जल शक्ति मंत्रालय

मेघालय ने जल जीवन मिशन के तहत अपनी वार्षिक कार्य योजना पेश की


राज्य की दिसंबर 2022 तक 'हर घर जल' पहुंचाने की योजना

Posted On: 27 APR 2021 4:59PM by PIB Delhi

मेघालय में जल जीवन मिशन (जेजेएम) योजना और कार्यान्वयन पर वार्षिक कार्य योजना बैठक का आयोजन एक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुआ। इसमें राज्य सरकार के अधिकारियों ने जल शक्ति मंत्रालय के पेयजल और स्वच्छता विभाग की समिति को 'हर घर जल' प्राप्त करने की योजना प्रस्तुत की। बैठक की अध्यक्षता मंत्रालय सचिव ने विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों/ विभागों और नीति आयोग के सदस्यों के साथ की। जल जीवन मिशन भारत सरकार द्वारा 2024 तक देश के प्रत्येक ग्रामीण परिवार को घरेलू नल द्वारा जल कनेक्शन प्रदान करने का एक प्रमुख कार्यक्रम है।

मेघालय राज्य में 5.89 लाख ग्रामीण परिवार हैं जिनमें से 93 हजार (16 प्रतिशत) ग्रामीण परिवारों को नल कनेक्शन प्रदान किए गए हैं। राज्य ने 2020-21 में 87 हजार नल कनेक्शन प्रदान किए हैं। राज्य की योजना दिसंबर 2022 तक 'हर घर जल' के लक्ष्य को प्राप्त करने की है। 2020-21 में, मेघालय उन सात राज्यों में से था, जिन्हें जल जीवन मिशन के तहत प्रदर्शन प्रोत्साहन अनुदान प्राप्त हुआ था। अन्य छह राज्य अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम, सिक्किम, गुजरात, मणिपुर और हिमाचल प्रदेश थे।

जल जीवन मिशन के तहत, 2021-2022 के दौरान, मेघालय को लगभग 350 करोड़ रुपये की केंद्रीय निधि मिलने की संभावना है। राज्य को विभिन्न कार्यक्रमों जैसे कि मनरेगा, जल जीवन मिशन, स्वच्छ भारत मिशन- ग्रमीण, पंचायती राज संस्थानों को 15वां वित्त आयोग अनुदान, जिला खनिज विकास कोष, क्षतिपूरक वनीकरण कोष प्रबंधन और योजना प्राधिकरण (कैंपा), कॉर्पोरेट सोशल रेस्पॉन्सिबिलिटी कोष, स्थानीय क्षेत्र विकास निधि आदि के अभिसरण के माध्यम से उपलब्ध धन का अच्छी तरह से उपयोग करने का आग्रह किया गया है। प्रत्येक गांव के लिए ग्राम स्तर और एक ग्राम कार्य योजना को लंबे समय तक पीने के पानी की सुरक्षा के लिए इन सभी संसाधनों के विकास द्वारा तैयार किया जाना चाहिए। समिति ने राज्य को सलाह दी कि वह गाँवों में पेयजल आपूर्ति में मुख्य भूमिका निभाने के लिए गाँव के स्तर और ग्राम जल और स्वच्छता समितियों के गठन पर ध्यान केंद्रित करे।

राज्य को यह सलाह भी दी गई कि वह सभी 33 जल परीक्षण प्रयोगशालाओं द्वारा एनएबीएल से तुरंत मान्यता प्राप्त की जाए और जल जीवन मिशन दिशानिर्देशों के अनुसार सभी पेयजल स्रोतों का 100 प्रतिशत परीक्षण करें। जल जीवन मिशन के तहत, अग्रिम पंक्ति के अधिकारियों की सक्रिय भागीदारी के साथ-साथ स्थानीय समुदाय को शामिल करने के माध्यम से जल गुणवत्ता निगरानी पर प्राथमिकता दी जा रही है। 5 व्यक्तियों को, विशेष रूप से महिलाओं को, पानी की गुणवत्ता का परीक्षण करने के लिए फील्ड टेस्ट किट का उपयोग करने के लिए हर गांव में प्रशिक्षित किया जा रहा है। इसके अलावा, राज्य द्वारा लोगों को जल आपूर्ति और जल संरक्षण के विभिन्न पहलुओं के लिए व्यवहार परिवर्तन और सामुदायिक लामबंदी के लिए लोगों को सूचित करने, शिक्षित करने और संवाद करने के लिए एक प्रभावी रणनीति तैयार करनी होगी।

वित्त वर्ष 2021-22 की शुरुआत में ही 9 अप्रैल से वार्षिक कार्य योजनाओं को अंतिम रूप देने के लिए कठोर संयुक्त समीक्षा की कवायद शुरू हो गई है। समिति योजनाओं को अंतिम रूप देने से पहले राज्यों/ केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा तैयार प्रस्तावित वार्षिक कार्य योजना की जांच करती है। इसके बाद, जल जीवन मिशन के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए वार्षिक कार्य योजना के कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए पूरे वर्ष नियमित तौर पर फील्ड विजिट की जाती हैं और समीक्षा बैठकें आयोजित की जाती हैं। इसके अलावा, राज्यों/ केंद्रशासित प्रदेशों के पास प्रदर्शन प्रोत्साहन प्राप्त करने का भी अवसर है, बशर्ते उनके पास अच्छी शारीरिक और वित्तीय प्रगति हो, पीडब्ल्यूएस योजनाओं की कार्यक्षमता और निधि का उपयोग करने की क्षमता हो।

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