जल शक्ति मंत्रालय

राजस्थान जल जीवन मिशन के त्वरित क्रियान्वयन के लिए तैयार


2024 तक राज्य 'हर घर जल' बनेगा

Posted On: 15 JUL 2021 7:01PM by PIB Delhi

राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने आश्वासन दिया है कि 2024 तक राजस्थान के हर घर में जल जीवन मिशन (जेजेएम) के तहत नल जल उपलब्ध कराया जाएगा।अतिरिक्त सचिव और राष्ट्रीय जल जीवन मिशन मिशन के निदेशक श्री भरत लाल के नेतृत्व में आगंतुककेंद्रीय टीम के साथ एक वर्चुअल बैठक में उन्होंने आश्वासन दिया कि जेजेएम को राज्य में मिशन-मोड में लागू किया जाएगा और दीर्घकालिक आधार पर निर्धारित नल जल की आपूर्ति के लिए स्थायी स्रोत पर ध्यान देने के साथ 'कोई भी छूटा नहीं है' यह सुनिश्चित किया जाएगा। उन्होंने इस मिशन को एक जन आंदोलन बनाने पर भी जोर दिया।

 

 

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श्री भरत लाल जल जीवन मिशन के कार्यान्वयन की समीक्षा के लिए राजस्थान में हैं। उन्होंनेराज्य के मुख्य सचिवश्री एन.के. आर्यन के साथ राजस्थान को 'हर घर जल' बनाने के लिए आगे की राह पर चर्चा की।इस बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री सुधांश पंत और एनजेजेएम की निदेशक श्रीमती रूपा मिश्रा भी उपस्थित थीं।

केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने राज्य को 'हर घर जल' का लक्ष्य प्राप्त करने में सहायता करने के लिए 2021-22 में जल जीवन मिशन के लिए 10,180 करोड़ रुपये के केंद्रीय आवंटन को भी मंजूरी दी है। यह रकम 2020-21 में आवंटित 2,522.03 करोड़ रुपये से चार गुना अधिक है।केंद्रीय मंत्री जल शक्ति श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने मुख्यमंत्री को लिखे अपने पत्र में 2024 तक हर ग्रामीण घर में नल का जल उपलब्ध कराने के लिए राज्य को पूरी सहायता देने का आश्वासन दिया है और मुख्यमंत्री से जल जीवन मिशन के कार्यान्वयन में तेजी लाने का आग्रह किया है।

2021-22 में जेजेएम को लागू करने के लिए केंद्र ने राजस्थान को 10,180 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं।863.53 करोड़ रुपये के ओपनिंग बैलेंस और राज्य के हिस्से कोमिलाकरराज्य के पास जल आपूर्ति कार्य के लिए 21,224.53करोड़ रुपये उपलब्ध हैं।इसे देखते हुएधन की उपलब्धता में कोई कमी नहीं है।

2021-22 में ग्रामीण स्थानीय निकायों/पंचायती राज संस्थाओं (पीआरआई) को जल और स्वच्छता के लिए 15वें वित्त आयोग ने बंधित अनुदान के रूप में राजस्थान को 1,712 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं।अगले पांच साल यानी 2025-26 तक के लिए 9,032 करोड़ रुपये की सुनिश्चित निधि निर्धारित है। राजस्थान के ग्रामीण क्षेत्रों में इस विशाल निवेश से आर्थिक गतिविधियों में तेजी आएगी और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा। इससे गांवों में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।

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चुनौतियों का सामना करने और प्रत्येक घर को स्वच्छ नल का जल उपलब्ध कराने के कार्य में तेजी लाने के लिए राज्य ने जयपुर में एक वर्चुअल सम्मेलन का आयोजन किया। इस महत्वपूर्ण सम्मेलन में 800 से अधिक इंजीनियरों और जिला अधिकारियों ने हिस्सा लिया। इस सम्मेलन में श्री भरत लाल ने जन स्वास्थ्य इंजीनियरों को जल सेवा वितरण को लेकर ध्यान केंद्रित करने पर जोर दिया। वर्तमान में, नल कनेक्शन कवरेज के मामले में राजस्थान देश में 26वें स्थान पर है,राष्ट्रीय औसत 40.9 फीसदी की तुलना में राजस्थान में केवल 20.1 फीसदीपरिवारों के पास ही नल जल की सुविधा तकपहुंच है।

15 अगस्त 2019 कोजल जीवन मिशन की शुरुआत के समयकुल 1.01 करोड़ घरों में से केवल 11.74 लाख (11.59 फीसदी) घरों में नल जल के कनेक्शन थे।इसके बाद 23 महीने की अवधि में 8.64 लाख घरों को नल जल कनेक्शन दिए गए हैं। इस तरहआज की तारीख में केवल 20.38 लाख घरों (20.12 फीसदी) के पास नल जल की सुविधा है।राज्य ने ‘हर घर जल’ के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए 2021-22 में 30 लाख, 2022-23 में 35 लाख और 2023-24 में 16.75 लाख घरों में नल जल कनेक्शन प्रदान करने की योजना बनाई है।

