वित्‍त मंत्रालय

आईएफएससी प्राधिकरण ने विभिन्न विनियमों और शुल्क ढांचे पर निर्णय लिया

Posted On: 16 MAR 2021 8:12PM by PIB Delhi

आईएफएससीए प्राधिकरण (अधिकारियों) की 15 मार्च, 2021 को बैठक हुई जिसमें अन्‍य बातों के साथ-साथ निम्नलिखित निर्णय लिए गए:

 

  1. आईएफएससीए (बाजार बुनियादी ढांचा संस्‍थान) विनियम, 2021 (एमआईआई विनियम)

 

बाजार बुनियादी ढांचा संस्थान (एमआईआई) अर्थात स्टॉक एक्सचेंज, क्लियरिंग कॉर्पोरेशन और डिपॉजिटरी किसी भी वित्तीय प्रणाली के विकास एवं स्थिरता के लिए काफी महत्वपूर्ण होते हैं। प्राधिकरण ने 15 मार्च, 2021 को हुई अपनी बैठक में एमआईआई विनियमों को मंजूरी दी।

 

प्राधिकरण द्वारा अनुमोदित एमआईआई विनियम अन्‍य बातों के अलावा आईएफएससी (भारत में मान्‍यता प्राप्‍त एमआईआई के कंसोर्टियम के विकल्‍प, आईएफएससी अथवा एफएटीएफ के अनुपालन के साथ आईएफएससी में विदेशी एमआईआई की शेयरधारिता सहित) में एमआईआई की शेयरधारिता के संदर्भ में कहीं अधिक लचीलापन प्रदान करेगा। साथ ही यह अन्‍य सामान्‍य दायित्वों के अलावा संवर्धित शासन मानदंडों को निर्धारित करेगा और एमआईआई द्वारा पर्याप्त जोखिम प्रबंधन सुनिश्चित करेगा।

 

एमआईआई विनियम वैश्विक मानकों के अनुरूप भी हैं। इन्‍हें आईएफएससी में एमआईआई की स्थिरता एवं निरंतरता को सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त सुरक्षा उपायों के साथ-साथ एमआईआई के विकास के दोहरे उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए तैयार किए गए हैं।

 

  1. अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण (वित्त कंपनी) विनियम, 2021

 

प्राधिकरण ने अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण (वित्त कंपनी) विनियम, 2021 के मसौदे को भी मंजूरी दी है। इसके तहत भारतीय एवं विदेशी दोनों तरह के गैर-बैंकिंग संस्थानों को आईएफएससी में इकाइयां स्‍थापित करने अवसर प्रदान करता है ताकि वे वित्‍तीय सेवा संबंधी व्‍यापक गतिविधियों (विमान/ जहाज के पट्टे आदि सहित) का संचालन कर सकें। ये विनियम अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप और पारदर्शिता सुनिश्चित करने वाले हैं।

 

इन विनियमों की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं:

 

ये विनियम किसी वित्त कंपनी (एफसी)/ वित्त इकाई (एफयू) को अपने गृह देश में विनियमित वित्तीय सेवा प्रदाता की शाखा (जिसे एफयू कहा जाएगा) के रूप में अथवा आईएफएससी में सूचीबद्ध एक स्‍वतंत्र इकाई- संयुक्‍त उद्यम या किसी मूल कंपनी की पूर्ण स्‍वामित्‍व वाली सहायक इकाई या एक स्‍वतंत्र कंपनी- के तौर पर अपना केंद्र स्‍थापित करने में समर्थ करते हैं।

 

आवेदक मूल कंपनी एफएटीएफ को मानने वाले देशों से होनी चाहिए और उसे एफसी/ एफयू के लिए निर्धारित न्यूनतम पूंजी उपलब्‍ध कराना होगा। साथ ही उसे प्राधिकरण द्वारा उपयुक्‍त समझी जाने वाली जांच-परख की आवश्यकता को पूरा करना होगा।

 

यदि मूल कंपनी किसी विनियमित वित्‍तीय सेवा गतिविधि से जुड़े कारोबार में संलग्‍न है तो उसे आईएफएससी में एफसी अथवा एफयू स्‍थापित करने के लिए पहले अपने गृह देश के नियामक से मंजूरी लेनी होगी।

 

एफसी/ एफयू के लिए स्‍वीकृति योग्‍य गतिविधियों को तीन व्यापक श्रेणियों में विभाजित किया गया है: विशिष्ट गतिविधियां, प्रमुख गतिविधियां और गैर-प्रमुख गतिविधियां।

 

विवेकपूर्ण नियामकीय ढांचे और पूंजी पर्याप्तता अनुपात की व्‍यावहारिकता एफसी/ एफयू द्वारा प्रस्तावित गतिविधियों की प्रकृति पर आधारित होगी।

 

  1. अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण (बैंकिंग) (संशोधन) विनियम, 2021

 

आईएफएससी में कार्यरत बैंकिंग इकाइयों द्वारा दी जाने वाली सेवाओं और विकास के दायरे को व्यापक बनाने के लिए प्राधिकरण ने बैंकिंग इकाइयों के लिए अनुमति वाली गतिविधियों में पोर्टफोलियो प्रबंधन सेवाओं और निवेश परामर्श सेवाओं को भी शामिल करने को मंजूरी दी है।

 

  1. प्राधिकरण ने आईएफएससीए की आंतरिक समिति की सिफारिश के अनुसार गिफ्ट आईएफएससी में परिचालन करने वाले एमआईआई, बाजार के बिचौलियों, आईबीयू के लिए शुल्क ढांचे को मंजूरी दी है।

 

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