इलेक्ट्रानिक्स एवं आईटी मंत्रालय

क्यूसिम भारतीय वैज्ञानिकों के लिए कंप्यूटिंग क्षमता की भविष्यगत मांगों की दिशा में ले जाने वाला एक प्रवेश द्वार है :  केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री  श्री राजीव चंद्रशेखर


क्यूसिम-क्वांटम कंप्यूटर सिम्युलेटर टूलकिट को लॉन्च किया गया

लागत प्रभावी तरीके से क्वांटम कंप्यूटिंग में अनुसंधान के लिए शोधकर्ताओं और छात्रों को सक्षम बनाने हेतु टूलकिट

Posted On: 27 AUG 2021 7:19PM by PIB Delhi

केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री श्री राजीव चंद्रशेखर ने आज क्यूसिम-क्वांटम कंप्यूटर सिम्युलेटर टूलकिट को लॉन्च किया। इसका उद्देश्य शोधकर्ताओं और छात्रों को क्वांटम कंप्यूटिंग में लागत प्रभावी तरीके से अनुसंधान करने में सक्षम बनाना है। कार्यक्रम में इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव श्री अजय प्रकाश साहनी और वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए। इसके अलावा कार्यक्रम में सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रो. के.विजय राघवन, आईआईएससी बैंगलुरू के निदेशक प्रो. गोविंदन रंगराजन, आईआईटी रुड़की के निदेशक प्रो. अजीत कुमार चतुर्वेदी, नैसकॉम की अध्यक्ष सुश्री देबजानी घोष, मेड एंड सीओएस, डीआरडीओ के महानिदेशक डॉ. सुधीर कामत और कई अन्य गणमान्य व्यक्ति वर्चुअल माध्यम से शामिल हुए।

क्यूसिम "क्वांटम कंप्यूटर टूलकिट (सिम्युलेटर, कार्यक्षेत्र) और क्षमता निर्माण के डिजाइन और विकास" परियोजना का एक परिणाम है। यह भारत में क्वांटम कम्प्यूटिंग अनुसंधान सीमाओं को आगे बढ़ाने की आम चुनौतियों का समाधान निकालने की दिशा में देश की प्रथम पहलों में से एक है। यह परियोजना भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सहयोग से आईआईएससी बैंगलुरू, आईआईटी रुड़की और सी-डेक के समन्वय से निष्पादित की जा रही है।

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कार्यक्रम को संबोधित करते हुए,  श्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि हम एक ऐसे युग में आ रहे हैं, जहां सिलिकॉन और सेमीकंडक्टर के पारंपरिक साधनों के माध्यम से पारंपरिक कंप्यूटिंग क्षमता का विकास बढ़ रहा है और अब हम अगली पीढ़ी में कंप्यूटिंग क्षमता विकास को एक संयोजन के रूप में देखेंगे। उन्होंने कहा कि सॉफ्टवेयर के नए आर्किटेक्चर, सिस्टम रीडिजाइन और नए सिस्टम प्रतिमानों के साथ ही क्वांटम कंप्यूटिंग जुड़ी है और स्पष्ट रूप से कंप्यूटिंग क्षमता की भविष्यगत मांगों के अत्याधुनिक होने की संभावनाओं को देखते हुए क्यूसिम भारतीय वैज्ञानिकों के लिए इस दिशा में ले जाने का प्रवेश द्वार है।

श्री चंद्रशेखर ने कहा कि एक राष्ट्र के रूप में वैज्ञानिक समुदाय के तौर पर लंबा सफर तय किया है। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि क्यूसिम, अनुसंधान और विकास के सहयोगात्मक प्रयासों का परिणाम है उन्होंने कहा कि यह हमारी तकनीकी क्षमताओं को विकसित करने का एक तरीका है। उन्होंने कहा कि हमारे पास देश में जबरदस्त प्रतिभा है। हमारे राष्ट्र की तकनीकी क्षमताओं का भविष्य काफी हद तक इस बात से प्रेरित होगा कि हम एक सहयोगी तरीके से कैसे प्रभावी ढंग से इस क्षेत्र में कार्य करते हैं और भविष्य की प्रौद्योगिकियों के निर्माण के लिए देशभर से सर्वश्रेष्ठ प्रतिभाओं का चयन करते हुए उन्हें एकत्रति करते हैं। उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय देश के भीतर अपनी तकनीकी क्षमताओं को विकसित करने में सहायता के लिए दृढ़ संकल्पित है। उन्होंने कहा कि कार्य करने के सहयोगी मॉडल के साथ भारत दुनिया में प्रौद्योगिकी नेतृत्व की दिशा में अधिक ऊंचाइयों हासिल कर सकता है।

