संस्कृति मंत्रालय
संस्कृति मंत्री ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर नई दिल्ली में ‘अक्षय पात्र’ शीर्षक से अखिल-महिला कला प्रदर्शनी का उद्घाटन किया
Posted On:
08 MAR 2021 8:18PM by PIB Delhi
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के पावन अवसर पर संस्कृति और पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री प्रहलाद सिंह पटेल ने भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के एक स्वायत्त संगठन, ललित कला अकादमी की रवीन्द्र भवन गैलरी में आज 'अक्षय पात्र' नामक अखिल-महिला कला प्रदर्शनी का उद्घाटन किया।
इस अवसर पर अपने संबोधन में मंत्री महोदय ने कहा कि भारतीय कला और संस्कृति के क्षेत्र में महिलाओं की प्रमुख भूमिका रही है। उन्होंने कहा कि इन मंत्रमुग्ध करने वाली कलाकृतियों को देखते हुए, यह कहा जा सकता है कि सही अवसर मिलने पर महिलाएं अत्यंत उत्कृष्ट कला का सृजन कर सकती हैं। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम में शामिल होने का सम्मान पाकर वह धन्य महसूस कर रहे हैं। उन्होंने देश की सभी महिलाओं को राष्ट्र की समृद्धि और विकास में उनके योगदान के लिए धन्यवाद दिया। श्री पटेल ने ललित कला अकादमी को भी भारत और दुनिया भर की सभी महिला कलाकारों को एक शानदार मंच प्रदान करने के लिए बधाई दी, जहाँ वे भावपूर्ण अभिव्यक्ति और अपने जीवन की गाथाओं के साथ किए गए अपने कार्यों का प्रदर्शन कर रही हैं।

यह प्रदर्शनी 20 मार्च तक चलेगी इसमें 12 से अधिक देशों के 250 से अधिक कलाकृतियों को प्रदर्शित किया जाएगा, जिन्हें पिछले तीन दिनों के दौरान गढ़ी स्टूडियो में तीन दिवसीय अखिल-महिला राष्ट्रीय कला शिविर में शामिल हुईं 29 प्रतिभाशाली महिला कलाकारों द्वारा बनाया गया है।
उद्घाटन समारोह के दौरान, गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत पर्यावरण-चेतना के प्रतीक के रूप में पौधों को भेंट करके किया गया। आगंतुक गणमान्यों ने उपस्थित लोगों के साथ भारतीय कला संस्कृति और उसमें महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका के प्रति अपने गहरे लगाव और सम्मान को साझा किया।
इस बहु-आयामी कला प्रदर्शनी में भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों तरह के प्रतिभागियों के रूप में वरिष्ठ, युवा और नवोदित कलाकारों की कलाकृतियों को प्रदर्शित किया गया है। इन कलाकृतियों में दुनिया भर की समकालीन, जनजातीय, अंतर्राष्ट्रीय और अवंते गार्डे कला प्रथाओं को पेश किया गया है, जो मातृ रूप में प्रकृति की विविधताओं और उससे होने वाले लाभ पर आधारित हैं।

'अक्षय पात्र' एक ऐसा अटूट पात्र है जो सभी को अपने परिवार और समाज के लिए एक प्रदाता के रूप में समकालीन महिला की भूमिका को दर्शाता है। इन कलाकृतियों में उकेरे गए चित्र उनके कलात्मक योगदान के रूप में जीवन के सुख और दुख के माध्यम से, स्त्री की यात्रा को सफलतापूर्वक चित्रित करते हैं। हृदय को छू लेने वाली कलाकृतियों के माध्यम से ये रचनाकार शक्ति और निर्वासन के समीकरण, स्वीकृति और प्रतिवाद की व्यथा पर भी सवाल उठाते हैं और अपने कार्य में भावनात्मक परिदृश्य को स्पष्ट रूप से प्रदर्शित करते हैं।
उद्घाटन के साथ ही, ललित कला अकादमी ने सुश्री सयाली कुलकर्णी द्वारा प्रस्तुत #करोनासलाम की प्रस्तुति दी, इसके माध्यम से उन्होंने भारतीय नागरिकों द्वारा कोविड योद्धाओं के प्रति सम्मान व्यक्त किया।
इस अवसर पर अपने संबोधन में ललित कला अकादमी के अध्यक्ष, डॉ. उत्तम पाचारणे ने कहा कि मैं सभी अद्वितीय कलाकारों को बधाई देता हूं, जिन्होंने कैनवास पर चित्रण करने के अपने उत्कृष्ट प्रयासों के माध्यम से इस आयोजन में सहभागिता की है, यह भाव अक्सर हमारे दिलों की गहराई में छिपे होते है।
पद्मश्री बाबा योगेंद्र जी ने अपने विशेष संबोधन में कहा कि महिलाएं पहले से ही बहुत मजबूत और सक्षम हैं। वे सभी चाहती हैं कि ऐसा कोई हो जो उनकी क्षमता पर विश्वास करे। उन्होंने कहा कि हमारे राष्ट्र में प्रतिभाशाली महिलाओं की कमी नहीं है बस उन्हें समर्थन और प्रोत्साहन देने की जरूरत है। महिलाओं में कल्पना शक्ति का नवीन स्तर होता है। वे पहले से ही विभिन्न क्षेत्रों में कलाकार के रूप में कार्यरत हैं।
कार्यक्रम के अंत में राजस्थान के लोकप्रिय लोकगीतों की प्रस्तुति की गई। ललित कला अकादमी द्वारा आयोजित ‘अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2021’ कार्यक्रम की कार्यशाला में भाग लेने वाली सभी महिला कलाकारों ने इन लोकगीतों का आनंद लिया।
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(Release ID: 1703465)