रक्षा मंत्रालय
एएसडब्ल्यू शैलो वाटर क्राफ्ट परियोजना के प्रथम युद्धपोत और सर्वे वेसल लार्ज प्रोजेक्ट के तीसरे युद्धपोत हेतु जहाज़ निर्माण की आधारशिला का समारोह
Posted On:
06 AUG 2021 6:24PM by PIB Delhi
पनडुब्बी रोधी युद्धपोत शैलो वाटरक्राफ्ट (एएसडब्ल्यूएसडब्ल्यूसी) परियोजना के पहले युद्धपोत और भारतीय नौसेना के लिए सर्वे वेसल लार्ज (एसवीएल) परियोजना के तीसरे युद्धपोत की आधारशिला 6 अगस्त 2021 को नौसेना उप प्रमुख वाइस एडमिरल एसएन घोरमाडे द्वारा वर्चुअल तरीक़े से रखी गई। जहाज निर्माण कंपनी गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (जीआरएसई) भारतीय नौसेना के लिए आठ एएसडब्ल्यू एसडब्ल्यूसी और चार एसवीएल का निर्माण स्वदेशी जहाज निर्माण कार्यक्रम के हिस्से के रूप में करेगी। इन जहाजों को आंशिक रूप से एलएंडटी शिपयार्ड, कट्टुपल्ली में जीआरएसई की सार्वजनिक निजी भागीदारी मॉडल के तहत बनाया जा रहा है। किसी भी जहाज की कील बिछाने का मतलब जहाज का निर्माण शुरू होना है जो उसके विभिन्न हिस्सों के एकीकरण को इंगित करता है।
इस मौके पर नौसेना के युद्धपोत उत्पादन और अधिग्रहण के नियंत्रक वाइस एडमिरल किरण देशमुख, डीजीएनडी (एसएसजी) रियर एडमिरल जीके हरीश, रीयर एडमिरल वीके सक्सेना (सेवानिवृत्त) के अलावा सीएमडी/ जीआरएसई और भारतीय नौसेना के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
इस अवसर पर बोलते हुए, मुख्य अतिथि ने कोविड-19 से जुड़ी बाधाओं और चल रही महामारी से उत्पन्न चुनौतियों के बावजूद इस उत्कृष्ट उपलब्धि को प्राप्त करने में जीआरएसई और एलएंडटी द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की। उन्होंने इसे शिपयार्ड की उल्लेखनीय उपलब्धि बताया और सभी के पेशेवर रवैये की सराहना की। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि इन जहाजों का निर्माण आत्मनिर्भर भारत और भारत की 'मेक इन इंडिया' प्रतिबद्धता के लिए एक बड़ा प्रोत्साहन है जिसमें अधिकांश हथियार, सेंसर और उपकरण स्वदेशी हैं।
उन्होंने कहा कि अत्याधुनिक अंडरवाटर सेंसर और हथियारों से लैस पनडुब्बी रोधी युद्ध शैलो वाटर क्राफ्ट से नौसेना की क्षमता को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही पूर्ण पैमाने पर तटीय सर्वेक्षण, गहरे पानी के हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण और नेविगेशनल चैनलों, मार्गों के निर्धारण में सक्षम एसवीएल जहाजों को भी अत्याधुनिक उपकरणों से लैस किया जाएगा।
इस जटिल जहाज निर्माण परियोजना को क्रियान्वित करने में शिपयार्ड के सामने आने वाली विभिन्न चुनौतियों पर प्रकाश डालते हुए जीआरएसई के सीएमडी ने कहा कि इन दिनों चल रही महामारी से उत्पन्न चुनौतियों के बावजूद अभिनव समाधानों के उपयोग से जहाजों का उत्पादन जारी रहा। उन्होंने भारतीय नौसेना को उनके निरंतर समर्थन के लिए धन्यवाद दिया और आधुनिक सरफेस फ्लीट्स की आवश्यकता को पूरा करने के लिए जीआरएसई की प्रतिबद्धता को दोहराया।
एमजी/एएम/एबी/डीवी
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