पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय

भारतीय अपस्ट्रीम तेल और गैस क्षेत्र में अवसरों पर निवेशकों की बैठक

Posted On: 27 AUG 2021 5:51PM by PIB Delhi

भारत सरकार ने भारत में अपस्ट्रीम तेल और गैस के अवसरों को प्रदर्शित करने के लिए आज मुंबई में एक प्रचार कार्यक्रम का आयोजन किया। इसका उद्देश्य भारतीय अवसादी बेसिन की उच्च मात्रा वाले तेल और गैस परिसंपत्तियों के पोर्टफोलियो का व्यापार करना और हाइड्रोकार्बन अन्वेषण व लाइसेंसिंग नीति, खोजे गए छोटे क्षेत्र नीति और उत्पादन वृद्धि अनुबंध के बोली के दौर को बढ़ावा देना है।

इस कार्यक्रम में प्रमुख राष्ट्रीय तेल कंपनियों, निजी ईएंडपी कंपनियों, सेवा प्रदाताओं, निजी इक्विटी संस्थाओं और वित्तीय संस्थानों की उत्साहपूर्ण भागीदारी देखी गई। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव (अन्वेषण) श्री अमरनाथ ने की। इस कार्यक्रम में मंत्रालय व हाइड्रोकार्बन महानिदेशालय (डीजीएच), हाइड्रोकार्बन पर सीआईआई राष्ट्रीय समिति, ईएंडपी परिचालकों और आईआईटी बॉम्बे के अधिकारी भी शामिल थे।

कार्यक्रम के सत्रों में ओएएलपी बोली दौर - VI और डीएसएफ बोली दौर - III के माध्यम से भारतीय ईएंडपी क्षेत्र में उपलब्ध अवसरों की श्रृंखला समूह को रेखांकित किया गया, जो व्यापार करने में आसानी सुनिश्चित करने के लिए राजस्व साझाकरण अनुबंध व्यवस्था से जुड़े हुए हैं। यह सत्र उत्पादन वृद्धि अनुबंध के जरिए प्रस्ताव के क्षेत्रों पर भी केंद्रित रहा।

सत्र की शुरुआत तेल और गैस अपस्ट्रीम अवसरों पर एक आकर्षक फिल्म के साथ हुई। इसके बाद डीजीएच के अतिरिक्त महानिदेशक (विकास) डॉ. आनंद गुप्ता ने उद्घाटन भाषण दिया, जो 2023-24 तक 40 मिलियन टन तेल और 50 बीसीएम गैस के उत्पादन लक्ष्य को प्राप्त करने पर केंद्रित था, इस पर अगले 4 वर्षों में लगभग 50 बिलियन डॉलर के निवेश की जरूरत है। श्री विनय मल्होत्रा (एमडी, सीईओ स्कलमबर्गर) और श्री संतोष चंद्रा (सीईओ, एस्सार ऑयल और गैस) ने भारत के ईएंडपी परिदृश्य में सुधार और आर्थिक उत्पादन को अधिकतम करके ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने में सेवा क्षेत्र की भूमिका के बारे में बात की। डीजीएच के अतिरिक्त महानिदेशक (समन्वय) श्री राजदीप सिंह ने ईएंडपी क्षेत्र में उपलब्ध एचईएलपी, डीएसएफ और प्रोत्साहन संरचना के जरिए पेश किए गए निवेश के अवसरों पर एक प्रस्तुति दी। ओएनजीसी ने भी उत्पादन वृद्धि अनुबंध के माध्यम से उपलब्ध अवसरों को प्रदर्शित किया।

संभावित निवेशकों को ईएंडपी क्षेत्र के बारे में सूचित करने के लिए, वैसे परिचालकों ने जो पहले से ही ईएंडपी क्षेत्र से जुड़े हुए हैं, ने अपने कार्य अनुभव  को साझा किया। अकादमिक के साथ सहभागिता के उद्देश्य के अनुरूप, डॉ. शांतनु बनर्जी, प्रो. श्रीरेश बी केदारे और आईआईटी बॉम्बे के प्रो. एच. के. सिंह ने अपस्ट्रीम तेल और गैस क्षेत्र को लेकर अपने दृष्टिकोण को साझा किया। उन्होंने अपस्ट्रीम तेल और गैस क्षेत्र के कार्य क्षेत्र में चल रहे अनुसंधान के बारे में बात की, जिसमें जलाशय प्रबंधन, गैस हाइड्रेट्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन शिक्षण आदि शामिल हैं।