इस अवसर पर अपने संबोधन में श्री अजय प्रकाश साहनी ने कहा कि क्यूसिम एक बहुत ही प्रारंभिक कदम है और इसे एमटेक कार्यक्रम द्वारा मजबूत किया जाएगा, जिसे आईआईएससी बैंगलुरू द्वारा पहले ही लॉन्च किया जा चुका है। आईआईएससी बैंगलुरू के नेतृत्व से प्रेरणा लेते हुए अन्य संस्थान भी इसमें शामिल होना पसंद कर सकते हैं क्योंकि भारत में उपस्थित मानव संसाधन की शक्ति का उपयोग किसी भी तकनीक के अन्वेक्षण को और अधिक गहन स्तर तक ले जाने में सहायता प्रदान कर सकता है।

आज लॉन्च की गई क्यूसिम की टूलकिट शोधकर्ताओं और छात्रों को क्वांटम कोड लिखने और डीबग करने की अनुमति प्रदान करती है, जो क्वांटम एल्गोरिदम विकसित करने के लिए आवश्यक है। क्वांटम सिस्टम पर्यावरण से होने वाली समस्या के प्रति अत्यधिक संवेदनशील होते हैं और यहां तक ​​कि इस पर आवश्यक नियंत्रण और अवलोकन करने में भी सक्षम हो सकते हैं। उपलब्ध और आगामी क्वांटम डिवाइस के माध्यम से पर्यावरणीय त्रुटि की दर को कम करने की तकनीकों का गहनता से अनुसरण किया जा रहा है। क्यूसिम शोधकर्ताओं को आदर्श परिस्थितियों में क्वांटम एल्गोरिदम का पता लगाने और वास्तविक क्वांटम हार्डवेयर के साथ प्रयोग हेतु तैयार करने में मदद करने की अनुमति देता है। क्यूसिम, क्वांटम प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में छात्रों/शोधकर्ताओं को आकर्षित करने के लिए एक उत्कृष्ट माध्यम प्रदान करने के मामले में एक महत्वपूर्ण शैक्षिक/अनुसंधान उपकरण के रूप में कार्य कर सकता है और 'प्रोग्रामिंग' के कौशल के साथ-साथ वास्तविक क्वांटम हार्डवेयर को 'डिजाइन' करने के लिए एक मंच प्रदान करता है।

क्यूसिम की विशेषताएं -

सहज ज्ञान युक्त यूआई : क्यूसिम एक जीयूआई आधारित कार्यक्षेत्र के साथ एकीकृत एक मजबूत क्यूसी सिम्युलेटर प्रदान करता है, जो छात्रों/शोधकर्ताओं को क्वांटम प्रोग्राम बनाने और इन्सटेंट सर्किट जनरेशन और सिम्युलेटेड आउटपुट पर विचार करने की पेशकश करता है।

सिम्युलेट नॉइजी क्वांटम लॉजिक सर्किट : यह क्वांटम सर्किट को शोर के साथ और बिना शोर के अनुकरण करने में मदद करता है और उनका परीक्षण भी करता है कि विभिन्न एल्गोरिदम अपूर्ण क्वांटम घटकों के साथ यह कितने बेहतर तरीके से कार्य करते हैं, जो वास्तविक जीवन की स्थितियों का अनुकरण करने के लिए यह आवश्यक है।

प्री-लोडेड क्वांटम एल्गोरिदम और उदाहरण: क्यूसिम क्वांटम प्रोग्राम्स और एल्गोरिदम से संपन्न यह सुविधा उपयोगकर्ताओं को एक शुरुआती मार्ग प्रदान करती है। उदाहरण के तौर पर क्यूएफटी, ड्यूश, जोशा, ग्रोवर्स और अन्य।

एचपीसी के साथ एकीकृत: क्वांटम सिम्युलेशन शक्तिशाली एचपीसी संसाधनों पर किया जाता है, जिसमें कई उपयोगकर्ता अलग-अलग क्यूबिट कॉन्फ़िगरेशन के साथ एक साथ कई कार्यों को कर सकते हैं।

क्यूसिम- ऑफरिंग मॉडल्स पीएआरएएम एसएचएवीएके क्यूसिम– एक बॉक्स में क्वांटम सिम्युलेटर के साथ स्टैंडअलोन सिस्टम पीएआरएएम क्यूसिम क्लाउड- एचपीसी इन्फ्रास्ट्रक्चर परम सिद्धि एआई (एनएसएम कार्यक्रम के अंतर्गत विकसित और स्थापित) का उपयोग करते हुए क्लाउड पर उपलब्ध।

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