स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्रालय

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने देशभर के एम्स और चंडीगढ़ तथा पुदुच्चेरी स्थित पीजीआई के साथ कोविड क्लीनिकल प्रबन्धन की दिशा में किए जा रहे प्रयासों की समीक्षा की


“अपने दूरदर्शी और प्रभावशाली नेतृत्व के साथ देशभर में किए जा रहे प्रयासों का नेतृत्व करने के लिए प्रधानमंत्री का धन्यवाद”

आप क्लीनिकल विशेषज्ञता और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में देश का नेतृत्व कर रहे हैं, देश आपके मार्गदर्शन और प्रेरणा के लिए आपसे उम्मीद रखता हैः डॉ. हर्ष वर्धन'

Posted On: 20 APR 2021 7:07PM by PIB Delhi

केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन ने मंगलवार को कोविड संकट के दौरान सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं की तैयारियों पर चर्चा करने के लिए देशभर के 10 एम्स और पीजीआईएमईआर चंडीगढ़ तथा जेआईपीएमईआर पुदुच्चेरी के निदेशकों के साथ उच्च-स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री श्री अश्विनी कुमार चौबे भी उपस्थित थे।

 

डॉ. हर्ष वर्धन ने बताया कि कोविड-19 की ताज़ा वेव पहले से ज़्यादा खतरनाक है और काफी तेजी से फैल रही है, जिस पर तत्काल ध्यान देने की ज़रूरत है। कोविड के खिलाफ जंग में अब तक किए गए प्रयासों के बारे में विस्तार से बताते हुए डॉ. हर्ष वर्धन ने कहा कि, “हमने कम से कम समय में एक प्रयोगशाला से शुरूआत करके आज 2467 प्रयोगशालाओं का निर्माण किया, जिनकी क्षमता प्रतिदिन 15 लाख से अधिक कोविड टेस्ट करने की है, कोविड देखभाल केंद्र वाले अस्पतालों सहित, ऑक्सीजन और वेंटीलेटर बेड के साथ कोविड अस्पतालों में बुनियादी सुविधाएं स्थापित कीं। 12,000 से अधिक क्वारंटिन केन्द्रों की स्थापना की गई। हमने पीपीई किट्स और एन95 मास्क की ज़रूरत को भी पूरा किया, जिसने पिछले साल इस महामारी से निपटने में हमारी मदद की।” उन्होंने बताया कि कोविड से ज़ुड़ी महत्वपूर्ण बातों के बारे में पिछले साल तक हमें जानकारी नहीं थी, ऐसे में इसके बारे में सही और स्पष्ट समझ पैदा करने के लिए शोध किया गया, जिसने हाल ही में तेज़ी से बढ़ते कोरोना के मामलों से निपटने में हमारी तैयारियों और प्रयासों को तुलनात्मक रूप से आसान बना दिया है।

