खान मंत्रालय

एमईसीएल ने डीएमजी, गोवा के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया


गोवा में खनिज खोज में सुधार का मार्ग प्रशस्त करने के लिए

एमईसीएल भू-वैज्ञानिक अन्वेषण करके खनिज संसाधनों का आकलन करेगा और राज्य की खनिज सूची बनाएगी

Posted On: 19 JUL 2021 7:24PM by PIB Delhi

भारत सरकार के खान मंत्रालय की प्रमुख अधिसूचित खनिज अन्वेषण एजेंसी खनिज अन्वेषण निगम लिमिटेड (एमईसीएल) ने आज नई दिल्ली में एकीकृत खनिज खोज और परामर्श सेवाओं की पेशकश करते हुए गोवा सरकार के खान एवं भू-विज्ञान निदेशालय (डीएमजी) के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किया।   

एमओयू पर हस्ताक्षर करने के साथ एमईसीएल भू-वैज्ञानिक अन्वेषण का व्यवस्थापन करके खनिज संसाधनों का आकलन करेगी और नीलाम किए जाने वाले खनिज ब्लॉकों को अंतिम रूप देगी तथा राज्य की खनिज सूची बनाएगी।

एमएमडीआर संशोधन अधिनियम 2021, खनिज (नीलामी) द्वितीय संशोधन नियम, 2021 और खनिज (खनिज सामग्री के साक्ष्य) संशोधन नियमों में हाल ही में किए गए संशोधनों से राज्यों के लिए अपने खनिज रकबे की नीलामी प्रक्रिया को तेज करने का मार्ग प्रशस्त होगा। इस तरह गोवा सरकार के खनिज रकबे के मूल्यांकन और आवंटन की प्रक्रिया में डीएमजी, गोवा सरकार की भूमिका निर्णायक होगी।

कोयला, खान एवं संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी, गोवा के मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत, गोवा सरकार के मुख्य सचिव श्री परिमल राय, खान मंत्रालय के संयुक्त सचिव श्री सतेन्द्र सिंह तथा भारत सरकार और गोवा सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में एमईसीएल के सीएमडी डॉ. रंजीत रथ और डीएमजी के निदेशक श्री विवेक एच. पी ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।

गोवा राज्य में लौह अयस्क (1,456 मिलियन टन) के बड़े भंडारों के साथ-साथ बॉक्साइट (55 मिलियन टन) और मैंगनीज अयस्क (34 मिलियन टन) जैसे अन्य प्रमुख खनिजों का भंडार है। लौह अयस्क खनन राज्य में क्षेत्रीय आय और रोजगार में काफी योगदान देता है। खनन स्थल के पास बंदरगाहों की उपलब्धता के कारण खनिजों के निर्यात के लिए गोवा में आंतरिक लॉजिस्टिक वातावरण भी है।

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