विद्युत मंत्रालय

ब्रिक्स ऊर्जा मंत्रियों की बैठक में स्वीकार की गई विज्ञप्ति

Posted On: 02 SEP 2021 7:45PM by PIB Delhi

प्रस्तावना

  1. हम ब्राजील संघीय गणराज्य, रूसी संघ, भारत गणराज्य, चीन जनवादी गणराज्य और दक्षिण अफ्रीका गणराज्य के ऊर्जा मंत्री एवं प्रतिनिधिमंडल प्रमुख भारत गणराज्य की अध्यक्षता में 2 सितंबर 2021 को आयोजित ब्रिक्स ऊर्जा मंत्रियों की छठी बैठक में वर्चुअल तौर पर मिले थे।
  2. हम सामाजिक और आर्थिक विकास के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने में ऊर्जा की महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार करते हैं। यह स्वीकार करते हुए कि प्रत्येक देश में ऊर्जा संक्रमण राष्ट्रीय परिस्थितियों के अनुसार अनोखा है, हम सतत विकास लक्ष्य 7 के अनुरूप सस्ती, भरोसेमंद, टिकाऊ और आधुनिक ऊर्जा तक सार्वभौमिक पहुंच हासिल करने के प्रमुख महत्व को रेखांकित करते हैं। इस संदर्भ में हम राष्ट्रीय ऊर्जा प्रणालियों का आधुनिकीकरण करने, नवीकरणीय ऊर्जा सहित स्वच्छ ऊर्जा की भूमिका को बढ़ाने और हमारी आबादी एवं अर्थव्यवस्थाओं की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने व ऊर्जा तक सार्वभौमिक पहुंच सुनिश्चित करने एवं ऊर्जा गरीबी उन्मूलन को बढ़ावा देने के लिए सभी ईंधन एवं उन्नत प्रौद्योगिकी के कुशलतापूर्वक उपयोग को जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
  3. कोविड-19 वैश्विक महामारी के कारण पैदा हुए इस कठिन दौर में हमने महसूस किया है कि ऊर्जा की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए विद्युत संरक्षण और लचीली ऊर्जा प्रणाली पहले से कहीं अधिक अपरिहार्य हैं। हम ब्रिक्स देशों में ऊर्जा पेशेवरों द्वारा किए गए योगदान और ऊर्जा क्षेत्र पर कोविड-19 वैश्विक महामारी के प्रतिकूल प्रभावों से निपटने के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदायों द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना करते हैं। हम मजबूत, टिकाऊ और समावेशी सुधार के लिए ऊर्जा प्रणालियों के कुशल संचालन और स्वच्छ ऊर्जा संक्रमण के महत्व पर जोर देते हैं।
  4. हम ऊर्जा एवं जलवायु के बीच संबंध और शमन के लिए जीएचजी उत्सर्जन को कम करने के महत्व के साथ-साथ पेरिस समझौते में परिकल्पित जलवायु परिवर्तन के लिए ऊर्जा क्षेत्र में अनुकूलन की आवश्यकता को पूरी तरह स्‍वीकार करते हैं। हम राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के अनुसार स्वच्छ, टिकाऊ एव कम जीएचजी उत्सर्जन वाली ऊर्जा प्रणालियों के निर्माण के जरिये पेरिस समझौते के तापमान लक्ष्यों सहित ऊर्जा एवं जलवायु लक्ष्यों को हासिल करने के लिए व्यावहारिक, न्यायसंगत एवं आर्थिक तौर पर व्यवहार्य दृष्टिकोण को अपनाने के लिए सहमत हैं। हम जलवायु परिवर्तन पर चर्चाओं की प्रतिक्रिया के संदर्भ में उन प्रक्रियाओं अथवा नीतियों की मौजूदगी पर चिंता जाहिर करते हैं जो विशेष तौर पर ऊर्जा उद्योगों को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकती हैं और ऊर्जा क्षेत्र के आधुनिकीकरण में बाधा डाल सकती हैं। हम वैश्विक ऊर्जा बाजार में बाधाओं को दूर करने और व्यापार एवं निवेश को सुगम बनाने की आवश्यकता को मानते हैं।
  5. हम ऊर्जा के क्षेत्र में ब्रिक्स देशों के बीच सहयोग को काफी महत्व देते हैं जो हमारी ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करने और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने में सकारात्मक भूमिका निभाता है। हम ब्रिक्स एनर्जी रिसर्च कोऑपरेशन प्लेटफॉर्म (ईआरसीपी) एवं अन्य उपयुक्‍त साधनों एवं व्‍यवस्‍थाओं को मजबूत करते हुए सहमति वाली रूपरेखा के अनुरूप क्षेत्रों में सहयोगात्‍मक कार्यों को मजबूती एवं गहराई प्रदान करने के लिए काम करना जारी रखेंगे। हम परियोजना की तैयारी एवं वित्त पोषण पर विशेष ध्यान देते हुए ऊर्जा क्षेत्र में निवेश के लिए शर्तों में सुधार करने का प्रयास करेंगे।