सरकार और मंत्रालय की उपलब्धियों का वर्णन करते हुए मंत्री ने कहा, “टीकाकरण के मामले में आज हमने 13 करोड़ का आंकड़ा पार कर लिया है, और वैश्विक स्तर पर हमारे टीकाकरण अभियान की गति सबसे तेज़ है। हमारे देश में कोविड से होने वाली मृत्युदर 1.18% है, जो दुनिया में सबसे कम है और ये आंकड़ा लगातार नीचे जा रहा है। वर्तमान संकेतक हमें कोविड की उस उभरती हुई स्थिति के बारे में बताते हैं, जिस पर हमने काफी हद तक नियंत्रण कर रखा है।” उन्होंने बताया कि कोविड के कुल मरीजों की तुलना में केवल 1.75 प्रतिशत मरीज़ ही आईसीयू (दो दिन पहले के 1.93 प्रतिशत से कम) में हैं, 0.40 प्रतिशत मरीज़ वेंटीलेटर (दो दिन पहले के 0.43 प्रतिशत से कम) पर हैं, और करीब 4.03 प्रतिशत मरीजों को ही ऑक्सीन (दो दिन पहले के 4.29 प्रतिशत से कम) की ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि ये आंकड़े इस तथ्य को कम नहीं कर सकते हैं कि आम जनता में बेड की उपलब्धता को लेकर चिंता है। देश के लिए यह भी महत्वपूर्ण है कि सभी स्थानों पर सर्वोत्तम चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध हों। उन्होंने बैठक में मौजूद सभी निदेशकों से निवेदन करते हुए कहा कि जिन मरीजों को अस्पताल और ऑक्सीजन/वेन्टीलेटर्स की ज़रूरत है, उनके लिए इन सुविधाओं को सुनिश्चित करने की व्यवस्था की जाए। उन्होंने ऐसे रोगियों की निगरानी करने और उन्हें टेलिफोनिक परामर्श देने संबंधी रास्ते तलाशने के लिए कहा, जिन्हें अस्पताल में भर्ती होने की ज़रूरत नहीं है और इन्हें टेलिफोन पर उचित परामर्श देकर ही कोविड से बचाया जा सकता है।

 

इस संबंध में उन्होंने यह भी कहा कि, “लोगों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने की दिशा में सभी एम्स के ऊपर विशेष ज़िम्मेदारी है। आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि अस्पताल में मौजूद सभी स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह संचालित हो रही हों। गैर-कोविड कार्यों के लिए निर्धारित बुनियादी सुविधाओं को कोविड के लिए इस्तेमाल करके कोविड से जुड़ी सुविधाओं में इजाफा किया जा सकता है, हालांकि यह सुनिश्चित करना ज़रूरी है कि इससे गैर-कोविड सुविधाएं प्रभावित न हों।” उन्होंने ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव ने सावधानीपूर्वक समीक्षा के बाद अस्पताल के बुनियादी ढांचे को और मज़बूत करने की सलाह दी है।

डॉ. हर्ष वर्धन ने बताया कि सभी संस्थानों ने संयुक्त रूप 879 सामान्य बेड और 219 आईसीयू बेड बढ़ाए हैं। इस संबंध में उन्होंने बताया कि डीआरडीओ ने हाल ही में दिल्ली में 500 बेड की सुविधा देने का प्रयास किया है। उन्होंने बताया कि सफदरजंग अस्पताल और लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज में कोविड के अधिक रोगियों को सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद- केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीएसआईआर-सीबीआरआई) ने अस्थायी, लेकिन टिकाऊ अस्पताल ब्लॉक बनाने का प्रयास किया है। उन्होंने बताया कि झज्जर स्थित एम्स के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ कैंसर ने अपने कोविड ब्लॉक में 100 बेड शामिल किए हैं, जबकि नई दिल्ली स्थित एम्स के जेपीएनएटीसी केन्द्र में कोविड मरीजों के लिए 80 बेड शामिल किए गए हैं।

अस्पलातों में कोविड मरीजों के लिए विभिन्न सुविधाओं की कमी के बारे में डॉ. हर्ष वर्धन ने कहा कि, “हमें हमारी मैनपावर और मानव संसाधन को व्यापक स्तर पर विकसित करना होगा। जो कर्मचारी अन्य विभागों में कार्यरत हैं, उन्हें अल्प अवधि में प्रशिक्षण देकर कोविड संबंधी स्वास्थ्य सेवाओं के लिए इस्तेमाल करना होगा। आज देश का हर एक नागरिक दिशानिर्देश, समर्थन और प्रोत्साहन के लिए एम्स की ओर देख रहा है। लोग प्रोफेशनल विशेषज्ञता की वजह से एम्स का सम्मान करते हैं।”

