जनजातीय कार्य मंत्रालय

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर ट्राइब्स इंडिया वेबसाइट से जनजातीय महिला कारीगरों द्वारा निर्मित उत्पादों की खरीदारी की

Posted On: 08 MAR 2021 8:13PM by PIB Delhi

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज ट्राइब्स इंडिया वेबसाइट से एक तोडा जनजाति के कारीगरों द्वारा हाथ से बुने हुए शॉल, हस्तनिर्मित जूट फाइल फोल्डर और हस्तशिल्पयुक्त गोंड पेपर पेंटिंग खरीदी। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर, जनजातीय कारीगरों, विशेष रूप से महिला कारीगरों को बढ़ावा देने के लिए, प्रधानमंत्री ने ट्राइब्स इंडिया वेबसाइट से इन उत्पादों की खरीदारी की। उन्होंने आदिवासी कला की जिन वस्तुओं का ऑर्डर दिया, उनमें मध्य प्रदेश के समनापुर तहसील के डिंडोरी जिले की जनजातीय कारीगर, श्रीमती सरिता धुर्वे द्वारा बनाई गई एक गोंड पेंटिंग है।

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इस पेंटिंग का निर्माण मिट्टी के रंगों और जीवंत कल्पना के माध्यम से किया गया है जिसमें कलाकार प्रकृति के निर्माण का चित्रण कर रहा है। गोंड जनजाति कला, जो मध्य प्रदेश में गोंड जनजाति द्वारा प्रचलित है, अपने आसपास के प्राकृतिक परिवेश के साथ मनुष्य के घनिष्ठ संबंधों को दर्शाती है। इस पेंटिंग में पत्ते, पेड़, मछली, पानी हैं दर्शाये गए हैं, जिन्हें बड़ादेव द्वारा सृजित किया गया है।

 

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तमिलनाडु में नीलगिरि पहाड़ियों की तोडा जनजातियों द्वारा कढ़ाई का उत्तम रूप प्रचलित है। तोडा एक गांव में रहने वाला समुदाय है जो मुख्य रूप से अपनी भैंसों और दूध पर निर्भर है। यह समुदाय 3500 वर्षों से इन पहाड़ियों में निवास कर रहा हैं। यह केवल 1500 सदस्यों वाला एक छोटा सा समुदाय है जो तोडा धर्म और रीति-रिवाजों के संदर्भ में अपनी संस्कृति और जातीयता को बनाए रखने में कामयाब रहा है। तोडस का कपड़ा बिना सिला हुआ एक कपड़ा था लेकिन पिछली शताब्दी के दौरान इसमें बदलाव हुआ है और यह दो कपड़ों का एक सेट बन गया है। इसके अधिकांश परिधानों को पायथुकुली कहा जाता है जो एक एक लबादा या शॉल होता है। पुरुषों और महिलाओं के लिए एक ही वस्त्र होता है लेकिन इन्हें पहनने का तरीका अलग होता है। दोनों शैलियों के कपड़ों में शानदार कढ़ाई की जाती है। पायथुकुली उच्च सांस्कृतिक और औपचारिक महत्व रखता है। यह जनजातीय महिलाओं द्वारा विशेष रूप से प्रचलित एक हस्तकला का रूप है - तोडा कढ़ाई अब जीआई टैग किया हुआ उत्पाद है और साथ ही डाइनिंग टेबलवेयर, बेड कवर, बैग जैसे अन्य उत्पाद भी अब उपलब्ध है। इसमें सफेद कपडे पर लाल और काले धागे का काम किया जाता है।

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प्रधानमंत्री द्वारा खरीदी गई तोडा शॉल को तोडा कारीगर श्रीमती मोनिशा ने तैयार किया है।