ओएनजीसी के निदेशक (तटीय) श्री अनुराग शर्मा ने उत्पादन वृद्धि अनुबंध के जरिए ओएनजीसी द्वारा प्रदान किए गए अवसरों पर अपना संबोधन दिया। पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव (अन्वेषण) श्री अमरनाथ ने एक प्रमुख भाषण दिया। इसमें उन्होंने सरकार द्वारा शुरू किए गए परिवर्तनकारी सुधारों के जरिए तेजी से बढ़ती सकारात्मक उद्योग मनोभावों और भारत के तेल व गैस क्षेत्र में तेजी से सुधार के संकेतों को रेखांकित किया। उन्होंने बढ़ती ऊर्जा मांग के साथ प्रगतिशील भारतीय अर्थव्यवस्था की झलक साझा की और लंबे समय में ऊर्जा की मांग को पूरा करने में तेल व गैस क्षेत्र की बढ़ती भूमिका पर भी ध्यान केंद्रित किया।

वित्त पोषण के मामले में परिचालकों की सुविधा के लिए, परिचालकों और वित्तीय संस्थानों/निजी इक्विटी संस्थाओं (एफआई/पीई) के बीच एक बातचीत आयोजित की गई। इसके बाद पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय में वरिष्ठ आर्थिक सलाहकार सुश्री उषा सुरेश ने कार्यक्रम को संबोधित किया। अतिरिक्त महानिदेशक (अन्वेषण) डॉ. सी. लक्ष्मा रेड्डी, ने वित्त, अकादमिक, उद्योग और सरकार के बीच सहभागिता की आवश्यकता पर ध्यान केंद्रित किया, जो ईएंडपी परिदृश्य में सुधार के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।

उपलब्ध अवसरों और किसी अन्य मुद्दे पर परिचालकों और संभावित निवेशकों को स्पष्टीकरण प्रदान करने के लिए सरकारी अधिकारियों, मौजूदा परिचालकों, संभावित निवेशकों और पीई संस्थाओं के साथ भी आमने-सामने बातचीत की गई।

 

कार्यक्रम में प्रदर्शित ईएंडपी के अवसर:

  1. ओएएलपी बोली के दौर VI- 35,346 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को कवर करते हुए 11 अवसादी बेसिनों में 21 ब्लॉक प्रस्तावित हैं। 21 ब्लॉकों में से 15 ब्लॉक ऑन-लैंड प्रकार के हैं, 4 ब्लॉक शैलो वाटर प्रकार के हैं और 2 ब्लॉक अल्ट्रा डीप-वाटर प्रकार के हैं।

(अधिक जानकारी के लिए निम्नलिखित वेबसाइट को देखा जा सकता है http://online.dghindia.org/oalp)

  1. डीएसएफ बोली दौर – III - 232 मिलियन मीट्रिक टन तेल समकक्ष के अनुमानित संसाधन के साथ ~13685 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को कवर करने वाले 32 अनुबंध क्षेत्रों (75 खोजों के साथ) प्रस्तावित हैं।

(अधिक जानकारी के लिए निम्नलिखित वेबसाइट को देखा जा सकता है - http://online.dghindia.org/dsf3)

  1. उत्पादन वृद्धि अनुबंध - 160 मिलियन मीट्रिक टन तेल समकक्ष के अनुमानित संसाधन के साथ 11 अनुबंध क्षेत्रों में 43 सीमांत नामांकन क्षेत्र प्रस्तावित हैं।

(अधिक जानकारी के लिए निम्नलिखित वेबसाइट को देखा जा सकता है - https://www.ongcindia.com/wps/wcm/connect/en/home/

 

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