 

एनर्जी ऐक्‍सेस एंड अफो‍र्डेबिलिटी में ब्रिक्स सहयोग

  1. लोगों को गरीबी से उबारने और उनके सामाजिक एवं आर्थिक विकास के लिए सस्ती, भरोसेमंद, टिकाऊ एवं आधुनिक ऊर्जा तक सभी की पहुंच सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है। हम सतत विकास लक्ष्य-7 को पूरा करने में ब्रिक्स देशों की उपलब्धियों पर संतोष व्यक्त करते हैं। हमारा मानना है कि ऊर्जा किल्‍लत को दूर करने और विशेष रूप से बिजली तक सार्वभौमिक पहुंच सुनिश्चित करना वैश्विक ऊर्जा एजेंडे में सबसे ऊपर रहना चाहिए। साथ ही ऊर्जा तक पहुंच एवं किफायत के मोर्चे पर सभी ऊर्जा संसाधनों के प्रभावी उपयोग के जरिये कमजोर आबादी की ऊर्जा जरूरतों पर विशेष ध्यान देना चाहिए।
  2. हम लोगों के, विशेष तौर पर महिलाओं, बच्चों और युवाओं के स्वास्थ्य, उत्पादकता एवं जीवन की गुणवत्ता में सुधार के लिए रसोई ईंधन के विभिन्न स्वच्छ समाधानों को लागू करने के महत्व को भी स्वीकार करते हैं।
  3. हम एसडीजी7 को पूरा करने में मौजूदा कमियों, ऊर्जा किल्‍लत से जूझने और विशेष रूप से ऊर्जा पर संयुक्त राष्ट्र उच्च स्तरीय वार्ता के ढांचे के दायरे में इन मुद्दों पर अंतर्राष्ट्रीय ध्यान आकर्षित करने की आवश्यकता महसूस करते हैं। एसडीजी7 पर की गई मौजूदा कार्रवाई से विभिन्न देशों की राष्ट्रीय परिस्थितियों एवं आर्थिक वास्तविकताओं में सुधार का फायदा मिल सकता है। सार्वभौमिक ऊर्जा पहुंच सुनिश्चित करने में ब्रिक्स के विविध एवं समृद्ध अनुभव से एसडीजी7 के लिए वैश्विक प्रयास की दिशा में इन पांच देशों की बेहतर भूमिका को बढ़ावा देने के लिए एक ठोस आधार मिल सकता है। इस संदर्भ में हम स्थितियों के विश्लेषण, सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने, विशेषज्ञता प्रदान करने, तकनीकी सहायता और क्षमता निर्माण में योगदान करने के लिए सार्वभौमिक ऊर्जा पहुंच के लिए समर्पित ईआरसीपी के तत्वावधान में नए प्राथमिकता वाले क्षेत्रों को स्‍थापित करने की संभावनाएं तलाशेंगे।

 