इसके अलावा, प्रधानमंत्री ने महरून रंग में हस्तनिर्मित जूट फ़ाइल फ़ोल्डर के लिए भी आर्डर दिया। पश्चिम बंगाल की संथाल जनजाति के कारीगरों द्वारा निर्मित, जूट फ़ोल्डर 24 परगना क्षेत्र में बहुतायत से उपलब्ध मधुरक्षि घास से बना है। घास को विभिन्न रंगों में रंगा जाता है और सूती धागे से बुना जाता है।  फिर इसको कपास के साथ जोड़ा जाता है जो सिलवटों का निर्माण करता है और फ़ोल्डर को रंग देता है।

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सुश्री मोनिशा तमिलनाडु की तोडा आदिम जनजाति से संबंध रखती हैं। पश्चिम बंगाल के संथाल आदिवासियों के साथ काम करने वाले बाल और समाज कल्याण सोसाइटी और मध्य प्रदेश के गोंड जनजाति की श्रीमती सरिता धुर्वे वास्तव में आज गर्व महसूस कर रही हैं क्योंकि इन्होंने आज ट्राइब्सइंडिया.कॉम पर अपने उत्पादों के ख़रीददार के रूप में प्रधानमंत्री को पाया है।

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महिला उद्यमिता विशेष रूप से आदिवासी महिलाओं को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री के आह्वान पर कपड़ा मंत्री, श्रीमती स्मृति ईरानी, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री, डॉ. हर्षवर्धन और रेल मंत्री श्री पीयूष गोयल ने भी ट्राइब्स इंडिया की वेबसाइट से उत्पाद खरीदे।

श्रीमती स्मृति ईरानी ने पश्चिम बंगाल के कारीगरों द्वारा दस्तकारी की हुई चमकीली कांथा कपास / रेशम की साड़ी खरीदी, जबकि डॉ. हर्षवर्धन ने एक बहुरंगी सूती शर्ट और मालाएँ खरीदीं। श्री पीयूष गोयल ने हथकरघा से बुना हुआ हेरिंगबोन कमर कोट खरीदा।

भारत बड़ी संख्या में जनजातिय निवासियों का घर है। वास्तव में वे हमारी कुल आबादी के 8 प्रतिशत से अधिक हैं। यह बात उन्हें अद्वितीय बनाती है कि आधुनिकीकरण की गति के बावजूद, उन्होंने अपने प्राकृतिक, सरल तरीके से जीवन जीने की कला को बनाए रखा है। उनकी कला, शिल्प, संगीत, नृत्य, भोजन, सभी उनके जीवन से जुड़ी एक कालातीतता को दर्शाते हैं। दुर्भाग्यवश, इस आबादी को वंचित वर्गों के बीच रखा जाता है, यह देखते हुए कि प्राकृतिक वन उपज या उनकी कला, शिल्प और हस्तशिल्प ही आजीविका के उनके स्रोत हैं।

जनजातीय समुदायों की आजीविका में सुधार लाने के लिए अन्य प्रमुख कार्यक्रमों में से, आत्मनिर्भर अभियान के आह्वान को ध्यान में रखते हुए, ट्राइफेड में आदिवासी उत्पादकों - वनवासियों और कारीगरों के लिए एक विशेष बाज़ार है, जो एमएफपी, हस्तशिल्प और हथकरघा की ऑनलाइन खरीद की सुविधा प्रदान करता है।

ट्राइब्स इंडिया प्लेटफ़ॉर्म (ट्राइब्सइंडिया.कॉम ) आदिवासी हस्तशिल्प और प्राकृतिक जैविक उत्पादों के लिए बेहतर मंच प्रदान करता है और उन्हें सीधे आपके दरवाजे तक लाता है। जनजातीय कारीगरों और उद्यमों को सशक्त बनाने का प्रयास करते हुए, विभिन्न प्रकार के प्राकृतिक और स्थायी उत्पादों और उत्पादों के साथ, ट्राइब्स इंडिया वेबसाइट हमारे आदिवासी भाइयों की सदियों पुरानी परंपराओं की झलक पेश करती है।

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस ट्राइफेड के लिए गर्वपूर्ण विषय है और जनजातीय कारीगरों और महिलाओं की सेवा के साथ-साथ 'वोकल फॉर लोकल' के लिए मुखर होने की प्रतिबद्धता है।

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