जनजातीय कार्य मंत्रालय
जनजातीय कार्य मंत्रालय ने गणतंत्र दिवस परेड -2021 में भाग लेने वाले जनजातीय मेहमानों के लिए स्वागत समारोह का आयोजन किया
जनजातीय लोग राष्ट्र का गौरव हैं: श्री अर्जुन मुंडा
Posted On:
31 JAN 2021 9:45PM by PIB Delhi
जनजातीय कार्य मंत्रालय ने आज पीएसओआई लॉन, चाणक्यपुरी, नई दिल्ली में उन जनजातीय मेहमानों के लिए एक स्वागत समारोह का आयोजन किया, जिन्होंने गणतंत्र दिवस परेड -2021 में भाग लिया था। मंत्रालय हर साल गणतंत्र दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय राजधानी में विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में रहने वाले जनजातीय कलाकारों को अतिथि के रूप में आमंत्रित करता है। इस वर्ष 22 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 63 आदिवासी कलाकार और संपर्क अधिकारी गणतंत्र दिवस समारोह से जुड़े विभिन्न आधिकारिक कार्यक्रमों में शामिल हुए और प्रधानमंत्री से भेंट की।

केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री श्री अर्जुन मुंडा और जनजातीय कार्य राज्य मंत्री श्रीमती रेणुका सिंह सरुता ने जनजातीय कलाकारों को सम्मानित किया। उन्होंने आदिवासी कलाकारों को उनके उत्कृष्ट रचनात्मक सांस्कृतिक प्रदर्शन के लिए शुभकामनाएं दी।

इस्पात और खान राज्य मंत्री श्री फग्गन सिंह कुलस्ते, पूर्व केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री श्री जुएल ओरांव और कई संसद सदस्य तथा कई गणमान्य लोग जनजातीय कलाकारों के सांस्कृतिक प्रदर्शनों को देखने के लिए मौजूद थे।

इस अवसर पर दर्शकों को संबोधित करते हुए श्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि जनजातीय लोग राष्ट्र का गौरव हैं। श्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि संवैधानिक मूल्यों और प्रावधानों से यह सुनिश्चित होता है कि आदिवासी अपनी सांस्कृतिक समृद्धि, प्रकृति के प्रति उनकी निकटता और समझ, जीवन का सरल और अनोखा तरीका और लोकतांत्रिक परंपराएं प्रगति और विकास करने में सक्षम हैं। जनजातीय कार्य मंत्री ने कहा कि आदिवासियों की समृद्धि इस तथ्य से स्पष्ट है कि प्रत्येक आदिवासी समुदाय की अपनी संस्कृति, परंपरा, नृत्य और संगीत है। जनजातीय लोग देश के भौगोलिक क्षेत्र के 40 प्रतिशत इलाके में निवास करते हैं और योगदान करते हैं। उन्होंने दोहराया कि आदिवासियों को उनके प्राकृतिक वातावरण में विकसित किया जाना चाहिए जिससे वे राष्ट्र निर्माण में योगदान दे सकें। श्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि यह हमारे प्रधानमंत्री का भी सपना है। यह इस कारण से संभव हुआ है कि वन धन केंद्रों की स्थापना आदिवासी राज्यों में की जा रही है ताकि आदिवासियों को लघु वन उपज से आजीविका पैदा करने में मदद मिल सके और उनके अनूठे उत्पादों के विपणन के साथ उनकी आय में वृद्धि हो सके। आदिवासियों के सशक्तिकरण के बारे में बोलते हुए, जनजातीय कार्य मंत्री ने कहा कि गणतंत्र दिवस समारोह न केवल आदिवासी संस्कृति की समृद्धि को प्रदर्शित करने के लिए है, बल्कि उन संवैधानिक प्रावधानों और कानूनों को उजागर करने के लिए है जो आदिवासियों को सशक्त बनाने के साथ-साथ वन जैसे प्राकृतिक संसाधनों को संरक्षण देते हैं। श्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि यह सुनिश्चित करना प्रत्येक राज्य का कर्तव्य है कि आदिवासी आबादी को उनके अधिकारों और कर्तव्यों से अवगत कराया जाए।
आदिवासी कलाकारों के समृद्ध प्रदर्शन की सराहना करते हुए श्रीमती रेणुका सिंह सरुता ने कहा कि देश भर के आदिवासियों को सबका साथ सबका विकास के लिए मिलकर काम करना चाहिए और स्थानीय लोगों के बनाए गए उत्पादों के लिए मुखर होना चाहिए।
आज के कार्यक्रम में अरुणाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, महाराष्ट्र, सिक्किम, उत्तराखंड और लद्दाख राज्यों की झांकियों के कलाकारों द्वारा पारंपरिक सांस्कृतिक प्रदर्शन शामिल थे। आज शाम को झारखंड से विशेष रूप से आमंत्रित कलाकारों द्वारा आदिवासी गीत और नृत्य का प्रदर्शन विशेष आकर्षण थे। जनजातीय कलाकारों के विभिन्न प्रदर्शनों को देखकर दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए।

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