ग्रामीण विकास मंत्रालय

ग्रामीण विकास मंत्रालय और पंचायती राज मंत्रालय द्वारा आजादी का अमृत महोत्सव के आयोजन की तैयारी की गई है


ग्रामीण विकास मंत्रालय और पंचायती राज मंत्रालय ने संयुक्त रूप से 2022-23 के लिए ग्राम गरीबी न्यूनीकरण योजना (वीपीआरपी) की तैयारी की शुरूआत करने और जन कार्य अभियान 2021 की तैयारी की गतिविधियों पर बैठक का आयोजन किया

बैठक का उद्देश्य स्वयं सहायता समूहों द्वारा वीपीआरपी तैयारी के बारे में अधिक जागरूकता पैदा करने के लिए एक साझा मंच तैयार करना है

15 अगस्त को होने वाली आगामी ग्राम सभा के दौरान सभी एसआरएलएम द्वारा सभी ग्राम पंचायतों और स्थानीय स्वशासन (एलएसजी) में वीपीआरपी की तैयारी प्रक्रिया की शुरूआत की जाएगी

राज्य स्तर पर एक संयुक्त समन्वय समिति का गठन किया जाएगा; सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के लगभग 14,000 प्रतिभागियों को वीपीआरपी की शुरुआत करने के सम्बन्ध में प्रशिक्षण दिया जाएगा

34 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के 705 जिलों में स्वयं सहायता समूहों और उनके स्वयंसेवी संगठनों के माध्यम से नवंबर 2021 तक वीपीआरपी को तैयार कर प्रस्तुत किए जाने की संभावना है               

Posted On: 14 AUG 2021 2:48PM by PIB Delhi

इंडिया@75 ‘आजादी का अमृत महोत्सव, के एक भाग के रूप में, ग्रामीण विकास मंत्रालय (एमओआरडी) और पंचायती राज मंत्रालय (एमओपीआर) द्वारा संयुक्त रूप से सभी राज्यों के प्रधान सचिवों (पीआर), पंचायती राज विभाग (डीओपीआर), राष्ट्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज संस्थान (एनआईआरडी एंड पीआर), राज्य ग्रामीण विकास संस्थान (एसआईआरडी) और राज्य अभियान निदेशकों और एसआरएलएम के अधिकारियों के साथ एक बैठक का आयोजन किया गया, जिसका उद्देश्य इस वर्ष “सबकी योजना सबका विकास” नामक जन योजना अभियान के एक भाग के रूप में ग्राम पंचायत विकास योजना (जीपीडीपी) और ग्राम गरीबी न्यूनीकरण योजना (वीपीआरपी) के निर्माण के लिए एक प्रक्रिया की शुरूआत करना था।

12 अगस्त को सामाजिक एवं आर्थिक सशक्तिकरण पर एसएचजी सदस्यों की भूमिका पर एसएचजी सदस्यों के साथ प्रधानमंत्री के साथ किए गए वार्तालाप का उल्लेख करते हुए, एमओपीआर के जेएस ने इस बात पर बल दिया कि हमें एसएचजी के सदस्यों द्वारा गरीबी का उन्मुलन करने की दिशा में तैयार की गई योजना को स्वीकार करने की आवश्यकता है, जो कि वास्तव में एक जनसाधारण के लिए तैयार की गई योजना है। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि पीआरआई सदस्यों को वीपीआरपी प्रक्रिया के प्रति संवेदनशील बनाना पड़ेगा और इसे एनआईआरडीपीआर और एसआईआरडी द्वारा जीपीडीपी प्रशिक्षण में शामिल किया जाएगा जिससे वीपीआरपी को जीपीडीपी में प्रभावी रूप से शामिल किया जा सके।

एमओआरडी के जेएस द्वारा राज्य स्तर पर राज्य ग्रामीण आजीविका संवर्धन समितियों (एसआरएलएम), राज्य ग्रामीण विकास संस्थानों (एसआईआरडी), डीओपीआर और इससे संबंधित अन्य विभागों के लिए एक संयुक्त समन्वय समिति की स्थापना करने की सलाह दी गई। जीपीडीपी योजना को पूरा करने के लिए कम से कम 2 ग्राम सभा का आयोजन करने की भी सलाह गई। दोनों संयुक्त सचिवों ने इस बात का उल्लेख किया कि दोनों मंत्रालय जीपीडीपी और उनके कार्यान्वयन में वीपीआरपी में दिखने वाले समुदायों की मांगों को पूरा करने के लिए समावेशी रूप रखने के लिए एक तंत्र को विकसित करने की दिशा में संयुक्त रूप से काम करेंगे।

इस कार्यक्रम की समाप्ति होने के बाद, सभी एसआरएलएम से यह आशा व्यक्त की जाती है कि आगामी 15 अगस्त की ग्राम सभा के दौरान सभी ग्राम पंचायतों और स्थानीय स्वशासन (एलएसजी) में वीपीआरपी की शुरूआत करने की प्रक्रिया को प्रारंभ कर लिया जाएगा। इसके बाद 16 अगस्त से लेकर 18 अगस्त, 2021 तक वीपीआरपी रोल आउट पर सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के लगभग 14,000 प्रतिभागियों के प्रशिक्षकों के लिए राष्ट्रीय स्तर पर एक वर्चुअल प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरूआत की जाएगी। इसके बाद अतरिक्त रूप से 2 चरणों में सितंबर और नवंबर माह में प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। ये मास्टर ट्रेनर वीवी स्तर पर सामुदायिक संसाधन वाले लोगों को प्रशिक्षण प्रदान करेंगे जो एक बहुभाषी मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से अपनी मांग योजना को तैयार करने के लिए एसएचजी, वीओ और सीसीएफ के साथ इस प्रक्रिया में सुगमतापूर्वक शामिल हो सकेंगें।