देश में विद्यालयों, आश्रमशालाओं और आंगनबाड़ी केन्द्रों में बच्चों को स्वच्छ नल जल सुनिश्चित करने के लिए, प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने 100 दिनों के अभियान की घोषणा की थी।केंद्रीय जल शक्ति मंत्रीश्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने 2 अक्टूबर 2020 को इसकी शुरुआत की थी।इसके परिणामस्वरूपहरियाणा, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, गुजरात, आंध्र प्रदेश, गोवा, तमिलनाडु, तेलंगाना, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह जैसे राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों ने विद्यालयों, आश्रमशालाओं और आंगनबाड़ी केंद्रों में नल जल का प्रावधान किया है। वहीं राजस्थान में इसकी प्रगति धीमी रही है, जहां केवल 47,176 स्कूलों (54 फीसदी) और 20,511 आंगनबाड़ी केंद्रों (38 फीसदी) में नल जल आपूर्ति की सुविधा है।श्री शेखावत ने अपने पत्र में राजस्थान के मुख्यमंत्री को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि अगले कुछ महीनों में बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य, साफ-सफाई और स्वच्छता के लिए बाकी सभी विद्यालयों व आंगनबाड़ी केंद्रों में स्वच्छ नल जल की व्यवस्था की जाए।

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उन्होंने राज्य में पानी की कमी वाले क्षेत्रों, गुणवत्ता प्रभावित गांवों, आकांक्षी जिलों, एससी/एसटी बहुल गांवों और सांसद आदर्श ग्राम योजना (एसएजीवाई) गांवों को प्राथमिकता देने पर भी जोर दिया है।वहीं जल गुणवत्ता देखभाल और निगरानी गतिविधियों को सर्वोच्च प्राथमिकता देने को कहा है,जिसके लिए आंगनबाड़ी कर्मियों, आशा कार्यकर्ता, स्वयं सहायता समूह के सदस्य, पीआरआई सदस्य औरस्कूल शिक्षक आदि को प्रशिक्षित किया जा रहा है, जिससे वे फील्ड टेस्ट किट (एफटीके) का उपयोग करके संदूषणके लिए पानी के नमूनों का परीक्षण कर सकें।राज्य को जल परीक्षण प्रयोगशालाओं को उन्नत करने और एनएबीएल मान्यता प्राप्त करने की भी जरूरत है। राज्य की कुल 54 प्रयोगशालाओं में से अब तक केवल 13 प्रयोगशालाएं ही एनएबीएल से मान्यता प्राप्त हैं।

जल जीवन मिशन एक 'नीचे से ऊपर की ओर' दृष्टिकोण है जहां समुदाय योजना से लेकर कार्यान्वयन, प्रबंधन, संचालन और रखरखाव तक में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।इसे प्राप्त करने के लिए, राज्य सरकार को विभिन्न सहायक गतिविधियों का संचालन करना होगा। इनमें ग्राम जल व स्वच्छता समिति (वीडब्ल्यूएससी)/पानी समिति को मजबूत करना, अगले पांच वर्षों के लिए ग्राम कार्य योजना विकसित करना, ग्राम समुदाय को संभालनेव सहायता प्रदान करनेराज्य कार्यान्वयन एजेंसियों (आईएसए) को शामिल करना और लोगों के बीच जागरूकता फैलाना शामिल हैं।राजस्थान ने 43,323 गांवों में 42,346 वीडब्ल्यूएससी का गठन करके अच्छी प्रगति की है। हालांकि इनमें केवल 2,707 ग्राम कार्य योजना तैयार की गई है।

राज्य ने आश्वासन दिया है कि कार्यान्वयन की गति में सुधार के लिए उपाय किए जा रहे हैं। राज्य की ओर से पंचायतों को 15 अगस्त को ग्राम सभा की बैठक आयोजित करने और एक जन अभियान के रूप में ग्राम कार्य योजना तैयार करने के निर्देश जारी किए गए हैं।

2019 में जब इस मिशन की शुरुआत हुई थी, उस समय देश के कुल 18.94 करोड़ ग्रामीण परिवारों में से केवल 3.23 करोड़ (17 फीसदी) के पास नल जल की आपूर्ति थी। पिछले 23 महीनों के दौरान, कोविड-19 महामारी व लॉकडाउन व्यवधानों के बावजूदजल जीवन मिशन को तेजी से लागू किया गया और 4.49 करोड़ परिवारों को नल जल कनेक्शन प्रदान किया गया है।इस कवरेज में 23.74 फीसदी की बढ़ोतरी के साथवर्तमान में देशभर में 7.73 करोड़ ग्रामीण घरों में नल जल की आपूर्ति है।गोवा, तेलंगाना, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह व पुडुचेरी ने ग्रामीण क्षेत्रों में 100 फीसदी घरेलू कनेक्शन का लक्ष्य हासिल कर लिया है और 'हर घर जल'बन गया है।प्रधानमंत्री के 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास' के दृष्टिकोण के बाद इसमिशन का आदर्श वाक्य 'कोई भी छूटा नहीं' है औरएक गांव के प्रत्येक परिवार में नल जल उपलब्ध कराया जाना चाहिए। वर्तमान में 72 जिलों और 1 लाख से अधिक गांवों के प्रत्येक परिवार में नल जल की आपूर्ति है।

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