स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्रालय

भारत में एक दिन में 20 लाख से अधिक लोगों को कोरोना टीके लगाए गए


टीकाकरण अभियान में अब तक लगभग ढाई करोड़ लोगों को कोरोना टीके लगाए गए और टीकाकरण दर विश्व में सबसे तीव्र है


विश्व का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान वैज्ञानिक, प्रमाण-आधारित और सूक्ष्म-नियोजन दृष्टिकोण पर आधारित है जो सबके लिए सुविधाजनक और सुरक्षित टीकाकरण सुनिश्चित करता है

Posted On: 09 MAR 2021 9:38PM by PIB Delhi

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के प्रधान सचिव डॉ. पीके मिश्रा ने देश के विभिन्न राज्यों और संघशासित प्रदेशों में कोरोना टीकाकरण अभियान की स्थिति और प्रगति की समीक्षा करने के लिए आज विडियो कांफ्रेंस द्वारा एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में मुख्य सचिवों और राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में टीकाकरण प्रयास में शामिल अधिकारियों, भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों/स्वास्थ्य विभाग, फार्मास्यूटिकल, जैव प्रौद्योगिकी के सचिवों, स्वास्थ्य शोध सदस्य सचिव (सचिव), नीति आयोग एवं सीईओ (एनएचए) से संबद्ध अधिकारी भी उपस्थित थे।

 

स्वास्थ्य सचिव ने इस बैठक में एक ही दिन में 20 लाख से अधिक लोगों को कोरोना टीके दिए जाने से अवगत कराया जो अपने आप में एक विशिष्ट उपलब्धि है। दुनियाभर में कोरोना टीकाकरण अभियान में भारत की प्रगति काफी तेज है और अब तक कुल टीकाकरण अभयान लगभग ढाई करोड़ के आंकड़े को छू रहा है।

 

प्रधानसचिव ने विश्व के इस सबसे बड़े टीकाकरण अभियान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों के सभी अधिकारियों की सराहना की। उन्होंने इस गति को आगे भी बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर दिया।

 

कैबिनेट सचिव श्री राजीव गौबा ने राज्यों को कोरोना टीकाकरण अभियान की गति बढ़ाने की सलाह देते हुए कहा कि इसमें जितना संभव हो सके, पात्र लाभार्थियों को कम से कम समय में शामिल किया जाए क्योंकि देश की विशाल आबादी को देखते हुए यह काफी आवश्यक है। इस बैठक में सभी राज्यों से कोरोना टीकाकरण के लक्ष्य को हासिल करने के लिए अगले तीन महीनों के लिए एक विस्तृत कार्ययोजना तैयार करने को कहा गया।

 

राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों और वरिष्ठ अधिकारियों ने इस समीक्षा बैठक में अपने संबंधित अधिकार क्षेत्रों में कोरोना टीकाकरण की प्रगति से अवगत कराया और इसमें प्रतिक्रियाएं और सुझाव भी दिए गए।

 