देश के राजनीतिक नेतृत्व से मिलने वाली मदद के बारे में उन्हें आश्वस्त करते हुए डॉ. हर्ष वर्धन ने कोविड के खिलाफ इस महा यज्ञ में प्रधानमंत्री के व्यक्तिगत योगदान पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि “प्रधानमंत्री कोविड के खिलाफ जारी इस जंग की तैयारियों आदि की नियमित रूप से समीक्षा कर रहे हैं। प्रधानमंत्री स्वयं इस जंग में अग्रणी पंक्ति में खड़े होकर देश का नेतृत्व कर रहे हैं। कल ही प्रधानमंत्री ने डॉक्टर्स और दवा उद्योग के प्रतिनिधियों के साथ एक सकारात्मक बैठक की और आज वह वैक्सीन निर्माता कंपनियों से मुलाकात कर रहे हैं।”

बैठक के दौरान उठाए गए विभिन्न मुद्दों पर सहमति व्यक्त करते हुए, श्री अश्विनी चौबे ने भी कहा कि केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ज़मीनी स्तर पर स्वास्थ्य कर्मियों के असंतोष को सक्रिय रूप से सुनेगा और अपनी क्षमता के अनुसार ऐसे सभी मुद्दों को हल करने का प्रयास करेगा।

केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव श्री राजेश भूषण ने विभिन्न संस्थानों के निदेशकों को कोविड के बारे में अपने सुझाव दिए। उन्होंने केन्द्रीय उत्कृष्ट संस्थान होने के नाते एम्स से अनुरोध किया कि उन्हें स्वास्थ्य कर्मचारियों के टीकाकरण की दिशा में तेज़ी लाने के लिए प्रयास करना चाहिए। कई संस्थानों में स्वास्थ्य कर्मचारियों का टीकाकरण राष्ट्रीय औसत से भी कम है, जो काफी हतोत्साहित करने वाला है। इन संस्थानों को अपने यहां टीकाकरण की प्रक्रिया को तेज़ करना चाहिए। ऑक्सीजन और आईसीयू बेड्स को बढ़ाने की ज़रूरत के मद्देनज़र केन्द्रीय सरकार पहले ही राज्य सरकारों को पत्र लिख चुकी है कि वे बेड्स बढ़ाने की दिशा में अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाले एम्स की मदद करें। उन्होंने सुझाव दिया कि इन संस्थानों में उपलब्ध हॉस्टल ब्लॉक, आयुष ब्लॉक, हॉस्टल बेड का इस्तेमाल कोविड संकट से निपटने के लिए किया जा सकता है।

उन्होंने यह भी बताया कि कोविड की वर्तमान स्थिति से निपटने के लिए अधिक डॉक्टर्स और पैरामेडिकल स्टाफ की ज़रूरत पड़ सकती है, ऐसे में उन्होंने सुझाव दिया कि संस्थान अगले 6 महीने के लिए संविदात्मक भर्ती की प्रक्रिया शुरू करें। उन्होंने एम्स के अध्यक्षों से अनुरोध किया कि वे इस संकट से निपटने के लिए अपने नेटवर्क का इस्तेमाल करें, और सेवानिवृत्त नर्सों और डॉक्टरों से स्वैच्छिक या भुगतान के आधार पर एम्स में अपनी सेवाएं देने का अनुरोध करें।

 

 

इस अवसर पर स्वास्थ्य सेवाओं के महानिदेशक डॉ. सुनील कुमार, अतिरिक्त सचिव (स्वास्थ्य) डॉ. मनोहर अगनानी और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

एम्स नई दिल्ली, एम्स भुवनेश्नर, एम्स भोपाल, एम्स जोधपुर, एम्स पटना, एम्स रायपुर, एम्स ऋषिकेश, एम्स मंगलागिरी, एम्स नागपुर, एम्स रायबरेली, पीजीआईएमईआर चंडीगढ़ और जेआईपीएमईआर पुदुच्चेरी के निदेशक कार्यक्रम में वर्चुअल माध्यम से उपस्थित थे।

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