स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्रालय

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने दक्षिणी राज्यों के सामुदायिक रेडियो स्टेशनों और निजी रेडियो स्टेशनों के साथ एक संवादात्मक कार्यशाला का आयोजन किया


अभिनव रेडियो कार्यक्रमों के माध्यम से टीके और टीकाकरण के विषय में आम नागरिकों को शिक्षित और इससे जोड़ने के लिए निरंतर प्रयासों की आवश्यकता पर ज़ोर दिया

Posted On: 06 AUG 2021 8:23PM by PIB Delhi

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने यूनिसेफ के साथ साझेदारी में आज सामुदायिक रेडियो स्टेशनों और निजी रेडियो स्टेशनों के प्रतिनिधियों के लिए एक संवादात्मक संचार सत्र की मेजबानी की जिसमें कोविड से संबंधित विभिन्न मुद्दों के विषय में सार्थक जागरूकता अभियानोंको संचालित करना,टीके के लाभ और गलत सूचनाओं और मिथकों को दूर करने के साथ-साथ कोविड उपयुक्त व्यवहार (सीएबी) का पालन करना भी शामिल है।

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के संयुक्त सचिव श्री लव अग्रवाल ने सत्र को संबोधित किया और इसमें दक्षिण भारत के पांच राज्यों- केरल, कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु के सामुदायिक रेडियो स्टेशनों और निजी रेडियो स्टेशनों के 70 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

श्री लव अग्रवाल ने अपने मुख्य संबोधन में श्रोताओं के लिए शिक्षाप्रद कार्यक्रमों और स्वास्थ्य कर्मियों (एचसीडब्ल्यू) की प्रेरक कहानियों को प्रसारित करके और कोविड उपयुक्त व्यवहार का पालन करने के लिए संदेश फैलाने में समुदाय की भागीदारी द्वारा को सुनिश्चित करने में दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान का समर्थन करने में रेडियो स्टेशनों के योगदान को स्वीकार किया। उन्होंने कहा कि इन प्रयासों के माध्यम से वैक्सीन और टीकाकरण से जुड़ी अफवाहों को कम करते हुए बड़ी संख्या में वैक्सीन योग्य आबादी के बीच टीकाकरण को आगे बढ़ाने में सकारात्मक भूमिका निभाई गई है।

उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि शहरी और दूरदराज के क्षेत्रों में रहने वाली आबादी के बीच कोविड संदेश पहुंचाने में रेडियो स्टेशन एक महत्वपूर्ण माध्यम हैं। उन्होंने कहा कि रेडियो अपने कार्यक्रमों में विषय विशेषज्ञों को आमंत्रित करके टीके से जुड़ी झिझक की निराधार चिंताओं को दूर करने के लिए अभिनव और आकर्षक कार्यक्रमों के माध्यम से एक रचनात्मक भूमिका निभाते हैं।

उन्होंने प्रतिभागियों से आग्रह किया कि वे दुनिया के सबसे बड़े वयस्क टीकाकरण कार्यक्रम में जनता के विश्वास को मजबूत करने के लिए सभी क्षेत्रों के फ्रंटलाइन कर्मियों से समुदाय के नेतृत्व वाली सकारात्मक पहलों और रोल मॉडल को सबके सामने लाऐं। उन्होंने नागरिकों को निरंतर कोविड उपयुक्त व्यवहार का सख्ती से पालन करने की आवश्यकता के बारे में याद दिलाते रहे की आवश्यकता को भी रेखांकित करते हुए कहा कि दूसरी लहर अभी खत्म नहीं हुई है और जैसे ही समाज कोवड सुरक्षित व्यवहार की उपेक्षा करता है, यह वायरस वापस आ सकता है।

उन्होंने कोविड के दौरान मानसिक स्वास्थ्य के महत्व पर भी बल देते हुए सुझाव दिया कि इस मुद्दे का नियमित आधार पर समाधान करना महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि कोविड के खिलाफ लड़ाई के तीन महत्वपूर्ण घटक हैं- कोविड उपयुक्त व्यवहार का सामुदायिक स्वामित्व, साक्ष्य आधारित रिपोर्टिंग और कोविड और टीकाकरण पर मिथकों को दूर करना।

उन्होंने देश में कोविड की स्थिति का एक स्नैपशॉट प्रस्तुत किया और पांच राज्यों की स्थिति पर प्रकाश डाला। उन्होंने सार्वजनिक स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए सरकार द्वारा की जा रही विभिन्न पहलों और कदमों की भी जानकारी दी।

प्रतिभागियों ने श्रोताओं को शिक्षित और प्रेरित करने के लिए अभिनव रेडियो और टॉक शो के अपने अनुभव साझा किए। इस सत्र में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, सूचना और प्रसारण मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों और यूनिसेफ के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

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