कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय

केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रशिक्षण और प्रशासन दोनों में एकीकृत दृष्टिकोण के लाभ को अब अनुभव किया जाने लगा है


प्रौद्योगिकी की मदद से ज्ञान तक पहुँच अब आसान हुई है जिसने पेशेवरों और विभिन्न क्षेत्रों के विकास को आसान बना दिया है

डॉ जितेंद्र सिंह इंडियन स्कूल ऑफ बिज़नेस मोहाली/हैदराबाद के एडवांस्ड मैनेजमेंट प्रोग्राम इन पब्लिक पॉलिसी (एएमपीपीपी) में भाग लेने वाले प्रतिभागियों से बात कर रहे थे

Posted On: 23 SEP 2021 8:15PM by PIB Delhi

केन्द्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार); पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार); प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री; लोक शिकायत एवं पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अन्तरिक्ष मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने आज इंडियन स्कूल ऑफ बिज़नेस मोहाली/हैदराबाद के एडवांस्ड मैनेजमेंट प्रोग्राम इन पब्लिक पॉलिसी (एएमपीपीपी) में भाग लेने वाले प्रशिक्षुओं से बातचीत की।

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प्रशिक्षार्थियों से चर्चा करते हुए डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि यह अब स्पष्ट हो चुका है कि एकीकृत दृष्टिकोण प्रशिक्षण और प्रशासन दोनों में लाभदायक है। उन्होंने कहा कि एकीकृत दृष्टिकोण अपनाने से विविध रूप में क्षमता निर्माण में भी मदद मिलती है।

केंद्रीय मंत्री ने 'मिशन कर्मयोगी' और इसके विभिन्न पहलुओं के बारे में बात करते हुए कहा कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू किए गए इस मिशन में हाई-टेक मॉड्यूल हैं जिनकी मदद से अधिकारियों और छात्रों को लगातार प्रशिक्षित किया जा रहा है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वर्तमान शासन में, अतीत की कई प्रचलित विसंगतियों को दूर कर दिया गया है और अंतरिक्ष तथा परमाणु ऊर्जा जैसे विभिन्न क्षेत्रों के लिए नए रास्ते खोल दिए गए हैं और इसके परिणामस्वरूप आज भारत ने दुनिया को यह दिखा दिया है कि परमाणु ऊर्जा का उपयोग विकास के क्षेत्रों में किस तरह से किया जा सकता है।

केंद्रीय मंत्री ने विभिन्न उदाहरणों के माध्यम से इस बात पर ज़ोर दिया कि किस तरह से प्रौद्योगिकी की मदद से ज्ञान तक पहुँच अब आसान हुई है जिसने पेशेवरों और विभिन्न क्षेत्रों के विकास को आसान बना दिया है।

सार्वजनिक नीति में उन्नत प्रबंधन कार्यक्रम (एएमपीपीपी), कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग के प्रशिक्षण प्रभाग द्वारा संचालित पांच दीर्घकालिक घरेलू कार्यक्रमों (एलटीडीपी) में से एक है। एएमपीपीपी कार्यक्रम इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस-हैदराबाद/मोहाली (आईएसबी-एच/एम) में चलाया गया, जिसके अंतर्गत प्रशिक्षण के एक हिस्से में प्रशिक्षार्थियों को स्कूल परिसर में जबकि दूसरे हिस्से में कार्यस्थल पर प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण विभाग के अन्य दीर्घकालिक घरेलू कार्यक्रमों में पूर्णकालिक संस्थागत प्रशिक्षण दिया जाता है साथ ही उनमें 2 सप्ताह की अवधि का अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षण भी शामिल होता है, उन कार्यक्रमों के विपरीत एएमपीपीपी को लोक नीति पर अधिकारियों के अनुकूल घरेलू प्रशिक्षण कार्यक्रम के रूप में तैयार किया गया है, जिसमें कोई अंतरराष्ट्रीय घटक सम्मिलित नहीं है। यह कार्यक्रम अखिल भारतीय सेवाओं (आईएएस, आईपीएस और आईएफओएस), केंद्रीय सिविल सेवा (ग्रुप ए), राज्य प्रशासनिक प्रशिक्षण संस्थानों (एटीआई) के संकाय सदस्यों और राज्य सिविल सेवा (ग्रुप ए) के अधिकारियों के लिए उपलब्ध है। यह पाठ्यक्रम सार्वजनिक नीति, अर्थशास्त्र, कॉर्पोरेट वित्त और वैश्विक वित्तीय बाजार, प्रौद्योगिकी और समाज, लैंगिक और विकास, सार्वजनिक नीति में नैतिकता, और सार्वजनिक-निजी भागीदारी में दक्षताओं का निर्माण करता है। इस कार्यक्रम के अंतर्गत पांच बैच में अधिकारी प्रशिक्षण पहले ही प्राप्त कर चुके हैं और छठे बैच का प्रशिक्षण जारी है, जिसमें 14 प्रतिभागी भाग ले रहे हैं।

एमजी /एएम/ डीटी



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