नवंबर 2021 तक, 34 राज्यों/संघ शासित क्षेत्रों के 705 जिलों के 6,517 ब्लॉकों में सभी ग्राम पंचायतों में प्रशिक्षित सामुदायिक संसाधन वाले व्यक्तियों के माध्यम से स्वयं सहायता समूहों और उनके स्वैच्छिक संगठनों द्वारा वीपीआरपी को तैयार करने की और उसको प्रस्तुत किए जाने की संभावना है। बैठक में जीपीडीपी के लिए प्रभावी योजना बनाने और उसको कार्यान्वित किए जाने के लिए, केंद्रीय और राज्य स्तर पर पीआर और आरडी विभागों के बीच बेहतर तालमेल की शुरुआत की गई है।

ग्राम पंचायत विकास योजना (जीपीडीपी) के संदर्भ में

पंचायती राज मंत्रालय द्वारा अक्टूबर माह से लेकर दिसंबर माह तक सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के सभी ग्राम पंचायतों और अन्य स्थानीय स्वशासन निकायों में ग्राम पंचायत विकास योजना (जीपीडीपी) की शुरूआत करने की एक वार्षिक योजना है, जहां पर जीपी विकास योजनाओं को जनकल्याणकारी योजना अभियान के अंतर्गत भागीदारी के रूप में तैयार किया गया है।

दीनदयाल अंत्योदय योजना के अंतर्गत - राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डे-एनआरएलएम) पंचायती राज संस्थाएं-सामुदायिक संगठन (पीआरआई-सीबीओ) अभिसरण पहल के अंतर्गत, सभी स्वयं सहायता समूहों और उनके संघों को ग्राम पंचायतों के नेतृत्व में स्थानीय आर्थिक विकास कार्यक्रमों का लाभ प्रदान किए जाने की उम्मीद है। पिछले कुछ वर्षों में ग्रामीण विकास मंत्रालय (एमओआरडी) और पंचायती राज मंत्रालय (एमओपीआर) द्वारा जारी किए गए संयुक्त निर्देश के अनुसार, सभी एसएचजी डे-एनआरएलएम के अंतर्गत बढ़ावा देते हैं और उनके संघों को ग्राम गरीबी उन्मूलन योजना (वीपीआरपी) के लिए तैयार किया जाना अनिवार्य है और ग्राम पंचायतों में एकीकरण प्रदान करने के लिए इसे ग्राम सभा में प्रस्तुत करना भी अनिवार्य किया गया है।

डे-एनआरएलएम, एसएचजी और फेडरेशन में संगठित 70 मिलियन से ज्यादा महिलाओं के साथ, ग्राम गरीबी उन्मूलन योजनाओं (वीपीआरपी) की व्यापक और समावेशी तैयारी और एकीकरण के माध्यम से ग्राम पंचायत विकास योजना (जीपीडीपी) की तैयारी में सामुदायिक भागीदारी को सुनिश्चित करने की दिशा में सही अवसर और एक मंच प्रदान कर रहा है। यह पहल ग्रामीण संगठनों (वीओ) की संगठनात्मक क्षमताओं को बढ़ावा देने और उन्हें स्थानीय परिवर्तन और रूपांतरित करने के लिए एक 'महत्वपूर्ण समूह' में बदलने पर भी केंद्रित है। यह एक ज्यादा समावेशी, सहभागी और व्यापक रूप से ग्राम गरीबी उन्मूलन करने वाली योजना है जिसमें अधिकार, आजीविका, सार्वजनिक लाभ, सेवाएं, संसाधन विकास और सामाजिक विकास की योजनाओं को शामिल किया गया है। ये चारों घटक 11वीं अनुसूची के 29 विषयों के अंतर्गत आने वाले तत्व हैं और ये गांवों के समग्र विकास में योगदान देते हैं। वीआरपी में सामाजिक विकास, सामाजिक सुरक्षा और आजीविका के लिए योजनाएं केंद्र और राज्य के द्वारा प्रायोजित योजनाओं को शामिल किया गया है।

2020 में, प्रशिक्षण प्राप्त किए जाने के बाद, 24 लाख से ज्यादा वीओ ने वीपीआरपी के लिए तैयारी की है और 29 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में 628 जिलों के 5,406 ब्लॉकों के 82,084 जीपीएस की प्रस्तुति की गई है और लगभग 11 करोड़ सदस्यों ने इस प्रक्रिया में शामिल किया गया है।

2021 में वीपीआरपी रोल आउट की प्रक्रिया की शुरूआत करने के लिए पीआरआई, संबंधित विभागों और वीपीआरपी प्रारूपों के डिजिटलीकरण के प्रति संवेदनशील बनने पर ध्यान केंद्रित करने के साथ ही साथ सभी कार्यात्मक ब्लॉकों में नए प्रशिक्षणों का आयोजन किया जाएगा, जिससे कि जीपीएस और संबंधित विभागों के साथ विभिन्न स्तरों पर ट्रैकिंग और अनुवर्ती योजनाओं की शुरूआत की जा सके।

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