ऊर्जा सुरक्षा एवं स्वच्छ प्रौद्योगिकी में ब्रिक्स सहयोग

  1. हम कहीं अधिक स्वच्छ, लचीली एवं ऊर्जा कुशल प्रणालियों को अपनाने में सहयोग की के महत्‍व स्‍वीकार करते हैं जो समावेशी विकास को ऊर्जा सुरक्षा, ऊर्जा तक पहुंच, स्थिरता और सामर्थ्य सुनिश्चित करते हुए ग्रीनहाउस गैस के उत्सर्जन में कमी से जोड़ता है। हम ऊर्जा के विभिन्न स्रोतों, ऊर्जा मिश्रण के विविधीकरण, बेहतर बुनियादी ढांचे और ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करने के लिए तकनीकी प्रगति के महत्व को स्वीकार करते हैं। ऊर्जा संक्रमण, विभिन्‍न ऊर्जा स्रोतों के एकीकरण, डिजिटलीकरण और आईसीटी प्रौद्योगिकियों के दुर्भावनापूर्ण उपयोग से संबंधित नई चुनौतियों का भी समाधान किया जाना चाहिए। हम मानते हैं कि लचीली प्रणालियों को साकार करने के लिए स्थिर ऊर्जा आपूर्ति, महत्वपूर्ण खनिजों एवं घटकों की सुरक्षित आपूर्ति सहित ऊर्जा सुरक्षा के साथ-साथ सामग्रियों का लाभकारी उपयोग एवं पुनर्चक्रण महत्‍वपूर्ण पूर्व शर्तें हैं।
  2. सहयोग के विषय को आगे बढ़ाते हुए हम ब्रिक्स ईआरसीपी की छत्रछाया में संबंधित एजेंसियों, अनुसंधान केंद्रों के बीच सीधा संबंध स्थापित करते हुए और सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करते हुए क्षमता निर्माण करने के महत्‍व को स्‍वीकार करते हैं। यह डेटा के आदान-प्रदान को सुगम बनाता है। इसके अलावा यह ऊर्जा क्षेत्र में ब्रिक्स देशों के बीच रुझानों एवं चुनौतियों का विश्लेषण करने और वैश्विक ऊर्जा परिदृश्य में उनकी प्रमुख भूमिका सुनिश्चित करता है। इस संबंध में हम ब्रिक्स ईआरसीपी विशेषज्ञों द्वारा संयुक्त रूप से तैयार 'ब्रिक्स एनर्जी रिपोर्ट- 2021' का समर्थन करते हैं और ब्रिक्स ईआरसीपी के सदस्यों को अपना शोध जारी रखने के लिए आमंत्रित करते हैं।
  3. हम अनुसंधान एवं विकास में सहयोग करने और ऊर्जा क्षेत्र की दक्षता बढ़ाने, इसके पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने, जीएचजी उत्सर्जन को कम करने और नए ऊर्जा स्रोत एवं  इसके वाहक को विकसित करने के उद्देश्य से स्वच्छ तकनीकी की तैनाती को काफी महत्व देते हैं। हम जीवाश्म ईंधन का कहीं अधिक कुशलता पूर्वक उपयोग करने के अलावा नवीकरणीय ऊर्जा, परमाणु, हाइड्रोजन, उन्नत जैव ऊर्जा एवं अन्य जैसे कम अथवा शून्य उत्सर्जन वाले ऊर्जा समाधानों को आगे बढ़ाने सहित विभिन्न क्षेत्रों में ऐसे सहयोग को बढ़ावा देने संबंधी  अपनी योजनाओं को दोहराते हैं। हम सर्कुलर कार्बन इकनॉमी (सीसीई) दृष्टिकोण को लागू करने और कार्बन कैप्चर यूटिलाइजेशन एंड स्टोरेज (सीसीयूएस) क्षमता विकसित करने में भी शामिल होंगे।
  4. ब्रिक्स के लिए प्रासंगिक प्रौद्योगिकी की पहचान करने और ऊर्जा की मांग एवं आपूर्ति यानी दोनों पक्षों को पूरा करने वाली प्रौद्योगिकी की एक व्‍यापक रूपरेखा तैयार करने के हमारे पिछले प्रयासों को जारी रखते हुए ब्रिक्स ईआरसीपी के तत्वावधान में 'ब्रिक्स ऊर्जा प्रौद्योगिकी रिपोर्ट 2021' तैयार की गई थी। हम इस प्रयास का स्वागत करते हुए उम्‍मीद करते हैं कि भविष्य में इस रिपोर्ट की पुनरावृत्ति से आधुनिक ऊर्जा प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग की संभावनाओं को कहीं अधिक उजागर किया जाएगा।

 

