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भारत में पहली बार उच्च गुणवत्ता वाला पारदर्शी सिरेमिक्स विकसित जिसका इस्तेमाल थर्मल इमेजिंग और व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों में किया जा सकता है

Posted On: 15 SEP 2021 6:23PM by PIB Delhi

भारत में पहली बार उच्च गुणवत्ता वाला पारदर्शी सिरेमिक्स विकसित जिसका इस्तेमाल थर्मल इमेजिंग और व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों में किया जा सकता है

भारतीय शोधकर्ताओं ने भारत में पहली बार एक पारदर्शी सिरेमिक्स विकसित किया है, जो कोलॉइडल प्रोसेसिंग नाम की तकनीक के बाद तापमान और दबाव के एक ही समय में इस्तेमाल से सैद्धांतिक पारदर्शिता तक पहुंचता है। यह पदार्थ थर्मल इमेजिंग अनुप्रयोगों में खासतौर पर कार्य के लिये कड़ी परिस्थितियों में और व्यक्तिगत सुरक्षा उपायों जैसे हेलमेट, फेस शील्ड और चश्में आदि में इस्तेमाल किया जा सकता है।

पारदर्शी सिरेमिक उन्नत पदार्थों का एक नया वर्ग है, जिसमें अद्वितीय पारदर्शिता और उत्कृष्ट यांत्रिक गुण हैं। इन पदार्थों को न केवल प्रकाश के लिये बल्कि पराबैंगनी (यूवी), इन्फ्रारेड (आईआर), और रेडियोफ्रीक्वेंसी (आरएफ) की पारदर्शिता के लिये भी डिजाइन किया जा सकता है, जिससे इसके इस्तेमाल के अनेक अवसर मिलते हैं। ये पदार्थ हालांकि कई देशों में तैयार किये जाते हैं, इनकी आपूर्ति पर प्रतिबंध है क्योंकि इनका इस्तेमाल रणनीतिक अनुप्रयोगों में किया जा सकता है। देश में इसे तैयार करने के लिये कई प्रयास किये गये लेकिन उत्पादित पारदर्शी सिरेमिक या तो प्रयोगशाला स्तर पर थे या कम पारदर्शिता के थे। वर्तमान में विकसित प्रक्रिया प्रायोगिक स्तर पर कई अनुप्रयोगों के इस्तेमाल के योग्य उत्पादन में सक्षम है।

आम तौर पर उच्च शुद्धता के पाउडर से नाजुक इंजीनियरिंग प्रसंस्करण चरणों की एक श्रंखला के द्वारा तैयार पारदर्शी सिरेमिक्स को एक निर्माण प्रक्रिया की आवश्यकता होती है जो दोषों को दूर करके सैद्धांतिक पारदर्शिता प्राप्त करने में मदद करेगी। कैमिकल वेपर डेपोज़िशन (सीवीडी) जिसमें उच्च तापमान पर वाष्प चरण में पूर्ववर्ती की प्रतिक्रियाएं शामिल होती हैं और हॉट आइसोस्टैटिक प्रेसिंग (एचआईपी) जिसमें तापमान और दबाव का एक साथ अनुप्रयोग शामिल होता है, आदि कुछ उन्नत प्रसंस्करण तकनीके हैं जिसका इस्तेमाल आमतौर पर इन चुनौतियों का समाधान करने के लिये किया जाता है। 

एआरसीआई के शोधकर्ताओं ने कोलॉइडल प्रोसेसिंग के बाद एचआईपी तकनीक जिसमें तापमान और दबाव का एक साथ अनुप्रयोग शामिल है, के साथ मैग्नीशियम एल्यूमिनेट स्पिनल सिरेमिक का उत्पादन किया है। स्पिनल वर्तमान में ट्रांसमिशन के उत्कृष्ट ऑप्टिकल गुणों - दृश्यता में 75% से अधिक और इंफ्रारेड रेंज में 80% से अधिक, के आधार पर एक पारदर्शी सिरेमिक के रूप में उभर रहा है। इसमें 200 मेगापास्कल की उच्च क्षमता और 13 गीगापास्कल से अधिक की दृढ़ता भी है। यह शोध हाल ही में 'मैटेरियल्स केमिस्ट्री एंड फिजिक्स' जर्नल में प्रकाशित हुआ है।

सैनिकों के व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों जिसमें थर्मल इमेजिंग, हेलमेट, फेस शील्ड, चश्मे आदि में संभावित अनुप्रयोगों के साथ भारत में विकसित ये पारदर्शी सिरेमिक आत्मनिर्भर भारत की ओर एक कदम है।

 

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चित्र.1.- एआरसीआई में पारदर्शी सिरेमिक नमूना एचआईपी से पहले (ए) और बाद में (बी)

चित्र.2.- एआरसीआई में विकसित स्पिनल नमूने का संचार वक्र

 

प्रकाशन विवरण:

सतह के गुणों के सहसंबंध, कोलॉइडल आकार देने, और मैग्नीशियम एल्यूमिनेट स्पिनल पाउडर की पारदर्शिता पर अध्ययन, पापिया बिस्वास, स्वाति मनिवनन, वाई श्रीनिवास राव, रॉय जॉनसन, मैटेरियल्स केमिस्ट्री एंड फिजिक्स 252 (2020) 123372

और जानकारी के लिये: डॉ वाई श्रीनिवास राव  [ysr(at)arci(dot)res(dot)in] और डॉ रॉय जॉनसन  [royjohnson(at)arci(dot)res(dot)in] से संपर्क किया जा सकता है। .

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