जल शक्ति मंत्रालय
जल जीवन मिशन : मध्य प्रदेश की योजना मार्च, 2022 तक 22 लाख नल कनेक्शन प्रदान करने की है
मध्य प्रदेश ने 2020-21 में 19.89 लाख नल कनेक्शन प्रदान किए हैं, जेजेएम के तहत सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वालों में से एक बन गया है
Posted On:
17 APR 2021 4:43PM by PIB Delhi
मध्य प्रदेश ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जल जीवन मिशन (जेजेएम) के तहतअपनी वार्षिक कार्य योजना (एएपी) के साथ-साथपरिपूर्ण योजना के जरिए 2021-22 में ग्रामीण परिवारों को नल जल कनेक्शन प्रदान करने को लेकर राज्य की कार्य योजना को प्रस्तुत किया, जिससे राज्य के प्रत्येक ग्रामीण घर में समयबद्ध तरीके से नल जल की आपूर्ति हो सके।मध्य प्रदेश को 2021-22 में केंद्रीय कोष से लगभग 3,000 करोड़ रुपये मिलने की संभावना है। पिछले वर्ष की तुलना में 2.5 गुना अधिक आवंटन को देखते हुए, राज्य को भी इसके समान राज्य की हिस्सेदारी का प्रावधान करना होगा और कोष के प्रभावी उपयोग के लिए एक वास्तविक व्यय योजना तैयार करनी होगी।
वर्तमान में एक महीने की योजनाबनाने की कवायदचल रही है और इसमें शामिल दो राज्य/केंद्रशासित प्रदेशप्रतिदिन जल शक्ति मंत्रालय के पेयजल और स्वच्छता विभाग के सचिव की अध्यक्षता वाली समिति तथाविभिन्न मंत्रालयों/विभागों एवं नीति आयोगके सदस्यों के सामने अपनी वार्षित कार्य योजना प्रस्तुत करते हैं।यह समिति संयुक्त रूप से वार्षिक कार्य योजना (एएपी) को मंजूर करने से पहले इसकी समीक्षा करती है। इसके बाद सालभर किस्तों में रकम आवंटित की जाती है और नियमित तौर पर क्षेत्र के दौरे किए जाते हैं।वहीं जल जीवन मिशन के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए वार्षिक कार्य योजना के कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए समीक्षा बैठकें आयोजित की जाती हैं।
मध्य प्रदेश में 1.23 करोड़ ग्रामीण परिवार हैं। इनमें से 37.69 लाख (31 फीसदी) के पास उनके घरों में नल जल की आपूर्ति है। मध्य प्रदेश ने 2020-21 में 19.89 लाख नल जलकनेक्शन प्रदान किए हैं और जल जीवन मिशन के तहत सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वालों में से एक रहा है। वहीं 2021-22 में राज्य ने 7 जिलों को परिपूर्ण करने और 22 लाख नए नल जल कनेक्शन देने की योजना बनाई है।राष्ट्रीय समिति ने राज्य को सलाह दी है कि वह अधिक से अधिक जिलों को कवर करें और विशेष रूप से प्राथमिकता वाले क्षेत्रों जैसे;एससी/एसटी बहुल इलाके, जल की गुणवत्ता से प्रभावित क्षेत्र, जल की कमी वाले इलाके, आकांक्षी औरपीवीटीजी आवासोंआदि में कवरेज बढ़ाने पर जोर दें।
वहीं राज्य को जल के जीवाणुतत्व संबंधी एवं रासायनिक संदूषण को लेकर जल परीक्षण को प्राथमिकता देने के लिए कहा गया है। इसके अलावा पानी की गुणवत्ता की निगरानी के लिए समुदाय को भी प्रोत्साहित करने को कहा गया है। पीएचई विभाग समुदाय को सशक्त बनाने और इसके साथ जुड़ने की सुविधा प्रदान कर रहा है।इसके लिए विभिन्न नियोजन गतिविधियों जैसे;किटों की समय पर खरीद, समुदाय को किटों की आपूर्ति, प्रत्येक गांव में कम से कम पांच महिलाओं की पहचान, फिल्ड टेस्ट किटों के इस्तेमाल के लिए महिलाओं को प्रशिक्षण और जल स्रोतों के प्रयोगशाला आधारित निष्कर्षों के साथ रिपोर्टों को मिलान करना एवं रिपोर्ट करने के साथ एक कार्य योजना बनाई जाती है।राज्य ने पिछले साल 28 जल परीक्षण प्रयोगशालाओं को मान्यता देकर उल्लेखनीय काम किया है और यह लोगों के लिए मददगार होगा, जिससे वे इन प्रयोगशालाओं में जाकर जल की गुणवत्ता की जांच कर सकेंगे। राज्य ने 2021-22 में 51 जिला प्रयोगशालाओं में से 23 की एनएबीएल मान्यता लेने की योजना बनाई है।
केंद्र सरकार का महत्वाकांक्षी कार्यक्रम जल जीवन मिशन- हर घर जल 2024 तक देश के प्रत्येक ग्रामीण घर में घरेलू नल जल कनेक्शन प्रदान करने के लिए राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों की साझेदारी के साथ संचालित है।2021-22 में जल जीवन मिशन के लिए 50,000 करोड़ रुपये का बजट आवंटन किया गया है। इस प्रकार 2021-22 में ग्रामीण घरों तक नल जल की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक निवेश करने की योजना है। ‘हर घल जल’ के लक्ष्य को हासिल करने के लिए इस तरह के निवेश को तीन साल तक जारी रखने की संभावना है, जो कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए एक वरदान है।
राज्य कार्य योजना 100 फीसदी ग्रामीण परिवारों को नल जल कनेक्शन प्रदान करने और गांवों में समग्र पेयजल सुरक्षा हासिल करने के लिए राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा तैयार की जाती है।यह कई योजनाओं पर विस्तृत जानकारी के साथ है, जिसमें रेट्रोफिटेड/नई पेयजल आपूर्ति योजनाओं को शुरू करने के लिए समयसीमा के साथपरिपूर्णता प्राप्त करने और ग्रामीण घरों में सुरक्षित पेयजल की नियमित और दीर्घावधि आपूर्ति के लिए योजनाओं को जमीन पर चालू करने तथा इसे पूरा करने का मास्टर प्लान है।इसके अलावा यह निधि के विवेकपूर्ण उपयोग को लेकर सम्मिलन के लिए विभिन्न निधि स्रोतों की पहचान करता है, राज्य के ओएंडएम नीति को मजबूत करने, आईईसी/गतिविधियों को बढ़ावा देने, जल गुणवत्ता की जांच एवं निगरानी गतिविधियां, वास्तविक समय की निगरानी के लिए सेंसर-आधारित आईओटी प्रौद्योगिकी में निवेश और जल आपूर्ति का मापन आदि करता है।
अब कोरोना महामारी के समय जल संकट, संदूषण के साथ-साथ ग्रामीण घरों में जल की व्यवस्था के मुद्दे से निपटना बहुत महत्वपूर्ण हो गया है।स्वच्छ जल बेहतर स्वास्थ्य को बढ़ावा देगा और घरेलू परिसरों में एक चालूनलसार्वजनिक जगहों पर भीड़ से बचने के लिए शारीरिक दूरी को सुनिश्चित करेगा। इस प्रकार राज्य को इस चुनौतीपूर्ण समय के दौरान कार्यों में तेजी लाने की जरूरत है।
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एमजी/एएम/एचकेपी
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