खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय

केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्य मंत्री श्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने भारतीय प्रबंध संस्थान-आईआईएम शिलांग में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग पर दो दिवसीय पूर्वोत्तर शिखर सम्मेलन का उद्घाटन किया


उन्होंने एक्ट ईस्ट नीति को दोहराया और मेघालय को अनंत संभावनाओं का विशाल केंद्र बताया

Posted On: 24 SEP 2021 4:08PM by PIB Delhi

केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय और जल शक्ति मंत्रालय में राज्य मंत्री श्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने आज मेघालय के शिलांग में खाद्य प्रसंस्करण के अवसरों पर दो दिवसीय पूर्वोत्तर शिखर सम्मेलन का उद्घाटन किया।

 

श्री पटेल ने खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में समावेशी विकास के लिए साझेदारी बनाने के उद्देश्य से आज औपचारिक रूप से भारतीय प्रबंध संस्थान (आईआईएम) शिलांग में शिखर सम्मेलन का शुभारम्भ किया।

केंद्रीय मंत्री ने कहा, "वे कहते हैं कि एक अच्छी शुरुआत आधा काम कर देती है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का दृष्टिकोण था कि 'पूर्व की ओर देखो नहीं, बल्कि पूर्व में कार्य करो।' आज मैंने मेघालय से शुरूआत कर इस आदर्श वाक्य पर काम किया और महसूस किया कि इस राज्य में अपार संभावनाएं हैं जो इस राज्य को अभी भी विकास के पथ पर आगे ले जाएंगे।"

श्री पटेल ने कहा कि सफलता के तीन महत्वपूर्ण कारक सूचना, संपर्क और संचार आधार तैयार करते हैं, और खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र भी इन कारकों पर निर्भर है। उन्होंने इस बात का उदाहरण दिया कि कैसे एक उत्पाद का उत्पादन उस स्थान पर किया जा सकता है जहां वह अपना उद्देश्य भी पा सकता है, जिससे एक उद्यम सफल हो सकता है। उन्होंने कहा कि उद्योग में ही रोजगार पैदा करने की शक्ति है और संगठन, राज्य और पूरे राष्ट्र के लिए लाभ सृजन में सहायक भी है।

उन्होंने बताया, "भारत सरकार उत्पादों के वितरण में सहायता के लिए योजनाएं लेकर आई है।" श्री पटेल ने कहा कि एकमात्र चिंता प्रसंस्करण के दौरान आने वाले मुद्दों या चुनौतियों को स्पष्ट रूप से समझने में है। श्री पटेल ने आईआईएम शिलांग में सभा को संबोधित करते हुए कहा, “हमें समस्याओं पर ठीक से चर्चा करनी चाहिए और तभी हम सफल हो सकते हैं। चर्चा सफलता का मार्ग प्रशस्त करती है। हम सभी के पास सोचने की शक्ति और आने वाली किसी भी चुनौती का सामना करने की ताकत है।”

उद्घाटन समारोह के दौरान, अपने सम्बोधन में केंद्रीय मंत्री ने भारत के पूर्व राष्ट्रपति स्वर्गीय डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम को श्रद्धांजलि अर्पित की, जिन्होंने आईआईएम शिलांग में अपना अंतिम भाषण दिया था।

भारतीय प्रबंध संस्थान-आईआईएम शिलांग के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के सदस्य, श्री अतुल कुलकर्णी ने कहा कि पूर्वोत्तर में एमएसएमई के तहत पंजीकृत केवल 60,000 इकाइयां हैं, जो देश की कुल पंजीकृत इकाइयों का केवल 0.7 प्रतिशत है। उन्होंने जनता के बीच सरकारी योजनाओं के बारे में जागरूकता की कमी पर भी प्रकाश डाला।

इस क्षेत्र में उद्यमियों के सामने आने वाली कुछ चुनौतियों को साझा करते हुए उन्होंने कहा कि अपर्याप्त संस्थागत समर्थन और अपर्याप्त अनुसंधान एवं विकास कुछ ऐसे मामले हैं जिन्हें मंत्रालय द्वारा हल किया जा सकता है। श्री कुलकर्णी ने कहा कि चुनौतियों के बीच, खराब बुनियादी ढांचा और कम वित्तीय सहायता इस क्षेत्र के विकास को रोक रही है, हालांकि यहाँ काफी क्षमता है। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र में उद्यमशीलता की क्षमता प्रतिस्पर्धा है, जो एक अच्छा संकेत है और इसे किसानों के लिए अधिक आय उत्पन्न करने और रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए पूंजीकृत किया जा सकता है।

आयोजन के दौरान, अरुणाचल प्रदेश के प्रसिद्ध शराब बनाने वाले, तागे रीटा और मणिपुर की मीरा फूड्स की प्रोपराइटर शुभ्रा देवी सहित इस क्षेत्र के विभिन्न हिस्सों के सफल उद्यमियों ने अपनी यात्रा के बारे में बातचीत की और अपने प्रयासों और चुनौतियों को साझा किया।

 

भारतीय प्रबंध संस्थान-आईआईएम शिलांग के निदेशक प्रो. डी.पी. गोयल, पूर्वोत्तर परिषद के सदस्य, खादी ग्राम उद्योग, विशेषज्ञ, उद्यमी और जीवन के विभिन्न क्षेत्रों के गणमान्य व्यक्ति भी आज इस कार्यक्रम में उपस्थित थे।

दो दिवसीय शिखर सम्मेलन के लिए कई तकनीकी सत्र आयोजित किए गए हैं जहां विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ अपने-अपने व्याख्यान देंगे। शिखर सम्मेलन का उद्देश्य क्षेत्र में खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में समावेशी विकास के लिए साझेदारी बनाना है।

*****

एमजी/एएम/एमकेएस/वाईबी



(Release ID: 1757779) Visitor Counter : 496


Read this release in: English , Manipuri