विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय

कोविड 19 वायरस की परिपक्वता और उसके प्रसार को रोकने के लिए यौगिकों को संश्लेषित करने के लिए वैज्ञानिक एक साथ काम कर रहे हैं

Posted On: 26 JUL 2021 5:44PM by PIB Delhi

भारत, रूस, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका के वैज्ञानिक एसएआरएस (सार्स)-सीओवी-2 के आरएनए की प्रतिकृतियों को उत्प्रेरित करने वाले एंजाइम, मुख्य प्रोटीएज और आरएनए प्रतिकृतियों के खिलाफ सीसा धातु के यौगिकों के पुनर्निमाण, उनके सत्यापन और संश्लेषण के लिए एक साथ मिलकर काम करेंगे। ऐसा करने से मेजबान कोशिकाओं में संक्रमण के दौरान वायरस की परिपक्वता और प्रसार दोनों को बाधित किया जा सकता है और इससे बेहतर उत्पादन विधियों के साथ नई कोविड -19 दवाओं के उत्पादन में मदद मिल सकती है।

एसएआरएस (सार्स)-सीओवी-2 के बहुस्तरीय लक्षित अवरोधकों का यह क्षेत्र कुछ महीने पहले विश्व स्वास्थ्य सन्गठन द्वारा कोविड-19 को वैश्विक आपातकाल घोषित करने के बाद सामने आया है। बहुस्तरीय (मल्टीस्टेज) प्रक्रिया में वायरल जीनोम की प्रतिकृति बनना, उनका प्रतिलेखन और परिपक्वता जैसी बहु-चरण प्रक्रियाएं शामिल हैं जो इस वायरल मशीनरी में परस्पर जुड़ी हुई हैं और वायरल प्रसार को बढ़ावा देती हैं। ये वायरस एंजाइम प्रोटीएज और आरएनए प्रतिकृति द्वारा नियंत्रित होते हैं। इनके प्रभावों को रोकना इस धरती पर लाखों लोगों के कोविड-19 के खिलाफ एक दवा के अणु को विकसित/पुन: उपयोग करने के सपने को पूरा करने के लिए महत्वपूर्ण होगा।

डॉ. ध्रुव कुमार, एमिटी इंस्टीट्यूट ऑफ मॉलिक्यूलर मेडिसिन एंड स्टेम सेल रिसर्च के प्रोफेसर, डॉ. बृजेश राठी, सहायक प्रोफेसर, हंसराज कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय, डॉ. लिंडोमर जोस पेना, विरोलोगिया ई टेरापिया एक्सपेरिमेंटल (एलएवीआईटीई)ब्राजील एवी से मिलकर बना एक संघ ) प्रोफेसर मोरेस रेगो, एस/एन - कैम्पसडा यूएफपीई - सिडेड यूनिवर्सिटीरिया, ब्रासिल), रूस (डॉ व्लादिमीर पोटेमकिन, साउथ यूराल स्टेट यूनिवर्सिटी, रूस) और डॉ अनिल चुतुर्गून, यूनिवर्सिटी ऑफ क्वाज़ुलु-नेटाल दक्षिण अफ्रीका एसएआरएस (सार्स)-सीओवी-2 के  मुख्य प्रोटीएज और आरएनए पर निर्भर आरएनए पोलीमरेज़ के खिलाफ फाइटोकेमिकल्स की पहचान और संश्लेषण करेंगे। वे मुख्य प्रोटीज के खिलाफ साइटोटोक्सिसिटी सीसा (लेड) यौगिकों और एसएआरएस (सार्स)-सीओवी-2 के  मुख्य प्रोटीएज और आरएनए पर निर्भर आरएनए पोलीमरेज़ के आरएनए पर निर्भर आरएनए पोलीमरेज़ सहित जैव रासायनिक परख भी करेंगे, और आणविक गतिशीलता सिमुलेशन और जैव रासायनिक तरीकों के माध्यम से सीसा यौगिकों का लक्ष्य सत्यापन करेंगे।

हालांकि एसएआरएस (सार्स)-सीओवी-2 के  मुख्य प्रोटीएज और आरएनए पर निर्भर आरएनए पोलीमरेज़ के एकल लक्ष्य एंजाइम को चुनिंदा रूप से बाधित करने के प्रयास किए गए हैं, लेकिन एसएआरएस (सार्स)-सीओवी-2 के  मुख्य प्रोटीएज और आरएनए पर निर्भर आरएनए पोलीमरेज़की प्रतिकृति और परिपक्वता मशीनरी दोनों के खिलाफ प्रभावी संभावित अवरोधक अभी तक नहीं मिले हैं।

विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग इस शोध का समर्थन करेगा किया जिसमें कई ब्रिक्स देशों से विभिन्न प्रकार की विशेषज्ञता मिलती है ताकि उस कोविड-19 संकट का समाधान लाया जा सके जिससे दुनिया वर्तमान में जूझ रही है।

चूंकि दवा की खोज एक जटिल प्रक्रिया है, इसलिए जैव सूचना विज्ञान, कार्बनिक रसायन विज्ञान, औषधीय रसायन विज्ञान, ड्रग स्क्रीनिंग और पैरासिटोलॉजिस्ट के विशेषज्ञों का सहयोगात्मक प्रयास कोविड-19 के खिलाफ नई प्रभावकारी उपयुक्त दवाओं की खोज के लिए बहुत महत्वपूर्ण होगा। विभिन्न क्षेत्रों के वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों के प्रयासों, ज्ञान और अनुभव के सम्मिश्रण से ब्रिक्स देशों में स्वास्थ्य प्रणाली और स्वास्थ्य देखभाल दोनों सर्वश्रेष्ठ स्तर पर पहुँच  सकेंगे ।

(इस सम्बन्ध में अधिक जानकारी के लिए, प्रोफेसर ध्रुव कुमार, एमिटी इंस्टीट्यूट ऑफ मॉलिक्यूलर मेडिसिन एंड स्टेम सेल रिसर्च, एमिटी यूनिवर्सिटी से dkumar13@amity.edu और dhruvbhu[at]gmail[dot]com पर संपर्क किया जा सकता है))

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