ऊर्जा दक्षता में ब्रिक्स सहयोग

  1. ऊर्जा दक्षता में टिकाऊ आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करने और पर्यावरण पर मानवजनित नकारात्मक प्रभावों को कम करने की जबरदस्‍त क्षमता है। हम ब्रिक्स ऊर्जा दक्षता कार्य समूह के प्रयासों पर संतोष व्यक्त करते हैं। हम विभिन्न क्षेत्रों में मौजूदा ढांचों के बीच बेहतर समन्वय के जरिये इस महत्वपूर्ण मोर्चे पर ब्रिक्स सहयोगात्मक कार्रवाई में तालमेल को बेहतर करेंगे।
  2. हम डिजिटल मॉडलिंग, सिस्टम इंटीग्रेशन, स्मार्ट ग्रिड, उद्योग डीकार्बोनाइजेशन और ऊर्जा कुशल इमारतों सहित ऊर्जा के उत्पादन, पारेषण, भंडारण, वितरण एवं खपत में ऊर्जा कुशल तकनीकों के विकास और उपयोग में सहयोग करने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हैं।

 

ऊर्जा संक्रमण के लिए ब्रिक्स सहयोग

  1. हम भविष्य के लिए कहीं अधिक लचीली एवं टिकाऊ ऊर्जा प्रणालियों को अपनाने के लिए जीवाश्म ईंधन, हाइड्रोजन, परमाणु, नवीकरणीय ऊर्जा और ऊर्जा भंडारण सहित सभी ऊर्जा स्रोतों के कुशल उपयोग के महत्व को स्‍वीकार करते हैं। सफल ऊर्जा संक्रमण सुनिश्चित करने के लिए ऊर्जा उत्पादन और उपयोग के पारंपरिक तरीके की कई चुनौतियों को दूर किया जाना चाहिए। इस संबंध में हम फिर दोहराते हैं कि विभिन्न उन्नत, लचीली, लागत प्रतिस्पर्धी और कम उत्सर्जन वाली प्रौद्योगिकी को अपनाने से स्वच्छ ऊर्जा प्रणाली स्‍थापित की जाएगी।
  2. हम इस विचार पर फिर से जोर देना चाहते हैं कि सभी देशों की राष्ट्रीय सरकारों को अपनी राष्ट्रीय परिस्थितियों एवं प्राथमिकताओं के आधार पर ऊर्जा संक्रमण की गति और मार्ग निर्धारित करने का संप्रभु अधिकार है। इस ऊर्जा संक्रमण योजना के विकल्प विविध हो सकते हैं और इसमें विकास संबंधी जरूरतों के आधार पर नवीकरणीय ऊर्जा, ऊर्जा दक्षता, परमाणु ऊर्जा, हाइड्रोजन, जैव ऊर्जा और ऊर्जा के अन्य नए रूप शामिल हो सकते हैं।
  3. पारंपरिक ईंधन उद्योगों के लिए भरोसेमंद एवं किफायती बेस लोड उत्पादन की मांग को पूरा करने और ऊर्जा आपूर्ति में व्यवधान से बचने के लिए स्वच्छ तकनीकों में पर्याप्त निवेश एवं नवाचार के जरिये पर्यावरण के अनुकूल तरीके विकसित करने की आवश्यकता है। इस संबंध में हम ऊर्जा संक्रमण में एलएनजी सहित प्राकृतिक गैस की भूमिका पर गौर करते हैं और हम गैस क्षेत्र में उपयुक्‍त बुनियादी ढांचे के विकास के साथ-साथ सहयोग बढ़ाने की संभावनाएं तलाशेंगे।
  4. हम कम उत्सर्जन वाले मार्ग के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को हासिल करने के लिए उद्योग में कार्बन उत्‍सर्जन को काफी कम करने के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका की परिकल्पना करते हैं। हम सीसीयूएस, ऊर्जा स्रोत के रूप में बायोमास के उपयोग और सीसीई जैसी उन तकनीकों पर काफी करीबी से काम करेंगे जो कार्बन उत्‍सर्जन को कम करने में सहायक हैं।
  5. हम परमाणु ऊर्जा को स्वच्छ ऊर्जा प्रणालियों में एक महत्वपूर्ण योगदानकर्ता मानते हैं क्योंकि यह किसी प्रदूषणकारी पदार्थ और जीएचजी का उत्सर्जन लगभग नहीं करती है। परमाणु ऊर्जा का उपयोग हाइड्रोजन जैसे नए ऊर्जा वाहकों के उत्पादन के साथ-साथ छोटे मॉड्यूलर रिएक्टरों की तैनाती के जरिये दूरदराज के क्षेत्रों में ऊर्जा की भरोसेमंद आपूर्ति सुनिश्चित करने में भी प्रभावी तौर पर किया जा सकता है। हम परमाणु संरक्षा, सुरक्षा एवं अप्रसार के उच्चतम मानकों को ध्यान में रखते हुए परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग को प्रोत्साहित करेंगे।
  6. उद्योगों, परिवहन सहित अर्थव्‍यवस्‍था के विभिन्‍न क्षेत्रों में कार्बन उत्‍सर्जन को सीमित करने के अलावा कच्चे माल एवं ऊर्जा वाहक के तौर पर हाइड्रोजन एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। हम इस क्षेत्र में विशेषज्ञता साझा करने के लिए सहमत हैं जिससे ब्रिक्स देशों के लिए ठोस परिणाम दिख सकते हैं।

