पर सजीव सत्र के माध्यम से भाग लिया। वेबिनार पर आधारित प्रश्नोत्तरी में 4,185 प्रतिभागियों ने भाग लिया और प्रश्नोत्तरी में भाग लेने वाले प्रतिभागियों को भागीदारी प्रमाण पत्र से पुरस्कृत किया गया।

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