विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय
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सिंगल पार्टिकल इंजन की पर्यावरण में उत्पन्न ध्वनियों पर प्रतिक्रिया की जानकारी बायोमेडिकल इंजीनियरिंग में मददगार सूक्ष्म-यंत्रों के निर्माण में सहायता कर सकती है

Posted On: 20 SEP 2021 5:16PM by PIB Delhi

एकल कोलाइडल कण वाले सूक्ष्म इंजनों का प्रदर्शन पर्यावरण में उत्पन्न ध्वनियों में उतार-चढ़ाव के साथ बदलता है, शोधकर्ताओं के एक अध्ययन में ये बात कही गयी है जिन्होंने आसपास के माध्यम में ध्वनि के उतार-चढ़ाव पर ऐसे सूक्ष्म इंजनों की प्रतिक्रिया का मूल्यांकन किया है। ये जानकारी सूक्ष्म-यंत्रों के भविष्य में होने वाले निर्माण में अति आवश्यक होगी जो कि जटिल जैविक वातावरण में कार्य करेंगे और बायोमेडिकल इंजीनियरिंग में महत्वपूर्ण होते जा रहे हैं। 

सूक्ष्म यांत्रिक मशीनें वर्तमान समय के विज्ञान और प्रौद्योगिकी में सबसे अग्रिम पंक्ति में हैं, जिसका इस्तेमाल एयरोस्पेस से लेकर बायोमेडिकल इंजीनियरिंग तक में हैं। हाल ही में वैज्ञानिकों ने एकल कोलाइडल कणों से प्रायोगिक रूप में ऐसी मशीनों का निर्माण किया है। इन प्रणालियों में, यांत्रिक कार्य और बिजली उत्पादन इसके वातावरण में उतार-चढ़ाव से सबसे ज्यादा प्रभावित होता है। इसलिए, पर्यावरण में उत्पन्न ध्वनियों की इस ऊर्जा रूपांतरण में भूमिका के आंकड़ों को समझना ऐसी सूक्ष्म मशीनों जैसे प्राकृतिक रूप से मौजूद मॉलिक्यूलर मोटर जो एक जीवित कोशिका के अंदर परिवहन करती हैके संचालन को समझने के लिए महत्वपूर्ण है। .

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार के एक स्वायत्त संस्थान, जवाहरलाल नेहरू उन्नत वैज्ञानिक अनुसंधान केंद्र (जेएनसीएएसआर) और भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी) बैंगलोर के शोधकर्ताओं की टीम ने एक एकल कोलाइडल कण को लेजर ट्रैप से सीमा बद्ध कर एक माइक्रोमीटर के आकार के स्टर्लिंग इंजन (सिलेंडरों में सील की गई कार्यशील गैस को गर्म और ठंडा करके उष्मीय ऊर्जा को गतिज ऊर्जा में परिवर्तित करने वाला एक तरह का ताप इंजन) का निर्माण किया।

इसकी कार्य पद्धति की जांच द्रवकुंड (तरल जिसमें कोलाइडल कण रखा जाता है) की मौजूदगी में उष्मीय ध्वनियों (पानी के अणुओं की अनियमित गति के कारण) और गैर- उष्मीय ध्वनियों (तापमान से अलग अन्य स्रोत से ध्वनियां जैसे लेजर किरणों में उतार-चढ़ाव के द्वारा) के साथ करने पर उन्होने पाया कि इंजन गैर उष्मीय ध्वनियों पर प्रतिक्रिया कर रहे हैं। यह अध्ययन हाल ही में 'नेचर कम्युनिकेशंस' जर्नल में प्रकाशित हुआ है। 

जेएनसीएएसआर टीम ने यह द्रवकुंड अभियांत्रिकी की नई तकनीक की मदद से किया जिसमें लेजर ट्रैप का इस्तेमाल कोलाइडल कणों को कृत्रिम ध्वनि प्रदान करने के लिए हुआ, इससे विविध प्रकार की कृत्रिम ध्वनि मिली जिसे पहले पाना संभव नहीं था। टीम ने यह भी दिखाया कि इंजन की दक्षता को प्रभावित किये बिना विभिन्न चक्र-गतियों (एक स्टर्लिंग चक्र को पूरा करने में लगने वाला समय) पर अधिकतम बिजली उत्पादन का तरीका प्राप्त किया जा सकता है। 

कार्य, शक्ति और दक्षता, यानी इंजन का प्रदर्शन, लेजर के फैलाव की दर और कण के कंपन की विश्राम में आने की दर पर निर्भर करता है। पर्यावरण में उत्पन्न ध्वनियों/उतार-चढ़ाव के आंकड़ों को बदलकर, विश्राम में आने की दर को बदला जा सकता है, और इसलिए इंजन के प्रदर्शन को संशोधित किया जा सकता है।

मॉलिक्यूलर मोटर जो जीवित कोशिका के अंदर परिवहन करते हैं, गैर उष्मीय ध्वनियों (जिसमें उष्मा या फिर तापमान में बदलाव कुछ भी शामिल नहीं होता) की उपस्थिति में साम्यावस्था से काफी दूर (सिर्फ आगे की तरफ गति) परिचालन करते हैं। इसलिये गैर साम्यावस्था ऊर्जा रूपांतरण में गैर- ऊष्मीय ध्वनियों की भूमिका को समझना किसी कृत्रिम सूक्ष्म यंत्र जो कि जटिल जैविक वातावरण में कार्य करता हो के निर्माण में अंतर्दृष्‍टि प्रदान करेगा ।

प्रकाशन लिंक

डीओआई: https://doi.org/10.1038/s41467-021-25230-1

लेखक: निलोयेंदु रॉय, नैथन लिरॉक्स, ए के सूद, राजेश गणपति

और जानकारी के लिये श्री निलोयेंदु रॉय (niloyendu@jncasr.ac.in ) और प्रोफेसर राजेश गणपति  (rajeshg@jncasr.ac.in) से संपर्क किया जा सकता है। 

 

Text Box: Reservoir Engineering technique : Schematic diagram of reservoir engineering with a principal laser trap confining the colloidal particle and a secondary trap flashed at different positions to impart artificial noise. Text Box: Statistics of engineered reservoirs :  Probability distribution of the particle’s position in a Gaussian (blue circles) and a non-Gaussian (red squares) reservoir engineered at nearly identical effective temperature is shown. The non-Gaussian reservoir with heavy tails has a kurtosis ĸ= 27 while the Gaussian reservoir has a kurtosis ofĸ= 3.

 

Text Box: Schematic diagram of the Stirling engine cycle : An isothermal compression is performed in presence of Gaussian noise at lower temperature (T = 1570 K) from state 1 with minimum stiffness to state 2 with maximum stiffness of the laser trap.  An isothermal expansion is performed in presence of the non-Gaussian noise at higher temperature (T = 1824 K) by broadening the trap from maximum stiffness (state 3) to minimum stiffness (state 4). Two isochoric transitions connect the two isothermal transitions. During the isochoric transitions, the trap stiffness is held fixed while the noise statistics and temperature is altered.

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