 

नवीकरणीय ऊर्जा में ब्रिक्स सहयोग

  1. हम नवीकरणीय ऊर्जा के विकास एवं उपयोग में हासिल प्रभावशाली प्रगति का स्वागत करते हैं जिससे नवाचार के कारण लागत में उल्लेखनीय कमी का फायदा हुआ है। नई एवं नवीकरणीय ऊर्जा प्रौद्योगिकियों के विकास की गति को जारी रखने के लिए ब्रिक्स देश पवन, सौर, जल, भूतापीय एवं जैव ऊर्जा जैसे नवीकरणीय ऊर्जा के अनुसंधान एवं विकास, उपयोग और अन्य क्षेत्रों में इसके उपयोग के विस्तार में सहयोग करेंगे।
  2. हम रिहायशी एवं वाणिज्यिक भवन क्षेत्रों में नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों के महत्व को स्वीकार करते हैं और इस महत्वपूर्ण विषय को ईआरसीपी के दायरे में लाने के लिए भारत की अध्‍यक्षता में की जा रही पहल का स्वागत करते हैं। हम नेट-जीरो बिल्डिंग के उभरते क्षेत्रों में सर्वोत्तम प्रथाओं और विशेषज्ञता को साझा करने पर ध्यान देते हैं।
  3. हम ऊर्जा संक्रमण को बढ़ावा देने में जैव ऊर्जा की महत्वपूर्ण भूमिका को भी मानते हैं जिसमें  परिवहन, उद्योग और हीटिंग जैसे क्षेत्रों कार्बन उत्‍सर्जन को सख्‍ती से कम करना शामिल है। हम स्थायी जैव ऊर्जा में तेजी लाने और आगे सहयोग को प्रोत्साहित करने में ब्रिक्स देशों के बीच वर्तमान सहयोग को स्‍वीकार करते हैं। हमने गौर किया है कि संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (सीओपी-22) के 22वें सत्र के दौरान बायोफ्यूचर प्लेटफॉर्म की स्थापना की गई है और जैव ऊर्जा के सतत उपयोग को बढ़ावा देने में इसकी भूमिका को मान्यता दी गई है।
  4. हमने देखा है कि अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) की स्‍थापना संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (सीओपी-21) के 21वें सत्र के दौरान की गई थी। हम विकेंद्रीकृत और ऑफ-ग्रिड सौर ऊर्जा के माध्यम से स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देने में आईएसए की भूमिका को मानते हैं।
  5. ब्रिक्स देशों की अनूठी विशेषज्ञता ऊर्जा भंडारण तकनीक में रणनीतिक सहयोग के लिए पर्याप्त अवसर प्रदान करती है जो जलवायु के अनुकूल स्वच्छ ऊर्जा को अपनाने की गति बढाने में मदद कर सकती है। हमने प्रौद्योगिकी, विनिर्माण, व्यावसायिक संभावनाओं पर सहयोगात्मक नजरिये से अवसरों की तलाश करने और इस क्षेत्र में भविष्य की भागीदारी को प्रोत्साहित करने पर सहमति जताई है।
  6. हम परिवहन क्षेत्र में ब्रिक्स देशों के बीच अनुसंधान में अधिक से अधिक सहयोग करने की आवश्‍यकता को मानते हैं। हम परिवहन क्षेत्र में तेजी से हो रहे बदलाव पर ध्यान दे रहे हैं जिसमें जैव ईंधन के उपयोग में तेजी, मोटर ईंधन और बिजली के समाधान के रूप में प्राकृतिक गैस को प्रोत्‍साहित करना शामिल हैं। साथ ही हम ईआरसीपी के तहत इन तकनीकों में अनुसंधान को बढ़ावा देने की संभावना का स्वागत करते हैं।