इस बैठक के दौरान निम्नलिखित पहलुओं की व्यापक रूप से समीक्षा की गई।

  • क्षमता में बढोतरी- देश में सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों में टीकाकरण केंद्रों की क्षमता में विस्तार कर इसे संचालित करना।
  • पहुंच में वृद्धि- देश के सभी राज्यों, जिलों, शहरों और गांवों में समान एवं आसान रूप से पहुंच सुनिश्चित करना खासकर विशेषरूप से भौगोलिक क्षेत्रों की भू-स्थानिक विश्लेषण से पहचान करना।
  • क्षमता में अधिकतम वृद्धि- जहां तक संभव हो सके दैनिक आधार पर कोरोना केंद्रों का संचालन किया जाना, केंद्रों की क्षमता उपयोग को बढ़ाना और यहां पर होने वाले  नुकसान को कम करना।
  • सुरक्षित सेवा आपूर्ति बनाए रखना- सभी टीकाकरण केंद्रों पर अगले चार सप्ताह के लिए सत्रों के बारे में जानकारी देना और को-विन पर उपलब्ध स्लॉट को अधिकतम बनाकर नागरिकों के लिए पंजीकरण प्रक्रिया आसान बनाना। इन केंद्रों पर लोगों की बढ़ती भीड़ का बेहतर प्रबंधन, पेयजल और अन्य सुविधाओं को प्रदान करने के लिए केंद्र स्तरीय योजना के प्रावधानों को बनाए रखना, नागरिकों की सुविधा के लिए जहां तक संभव हो सके वास्तविक समय प्रमाणीकरण और किसी भी तरह के दुरुपयोग पर नियंत्रण करना।
  • पंजीकरण को बढ़ावा देना- लोगों को टीकाकरण केंद्रों में आकर कोरोना टीके लगवाने के लिए प्रोत्साहन को बढावा देना तथा कोरोना टीके की अनुमानित मांग और लोगों की बढ़ती हुई भीड़ के लिए बेहतर योजना बनाना।
  • आपूर्ति प्रक्रिया का प्रबंधन- टीकाकरण केंद्रों पर कोरोना टीकों की आपूर्ति श्रृंखला को बेहतर बनाना, समान वितरण सुनिश्चित करना, किसी भी तरह के भंडारण या जमाखोरी को रोकना और भविष्य में कोरोना टीकों की कमी नहीं होने देना।
  • सटीक निगरानी प्रक्रिया- वास्तविक समय आधार पर टीकाकरण अभियान की प्रगति की समीक्षा करना, जिला एंव ब्लॉक स्तर पर विकेन्द्रीकरण प्रक्रिया, को-विन प्लेटफॉर्म पर आंकड़ों के समन्वयन में आ रही परेशानियों को दूर करना ताकि इस अभियान का सतत एवं बेहतर प्रबंधन किया जा सके। 

 

इस बैठक में उपरोक्त मापदंडों पर राज्यव्यापी आंकड़ों और विश्लेषण पर विस्तार से चर्चा की गई और संबद्ध पक्षों को एक-दूसरे के बेहतर अनुभवों और पद्धतियों को साझा करने तथा सीखने के लिए प्रोत्साहित किया गया।

 

समीक्षा बैठक में दोहराया गया कि किसी भी राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए कोरोना टीकों की कोई कमी नहीं है। सभी राज्यों को सलाह दी गई कि वे अपने अधिकार क्षेत्र में सभी निजी स्वास्थ्य प्रदाता केंद्रों का पंजीकरण कर उन्हें सक्रिय करें तथा अगले 15 से 28 दिनों के लिए इन्हें कोरोना वैक्सीन का पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध कराएं ताकि ये केंद्र नागरिकों को ऑनलाइन प्रक्रिया के जरिए प्रोत्साहित कर सकें।  निजी क्षेत्रों में कोरोना टीकाकरण के लिए अधिक ओपन स्लॉट न केवल नागरिकों को सेवाओं का आश्वासन देता है बल्कि उनके मन में टीकों की कमी को देखते हुए अधिक भीड़ को रोकने में भी मदद करता है।

 

राज्यों एवं संघ शासित प्रदेशों से खासतौर पर कहा गया है कि कोरोना टीकाकरण में अधिक से अधिक लोगों को शामिल करने के लिए निजी क्षेत्र की सेवाओं का भी फायदा उठाया जाए और इस दौरान केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों का पालन किया जाना जरूरी है, जहां तक संभव हो सके निजी क्षेत्र के चिकित्सा प्रदाता केंद्रों का पंजीकरण और उन्हें संचालित करने, इन केंद्रों पर वैक्सीन के पर्याप्त स्टॉक को उपलब्ध कराना और आवश्यकता पड़ने पर अन्य सुविधाएं दिए जाने पर भी जोर दिया गया।

 

प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव ने अंत में सभी वरिष्ठ अधिकारियों से वैज्ञानिक, साक्ष्य आधारित सूक्ष्म नियोजन एवं क्षेत्र विशिष्ट दृष्टिकोण को अपनाते हुए कार्य करने को कहा ताकि सभी लोगों को त्वरित एवं सतत प्रक्रिया से आसानीपूर्वक टीके लगाएं जा सके।

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एमजी/एएम/जेके/एसके

 



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