वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्रालय

श्री पीयूष गोयल ने ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ओएनडीसी) की अध्यक्षता की


डिजिटल कॉमर्स का लोकतंत्रीकरण करने और इसे प्लेटफॉर्म केंद्रित मॉडल से एक ओपन नेटवर्क मॉडल में स्थानांतरित करने की पहल

यूपीआई जैसे प्‍लेटफॉर्म स्वतंत्र प्रोटोकॉल की सफलता को प्रोपराइटी ई-कॉमर्स साइटों को विकल्‍प प्रदान करने और खरीदारों एवं विक्रेताओं को जोड़ने के लिए के लिए एक ढांचा तैयार करने में दोहराया जाएगा

व्‍यापारी क्रेडिट हिस्‍ट्री तैयार करने और ग्राहकों तक पहुंचने के लिए अपने डेटा को ओएनडीसी पर डेटा सेव कर सकेंगे

ओएनडीसी के तेजी से विकास और तैनाती के लिए आगे बढ़ें

Posted On: 13 AUG 2021 9:28PM by PIB Delhi

केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल ने आज डीपीआईआईटी की ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ओएनडीसी) पहल की समीक्षा के लिए एक बैठक की अध्यक्षता की। श्री गोयल ने सलाहकार परिषद के सदस्यों और विशेषज्ञों के साथ विचार-विमर्श किया कि कैसे यह पहल डिजिटल कॉमर्स का लोकतंत्रीकरण करेगी और इसे प्लेटफॉर्म केंद्रित मॉडल से एक ओपन नेटवर्क मॉडल में स्थानांतरित करेगी। सलाहकार परिषद में राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के सीईओ श्री आर. एस. शर्मा, इंफोसिस के गैर-कार्यकारी चेयरमैन श्री नंदन एम. नीलेकणी, क्यूसीआई एवं क्षमता निर्माण आयोग के चेयरमैन श्री आदिल जैनुलभाई, अवाना कैपिटल की संस्‍थापक एवं चेयरपर्सन सुश्री अंजलि बंसल, डिजिटल इंडिया फाउंडेशन के सह-संस्थापक एवं प्रमुख श्री अरविंद गुप्ता, एनपीसीआई के एमडी एवं सीईओ श्री दिलीप असबे, एनएसडीएल के एमडी एवं सीईओ श्री सुरेश सेठी, अखिल भारतीय व्यापारी परिसंघ के महासचिव श्री प्रवीण खंडेलवाल और रिटेलर एसोसिएशन ऑफ इंडिया के सीईओ श्री कुमार राजगोपालन शामिल थे।

प्रगति की समीक्षा करते हुए मंत्री ने कहा कि ओएनडीसी सब कुछ के लिए काम करेगा और यह न केवल उत्पादों तक सीमित रहेगा बल्कि सेवाओं के लिए भी काम करेगा। श्री गोयल ने सुझाव दिया कि इसके लिए कुछ दिशानिर्देश अथवा मूल बुनियादी ढांचा, आकार, नैतिकता और सिद्धांत होने चाहिए। श्री गोयल ने आगे कहा कि सुरक्षा और डेटा की निजता एवं गोपनीयता सुनिश्चित की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि इससे नए अवसर पैदा होंगे और एकाधिकार का माहौल खत्म होगा।

गौरतलब है कि ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स यानी ओएनडीसी वैश्विक स्तर पर अपनी तरह की पहली पहल है जिसका उद्देश्य डिजिटल कॉमर्स को प्लेटफॉर्म केंद्रित मॉडल से ओपन नेटवर्क में स्थानांतरित करना है। चूंकि यूपीआई डिजिटल भुगतान डोमेन है और इसलिए ओएनडीसी भारत में ई-कॉमर्स के लिए है। ओएनडीसी खरीदारों और विक्रेताओं को एक ओपन नेटवर्क के जरिये डिजिटल तौर पर दिखने और लेनदेन करने में समर्थ बनाएगा। इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा कि वे किस प्लेटफॉर्म/ ऐप्लिकेशन का उपयोग करते हैं। ओएनडीसी रिटेल, फूड से लेकर मोबिलिटी तक सभी कारोबार में बदलाव के लिए नवाचार एवं व्‍यापकता को बढ़ावा देकर एकल नेटवर्क तैयार करते हुए व्‍यापारियों और ग्राहकों को सशक्‍त करेगा।

इस सलाहकार परिषद का गठन 5 जुलाई को किया गया था और इसकी पहली बैठक 16 जुलाई 2021 को हुई थी। सलाहकार परिषद ने पूर्ववर्ती संचालन समिति के दायरे के अलावा ओएनडीसी के डिजाइन, कार्यान्वयन और राष्ट्रीय रोलआउट के लिए मार्गदर्शक एवं सलाहाकार अपनी भूमिका को अपनाया है। सलाहकार परिषद ने राष्ट्रीय रोलआउट के लिए डिजाइन संबंधी प्रमुख मुद्दों पर चर्चा की। इसकी सिफारिशों को कार्यान्वयन योजना में शामिल किया गया है।

ओएनडीसी नेटवर्क में डेटा की निजता एवं गोपनीयता सुनिश्चित करने के लिए सभी उपाय करेगा:  

- ओएनडीसी लेनदेन स्‍तर पर कोई भी डेटा ओएनडीसी के प्रतिभागियों के साथ अनिवार्य तौर पर साझा नहीं करेगा।

- ओएनडीसी निजता एवं गोपनीयता से समझौता किए बिना नेटवर्क प्रदर्शन के बारे में गुप्‍त रूप से सभी मेट्रिक्स को प्रकाशित करने के लिए अपने प्रतिभागियों के साथ काम करेगा।

- ओएनडीसी सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 का अनुपालन करेगा और इसे आगामी व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक के अनुपालन के लिए डिजाइन किया गया है।

 

ओपन नेटवर्क के प्रबंधन के लिए ओएनडीसी की स्थापना के अलावा सरकार ई-कामर्स के लिए एक स्वतंत्र नियामकीय प्राधिकरण (पूंजी बाजार के लिए सेबी की तरह) की स्थापना करने पर विचार कर सकती है।

ओएनडीसी शुरू में लघु एवं मझोले कारोबारियों को अपने नेटवर्क पर लाने के लिए विशेष ध्यान देगा। ओएनडीसी विभिन्न नेटवर्क प्रतिभागियों को शिक्षित करने, प्रोत्साहित करने और किसी भी आशंका को दूर करने के लिए अच्छी तरह से विकसित सूचना, शिक्षा एवं संचार अभियान चलाने की योजना बना रहा है।

ओएनडीसी को समय के साथ-साथ एक आत्मनिर्भर इकाई के रूप में विकसित होना चाहिए जो अपने परिचालन के लिए आय सृजित करे और अतिरिक्‍त रकम का निवेश प्रौद्योगिकी, प्रक्रियाओं और नेटवर्क के विकास में जारी रखे। इस परिवेश से संबंधित प्रतिभागियों को होने वाले उल्‍लेखनीय फायदे को देखते हुए यह एक व्यावहारिक विकल्प है।

 

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