जल शक्ति मंत्रालय
पुडुचेरी ने जल जीवन मिशन के तहत ‘हर घर जल’ को प्राप्त करने के लिए वार्षिक कार्य योजना प्रस्तुत की
पुडुचेरी की योजना सितंबर, 2021 तक 100 फीसदी परिपूर्णता प्राप्त करने की है
Posted On:
29 APR 2021 6:52PM by PIB Delhi
पुडुचेरी में जल जीवन मिशन (जेजेएम) की योजना और कार्यान्वयन पर वार्षिक कार्य योजना की बैठक आज वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से हुई। इस बैठक में केंद्रशासित प्रदेश के सरकारी अधिकारियों ने पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के सचिव की अध्यक्षता वाली एक समिति और विभिन्न मंत्रालयों/विभागों एवं नीति आयोग के सदस्यों के सामने ‘हर घर जल’ के लक्ष्यों को प्राप्त करने की योजना को प्रस्तुत किया।
पुडुचेरी में ग्रामीण परिवारों की कुल संख्या 1.16 लाख है। इनमें से 1.09 लाख (95 फीसदी) के पास नल जल कनेक्शन की सुविधा है। पुडुचेरी की योजना 2021-22 की दूसरी तिमाही तक 100 फीसदी परिपूर्णता हासिल करने की है। पुडुचेरी ने अपनी वार्षिक कार्य योजना (एएपी) में ग्राम कार्य योजना (वीएपी) को लागू करने और ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति (वीडब्ल्यूएससी) के गठन के लिए रोल-आउट प्लान पेश किया।
वहीं केंद्रशासित प्रदेश से आग्रह किया गया है कि वह ग्रामीण स्तर पर विभिन्न कार्यक्रमों के सम्मिलन के माध्यम से उपलब्ध विभिन्न निधियों का इस्तेमाल करें और प्रत्येक गांव के लिए एक ग्राम कार्य योजना (वीएपी) तैयार किया जाए, जो इन सभी संसाधनों को दीर्घावधि के लिए पेयजल सुरक्षा को लेकर तैयार कर सके। इन कार्यक्रमों में मनरेगा, जेजेएम, एसबीएम (जी), पीआरआई के लिए 15वें वित्त आयोग अनुदान, जिला खनिज विकास निधि, कैम्पा, सीएसआर निधि और स्थानीय क्षेत्र विकास निधि आदि हैं। स्थानीय समुदाय सभी गतिविधियों, विशेषकर घरों तक नियमित एवं बाधा-रहित जल आपूर्ति के लिए संचालन और रखरखाव गतिविधि के केंद्र में है। केंद्रशासित प्रदेश को यह सलाह दी गई है कि वह तत्काल सभी जल परीक्षण प्रयोगशालाओं की एनएबीएल मान्यता प्राप्त करें और जेजेएम दिशानिर्देशों के अनुरूप 100 फीसदी पेयजल स्रोतों का परीक्षण करें।
जल जीवन मिशन भारत सरकार का एक महत्वाकांक्षी कार्यक्रम है। इसका उद्देश्य 2024 तक देश के प्रत्येक ग्रामीण परिवार को घरेलू नल जल कनेक्शन प्रदान करना है। जल जीवन मिशन के तहत अग्रिम मोर्चे पर तैनात अधिकारियों की सक्रिय भागीदारी के साथ-साथ स्थानीय समुदाय को शामिल करने के माध्यम से जल गुणवत्ता निगरानी पर प्राथमिकता दी जा रही है। प्रत्येक गांव में 5 व्यक्तियों विशेषकर महिलाओं को जल की गुणवत्ता का परीक्षण करने के लिए फील्ड टेस्ट कीट के इस्तेमाल करने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसके अलावा जल की आपूर्ति एवं जल संरक्षण के विभिन्न पहलुओं के लिए व्यवहार परिवर्तन एवं सामुदायिक लामबंदी करने के लिए लोगों को सूचित, शिक्षित और संवाद करने के लिए केंद्रशासित प्रदेश को एक प्रभावी रणनीति तैयार करना है।
जैसा कि वित्तीय वर्ष 2021-22 की शुरुआत हो चुकी है, 9 अप्रैल से वार्षिक कार्य योजनाओं (एएपी) को अंतिम रूप देने के लिए सख्त संयुक्त समीक्षा का कार्य किया जा रहा है। यह समिति राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा तैयार प्रस्तावित वार्षिक कार्य योजना (एएपी) को मंजूर करने से पहले इसकी गहन जांच करती है। इसके बाद सालभर रकम आवंटित की जाती है और नियमित तौर पर क्षेत्र के दौरे किए जाते हैं। वहीं ‘हर घर जल’ के लक्ष्य को हासिल करने के लिए वार्षिक कार्य योजना के कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने को लेकर समीक्षा बैठकें आयोजित की जाती हैं।
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