 

ब्रिक्स ऊर्जा सहयोग ढांचा

  1. हम ब्रिक्स ईआरसीपी के विकास में प्रगति की सराहना करते हैं जिसमें नई रिपोर्ट, कार्य धाराओं की परिभाषा, राष्ट्रीय सचिवालयों एवं फोकल पॉइंटों का एक नेटवर्क स्थापित करने के लिए प्रयास, ईआरसीपी की प्राथमिकता वाले क्षेत्रों के लिए अग्रणी देशों का निर्धारण और एनर्जी रिसर्च डायरेक्‍ट्री तैयार करना शामिल है। हम हाइड्रोजन और वित्त पोषण जैसे क्षेत्रों को शामिल करके प्राथमिकता वाले क्षेत्रों के दायरे का विस्तार करने के लिए भारत की अध्‍यक्षता में की पहल का स्वागत करते हैं। हम ईआरसीपी को संगठनात्मक तौर पर मजबूती प्रदान करने अर्थात अन्य ब्रिक्स संस्‍थानों एवं ढांचों के साथ तालमेल बढ़ाने के प्रयासों को जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
  2. हम 2025 तक ब्रिक्स ऊर्जा सहयोग के लिए रूपरेखा को लागू करने में प्रगति से संतुष्‍ट हैं। हमने वरिष्ठ ऊर्जा अधिकारियों की समिति को इसके कार्यान्वयन की निगरानी करने और बढ़ावा देने के लिए निर्देश दिया है।
  3. स्थायी ऊर्जा आपूर्ति और तकनीकी प्रगति के लिए वित्त एक महत्वपूर्ण कारक है। इस संबंध में हम नई ऊर्जा परियोजनाओं के लिए आवश्यक निवेश हासिल करने के लिए ब्रिक्स देशों में न्यू डेवलपमेंट बैंक (एनडीबी) और अन्य वित्तीय संस्थानों के साथ परामर्श को प्रोत्साहित करते हैं।
  4. हम ईआरसीपी ढांचे के भीतर ऊर्जा संक्रमण से संबंधित मानकों एवं विनियमों के मामले में सहयोग बढ़ाने को प्रोत्साहित करेंगे। हम स्वच्छ ऊर्जा परियोजनाओं के लिए आर्थिक प्रोत्साहन शुरू करने में सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करेंगे और इन क्षेत्रों में ब्रिक्स देशों के बीच सहयोग बढ़ाने के लिए कदम उठाएंगे।
  5. हम वैश्विक ऊर्जा एजेंडा में ब्रिक्स देशों की भूमिका को वैश्विक ऊर्जा उत्पादन एवं खपत में उनके हिस्से के आधार पर मानते हैं। हम सामयिक ऊर्जा मुद्दों पर ब्रिक्स देशों के बीच अनौपचारिक परामर्श और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों एवं मंचों पर चर्चा का स्वागत करते हैं। हम वैश्विक स्तर पर ब्रिक्स देशों के हितों को बढ़ावा देने के लिए इस संवाद को बढ़ाएंगे। हम अक्टूबर 2022 में सेंट पीटर्सबर्ग में होने वाली 25वीं विश्व ऊर्जा कांग्रेस में ब्रिक्स ऊर्जा सहयोग को उजागर करने के लिए रूस के प्रस्ताव पर गौर करते हैं।
  6. हम विशेष रूप से ब्रिक्स युवा ऊर्जा एजेंसी के तत्वावधान में युवा ऊर्जा सहयोग के विकास का समर्थन करते हैं और शैक्षिक आदान-प्रदान और छात्रों के नेटवर्क के विस्तार के लिए तंत्र की स्थापना को प्रोत्साहित करते हैं।
  7. हम ऊर्जा मंत्रियों की छठी ब्रिक्स बैठक आयोजित करने के लिए भारत गणराज्य की सराहना करते हैं। हम 2022 में चीन जनवादी गणराज्य की अध्यक्षता में ऊर्जा सहयोग को और अधिक मजबूत करने की आशा करते हैं।

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एमजी/एएम/एसकेसी/सीएस



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